< प्रेषि. 13 >

1 अंत्युखिया येथील ख्रिस्ती मंडळीत काही संदेष्टे व शिक्षक होते, ते पुढीलप्रमाणेः बर्णबा, शिमोन निग्र, लूक्य कुरेनेकर, मनाएन (जो हेरोदाबरोबर लहानाचा मोठा झाला होता) आणि शौल.
ଅପରଞ୍ଚ ବର୍ଣବ୍ବାଃ, ଶିମୋନ୍ ଯଂ ନିଗ୍ରଂ ୱଦନ୍ତି, କୁରୀନୀଯଲୂକିଯୋ ହେରୋଦା ରାଜ୍ଞା ସହ କୃତୱିଦ୍ୟାଭ୍ୟାସୋ ମିନହେମ୍, ଶୌଲଶ୍ଚୈତେ ଯେ କିଯନ୍ତୋ ଜନା ଭୱିଷ୍ୟଦ୍ୱାଦିନ ଉପଦେଷ୍ଟାରଶ୍ଚାନ୍ତିଯଖିଯାନଗରସ୍ଥମଣ୍ଡଲ୍ୟାମ୍ ଆସନ୍,
2 ही सर्व माणसे परमेश्वराची आराधना करीत व उपवास करीत असता, पवित्र आत्मा त्यांना म्हणाला, “बर्णबा व शौलाला ह्यांना ज्या कामासाठी मी बोलावले आहे त्यासाठी त्यांना माझ्याकरिता वेगळे करा.”
ତେ ଯଦୋପୱାସଂ କୃତ୍ୱେଶ୍ୱରମ୍ ଅସେୱନ୍ତ ତସ୍ମିନ୍ ସମଯେ ପୱିତ୍ର ଆତ୍ମା କଥିତୱାନ୍ ଅହଂ ଯସ୍ମିନ୍ କର୍ମ୍ମଣି ବର୍ଣବ୍ବାଶୈଲୌ ନିଯୁକ୍ତୱାନ୍ ତତ୍କର୍ମ୍ମ କର୍ତ୍ତୁଂ ତୌ ପୃଥକ୍ କୁରୁତ|
3 म्हणून मंडळीने उपवास व प्रार्थना केल्या, त्यांनी बर्णबा व शौल यांच्या डोक्यांवर हात ठेवून प्रार्थना केली, मग त्यांना पाठवून दिले.
ତତସ୍ତୈରୁପୱାସପ୍ରାର୍ଥନଯୋଃ କୃତଯୋଃ ସତୋସ୍ତେ ତଯୋ ର୍ଗାତ୍ରଯୋ ର୍ହସ୍ତାର୍ପଣଂ କୃତ୍ୱା ତୌ ୱ୍ୟସୃଜନ୍|
4 पवित्र आत्म्याच्याद्वारे बर्णबा व शौल यांना पाठविण्यात आले, ते सलुकीयात गेले, नंतर तेथून समुद्रमार्गे कुप्र बेटावर गेले.
ତତଃ ପରଂ ତୌ ପୱିତ୍ରେଣାତ୍ମନା ପ୍ରେରିତୌ ସନ୍ତୌ ସିଲୂକିଯାନଗରମ୍ ଉପସ୍ଥାଯ ସମୁଦ୍ରପଥେନ କୁପ୍ରୋପଦ୍ୱୀପମ୍ ଅଗଚ୍ଛତାଂ|
5 ते जेव्हा सलमी शहरात आले, तेव्हा त्यांनी देवाचे वचनाची यहूदी लोकांच्या सभास्थानात घोषणा केली मार्क म्हटलेला योहान हाही त्यांच्या मदतीला होता.
ତତଃ ସାଲାମୀନଗରମ୍ ଉପସ୍ଥାଯ ତତ୍ର ଯିହୂଦୀଯାନାଂ ଭଜନଭୱନାନି ଗତ୍ୱେଶ୍ୱରସ୍ୟ କଥାଂ ପ୍ରାଚାରଯତାଂ; ଯୋହନପି ତତ୍ସହଚରୋଽଭୱତ୍|
6 ते संपूर्ण बेट पार करून पफे शहरास गेले, पफे येथे त्यांना एक यहूदी मनुष्य भेटला, तो जादूच्या करामती करीत असे, त्याचे नाव बर्येशू होते, तो खोटा संदेष्टा होता.
ଇତ୍ଥଂ ତେ ତସ୍ୟୋପଦ୍ୱୀପସ୍ୟ ସର୍ୱ୍ୱତ୍ର ଭ୍ରମନ୍ତଃ ପାଫନଗରମ୍ ଉପସ୍ଥିତାଃ; ତତ୍ର ସୁୱିୱେଚକେନ ସର୍ଜିଯପୌଲନାମ୍ନା ତଦ୍ଦେଶାଧିପତିନା ସହ ଭୱିଷ୍ୟଦ୍ୱାଦିନୋ ୱେଶଧାରୀ ବର୍ୟୀଶୁନାମା ଯୋ ମାଯାୱୀ ଯିହୂଦୀ ଆସୀତ୍ ତଂ ସାକ୍ଷାତ୍ ପ୍ରାପ୍ତୱତଃ|
7 बर्येशू नेहमी सिर्ग्य पौल याच्या निकट राहण्याचा प्रयत्न करायचा, सिर्ग्य पौल राज्यपाल होता व तो हुशार होता, त्याने बर्णबा व शौल यांना आपणाकडे बोलावले, त्यास त्यांच्याकडून देवाचे वचन ऐकण्याची उत्कंठा दाखवली.
ତଦ୍ଦେଶାଧିପ ଈଶ୍ୱରସ୍ୟ କଥାଂ ଶ୍ରୋତୁଂ ୱାଞ୍ଛନ୍ ପୌଲବର୍ଣବ୍ବୌ ନ୍ୟମନ୍ତ୍ରଯତ୍|
8 परंतु अलीम “जादूगार” (त्याच्या नावाचा अर्थ हाच आहे) हा बर्णबा व शौल यांच्याविरुद्ध होता, राज्यपालाने विश्वास ठेवू नये म्हणून अलीमने त्याचे मन वळविण्याचा प्रयत्न केला.
କିନ୍ତ୍ୱିଲୁମା ଯଂ ମାଯାୱିନଂ ୱଦନ୍ତି ସ ଦେଶାଧିପତିଂ ଧର୍ମ୍ମମାର୍ଗାଦ୍ ବହିର୍ଭୂତଂ କର୍ତ୍ତୁମ୍ ଅଯତତ|
9 पण शौल, ज्याला पौलहि म्हणत, तो पवित्र आत्म्याने भरला होता, पौलाने त्याच्याकडे रोखून पाहिले व म्हणाला.
ତସ୍ମାତ୍ ଶୋଲୋଽର୍ଥାତ୍ ପୌଲଃ ପୱିତ୍ରେଣାତ୍ମନା ପରିପୂର୍ଣଃ ସନ୍ ତଂ ମାଯାୱିନଂ ପ୍ରତ୍ୟନନ୍ୟଦୃଷ୍ଟିଂ କୃତ୍ୱାକଥଯତ୍,
10 १० “सैतानाच्या पुत्रा तू दुष्टाईने व खोटेपणाने भरलेला आहेस, अवघ्या नीतिमानाच्या वैऱ्या, तू प्रभूचे सरळ मार्ग विपरीत करण्याचे सोडून देणार नाहीस काय?
ହେ ନରକିନ୍ ଧର୍ମ୍ମଦ୍ୱେଷିନ୍ କୌଟିଲ୍ୟଦୁଷ୍କର୍ମ୍ମପରିପୂର୍ଣ, ତ୍ୱଂ କିଂ ପ୍ରଭୋଃ ସତ୍ୟପଥସ୍ୟ ୱିପର୍ୟ୍ୟଯକରଣାତ୍ କଦାପି ନ ନିୱର୍ତ୍ତିଷ୍ୟସେ?
11 ११ तर आता पाहा, प्रभूचा हात तुझ्यावर आहे, तू आंधळा होशील व काही वेळपर्यंत तुला सूर्य दिसणार नाही,” मग लागलेच अलीमावर धुके व अंधार पडला आणि तो आपल्याला कोणी हाती धरून चालवावे म्हणून इकडेतिकडे फिरुन मनुष्यांचा शोध करू लागला.
ଅଧୁନା ପରମେଶ୍ୱରସ୍ତୱ ସମୁଚିତଂ କରିଷ୍ୟତି ତେନ କତିପଯଦିନାନି ତ୍ୱମ୍ ଅନ୍ଧଃ ସନ୍ ସୂର୍ୟ୍ୟମପି ନ ଦ୍ରକ୍ଷ୍ୟସି| ତତ୍କ୍ଷଣାଦ୍ ରାତ୍ରିୱଦ୍ ଅନ୍ଧକାରସ୍ତସ୍ୟ ଦୃଷ୍ଟିମ୍ ଆଚ୍ଛାଦିତୱାନ୍; ତସ୍ମାତ୍ ତସ୍ୟ ହସ୍ତଂ ଧର୍ତ୍ତୁଂ ସ ଲୋକମନ୍ୱିଚ୍ଛନ୍ ଇତସ୍ତତୋ ଭ୍ରମଣଂ କୃତୱାନ୍|
12 १२ तेव्हा जे झाले ते पाहून राज्यपालाने विश्वास ठेवला, प्रभूच्या शिक्षणाने तो चकित झाला.
ଏନାଂ ଘଟନାଂ ଦୃଷ୍ଟ୍ୱା ସ ଦେଶାଧିପତିଃ ପ୍ରଭୂପଦେଶାଦ୍ ୱିସ୍ମିତ୍ୟ ୱିଶ୍ୱାସଂ କୃତୱାନ୍|
13 १३ पौल व जे त्याचे मित्र त्याच्याबरोबर होते ते पफेकडून समुद्रमार्गे निघाले, ते पंफुलियातील पिर्गा गावी आले, परंतु योहान त्यांना सोडून परत यरूशलेमे शहरास गेला.
ତଦନନ୍ତରଂ ପୌଲସ୍ତତ୍ସଙ୍ଗିନୌ ଚ ପାଫନଗରାତ୍ ପ୍ରୋତଂ ଚାଲଯିତ୍ୱା ପମ୍ଫୁଲିଯାଦେଶସ୍ୟ ପର୍ଗୀନଗରମ୍ ଅଗଚ୍ଛନ୍ କିନ୍ତୁ ଯୋହନ୍ ତଯୋଃ ସମୀପାଦ୍ ଏତ୍ୟ ଯିରୂଶାଲମଂ ପ୍ରତ୍ୟାଗଚ୍ଛତ୍|
14 १४ पौल व त्याच्या मित्रांनी त्यांचा प्रवास पुढे चालू ठेवला, पिर्गापासून पुढे ते पिसिदीयांतील अंत्युखियास गेले आणि शब्बाथ दिवशी ते सभास्थानात गेले आणि तेथे बसले.
ପଶ୍ଚାତ୍ ତୌ ପର୍ଗୀତୋ ଯାତ୍ରାଂ କୃତ୍ୱା ପିସିଦିଯାଦେଶସ୍ୟ ଆନ୍ତିଯଖିଯାନଗରମ୍ ଉପସ୍ଥାଯ ୱିଶ୍ରାମୱାରେ ଭଜନଭୱନଂ ପ୍ରୱିଶ୍ୟ ସମୁପାୱିଶତାଂ|
15 १५ तेव्हा नियमशास्त्र आणि संदेष्टयांच्या लेखाचे वाचन झाल्यावर सभास्थानाच्या अधिकाऱ्यांनी पौल व बर्णबाला निरोप पाठविला, “बंधुनो, येथील लोकांस काही मदत होईल असे काही बोधवचने सांगा.”
ୱ୍ୟୱସ୍ଥାଭୱିଷ୍ୟଦ୍ୱାକ୍ୟଯୋଃ ପଠିତଯୋଃ ସତୋ ର୍ହେ ଭ୍ରାତରୌ ଲୋକାନ୍ ପ୍ରତି ଯୁୱଯୋଃ କାଚିଦ୍ ଉପଦେଶକଥା ଯଦ୍ୟସ୍ତି ତର୍ହି ତାଂ ୱଦତଂ ତୌ ପ୍ରତି ତସ୍ୟ ଭଜନଭୱନସ୍ୟାଧିପତଯଃ କଥାମ୍ ଏତାଂ କଥଯିତ୍ୱା ପ୍ରୈଷଯନ୍|
16 १६ पौल उभा राहिला आणि आपला हात उंचावून म्हणाला, “अहो इस्राएल लोकांनो व देवाचे भय धरणाऱ्यांनो, ऐका.
ଅତଃ ପୌଲ ଉତ୍ତିଷ୍ଠନ୍ ହସ୍ତେନ ସଙ୍କେତଂ କୁର୍ୱ୍ୱନ୍ କଥିତୱାନ୍ ହେ ଇସ୍ରାଯେଲୀଯମନୁଷ୍ୟା ଈଶ୍ୱରପରାଯଣାଃ ସର୍ୱ୍ୱେ ଲୋକା ଯୂଯମ୍ ଅୱଧଦ୍ଧଂ|
17 १७ या इस्राएल लोकांच्या देवाने आपल्या वाडवडिलांची निवड केली आणि ते ज्या काळात मिसरमध्ये परकी म्हणून राहत होते, त्या काळात देवाने त्यांना अगणित केले आणि उभारलेल्या बाहूने त्यांना तेथून बाहेर आणले.
ଏତେଷାମିସ୍ରାଯେଲ୍ଲୋକାନାମ୍ ଈଶ୍ୱରୋଽସ୍ମାକଂ ପୂର୍ୱ୍ୱପରୁଷାନ୍ ମନୋନୀତାନ୍ କତ୍ୱା ଗୃହୀତୱାନ୍ ତତୋ ମିସରି ଦେଶେ ପ୍ରୱସନକାଲେ ତେଷାମୁନ୍ନତିଂ କୃତ୍ୱା ତସ୍ମାତ୍ ସ୍ୱୀଯବାହୁବଲେନ ତାନ୍ ବହିଃ କୃତ୍ୱା ସମାନଯତ୍|
18 १८ आणि देवाने अरण्यातील चाळीस वर्षात त्यांना सहनशीलता दाखविली.
ଚତ୍ୱାରିଂଶଦ୍ୱତ୍ସରାନ୍ ଯାୱଚ୍ଚ ମହାପ୍ରାନ୍ତରେ ତେଷାଂ ଭରଣଂ କୃତ୍ୱା
19 १९ देवाने कनानच्या प्रदेशातील सात राष्ट्रांना नाश केला, देवाने त्यांच्या जमिनी त्याच्या लोकांस दिल्या.
କିନାନ୍ଦେଶାନ୍ତର୍ୱ୍ୱର୍ତ୍ତୀଣି ସପ୍ତରାଜ୍ୟାନି ନାଶଯିତ୍ୱା ଗୁଟିକାପାତେନ ତେଷୁ ସର୍ୱ୍ୱଦେଶେଷୁ ତେଭ୍ୟୋଽଧିକାରଂ ଦତ୍ତୱାନ୍|
20 २० हे सर्व साधारणपणे चारशेपन्नास वर्षात घडले, त्यानंतर देवाने शमुवेल संदेष्ट्यापर्यंत आपल्या लोकांस न्यायाधीश नेमून दिले.
ପଞ୍ଚାଶଦଧିକଚତୁଃଶତେଷୁ ୱତ୍ସରେଷୁ ଗତେଷୁ ଚ ଶିମୂଯେଲ୍ଭୱିଷ୍ୟଦ୍ୱାଦିପର୍ୟ୍ୟନ୍ତଂ ତେଷାମୁପରି ୱିଚାରଯିତୃନ୍ ନିଯୁକ୍ତୱାନ୍|
21 २१ मग लोकांनी राजाची मागणी केली, देवाने त्यांना किशाचा पुत्र शौल याला दिले, शौल हा बन्यामिनाच्या वंशातील होता, तो चाळीस वर्षापर्यंत राजा होता.
ତୈଶ୍ଚ ରାଜ୍ଞି ପ୍ରାର୍ଥିତେ, ଈଶ୍ୱରୋ ବିନ୍ୟାମୀନୋ ୱଂଶଜାତସ୍ୟ କୀଶଃ ପୁତ୍ରଂ ଶୌଲଂ ଚତ୍ୱାରିଂଶଦ୍ୱର୍ଷପର୍ୟ୍ୟନ୍ତଂ ତେଷାମୁପରି ରାଜାନଂ କୃତୱାନ୍|
22 २२ नंतर देवाने शौलाला काढून टाकले, देवाने दावीदाला त्यांचा राजा केले, दावीदाविषयी देव असे बोलला इशायाचा पुत्र, दावीद मला माझ्या मनासारखा मिळाला आहे, तो माझी सर्व इच्छा पूर्ण करील.
ପଶ୍ଚାତ୍ ତଂ ପଦଚ୍ୟୁତଂ କୃତ୍ୱା ଯୋ ମଦିଷ୍ଟକ୍ରିଯାଃ ସର୍ୱ୍ୱାଃ କରିଷ୍ୟତି ତାଦୃଶଂ ମମ ମନୋଭିମତମ୍ ଏକଂ ଜନଂ ଯିଶଯଃ ପୁତ୍ରଂ ଦାଯୂଦଂ ପ୍ରାପ୍ତୱାନ୍ ଇଦଂ ପ୍ରମାଣଂ ଯସ୍ମିନ୍ ଦାଯୂଦି ସ ଦତ୍ତୱାନ୍ ତଂ ଦାଯୂଦଂ ତେଷାମୁପରି ରାଜତ୍ୱଂ କର୍ତ୍ତୁମ୍ ଉତ୍ପାଦିତୱାନ|
23 २३ याच दाविदाच्या वंशजातून देवाने इस्राएल लोकांचा तारणारा आणिला, तो वंशज येशू आहे, देवाने हे करण्याचे अभिवचन दिले होते.
ତସ୍ୟ ସ୍ୱପ୍ରତିଶ୍ରୁତସ୍ୟ ୱାକ୍ୟସ୍ୟାନୁସାରେଣ ଇସ୍ରାଯେଲ୍ଲୋକାନାଂ ନିମିତ୍ତଂ ତେଷାଂ ମନୁଷ୍ୟାଣାଂ ୱଂଶାଦ୍ ଈଶ୍ୱର ଏକଂ ଯୀଶୁଂ (ତ୍ରାତାରମ୍) ଉଦପାଦଯତ୍|
24 २४ येशू येण्यापूर्वी सर्व इस्राएली लोकांस योहानाने उपदेश केला, त्यांच्या अंतःकरणात बदल व्हावा म्हणून योहानाने लोकांस सांगितले की, त्यांनी बाप्तिस्मा घेतला पाहिजे.
ତସ୍ୟ ପ୍ରକାଶନାତ୍ ପୂର୍ୱ୍ୱଂ ଯୋହନ୍ ଇସ୍ରାଯେଲ୍ଲୋକାନାଂ ସନ୍ନିଧୌ ମନଃପରାୱର୍ତ୍ତନରୂପଂ ମଜ୍ଜନଂ ପ୍ରାଚାରଯତ୍|
25 २५ जेव्हा योहान आपले काम संपवत होता, तेव्हा तो म्हणाला, ‘मी कोण आहे असे तुम्हास वाटते? मी ख्रिस्त नाही, तो नंतर येत आहे, त्याच्या वहाणांचे बंद सोडण्याची सुद्धा माझी लायकी नाही.’
ଯସ୍ୟ ଚ କର୍ମ୍ମଣୋ ଭାରଂ ପ୍ରପ୍ତୱାନ୍ ଯୋହନ୍ ତନ୍ ନିଷ୍ପାଦଯନ୍ ଏତାଂ କଥାଂ କଥିତୱାନ୍, ଯୂଯଂ ମାଂ କଂ ଜନଂ ଜାନୀଥ? ଅହମ୍ ଅଭିଷିକ୍ତତ୍ରାତା ନହି, କିନ୍ତୁ ପଶ୍ୟତ ଯସ୍ୟ ପାଦଯୋଃ ପାଦୁକଯୋ ର୍ବନ୍ଧନେ ମୋଚଯିତୁମପି ଯୋଗ୍ୟୋ ନ ଭୱାମି ତାଦୃଶ ଏକୋ ଜନୋ ମମ ପଶ୍ଚାଦ୍ ଉପତିଷ୍ଠତି|
26 २६ माझ्या बंधुनो, अब्राहामच्या कुटुंबातील पुत्रांनो आणि तुम्ही यहूदी नसलेले पण खऱ्या देवाची उपासना करणारे, ऐका! या तारणाची बातमी आम्हास सांगितली गेली.
ହେ ଇବ୍ରାହୀମୋ ୱଂଶଜାତା ଭ୍ରାତରୋ ହେ ଈଶ୍ୱରଭୀତାଃ ସର୍ୱ୍ୱଲୋକା ଯୁଷ୍ମାନ୍ ପ୍ରତି ପରିତ୍ରାଣସ୍ୟ କଥୈଷା ପ୍ରେରିତା|
27 २७ यरूशलेम शहरामध्ये राहतात ते यहूदी व त्यांचे अधिकारी यांनी त्यास ओळखले नाही, येशू हा तारणारा होता, येशूविषयी जे शब्द संदेष्ट्यानी लिहिले ते यहूदी लोकांसाठी प्रत्येक शब्बाथाच्या वारी वाचले गेले, परंतु त्यांना ते समजले नाही, यहूदी लोकांनी येशूला दोषी ठरवल्याने त्यांनी ते भविष्यावाद्यांचे शब्द खरे ठरवले.
ଯିରୂଶାଲମ୍ନିୱାସିନସ୍ତେଷାମ୍ ଅଧିପତଯଶ୍ଚ ତସ୍ୟ ଯୀଶୋଃ ପରିଚଯଂ ନ ପ୍ରାପ୍ୟ ପ୍ରତିୱିଶ୍ରାମୱାରଂ ପଠ୍ୟମାନାନାଂ ଭୱିଷ୍ୟଦ୍ୱାଦିକଥାନାମ୍ ଅଭିପ୍ରାଯମ୍ ଅବୁଦ୍ଧ୍ୱା ଚ ତସ୍ୟ ୱଧେନ ତାଃ କଥାଃ ସଫଲା ଅକୁର୍ୱ୍ୱନ୍|
28 २८ येशूने का मरावे याचे खरे कारण ते शोधू शकले नाहीत, पण त्यांनी पिलाताला सांगितले की त्यास जिवे मारावे.
ପ୍ରାଣହନନସ୍ୟ କମପି ହେତୁମ୍ ଅପ୍ରାପ୍ୟାପି ପୀଲାତସ୍ୟ ନିକଟେ ତସ୍ୟ ୱଧଂ ପ୍ରାର୍ଥଯନ୍ତ|
29 २९ शास्त्रामध्ये येशूच्याबद्दल या गोष्टी लिहिल्या होत्या की, जे वाईट ते त्याच्याबाबतीत घडणारे होते, ते सर्व या यहूदी लोकांनी येशूला केले, मग त्यांनी येशूला वधस्तंभावरुन खाली घेतले व त्यास कबरेत ठेवले.
ତସ୍ମିନ୍ ଯାଃ କଥା ଲିଖିତାଃ ସନ୍ତି ତଦନୁସାରେଣ କର୍ମ୍ମ ସମ୍ପାଦ୍ୟ ତଂ କ୍ରୁଶାଦ୍ ଅୱତାର୍ୟ୍ୟ ଶ୍ମଶାନେ ଶାଯିତୱନ୍ତଃ|
30 ३० पण देवाने त्यास मरणातून उठवले.
କିନ୍ତ୍ୱୀଶ୍ୱରଃ ଶ୍ମଶାନାତ୍ ତମୁଦସ୍ଥାପଯତ୍,
31 ३१ यानंतर, पुष्कळ दिवसांपर्यंत जे त्याच्याबरोबर होते, त्यांना गालील प्रांतापासून यरूशलेम शहरापर्यंत येशूने दर्शन दिले, ते लोक आता त्याचे साक्षीदार म्हणून लोकांसमोर आहेत.
ପୁନଶ୍ଚ ଗାଲୀଲପ୍ରଦେଶାଦ୍ ଯିରୂଶାଲମନଗରଂ ତେନ ସାର୍ଦ୍ଧଂ ଯେ ଲୋକା ଆଗଚ୍ଛନ୍ ସ ବହୁଦିନାନି ତେଭ୍ୟୋ ଦର୍ଶନଂ ଦତ୍ତୱାନ୍, ଅତସ୍ତ ଇଦାନୀଂ ଲୋକାନ୍ ପ୍ରତି ତସ୍ୟ ସାକ୍ଷିଣଃ ସନ୍ତି|
32 ३२ आम्ही तुम्हास देवाने जे अभिवचन आमच्या वाडवडिलांना दिले त्याविषयी सुवार्ता सांगतो.
ଅସ୍ମାକଂ ପୂର୍ୱ୍ୱପୁରୁଷାଣାଂ ସମକ୍ଷମ୍ ଈଶ୍ୱରୋ ଯସ୍ମିନ୍ ପ୍ରତିଜ୍ଞାତୱାନ୍ ଯଥା, ତ୍ୱଂ ମେ ପୁତ୍ରୋସି ଚାଦ୍ୟ ତ୍ୱାଂ ସମୁତ୍ଥାପିତୱାନହମ୍|
33 ३३ आम्ही त्यांची लेकरे आहोत आणि देवाने हे अभिवचन आमच्या बाबतीत खरे करून दाखविले, देवाने हे येशूला मरणातून पुन्हा उठविण्याद्वारे केले, आम्ही याविषयी स्तोत्रसंहितेमध्येसुद्धा वाचतोः ‘तू माझा पुत्र आहेस, आज मी तुला जन्म दिला आहे.’
ଇଦଂ ଯଦ୍ୱଚନଂ ଦ୍ୱିତୀଯଗୀତେ ଲିଖିତମାସ୍ତେ ତଦ୍ ଯୀଶୋରୁତ୍ଥାନେନ ତେଷାଂ ସନ୍ତାନା ଯେ ୱଯମ୍ ଅସ୍ମାକଂ ସନ୍ନିଧୌ ତେନ ପ୍ରତ୍ୟକ୍ଷୀ କୃତଂ, ଯୁଷ୍ମାନ୍ ଇମଂ ସୁସଂୱାଦଂ ଜ୍ଞାପଯାମି|
34 ३४ शिवाय त्याने कुजण्याच्या अवस्थेपर्यंत जाऊ नये म्हणून त्याने त्यास मरणातून उठवले, याविषयी त्याने असे सांगितले आहे की, ‘दाविदाला देण्यात आलेली पवित्र व निश्चित आशीर्वाद तुम्हास देईन.’
ପରମେଶ୍ୱରେଣ ଶ୍ମଶାନାଦ୍ ଉତ୍ଥାପିତଂ ତଦୀଯଂ ଶରୀରଂ କଦାପି ନ କ୍ଷେଷ୍ୟତେ, ଏତସ୍ମିନ୍ ସ ସ୍ୱଯଂ କଥିତୱାନ୍ ଯଥା ଦାଯୂଦଂ ପ୍ରତି ପ୍ରତିଜ୍ଞାତୋ ଯୋ ୱରସ୍ତମହଂ ତୁଭ୍ୟଂ ଦାସ୍ୟାମି|
35 ३५ म्हणून आणखी एका स्तोत्रात तो म्हणतोः ‘तू तुझ्या पवित्र पुरुषाला कबरेत कुजण्याचा अनुभव येऊ देणार नाहीस.’
ଏତଦନ୍ୟସ୍ମିନ୍ ଗୀତେଽପି କଥିତୱାନ୍| ସ୍ୱକୀଯଂ ପୁଣ୍ୟୱନ୍ତଂ ତ୍ୱଂ କ୍ଷଯିତୁଂ ନ ଚ ଦାସ୍ୟସି|
36 ३६ कारण दावीद आपल्या पिढीची देवाच्या इच्छेप्रमाणे सेवा करून मरण पावला, आपल्या वाडवडिलांशेजारी त्यास पुरले आणि कबरेत त्याचे शरीर कुजले.
ଦାଯୂଦା ଈଶ୍ୱରାଭିମତସେୱାଯୈ ନିଜାଯୁଷି ୱ୍ୟଯିତେ ସତି ସ ମହାନିଦ୍ରାଂ ପ୍ରାପ୍ୟ ନିଜୈଃ ପୂର୍ୱ୍ୱପୁରୁଷୈଃ ସହ ମିଲିତଃ ସନ୍ ଅକ୍ଷୀଯତ;
37 ३७ पण ज्याला देवाने मरणातून पुन्हा उठवले, त्यास कुजण्याचा अनुभव आला नाही.
କିନ୍ତୁ ଯମୀଶ୍ୱରଃ ଶ୍ମଶାନାଦ୍ ଉଦସ୍ଥାପଯତ୍ ସ ନାକ୍ଷୀଯତ|
38 ३८ बंधुनो, आम्ही जी घोषणा करीत आहोत ते तुम्ही समजून घेतले पाहिजेः या एकाकडूनच तुमच्या पापांची क्षमा तुम्हास मिळू शकते.
ଅତୋ ହେ ଭ୍ରାତରଃ, ଅନେନ ଜନେନ ପାପମୋଚନଂ ଭୱତୀତି ଯୁଷ୍ମାନ୍ ପ୍ରତି ପ୍ରଚାରିତମ୍ ଆସ୍ତେ|
39 ३९ मोशेचे नियमशास्त्र तुम्हास तुमच्या पापांपासून मुक्त करणार नाही, पण प्रत्येक व्यक्ती जी त्याच्यावर विश्वास ठेवते, ती त्याच्याद्वारे त्या सर्वांविषयी न्यायी ठरविली जाते.
ଫଲତୋ ମୂସାୱ୍ୟୱସ୍ଥଯା ଯୂଯଂ ଯେଭ୍ୟୋ ଦୋଷେଭ୍ୟୋ ମୁକ୍ତା ଭୱିତୁଂ ନ ଶକ୍ଷ୍ୟଥ ତେଭ୍ୟଃ ସର୍ୱ୍ୱଦୋଷେଭ୍ୟ ଏତସ୍ମିନ୍ ଜନେ ୱିଶ୍ୱାସିନଃ ସର୍ୱ୍ୱେ ମୁକ୍ତା ଭୱିଷ୍ୟନ୍ତୀତି ଯୁଷ୍ମାଭି ର୍ଜ୍ଞାଯତାଂ|
40 ४० संदेष्टयांनी सांगितलेल्या काही गोष्टी घडतील, सावध राहा! या गोष्टी तुमच्याबाबत होऊ नयेत म्हणून जपा.
ଅପରଞ୍ଚ| ଅୱଜ୍ଞାକାରିଣୋ ଲୋକାଶ୍ଚକ୍ଷୁରୁନ୍ମୀଲ୍ୟ ପଶ୍ୟତ| ତଥୈୱାସମ୍ଭୱଂ ଜ୍ଞାତ୍ୱା ସ୍ୟାତ ଯୂଯଂ ୱିଲଜ୍ଜିତାଃ| ଯତୋ ଯୁଷ୍ମାସୁ ତିଷ୍ଠତ୍ସୁ କରିଷ୍ୟେ କର୍ମ୍ମ ତାଦୃଶଂ| ଯେନୈୱ ତସ୍ୟ ୱୃତ୍ତାନ୍ତେ ଯୁଷ୍ମଭ୍ୟଂ କଥିତେଽପି ହି| ଯୂଯଂ ନ ତନ୍ତୁ ୱୃତ୍ତାନ୍ତଂ ପ୍ରତ୍ୟେଷ୍ୟଥ କଦାଚନ||
41 ४१ अहो धिक्कार करणाऱ्यांनो, पाहा, आश्चर्य करा व नाहीसे व्हा, कारण तुमच्या काळामध्ये मी एक कार्य करतो, ज्याच्यावर तुमचा विश्वास बसणार नाही कोणी ते स्पष्ट करून सांगितले तरी तुम्ही त्याच्यावर विश्वास ठेवणार नाही.”
ଯେଯଂ କଥା ଭୱିଷ୍ୟଦ୍ୱାଦିନାଂ ଗ୍ରନ୍ଥେଷୁ ଲିଖିତାସ୍ତେ ସାୱଧାନା ଭୱତ ସ କଥା ଯଥା ଯୁଷ୍ମାନ୍ ପ୍ରତି ନ ଘଟତେ|
42 ४२ जेव्हा पौल व बर्णबा जाऊ लागले, तेव्हा लोक म्हणाले की, पुढील शब्बाथाच्या दिवशी परत या आणि आम्हास याविषयी अधिक सांगा.
ଯିହୂଦୀଯଭଜନଭୱନାନ୍ ନିର୍ଗତଯୋସ୍ତଯୋ ର୍ଭିନ୍ନଦେଶୀଯୈ ର୍ୱକ୍ଷ୍ୟମାଣା ପ୍ରାର୍ଥନା କୃତା, ଆଗାମିନି ୱିଶ୍ରାମୱାରେଽପି କଥେଯମ୍ ଅସ୍ମାନ୍ ପ୍ରତି ପ୍ରଚାରିତା ଭୱତ୍ୱିତି|
43 ४३ सभास्थानातील बैठक संपल्यावर अनेक यहूदी लोक आणि यहूदी मतानुसारी चालणारे इतर धार्मिक लोक पौल व बर्णबा यांच्यामागे गेले, पौल व बर्णबा यांनी त्या लोकांस देवाच्या कृपेत टिकून राहण्यास कळकळीची विनंती केली.
ସଭାଯା ଭଙ୍ଗେ ସତି ବହୱୋ ଯିହୂଦୀଯଲୋକା ଯିହୂଦୀଯମତଗ୍ରାହିଣୋ ଭକ୍ତଲୋକାଶ୍ଚ ବର୍ଣବ୍ବାପୌଲଯୋଃ ପଶ୍ଚାଦ୍ ଆଗଚ୍ଛନ୍, ତେନ ତୌ ତୈଃ ସହ ନାନାକଥାଃ କଥଯିତ୍ୱେଶ୍ୱରାନୁଗ୍ରହାଶ୍ରଯେ ସ୍ଥାତୁଂ ତାନ୍ ପ୍ରାୱର୍ତ୍ତଯତାଂ|
44 ४४ पुढील शब्बाथवारी शहरातील जवळ जवळ सर्व लोक परमेश्वराचे वचन ऐकण्यासाठी एकत्र जमले.
ପରୱିଶ୍ରାମୱାରେ ନଗରସ୍ୟ ପ୍ରାଯେଣ ସର୍ୱ୍ୱେ ଲାକା ଈଶ୍ୱରୀଯାଂ କଥାଂ ଶ୍ରୋତୁଂ ମିଲିତାଃ,
45 ४५ यहूदी लोकांनी त्या सर्वांना तेथे पाहिले, त्यामुळे यहूदी लोकांस मत्सर वाटू लागला, तेही काही फार वाईट गोष्टी बोलले आणि जे पौल बोलला त्याविरुद्ध वाद उपस्थित केला.
କିନ୍ତୁ ଯିହୂଦୀଯଲୋକା ଜନନିୱହଂ ୱିଲୋକ୍ୟ ଈର୍ଷ୍ୟଯା ପରିପୂର୍ଣାଃ ସନ୍ତୋ ୱିପରୀତକଥାକଥନେନେଶ୍ୱରନିନ୍ଦଯା ଚ ପୌଲେନୋକ୍ତାଂ କଥାଂ ଖଣ୍ଡଯିତୁଂ ଚେଷ୍ଟିତୱନ୍ତଃ|
46 ४६ पण पौल व बर्णबा फार धैर्याने बोलले, ते म्हणाले, “देवाचे वचन तुम्हा यहूद्यांना प्रथम आम्हास सांगितलेच पाहिजे, पण तुम्ही ऐकण्यास नकार देत आहात, तुम्ही तुमचे स्वतःचेच नुकसान करून घेत आहात व अनंतकाळचे जीवन प्राप्त करून घेण्यासाठी अपात्र ठरत आहात! म्हणून आम्ही आता दुसऱ्या देशांतील परराष्ट्रीय लोकांकडे जाऊ. (aiōnios g166)
ତତଃ ପୌଲବର୍ଣବ୍ବାୱକ୍ଷୋଭୌ କଥିତୱନ୍ତୌ ପ୍ରଥମଂ ଯୁଷ୍ମାକଂ ସନ୍ନିଧାୱୀଶ୍ୱରୀଯକଥାଯାଃ ପ୍ରଚାରଣମ୍ ଉଚିତମାସୀତ୍ କିନ୍ତୁଂ ତଦଗ୍ରାହ୍ୟତ୍ୱକରଣେନ ଯୂଯଂ ସ୍ୱାନ୍ ଅନନ୍ତାଯୁଷୋଽଯୋଗ୍ୟାନ୍ ଦର୍ଶଯଥ, ଏତତ୍କାରଣାଦ୍ ୱଯମ୍ ଅନ୍ୟଦେଶୀଯଲୋକାନାଂ ସମୀପଂ ଗଚ୍ଛାମଃ| (aiōnios g166)
47 ४७ प्रभूने आम्हास आज्ञा दिली आहे की, ‘परराष्ट्रीयांसाठी मी तुम्हास प्रकाश असे केले यासाठी की, तुम्ही पृथ्वीवरील सर्व लोकांस तारणाचा मार्ग दाखवू शकाल.’
ପ୍ରଭୁରସ୍ମାନ୍ ଇତ୍ଥମ୍ ଆଦିଷ୍ଟୱାନ୍ ଯଥା, ଯାୱଚ୍ଚ ଜଗତଃ ସୀମାଂ ଲୋକାନାଂ ତ୍ରାଣକାରଣାତ୍| ମଯାନ୍ୟଦେଶମଧ୍ୟେ ତ୍ୱଂ ସ୍ଥାପିତୋ ଭୂଃ ପ୍ରଦୀପୱତ୍||
48 ४८ जेव्हा यहूदी नसलेल्यांनी पौलाला असे बोलताना ऐकले तेव्हा ते फार आनंदित झाले, परमेश्वराच्या वचनाला त्यांनी गौरव दिले आणि त्या लोकांपैकी पुष्कळांनी वचनावर विश्वास ठेवला, कारण ते अनंतकाळच्या जीवनासाठी निवडले गेले होते. (aiōnios g166)
ତଦା କଥାମୀଦୃଶୀଂ ଶ୍ରୁତ୍ୱା ଭିନ୍ନଦେଶୀଯା ଆହ୍ଲାଦିତାଃ ସନ୍ତଃ ପ୍ରଭୋଃ କଥାଂ ଧନ୍ୟାଂ ଧନ୍ୟାମ୍ ଅୱଦନ୍, ଯାୱନ୍ତୋ ଲୋକାଶ୍ଚ ପରମାଯୁଃ ପ୍ରାପ୍ତିନିମିତ୍ତଂ ନିରୂପିତା ଆସନ୍ ତେ ୱ୍ୟଶ୍ୱସନ୍| (aiōnios g166)
49 ४९ आणि परमेश्वराचा संदेश संपूर्ण देशात सांगितला गेला.”
ଇତ୍ଥଂ ପ୍ରଭୋଃ କଥା ସର୍ୱ୍ୱେଦେଶଂ ୱ୍ୟାପ୍ନୋତ୍|
50 ५० तेव्हा यहूदी लोकांनी शहरातील काही धार्मिक स्त्रिया व पुढारी यांना भडकावून दिले, त्या लोकांनी पौल व बर्णबा यांच्याविरुद्ध अनेक वाईट गोष्टी केल्या आणि त्यांना शहराबाहेर घालवून दिले.
କିନ୍ତୁ ଯିହୂଦୀଯା ନଗରସ୍ୟ ପ୍ରଧାନପୁରୁଷାନ୍ ସମ୍ମାନ୍ୟାଃ କଥିପଯା ଭକ୍ତା ଯୋଷିତଶ୍ଚ କୁପ୍ରୱୃତ୍ତିଂ ଗ୍ରାହଯିତ୍ୱା ପୌଲବର୍ଣବ୍ବୌ ତାଡଯିତ୍ୱା ତସ୍ମାତ୍ ପ୍ରଦେଶାଦ୍ ଦୂରୀକୃତୱନ୍ତଃ|
51 ५१ मग पौल व बर्णबा यांनी आपल्या पायाची धूळ झटकली व ते इकुन्या शहराला गेले.
ଅତଃ କାରଣାତ୍ ତୌ ନିଜପଦଧୂଲୀସ୍ତେଷାଂ ପ୍ରାତିକୂଲ୍ୟେନ ପାତଯିତ୍ୱେକନିଯଂ ନଗରଂ ଗତୌ|
52 ५२ इकडे येशूचे शिष्य आनंदाने व पवित्र आत्म्याने पूर्ण झाले.
ତତଃ ଶିଷ୍ୟଗଣ ଆନନ୍ଦେନ ପୱିତ୍ରେଣାତ୍ମନା ଚ ପରିପୂର୍ଣୋଭୱତ୍|

< प्रेषि. 13 >