< 2 शमुवेल 22 >
1 १ शौल आणि इतर शत्रू यांच्या हातून परमेश्वराने सोडवल्याबद्दल दावीदाने हे स्तुतिगीत म्हटले;
ଯେଉଁ ସମୟରେ ସଦାପ୍ରଭୁ ସମସ୍ତ ଶତ୍ରୁ ହସ୍ତରୁ ଓ ଶାଉଲଙ୍କର ହସ୍ତରୁ ଦାଉଦଙ୍କୁ ଉଦ୍ଧାର କଲେ, ସେହି ସମୟରେ ସେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟରେ ଏହି ଗୀତ ଗାନ କଲେ;
2 २ परमेश्वर हा माझा दुर्ग, माझा गड, माझ्या सुरक्षिततेचा आधार.
ସେ କହିଲେ, “ସଦାପ୍ରଭୁ ମୋହର ଶୈଳ ଓ ମୋହର ଗଡ଼ ଓ ମୋହର ରକ୍ଷାକର୍ତ୍ତା,
3 ३ “तो माझा देव माझ्या संरक्षणासाठी मी या दुर्गाच्या, देवाच्या आश्रयाला जातो. देव म्हणजे माझी संरक्षक ढाल आहे त्याचे सामर्थ्य माझे रक्षण करते. परमेश्वर म्हणजे माझी लपण्याची जागा, माझ्या सुरक्षिततेचे ठिकाण उंच डोंगरात असलेले. क्रूर शत्रूपासून तो मला वाचवतो.
ମୋହର ଶୈଳ ସ୍ୱରୂପ ପରମେଶ୍ୱର, ମୁଁ ତାହାଙ୍କଠାରେ ଆଶ୍ରୟ ନେବି। ମୋହର ଢାଲ ଓ ମୋହର ପରିତ୍ରାଣ ସ୍ୱରୂପ ଶୃଙ୍ଗ, ମୋହର ଉଚ୍ଚ ଦୁର୍ଗ ଓ ମୋହର ଆଶ୍ରୟ; ମୋହର ତ୍ରାଣକର୍ତ୍ତା, ତୁମ୍ଭେ ମୋତେ ଦୌରାତ୍ମ୍ୟରୁ ଉଦ୍ଧାର କରିଥାଅ।
4 ४ त्यांनी माझी चेष्टा केली, पण मी मदतीसाठी परमेश्वराचा धावा केला, आणि शत्रूपासून माझा बचाव करण्यात आला.
ମୁଁ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କୁ ଆହ୍ୱାନ କରିବି, ସେ ପ୍ରଶଂସିତ ହେବା ଯୋଗ୍ୟ; ତହିଁରେ ମୁଁ ଆପଣା ଶତ୍ରୁଗଣଠାରୁ ଉଦ୍ଧାର ପାଇବି।
5 ५ शत्रूंना माझा जीव घ्यायचा होता. मृत्यूच्या लाटा माझ्याभोवती थैमान घालत होत्या. मृत्युसदनाला नेणाऱ्या पुराच्या लोंढ्यात मी सापडलो होतो.
କାରଣ ମୃତ୍ୟୁୁରୂପ ଲହରୀ ମୋତେ ବେଷ୍ଟନ କଲା, ଦୁଷ୍ଟମାନଙ୍କ ପ୍ଲାବନ(ଜୁଆର) ମୋତେ ଭୀତ କଲା।
6 ६ अधोलोकाचे पाश माझ्या भोवती आवळले होते. मृत्यूचा सापळा माझ्यासमोर तयार होता. (Sheol )
ପାତାଳର ବନ୍ଧନ ମୋତେ ବେଷ୍ଟନ କଲା, ମୃତ୍ୟୁର ଫାନ୍ଦ ମୋହର ସମ୍ମୁଖବର୍ତ୍ତୀ ହେଲା। (Sheol )
7 ७ तेव्हा मी परमेश्वराचा धावा केला. होय, मी त्यालाच शरण गेलो देव त्याच्या मंदिरात होता त्याने माझा धावा ऐकला. मदतीसाठी केलेला माझा आक्रोश त्याने ऐकला.
ମୋହର ସଙ୍କଟ ବେଳେ ମୁଁ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କୁ ଡାକିଲି, ହଁ, ମୁଁ ଆପଣା ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କୁ ଡାକିଲି; ତହୁଁ ସେ ଆପଣା ମନ୍ଦିରରେ ଥାଇ ମୋହର ରବ ଶୁଣିଲେ ଓ ମୋହର ଆର୍ତ୍ତନାଦ ତାହାଙ୍କ କର୍ଣ୍ଣରେ ଉପସ୍ଥିତ ହେଲା।
8 ८ तेव्हा धरती डळमळली हादरली स्वर्गाचा पाया थरथरला, कारण देवाचा कोप झाला होता.
ସେତେବେଳେ ପୃଥିବୀ ଟଳମଳ ଓ କମ୍ପିତ ହେଲା, ଗଗନମଣ୍ଡଳର ମୂଳସକଳ ଉଦ୍ବିଗ୍ନ ଓ ଟଳମଳ ହେଲା, କାରଣ ସଦାପ୍ରଭୁ ପ୍ରଜ୍ୱଳିତ ହୋଇ ଉଠିଲେ।
9 ९ त्याच्या नाकपुड्यांतून धूर निघत होता. मुखातून अग्नीज्वाला बाहेर पडत होत्या ठिणग्या बरसत होत्या.
ତାହାଙ୍କ ନାସାରନ୍ଧ୍ରରୁ ଧୂମ ନିର୍ଗତ ହେଲା ଓ ତାହାଙ୍କ ମୁଖରୁ ନିର୍ଗତ ଅଗ୍ନି ଗ୍ରାସ କଲା; ତଦ୍ଦ୍ୱାରା ଅଙ୍ଗାର ପ୍ରଜ୍ୱଳିତ ହେଲା।
10 १० आकाश फाडून परमेश्वर खाली अवतरला. काळ्याभोर ढगावर उभा राहिला.
ମଧ୍ୟ ସେ ଆକାଶମଣ୍ଡଳକୁ ମେଲା କରି ଓହ୍ଲାଇ ଆସିଲେ ଓ ନିବିଡ଼ ଅନ୍ଧକାର ତାହାଙ୍କ ପାଦ ତଳେ ଥିଲା।
11 ११ करुबावर आरुढ होऊन तो उडत होता. तो वाऱ्यावर स्वार झाला होता.
ପୁଣି ସେ କିରୂବ ଉପରେ ଆରୋହଣ କରି ଉଡ୍ଡୀୟମାନ ହେଲେ; ହଁ, ସେ ବାୟୁର ପକ୍ଷ ଉପରେ ଦେଖାଗଲେ।
12 १२ परमेश्वराने दाट काळे ढग स्वत: भोवती तंबू सारखे वेढून घेतले होते. त्याने त्या दाट गडगडणाऱ्या मेघामध्ये पाणी भरून ठेवले होते.
ସେ ଅନ୍ଧକାରକୁ, ଅର୍ଥାତ୍, ଜଳରାଶି ଓ ଆକାଶର ନିବିଡ଼ ମେଘକୁ ଆପଣା ଚତୁର୍ଦ୍ଦିଗସ୍ଥ କୁଟୀର ସ୍ୱରୂପ କଲେ।
13 १३ त्याचा एवढा प्रखर प्रकाश पडला की, निखारे धगधगू लागले.
ତାହାଙ୍କ ସମ୍ମୁଖବର୍ତ୍ତୀ ତେଜରେ ଆଗ୍ନେୟ-ଅଙ୍ଗାର ପତିତ ହେଲା।
14 १४ परमेश्वर आकाशातून गरजला. त्याचा आवाज सर्वत्र दुमदुमला.
ସଦାପ୍ରଭୁ ଆକାଶରୁ ଗର୍ଜ୍ଜନ କଲେ ଓ ସର୍ବୋପରିସ୍ଥ ଯେ, ସେ ଆପଣା ରବ ଉଚ୍ଚାରଣ କଲେ।
15 १५ त्याने विजांचे बाण सोडले आणि शत्रूची दाणादाण उडाली. परमेश्वराने विजा पाठवल्या आणि लोक भीतीने सैरावैरा पळाले.
ପୁଣି ସେ ବାଣ ନିକ୍ଷେପ କରି ସେମାନଙ୍କୁ ଛିନ୍ନଭିନ୍ନ କଲେ; ବିଜୁଳି ଦ୍ୱାରା ସେମାନଙ୍କୁ ବିଚ୍ଛିନ୍ନ କଲେ।
16 १६ परमेश्वरा, तुझ्या धमकीच्या आवाजात तू बोललास तेव्हा तुझ्या नाकपुड्यातील सोसाट्याच्या श्वासाने समुद्राचे पाणीही मागे हटले. समुद्राचा तळ दिसू लागला, पृथ्वीचा पाया उघडा पडला.
ସେତେବେଳେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ତର୍ଜ୍ଜନରେ ଓ ତାହାଙ୍କ ନାସିକାର ପ୍ରଶ୍ୱାସ ବାୟୁରେ ସମୁଦ୍ରର ଗର୍ଭ ପ୍ରକାଶ ପାଇଲା ଓ ଭୂମଣ୍ଡଳର ମୂଳସକଳ ଦେଖାଗଲା।
17 १७ मला परमेश्वराने आधार दिला, वरून तो खाली आला. मला धरून त्याने संकटाच्या खोल पाण्यातून बाहेर काढले.
ସେ ଉର୍ଦ୍ଧ୍ବରୁ (ହାତ) ବଢ଼ାଇଲେ, ସେ ମୋତେ ଧରିଲେ; ସେ ଅପାର ଜଳ ମଧ୍ୟରୁ ମୋତେ ଟାଣି ନେଲେ।
18 १८ शत्रू मला वरचढ होता. त्यांना माझा मत्सर वाटला. शत्रू बलाढ्य होता. पण परमेश्वराने मला वाचवले.
ସେ ମୋହର ବଳବାନ ଶତ୍ରୁଠାରୁ ଓ ମୋହର ଘୃଣାକାରୀମାନଙ୍କଠାରୁ ମୋତେ ରକ୍ଷା କଲେ; କାରଣ ସେମାନେ ମୋʼ ଠାରୁ ଅତି ବଳବାନ ଥିଲେ।
19 १९ मी अडचणीत होतो तेव्हा शत्रूने माझ्यावर हल्ला केला. पण परमेश्वराने मला आधार दिला.
ସେମାନେ ମୋହର ବିପଦ ଦିନରେ ମୋର ସମ୍ମୁଖବର୍ତ୍ତୀ ହେଲେ; ମାତ୍ର ସଦାପ୍ରଭୁ ମୋର ସହାୟ ହେଲେ।
20 २० परमेश्वराचा माझ्यावर लोभ आहे, म्हणून त्याने मला सोडवले. मला त्याने सुरक्षित स्थळी नेले.
ସେ ମଧ୍ୟ ମୋତେ ବାହାର କରି ପ୍ରଶସ୍ତ ସ୍ଥାନକୁ ପହଞ୍ଚାଇଲେ; ସେ ମୋତେ ରକ୍ଷା କଲେ, କାରଣ ସେ ମୋʼ ଠାରେ ସନ୍ତୁଷ୍ଟ ହେଲେ।
21 २१ मी केले त्याचे फळ परमेश्वर मला देईल, कारण मी योग्य तेच केले. मी गैर काही केले नाही, तेव्हा त्याचे चांगले फळ तो मला देईल.
ସଦାପ୍ରଭୁ ମୋର ଧାର୍ମିକତାନୁସାରେ ମୋତେ ପୁରସ୍କାର ଦେଲେ; ମୋର ହସ୍ତର ପବିତ୍ରତାନୁସାରେ ମୋତେ ଫଳ ଦେଲେ।
22 २२ कारण मी परमेश्वराचे आज्ञापालन केले. देवाविरुध्द कोणताही अपराध मी केला नाही.
କାରଣ ମୁଁ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ପଥ ଧରିଲି ଓ ଦୁଷ୍ଟତାପୂର୍ବକ ମୁଁ ଆପଣା ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କୁ ତ୍ୟାଗ କଲି ନାହିଁ।
23 २३ परमेश्वराचे निर्णय मी नेहमी ध्यानात ठेवतो. त्याच्या नियमांचे पालन करतो.
ଯେହେତୁ ତାହାଙ୍କର ସମସ୍ତ ଶାସନ ମୋହର ସମ୍ମୁଖରେ ଥିଲା ଓ ତାହାଙ୍କର ବିଧିସକଳ ମୁଁ ପରିତ୍ୟାଗ କଲି ନାହିଁ।
24 २४ मी त्याच्याशी निर्दोषतेने वागत असे, आणि मी अधर्मापासून स्वत: ला अलिप्त राखले.
ମୁଁ ମଧ୍ୟ ତାହାଙ୍କ ପ୍ରତି ସିଦ୍ଧ ଥିଲି ଓ ମୁଁ ଆପଣା ଅଧର୍ମରୁ ଆପଣାକୁ ରକ୍ଷା କଲି।
25 २५ तेव्हा परमेश्वर त्याचे फळ मला देणारच. कारण माझी वर्तणूक योग्य आहे. त्याच्या दृष्टीने मी वावगे केलेले नाही. तेव्हा तो माझे भले करील.
ଏହେତୁ ସଦାପ୍ରଭୁ ମୋର ଧାର୍ମିକତାନୁସାରେ ଓ ତାହାଙ୍କ ଦୃଷ୍ଟିରେ ମୋହର ପବିତ୍ରତାନୁସାରେ ମୋତେ ଫଳ ଦେଲେ।
26 २६ एखाद्याचे आपल्यावर खरे प्रेम असेल तर आपणही त्याची भरपाई खऱ्या प्रेमाने करू. तो आपल्याशी प्रामाणिक असेल तर आपणही प्रामाणिक राहू.
ତୁମ୍ଭେ ଦୟାଳୁ ପ୍ରତି ଆପଣାକୁ ଦୟାଳୁ ଓ ସିଦ୍ଧ ଲୋକ ପ୍ରତି ତୁମ୍ଭେ ଆପଣାକୁ ସିଦ୍ଧ ଦେଖାଇବ।
27 २७ हे परमेश्वरा, जे लोक चांगले आणि शुध्द आचरणाचे आहेत त्यांच्याशी तूही तसाच वागतोस. पण दुष्ट आणि कुटिलांशी तू ही कुटिलतेने वागतोस.
ଶୁଚି ଲୋକ ପ୍ରତି ତୁମ୍ଭେ ଆପଣାକୁ ଶୁଚି ଦେଖାଇବ ଓ କୁଟିଳ ଲୋକ ପ୍ରତି ତୁମ୍ଭେ ଆପଣାକୁ ଚତୁର ଦେଖାଇବ।
28 २८ परमेश्वरा, दीनांना तू मदत करतोस, गर्विष्ठांना धडा शिकवतोस.
ତୁମ୍ଭେ ଦୁଃଖୀ ଲୋକମାନଙ୍କୁ ଉଦ୍ଧାର କର; ମାତ୍ର ଉଦ୍ଧତ ଲୋକମାନଙ୍କୁ ନତ କରିବାକୁ ସେମାନଙ୍କ ଉପରେ ତୁମ୍ଭର ଦୃଷ୍ଟି ଥାଏ।
29 २९ परमेश्वरा, तू माझा दीप आहेस. माझ्या भोवतीचा अंधकार तू उजळवून टाकतोस.
ହେ ସଦାପ୍ରଭୋ, ତୁମ୍ଭେ ମୋହର ପ୍ରଦୀପ; ପୁଣି ସଦାପ୍ରଭୁ ମୋହର ଅନ୍ଧକାର ଆଲୋକମୟ କରିବେ।
30 ३० परमेश्वरा, तुझ्या मदतीनेच मी सैन्यावर चाल करू शकतो. देवाच्या मदतीनेच मी शत्रूंची भिंतसुध्दा पार करू शकतो.
କାରଣ ମୁଁ ତୁମ୍ଭ ଦ୍ୱାରା ସୈନ୍ୟ ଉପରେ ଦୌଡ଼େ; ମୁଁ ଆପଣା ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ଦ୍ୱାରା ପାଚେରୀ ଡିଏଁ।
31 ३१ देवाची सत्ता सर्वकष आहे. परमेश्वराचे वचन कसोटीला उतरलेले आहे. त्याच्यावर भरवसा टाकणाऱ्या, सर्वांची तो ढाल आहे.
ସେ ପରମେଶ୍ୱର, ତାହାଙ୍କ ପଥ ଯଥାର୍ଥ; ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ବାକ୍ୟ ପରୀକ୍ଷାସିଦ୍ଧ; ସେ ଆପଣା ଆଶ୍ରିତ ସମସ୍ତଙ୍କର ଢାଲ।
32 ३२ या परमेश्वरा खेरीज दुसरा देव कोणता? याच्याखेरीज भक्कम दुर्ग कोण?
ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ବିନା ଆଉ କିଏ ପରମେଶ୍ୱର? ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ଛଡ଼ା ଆଉ କିଏ ଶୈଳ?
33 ३३ देव माझा मजबूत दुर्ग आहे. सात्विक लोकांस तो आपल्या मार्गाने नेतो.
ପରମେଶ୍ୱର ମୋହର ଦୃଢ଼ ଆଶ୍ରୟ; ସେ ସିଦ୍ଧ ଲୋକଙ୍କୁ ଆପଣା ପଥରେ କଢ଼ାଇ ନିଅନ୍ତି।
34 ३४ देव मला हरणासारखे वेगाने पळण्यास मदत करतो. तो मला आत्मविश्वास देतो. उच्च स्थानावर तो मला अढळ ठेवतो.
ସେ ମୋʼ ର ପାଦକୁ ହରିଣୀର ପାଦ ତୁଲ୍ୟ କରନ୍ତି ଓ ସେ ମୋତେ ମୋʼ ର ଉଚ୍ଚସ୍ଥଳୀରେ ବସାନ୍ତି।
35 ३५ युध्दकलेत तो मला तरबेज बनवतो. त्यामुळे माझे बाहू भक्कम धनुष्याने शिरसंधान करू शकतात.
ସେ ମୋʼ ହସ୍ତକୁ ଯୁଦ୍ଧ କରିବା ପାଇଁ ଶିଖାନ୍ତି; ତହିଁରେ ମୋହର ବାହୁ ପିତ୍ତଳ ଧନୁ ବଙ୍କା କରେ।
36 ३६ देवा, तूच मला वाचवलेस आणि जिंकायला मदत केलीस. शत्रूचा पाडाव करण्यात मला हात दिलास.
ତୁମ୍ଭେ ମଧ୍ୟ ମୋତେ ନିଜ ପରିତ୍ରାଣରୂପ ଢାଲ ଦେଇଅଛ; ତୁମ୍ଭର ନମ୍ରତା (ଦୟା) ମୋତେ ବୃଦ୍ଧିପ୍ରାପ୍ତ କରିଅଛି।
37 ३७ माझ्या पायांत बळ दे, म्हणजे मी न अडखळता ताठ चालू शकेन.
ତୁମ୍ଭେ ମୋʼ ତଳେ ମୋର ପାଦ ରଖିବା ସ୍ଥାନ ପ୍ରଶସ୍ତ କରିଅଛ ଓ ମୋହର ଗୋଇଠି ଖସି ଯାଇ ନାହିଁ।
38 ३८ शत्रूंचा नि: पात होईपर्यंत मला त्यांचा पाठलाग करायचा आहे. त्यांचा उच्छेद होई पर्यंत मी परतणार नाही.
ମୁଁ ଆପଣା ଶତ୍ରୁମାନଙ୍କ ପଛେ ପଛେ ଗୋଡ଼ାଇ ସେମାନଙ୍କୁ ବିନାଶ କରିଅଛି ଓ ସେମାନେ ସଂହାରିତ ହେବା ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ମୁଁ ଫେରିଲି ନାହିଁ।
39 ३९ त्यांचा मी नाश केला. त्यांचा पराभव केला. आता ते शत्रू डोके वर काढू शकणार नाहीत. होय, ते माझ्या पायदळी तुडवले गेले.
ମୁଁ ସେମାନଙ୍କୁ ଏପରି ସଂହାର ଓ ଚୂର୍ଣ୍ଣ କରିଅଛି ଯେ, ସେମାନେ ଆଉ ଉଠି ନ ପାରନ୍ତି; ହଁ, ସେମାନେ ମୋର ପାଦ ତଳେ ପତିତ ହୋଇଅଛନ୍ତି।
40 ४० देवा, युध्दात तू मला वरचढ केलेस. शत्रूचा पाडाव केलास.
ତୁମ୍ଭେ ଯୁଦ୍ଧ ନିମନ୍ତେ ବଳରୂପ ବନ୍ଧନୀରେ କଟି ପରି ବଳ ଦେଇଅଛ; ମୋʼ ବିରୁଦ୍ଧରେ ଉତ୍ଥିତ ଲୋକମାନଙ୍କୁ ମୋହର ବଶୀଭୂତ କରିଅଛ।
41 ४१ त्यांना मला पाठ दाखवायला लावलेस, म्हणून मी त्यांच्यावर वार करू शकलो.
ତୁମ୍ଭେ ମଧ୍ୟ ମୋହର ଶତ୍ରୁମାନଙ୍କ ପିଠି ମୋʼ ଆଡ଼େ ଫେରାଇଲ, ତହିଁରେ ମୁଁ ଆପଣା ଘୃଣାକାରୀମାନଙ୍କୁ ଉଚ୍ଛିନ୍ନ କଲି।
42 ४२ शत्रू मदतीसाठी याचना करू लागले. पण कोणीही त्यांच्या मदतीला आले नाही. त्यांनी परमेश्वराचा धावाही केला त्यानेही त्यांच्याकडे पाठ फिरवली.
ସେମାନେ କ୍ରନ୍ଦନ କଲେ, ମାତ୍ର ଉଦ୍ଧାରକର୍ତ୍ତା କେହି ନ ଥିଲା; ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ପ୍ରତି ମଧ୍ୟ (ଅନାଇଲେ), ମାତ୍ର ସେ ସେମାନଙ୍କୁ ଉତ୍ତର ଦେଲେ ନାହିଁ।
43 ४३ माझ्या शत्रूची मी खांडोळी केली. जमिनीवरच्या धुळीसारखा त्यांचा मी भुगा केला. चिखल तुडवावा तसे मी त्यांना तुडवले.
ତହୁଁ ମୁଁ ପୃଥିବୀର ଧୂଳି ପରି ସେମାନଙ୍କୁ ଚୂର୍ଣ୍ଣ କଲି, ମୁଁ ସଡ଼କର କାଦୁଅ ପରି ସେମାନଙ୍କୁ ଦଳିଲି ଓ ସେମାନଙ୍କୁ ଛିନ୍ନଭିନ୍ନ କଲି।
44 ४४ माझ्यावर जे चाल करून आले त्यांच्यापासून तू मला संरक्षण दिलेस. त्यांच्यावर राज्यकर्ता म्हणून मला नेमलेस. ज्यांना मी कधी बघितले नव्हते ती राष्ट्रे माझे दास झाली.
ତୁମ୍ଭେ ମଧ୍ୟ ମୋʼ ଲୋକମାନଙ୍କ ବିବାଦରୁ ମୋତେ ରକ୍ଷା କରିଅଛ; ତୁମ୍ଭେ ମୋତେ ଅନ୍ୟ ଦେଶୀୟମାନଙ୍କ ମସ୍ତକ ହେବା ପାଇଁ ରଖିଅଛ; ମୋହର ଅପରିଚିତ ଲୋକମାନେ ମୋହର ସେବା କରିବେ।
45 ४५ आता दूर देशचे लोक माझे ऐकतात जेव्हा ते माझी आज्ञा ऐकतात, तात्काळ माझा शब्द मानतात. माझा त्यांना धाक वाटतो.
ବିଦେଶୀୟମାନେ ଆପଣାମାନଙ୍କୁ ମୋହର ବଶୀଭୂତ କଲେ; ସେମାନେ ମୋʼ ବିଷୟ ଶୁଣିବାମାତ୍ରେ ମୋହର ଆଜ୍ଞାବହ ହେଲେ।
46 ४६ भीतीने ते गर्भगळीत होतात. हे परदेशी लोक जिथे लपून बसले होते, ती जागा सोडून भीतीने थरथर कापत बाहेर येतात.
ବିଦେଶୀୟମାନେ ଆପଣାମାନଙ୍କ ଗୁପ୍ତ ସ୍ଥାନରୁ ଥରହର ହୋଇ ବାହାରି ଆସିଲେ।
47 ४७ परमेश्वर जिवंत आहे. माझ्या दुर्गाची मी स्तुती करतो देव महान आहे. तो माझा रक्षणकर्ता दुर्ग आहे.
ସଦାପ୍ରଭୁ ନିତ୍ୟଜୀବୀ; ମୋହର ଶୈଳ ଧନ୍ୟ ହେଉନ୍ତୁ ଓ ମୋʼ ପରିତ୍ରାଣର ଶୈଳ ସ୍ୱରୂପ ପରମେଶ୍ୱର ଉନ୍ନତ ହେଉନ୍ତୁ।
48 ४८ या देवानेच माझ्या शत्रूंना धडा शिकवला. लोकांस माझ्या शासनामध्ये ठेवले.
ସେହି ପରମେଶ୍ୱର ମୋʼ ପକ୍ଷରେ ପରିଶୋଧ ନିଅନ୍ତି ଓ ଗୋଷ୍ଠୀୟମାନଙ୍କୁ ମୋʼ ତଳେ ନତ କରନ୍ତି।
49 ४९ देवा, तू माझे वैऱ्यांपासून रक्षण केलेस. मला विरोध करणाऱ्यांचा पाडाव करण्याचे सामर्थ्य मला दिलेस. दुष्टांपासून मला वाचवलेस.
ପୁଣି ସେ ମୋʼ ଶତ୍ରୁଗଣଠାରୁ ମୋତେ ବାହାର କରି ଆଣନ୍ତି; ହଁ, ତୁମ୍ଭେ ମୋʼ ବିରୁଦ୍ଧରେ ଉତ୍ଥିତ ଲୋକମାନଙ୍କ ଉପରେ ମୋତେ ଉଚ୍ଚୀକୃତ କରୁଅଛ; ତୁମ୍ଭେ ଉପଦ୍ରବୀ ଲୋକଠାରୁ ମୋତେ ରକ୍ଷା କରୁଅଛ।
50 ५० हे परमेश्वरा, म्हणून मी राष्ट्राराष्ट्रांमध्ये आभारपूर्वक तुझी स्तुतिस्तोत्रे गाईन. तुझे नामसंकीर्तन करीन.
ଏହେତୁ ହେ ସଦାପ୍ରଭୋ, ମୁଁ ଗୋଷ୍ଠୀୟମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ତୁମ୍ଭର ଧନ୍ୟବାଦ କରିବି ଓ ତୁମ୍ଭ ନାମର ପ୍ରଶଂସା ଗାନ କରିବି।
51 ५१ परमेश्वर राजाला युध्दात विजयी करतो. आपल्या अभिषिक्त राजाबद्दल परमेश्वर खरे प्रेम दाखवतो. दावीद आणि त्याचे वंशज यांचे तो निरंतर कल्याण करील.”
ସେ ଆପଣା ରାଜାକୁ ମହାପରିତ୍ରାଣ ପ୍ରଦାନ କରନ୍ତି; ସେ ଆପଣା ଅଭିଷିକ୍ତ ପ୍ରତି, ଦାଉଦ ଓ ତାହାର ବଂଶ ପ୍ରତି ଅନନ୍ତକାଳ ଦୟା ପ୍ରକାଶ କରନ୍ତି।”