< ३ योहा. 1 >
1 १ प्रिय गायस ह्यास, तुझ्यावर खरी प्रीती करणारा वडील ह्याजकडून.
১প্ৰাচীনো ঽহং সত্যমতাদ্ যস্মিন্ প্ৰীযে তং প্ৰিযতমং গাযং প্ৰতি পত্ৰং লিখামি|
2 २ प्रिय बंधू, जसा तुझा आत्मा सुस्थितीत आहे तसे तुला सर्व गोष्टीत सुस्थिती व आरोग्य असावे, अशी मी प्रार्थना करतो.
২হে প্ৰিয, তৱাত্মা যাদৃক্ শুভান্ৱিতস্তাদৃক্ সৰ্ৱ্ৱৱিষযে তৱ শুভং স্ৱাস্থ্যঞ্চ ভূযাৎ|
3 ३ कारण तू सत्याने चालतोस अशी तुझ्याविषययी बंधुजनांनी येऊन साक्ष दिली, त्यावरून मला अत्यानंद झाला.
৩ভ্ৰাতৃভিৰাগত্য তৱ সত্যমতস্যাৰ্থতস্ত্ৱং কীদৃক্ সত্যমতমাচৰস্যেতস্য সাক্ষ্যে দত্তে মম মহানন্দো জাতঃ|
4 ४ माझी मुले सत्यात चालतात, हे ऐकून मला आनंद होतो तितका दुसऱ्या कशानेही होत नाही.
৪মম সন্তানাঃ সত্যমতমাচৰন্তীতিৱাৰ্ত্তাতো মম য আনন্দো জাযতে ততো মহত্তৰো নাস্তি|
5 ५ प्रिय बंधू, अनोळखी बंधुजनांसाठी जे काही तू करतोस ते विश्वासूपणाने करतोस.
৫হে প্ৰিয, ভ্ৰাতৃন্ প্ৰতি ৱিশেষতস্তান্ ৱিদেশিনো ভৃতৃন্ প্ৰতি ৎৱযা যদ্যৎ কৃতং তৎ সৰ্ৱ্ৱং ৱিশ্ৱাসিনো যোগ্যং|
6 ६ त्यांनी तू दाखविलेल्या प्रीतीविषयी मंडळीसमोर साक्ष दिली, देवाला आवडेल त्या रीतीने तू त्यांना वाटेस लावशील तर बरे करशील.
৬তে চ সমিতেঃ সাক্ষাৎ তৱ প্ৰম্নঃ প্ৰমাণং দত্তৱন্তঃ, অপৰম্ ঈশ্ৱৰযোগ্যৰূপেণ তান্ প্ৰস্থাপযতা ৎৱযা সৎকৰ্ম্ম কাৰিষ্যতে|
7 ७ कारण ते परराष्ट्रीय लोकांपासून काहीएक न घेता ख्रिस्ताच्या नावासाठी बाहेर पडले आहेत.
৭যতস্তে তস্য নাম্না যাত্ৰাং ৱিধায ভিন্নজাতীযেভ্যঃ কিমপি ন গৃহীতৱন্তঃ|
8 ८ म्हणून आपण अशांचा पाहुणचार करावा, म्हणजे आपण सत्यामधे त्यांचे सहकारी होऊ.
৮তস্মাদ্ ৱযং যৎ সত্যমতস্য সহাযা ভৱেম তদৰ্থমেতাদৃশা লোকা অস্মাভিৰনুগ্ৰহীতৱ্যাঃ|
9 ९ मी मंडळीला काही लिहिले, पण दियत्रेफस ज्याला त्यांचा पुढारी व्हायचे आहे व तो आमचा स्वीकार करीत नाही.
৯সমিতিং প্ৰত্যহং পত্ৰং লিখিতৱান্ কিন্তু তেষাং মধ্যে যো দিযত্ৰিফিঃ প্ৰধানাযতে সো ঽস্মান্ ন গৃহ্লাতি|
10 १० या कारणामुळे जेव्हा मी येतो तेव्हा तो जो करीत आहे ते दाखवून देईन. तो वाईट शब्दांनी खोटेपणाने माझ्याविरुद्ध बोलत आहे व एवढ्यावरच तो समाधान मानीत नाही, तर त्यामध्ये भर म्हणून बंधूंचा तो स्वीकार करत नाहीच उलट मंडळीतील जे लोक त्यांचा स्वीकार करू इच्छितात त्यांना अडथळा करतो आणि त्यांना मंडळीबाहेर घालवितो!
১০অতো ঽহং যদোপস্থাস্যামি তদা তেন যদ্যৎ ক্ৰিযতে তৎ সৰ্ৱ্ৱং তং স্মাৰযিষ্যামি, যতঃ স দুৰ্ৱ্ৱাক্যৈৰস্মান্ অপৱদতি, তেনাপি তৃপ্তিং ন গৎৱা স্ৱযমপি ভ্ৰাতৃন্ নানুগৃহ্লাতি যে চানুগ্ৰহীতুমিচ্ছন্তি তান্ সমিতিতো ঽপি বহিষ্কৰোতি|
11 ११ माझ्या प्रिय मित्रा, जे चांगले आहे त्याचे अनुकरण कर. वाईटाचे करू नको. चांगले करणारा देवापासून आहे, वाईट करणाऱ्याने देवाला पाहिलेले नाही.
১১হে প্ৰিয, ৎৱযা দুষ্কৰ্ম্ম নানুক্ৰিযতাং কিন্তু সৎকৰ্ম্মৈৱ| যঃ সৎকৰ্ম্মাচাৰী স ঈশ্ৱৰাৎ জাতঃ, যো দুষ্কৰ্ম্মাচাৰী স ঈশ্ৱৰং ন দৃষ্টৱান্|
12 १२ प्रत्येकजण देमेत्रियाविषयी चांगली साक्ष देतात व स्वतः खरेपणानेही चांगली साक्ष दिली आहे. आम्हीदेखील त्याच्याविषयी तसेच म्हणतो आणि तुम्हास माहीत आहे की, आमची साक्ष खरी आहे.
১২দীমীত্ৰিযস্য পক্ষে সৰ্ৱ্ৱৈঃ সাক্ষ্যম্ অদাযি ৱিশেষতঃ সত্যমতেনাপি, ৱযমপি তৎপক্ষে সাক্ষ্যং দদ্মঃ, অস্মাকঞ্চ সাক্ষ্যং সত্যমেৱেতি যূযং জানীথ|
13 १३ मला तुला पुष्कळ गोष्टी लिहावयाच्या आहेत पण मला शाई व लेखणीने तुला लिहावे असे वाटत नाही.
১৩ৎৱাং প্ৰতি মযা বহূনি লেখিতৱ্যানি কিন্তু মসীলেখনীভ্যাং লেখিতুং নেচ্ছামি|
14 १४ त्याऐवजी, तुला लवकर भेटण्याची मला आशा आहे. मग आपल्याला समोरासमोर बोलता येईल. तुझ्याबरोबर शांती असो. तुझे मित्र तुला सलाम सांगतात. तेथील सर्व मित्रांना नावाने आमचा सलाम सांग.
১৪অচিৰেণ ৎৱাং দ্ৰক্ষ্যামীতি মম প্ৰত্যাশাস্তে তদাৱাং সম্মুখীভূয পৰস্পৰং সম্ভাষিষ্যাৱহে| তৱ শান্তি ৰ্ভূযাৎ| অস্মাকং মিত্ৰাণি ৎৱাং নমস্কাৰং জ্ঞাপযন্তি ৎৱমপ্যেকৈকস্য নাম প্ৰোচ্য মিত্ৰেভ্যো নমস্কুৰু| ইতি|