< 2 राजे 19 >

1 हे ऐकून राजा हिज्कीयाने त्याच्या अंगावरची वस्त्रे फाडली आणि गोणताट घालून तो परमेश्वराच्या मंदिरात गेला.
ଏଥିରେ ହିଜକୀୟ ରାଜା ତାହା ଶୁଣନ୍ତେ, ଆପଣା ବସ୍ତ୍ର ଚିରି ଓ ଅଖା ଘୋଡ଼ାଇ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଗୃହକୁ ଗଲେ।
2 त्याने आपला घरकारभारी एल्याकीम व चिटणीस शेबना आणि वडिलधारे याजक यांना गोणताट पांघरलेले असे आमोजचा मुलगा यशया या संदेष्ट्यांकडे पाठवले.
ପୁଣି ରାଜଗୃହାଧ୍ୟକ୍ଷ ଇଲିୟାକୀମ୍‍କୁ ଓ ଶିବ୍‍ନ ଲେଖକଙ୍କୁ ଓ ଯାଜକମାନଙ୍କ ପ୍ରାଚୀନବର୍ଗଙ୍କୁ ଅଖା ଘୋଡ଼ାଇ ଆମୋସର ପୁତ୍ର ଯିଶାଇୟ ଭବିଷ୍ୟଦ୍‍ବକ୍ତାଙ୍କ ନିକଟକୁ ପଠାଇଲେ।
3 ते यशयाला म्हणाले, “हिज्कीया म्हणतो, ‘हा संकटाचा मानहानीचा व धिक्काराचा दिवस आहे. मूल जन्माला येत आहे पण प्रसूतीची शक्ती नसावी तसे झाले आहे.
ତହିଁରେ ସେମାନେ ଯିଶାଇୟଙ୍କୁ କହିଲେ, “ହିଜକୀୟ କହନ୍ତି, ଆଜି ଦିନ ଆପଦ ଓ ଅନୁଯୋଗ ଓ ଅପମାନର ଦିନ; କାରଣ ବାଳକଗଣ ପ୍ରସବ-ଦ୍ୱାରରେ ଉପସ୍ଥିତ, ମାତ୍ର ପ୍ରସବ କରିବାକୁ ଶକ୍ତି ନାହିଁ।
4 परमेश्वर तुझा देव कदाचित रब-शाकेचे सगळे शब्द ऐकेल, त्याचा स्वामी अश्शूराचा राजा याने त्यास जिवंत देवाची निंदा करायला पाठवले आहे. आणि जी वचने परमेश्वर तुझा देव याने ऐकली आहेत, त्यांचा कदाचित तो निषेध करील. म्हणून जे शेष राहिले आहेत त्याच्यासाठी प्रार्थना करा.”
ହୋଇପାରେ, ଜୀବିତ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କୁ ତିରସ୍କାର କରିବା ପାଇଁ ଆପଣା ପ୍ରଭୁ ଅଶୂରୀୟ ରାଜା ଦ୍ୱାରା ପ୍ରେରିତ ରବ୍‍ଶାକିର ସମସ୍ତ କଥା ସଦାପ୍ରଭୁ ତୁମ୍ଭ ପରମେଶ୍ୱର ଶୁଣିବେ, ପୁଣି ସଦାପ୍ରଭୁ ତୁମ୍ଭ ପରମେଶ୍ୱର ଯେଉଁ କଥା ଶୁଣିଅଛନ୍ତି, ତହିଁ ଲାଗି ଅନୁଯୋଗ କରିବେ; ଏହେତୁ ଯେଉଁ ଅବଶିଷ୍ଟାଂଶ ଅଛନ୍ତି, ସେମାନଙ୍କ ନିମନ୍ତେ ତୁମ୍ଭେ ପ୍ରାର୍ଥନା କର।”
5 तेव्हा हिज्कीया राजाचे सेवक यशयाकडे गेले.
ଏହିରୂପେ ହିଜକୀୟ ରାଜାଙ୍କର ଦାସମାନେ ଯିଶାଇୟଙ୍କ ନିକଟରେ ଉପସ୍ଥିତ ହେଲେ।
6 आणि यशया त्यांना म्हणाला, “तुझ्या स्वामीला हा निरोप द्या; की परमेश्वर असे म्हणतो ‘माझ्यासाठी जे अपमानकारक उद्गार अश्शूरच्या राजाच्या सेनापतींनी काढले त्याने घाबरुन जाऊ नका.’
ତହିଁରେ ଯିଶାଇୟ ସେମାନଙ୍କୁ କହିଲେ, “ତୁମ୍ଭେମାନେ ଆପଣା ପ୍ରଭୁଙ୍କୁ କହିବ; ସଦାପ୍ରଭୁ ଏହା କହନ୍ତି, ‘ଅଶୂରୀୟ ରାଜାର ଦାସମାନେ ଆମ୍ଭକୁ ନିନ୍ଦା କରିବାର ଯେଉଁ କଥା ତୁମ୍ଭେ ଶୁଣିଅଛ, ତହିଁରେ ଭୀତ ହୁଅ ନାହିଁ।
7 पाहा, मी आता त्याच्यात एक आत्मा घालीन आणि तो वर्तमान ऐकून स्वदेशी परत जाईल आणि आपल्या देशातच त्यास तलवारीने मरण येईल असे मी करणार.”
ଦେଖ, ଆମ୍ଭେ ତାହା ମଧ୍ୟରେ ଏକ ଆତ୍ମା ଦେବା, ପୁଣି ସେ କୌଣସି ଜନରବ ଶୁଣି ଆପଣା ଦେଶକୁ ଫେରିଯିବ। ଆଉ ଆମ୍ଭେ ତାହାର ନିଜ ଦେଶରେ ଖଡ୍ଗ ଦ୍ୱାରା ତାହାକୁ ନିପାତ କରିବା।’”
8 नंतर रबशाके परत गेला तेव्हा त्यास अश्शूराचा राजा लिब्नाविरुध्द लढाई करताना आढळला, कारण तो लाखीशाहून निघून गेला असल्याचे त्याने ऐकले.
ଏଥିଉତ୍ତାରେ ଅଶୂରୀୟ ରାଜା ଲାଖୀଶ୍‍ଠାରୁ ପ୍ରସ୍ଥାନ କରିଅଛି ବୋଲି ରବ୍‍ଶାକି ଶୁଣି ଫେରିଗଲା ଓ ତାହାକୁ ଲିବ୍‍ନା ବିରୁଦ୍ଧରେ ଯୁଦ୍ଧ କରୁଥିବାର ଦେଖିଲା।
9 मग कूशाचा राजा तिऱ्हाका आपल्याशी लढायला येत आहे असे सन्हेरीब याने ऐकले. तेव्हा त्याने राजा हिज्कीयाकडे पुन्हा दूताकरवी निरोप पाठवून म्हटले,
ପୁଣି ଅଶୂରୀୟ ରାଜା କୂଶଦେଶୀୟ ତିର୍ହକ ରାଜା ବିଷୟରେ ଏହି କଥା ଶୁଣିଲା, “ଦେଖ, ସେ ତୁମ୍ଭ ବିରୁଦ୍ଧରେ ଯୁଦ୍ଧ କରିବାକୁ ଆସିଅଛି।” ତହୁଁ ସେ ହିଜକୀୟଙ୍କ ନିକଟକୁ ପୁନର୍ବାର ଦୂତମାନଙ୍କୁ ପଠାଇ କହିଲା,
10 १० यहूदाचा राजा हिज्कीयाला तुम्ही सांगा, “तुम्ही ज्या परमेश्वरावर विसंबून आहात तो, ‘अश्शूरचा राजाच्या हाती यरूशलेम दिले जाणार नाही, असे बोलून तुला न फसवो.’
“ତୁମ୍ଭେମାନେ ଯିହୁଦାର ରାଜା ହିଜକୀୟଙ୍କୁ ଏହି କଥା କହିବ, ‘ଯିରୂଶାଲମ ଅଶୂରୀୟ ରାଜାର ହସ୍ତଗତ ହେବ ନାହିଁ, ଏହି କଥା କହି ତୁମ୍ଭର ବିଶ୍ୱାସଭୂମି ପରମେଶ୍ୱର ତୁମ୍ଭକୁ ନ ଭୁଲାଉନ୍ତୁ।
11 ११ अश्शूरच्या राजाने इतर देशांचे काय केले ते तुम्ही ऐकलेच आहे. आम्ही ते पूर्ण धुळीला मिळवले. तेव्हा तुम्हीच तेवढे वाचणार का? नाही.
ଦେଖ, ଅଶୂରୀୟ ରାଜାମାନେ ସମ୍ପୂର୍ଣ୍ଣ ରୂପେ ବିନାଶ କରିବା ଦ୍ୱାରା ସମୁଦାୟ ଦେଶ ପ୍ରତି ଯାହା କରିଅଛନ୍ତି, ତାହା ତୁମ୍ଭେ ଶୁଣିଅଛ; ତେବେ ତୁମ୍ଭେ କʼଣ ଉଦ୍ଧାର ପାଇବ?
12 १२ त्या राष्ट्राच्या देवतांनी त्यांचे रक्षण केले नाही. माझ्या पुर्वजांनी त्यांची धूळधाण केली. गोजान, हारान, रेसफ आणि तलस्सरातील एदेन हे त्यांनी नष्ट केले.
ଆମ୍ଭ ପିତୃଲୋକମାନେ ଯେଉଁ ଗୋଶନ ଓ ହାରଣ ଓ ରେତ୍ସଫ ଦେଶୀୟମାନଙ୍କୁ ଓ ତଲଃସର ନିବାସୀ ଏଦନ ସନ୍ତାନମାନଙ୍କୁ ବିନାଶ କଲେ, ସେମାନଙ୍କର ଦେବତାମାନେ କʼଣ ସେମାନଙ୍କୁ ଉଦ୍ଧାର କଲେ?
13 १३ हमाथ, अर्पद, सफरवाईम, हेना आणि इव्वा यांचे राजे कुठे आहेत? त्यांचा पार धुरळा उडाला आहे.”
ହମାତର ରାଜା ଓ ଅର୍ପଦର ରାଜା ଓ ସଫର୍ବୟିମ ନଗରର, ହେନାର ଓ ଅବ୍ବାର ରାଜା କାହାନ୍ତି?’”
14 १४ हिज्कीयाने जासूदांच्या हातून पत्र घेऊन ते वाचले. मग परमेश्वराच्या मंदिरात जाऊन परमेश्वरापुढे ते उघडून ठेवले.
ତହିଁରେ ହିଜକୀୟ ଦୂତମାନଙ୍କଠାରୁ ପତ୍ର ଗ୍ରହଣ କରି ତାହା ପାଠ କଲେ। ଆଉ ହିଜକୀୟ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଗୃହକୁ ଯାଇ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ସମ୍ମୁଖରେ ତାହା ଖୋଲିଲେ।
15 १५ परमेश्वराची प्रार्थना करून हिज्कीया म्हणाला. “परमेश्वर देवा, करुबांच्यावर राजासनी बसणारा तूच इस्राएलचा देव आहेस. पृथ्वीच्या पाठीवरील सर्व राज्यांचा तू आणि एकमेव तूच नियंता आहेस. आकाश आणि पृथ्वीचा तू निर्माता आहेस,
ଆଉ ହିଜକୀୟ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ସମ୍ମୁଖରେ ପ୍ରାର୍ଥନା କରି କହିଲେ, “ହେ କିରୂବଗଣ ଉପରେ ଉପବିଷ୍ଟ ସଦାପ୍ରଭୋ, ଇସ୍ରାଏଲର ପରମେଶ୍ୱର, ତୁମ୍ଭେ, କେବଳ ତୁମ୍ଭେ ପୃଥିବୀସ୍ଥ ସମୁଦାୟ ରାଜ୍ୟର ପରମେଶ୍ୱର ଅଟ; ତୁମ୍ଭେ ସ୍ୱର୍ଗ ଓ ପୃଥିବୀ ନିର୍ମାଣ କରିଅଛ।
16 १६ परमेश्वरा, माझे म्हणणे ऐक आपले डोळे उघड आणि हे पत्र पाहा. सन्हेरीबची जिवंत परमेश्वराचा अवमान करणारी वचने पाहा.
ହେ ସଦାପ୍ରଭୋ, ଆପଣା କର୍ଣ୍ଣ ଡେର ଓ ଶୁଣ; ହେ ସଦାପ୍ରଭୋ, ଆପଣା ଚକ୍ଷୁ ଫିଟାଅ ଓ ଦେଖ, ଜୀବିତ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କୁ ଧିକ୍କାର କରିବା ପାଇଁ ସନ୍‍‌‌ହେରୀବ ଯାହା କହି ପଠାଇଅଛି, ତାହାର ସେହି କଥା ଶୁଣ।
17 १७ खरोखरच परमेश्वराचा अवमान करणारी वचने पाहा. खरोखरच परमेश्वरा असे घडले आहे. अश्शूरच्या राजाने ही सर्व राष्ट्रे नामशेष केली आहेत.
ହେ ସଦାପ୍ରଭୋ, ଅଶୂରୀୟ ରାଜାମାନେ ନାନା ଗୋଷ୍ଠୀ ଓ ସେମାନଙ୍କ ଦେଶ ଉଚ୍ଛିନ୍ନ କରିଅଛନ୍ତି,
18 १८ तिथले दैवत त्याने आगीच्या भक्ष्यस्थानी टाकले. पण ते काही खरे देव नव्हते. मनुष्याने केलेल्या लाकडाच्या आणि दगडाच्या मूर्ती होत्या. म्हणून तर अश्शूरच्या राजाला त्या नष्ट करता आल्या.
ଓ ସେମାନଙ୍କ ଦେବତାଗଣକୁ ଅଗ୍ନିରେ ନିକ୍ଷେପ କରିଅଛନ୍ତି, ଏହା ସତ୍ୟ; କାରଣ ସେମାନେ ପରମେଶ୍ୱର ନ ଥିଲେ, ମନୁଷ୍ୟର ହସ୍ତକୃତ କର୍ମ, କାଷ୍ଠ ଓ ପ୍ରସ୍ତର ମାତ୍ର; ଏହେତୁ ସେହି ରାଜାମାନେ ସେମାନଙ୍କୁ ବିନାଶ କଲେ।
19 १९ तेव्हा परमेश्वर देवा आता आम्हास या राजापासून वाचव. म्हणजे तूच खरा परमेश्वर आहेस हे जगातील सर्व राजांना कळेल.”
ଏଣୁ ଏବେ, ହେ ସଦାପ୍ରଭୁ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ପରମେଶ୍ୱର, ମୁଁ ବିନୟ କରୁଅଛି, ତାହାର ହସ୍ତରୁ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ଉଦ୍ଧାର କର, ତହିଁରେ ତୁମ୍ଭେ, କେବଳ ତୁମ୍ଭେ ଯେ ସଦାପ୍ରଭୁ ପରମେଶ୍ୱର ଅଟ, ଏହା ପୃଥିବୀସ୍ଥ ସମୁଦାୟ ରାଜ୍ୟ ଜାଣିବେ।”
20 २० आमोजचा मुलगा यशया याने हिज्कीयाला निरोप पाठवला की, “इस्राएलचा परमेश्वर देव असे म्हणतो, ‘अश्शूरचा राजा सन्हेरीब याच्या विषयी तू केलेले गाऱ्हाणे मी ऐकले आहे.”
ଏଥିଉତ୍ତାରେ ଆମୋସର ପୁତ୍ର ଯିଶାଇୟ ହିଜକୀୟଙ୍କ ନିକଟକୁ କହି ପଠାଇଲେ, “ସଦାପ୍ରଭୁ ଇସ୍ରାଏଲର ପରମେଶ୍ୱର ଏହି କଥା କହନ୍ତି, ତୁମ୍ଭେ ଅଶୂରର ରାଜା ସନ୍‍‌‌ହେରୀବ ବିରୁଦ୍ଧରେ ଆମ୍ଭ ନିକଟରେ ଯେଉଁ ପ୍ରାର୍ଥନା କରିଅଛ, ତାହା ଆମ୍ଭେ ଶୁଣିଲୁ।
21 २१ “सन्हेरीबबद्दल परमेश्वराचा असा निरोप आहे. सीयोनच्या (म्हणजेच यरूशलेमच्या) कुमारी कन्येने तुला तुच्छ लेखून तुझा अपमान केला आहे. यरूशलेम कन्या तुझी पाठ वळली की तुझा उपहास करते.”
ସଦାପ୍ରଭୁ ତାହା ବିଷୟରେ ଏହି କଥା କହିଅଛନ୍ତି: ସିୟୋନର ଅନୂଢ଼ା କନ୍ୟା ତୁମ୍ଭକୁ ତୁଚ୍ଛ କରିଅଛି ଓ ତୁମ୍ଭକୁ ପରିହାସ କରିଅଛି, ଯିରୂଶାଲମର କନ୍ୟା ତୁମ୍ଭଆଡ଼େ ମୁଣ୍ଡ ହଲାଇଅଛି।
22 २२ पण तू कोणाचा अपमान केलास? कोणाला दुर्भाषण केलेस? तू हे कोणाविरुध्द बोललास? इस्राएलच्या पवित्र परमेश्वराविरुध्द तू गेलास. त्याच्यापेक्षा वरचढ असल्याच्या आवेशात तू असा वागलास.
ତୁମ୍ଭେ କାହାକୁ ତିରସ୍କାର ଓ ନିନ୍ଦା କରିଅଛ? ଓ ତୁମ୍ଭେ କାହା ବିରୁଦ୍ଧରେ ଆପଣା ରବ ଉଚ୍ଚ କରିଅଛ ଓ ଆପଣା ଚକ୍ଷୁ ଊର୍ଦ୍ଧ୍ୱକୁ ଉଠାଇଅଛ? ଇସ୍ରାଏଲର ଧର୍ମସ୍ୱରୂପଙ୍କ ବିରୁଦ୍ଧରେ!
23 २३ परमेश्वराचा अवमान करायला तू दूत पाठवलेस. तू म्हणालास, “माझे बहुसंख्य रथ घेऊन मी या उंच पर्वतावर, लबानोनाच्या अंतर्भागात आलो आहे. त्यांचे उंच गंधसरु आणि उत्तम देवदारु मी तोडीन. लबानोन मध्ये सर्वात उंचावर असलेल्या घनदाट अरण्यात मी पोचलो आहे.
ତୁମ୍ଭେ ଆପଣା ଦୂତମାନଙ୍କ ଦ୍ୱାରା ପ୍ରଭୁଙ୍କୁ ତିରସ୍କାର କରିଅଛ ଓ କହିଅଛ, ଆମ୍ଭେ ଆପଣା ବହୁସଂଖ୍ୟକ ରଥରେ ପର୍ବତଗଣର ଊର୍ଦ୍ଧ୍ୱକୁ, ଲିବାନୋନର ଅଭ୍ୟନ୍ତରକୁ ଆସିଅଛୁ; ଆଉ ଆମ୍ଭେ ତହିଁର ଉଚ୍ଚ ଏରସ ବୃକ୍ଷ, ଓ ତହିଁର ଉତ୍କୃଷ୍ଟ ଦେବଦାରୁ ବୃକ୍ଷସବୁ କାଟି ପକାଇବା; ପୁଣି ଆମ୍ଭେ ତାହାର ଦୂରବର୍ତ୍ତୀ ବାସ ସ୍ଥାନରେ, ଓ ତାହାର ଫଳପୂର୍ଣ୍ଣ କ୍ଷେତ୍ରରୂପ ଅରଣ୍ୟରେ ପ୍ରବେଶ କରିବା।
24 २४ मी विहिरी खणल्या आणि नव्या नव्या ठिकाणांचे पाणी प्यालो. मिसरमधील नद्या सुकवून तो प्रदेश मी पादाक्रांत केला.”
ଆମ୍ଭେ ଖୋଳି ଅଜ୍ଞାତ ଜଳ ପାନ କରିଅଛୁ, ଆଉ ଆମ୍ଭେ ଆପଣା ପଦତଳରେ ମିସରର ସବୁ ନଦୀ ଶୁଷ୍କ କରିବା।
25 २५ तू असे म्हणालास खरा, पण परमेश्वर काय म्हणाला ते तू ऐकले नाहीस काय? “पूर्वी, फार पूर्वीच मी हे सर्व योजले होते आणि आता त्याप्रमाणेच घडत आहे. मजबूत नगर उद्ध्वस्त होऊन तिथे नुसती दगडांची रास उरली आहे, हे तुझ्याहातून घडले ते माझ्यामुळेच.
ଏହା କʼଣ ତୁମ୍ଭେ ଶୁଣି ନାହଁ, କିପରି ଆମ୍ଭେ ଦୀର୍ଘକାଳରୁ ଏହା ନିରୂପଣ କରିଅଛୁ, ଓ ପୂର୍ବକାଳରୁ ଏହା ସ୍ଥିର କରିଅଛୁ? ଏହା ଏବେ ଆମ୍ଭେ ସଫଳ କରିଅଛୁ। ତୁମ୍ଭେ ଯେ ପ୍ରାଚୀର-ବେଷ୍ଟିତ ନଗରମାନ ବିନାଶ କରି, ସେସବୁକୁ ଢିପି କରିବ।
26 २६ तेथील लोक समर्थ नव्हते. ते घाबरलेले आणि गोंधळलेले होते. शेतातले गवत आणि पीक सरसकट कापले जावे तसे ते होते. घराच्या धाब्यावरच गवत पूर्ण वाढण्याआधीच करपून जावे तशी त्यांची स्थिती होती.
ଏହେତୁ ତନ୍ନିବାସୀଗଣ ଅଳ୍ପ ଶକ୍ତିବିଶିଷ୍ଟ ହେଲେ, ସେମାନେ ହତାଶ ଓ ଲଜ୍ଜିତ ହେଲେ; ସେମାନେ କ୍ଷେତ୍ରର ଶାକ ଓ ନବୀନ ତୃଣ, ଗୃହ-ଛାତ ଉପରିସ୍ଥ ଘାସ, ଓ ଅପକ୍ୱ ଅବସ୍ଥାରେ ଶୁଷ୍କ ଶସ୍ୟ ତୁଲ୍ୟ ହେଲେ।
27 २७ तू कधी स्वस्थ बसतोस, कधी लढाईवर जातोस आणि कधी घरी परततोस, तसेच माझ्याविरुध्द कधी उठतोस ते मला माहित आहे.
ମାତ୍ର ତୁମ୍ଭର ବସିବାର, ଓ ବାହାରକୁ ଯିବାର ଓ ଭିତରକୁ ଆସିବାର, ଓ ଆମ୍ଭ ବିରୁଦ୍ଧରେ ତୁମ୍ଭର କ୍ରୋଧ କରିବାର ମଧ୍ୟ ଆମ୍ଭେ ଜାଣୁ।
28 २८ माझ्याविरुध्द तू उठलास, तुझे उन्मत्त बोलणे मी ऐकले. तेव्हा, मी आता तुझ्या नाकात वेसण घालतो आणि तोंडात लगाम अडकवतो. मग तुला माघारे वळवून ज्या रस्त्याने आलास त्याच वाटेने तुला परत फिरवतो.”
ତୁମ୍ଭେ ଆମ୍ଭ ବିରୁଦ୍ଧରେ କ୍ରୋଧ କରିଅଛ, ଓ ତୁମ୍ଭର ଦର୍ପ କଥା ଆମ୍ଭ କର୍ଣ୍ଣରେ ଉପସ୍ଥିତ ହୋଇଅଛି, ଏହେତୁ ଆମ୍ଭେ ତୁମ୍ଭ ନାସିକାରେ ଆପଣା ଅଙ୍କୁଶ, ଓ ତୁମ୍ଭ ଓଷ୍ଠାଧରରେ ଆପଣା ଲଗାମ ଦେବା, ପୁଣି ତୁମ୍ଭେ ଯେଉଁ ବାଟରେ ଆସିଲ, ସେହି ବାଟରେ ଆମ୍ଭେ ତୁମ୍ଭକୁ ଫେରାଇ ଦେବା।
29 २९ “मी तुझ्या साहाय्यासाठी येणार आहे याची खात्री पटावी म्हणून हे चिन्ह देतो. या वर्षी आपोआप धान्य उगवेल ते तुम्ही खाल. दुसऱ्या वर्षी त्याच्या बियाणातून उगवेल ते खाल. पण तिसऱ्या वर्षी मात्र तुम्ही स्वत: पेरणी कराल त्यातून धान्य काढा. द्राक्षाची लागवड करा आणि द्राक्षे खा.”
ଏଣୁ (ହେ ହିଜକୀୟ, ) ତୁମ୍ଭ ପ୍ରତି ଏହି ଚିହ୍ନ ହେବ: ତୁମ୍ଭେମାନେ ଏହି ବର୍ଷ ସ୍ୱୟଂ ଉତ୍ପନ୍ନ ଶସ୍ୟ, ଓ ଦ୍ୱିତୀୟ ବର୍ଷ ତହିଁରୁ ଅଙ୍କୁରିତ ଶସ୍ୟ ଭୋଜନ କରିବ। ପୁଣି ତୃତୀୟ ବର୍ଷ ତୁମ୍ଭେମାନେ ବୁଣ ଓ କାଟ, ଓ ଦ୍ରାକ୍ଷାକ୍ଷେତ୍ର କରି ତହିଁର ଫଳ ଭୋଜନ କର।
30 ३० यहूदाच्या घराण्यातील उरल्यासुरल्या लोकांचा वंश वाढेल.
ପୁଣି ଯିହୁଦା ବଂଶର ରକ୍ଷାପ୍ରାପ୍ତ ଅବଶିଷ୍ଟ ଲୋକମାନେ ପୁନର୍ବାର ତଳକୁ ଚେର ମାଡ଼ିବେ ଓ ଉପରେ ଫଳ ଫଳିବେ।
31 ३१ कारण काहीजण बचावतील. ते यरूशलेमेतून बाहेर पडतील. सीयोन डोंगरातून काहीजण येतील. परमेश्वराच्या तीव्र आवेशामुळे असे घडेल.
କାରଣ ଯିରୂଶାଲମରୁ ଏକ ଅବଶିଷ୍ଟାଂଶ ଲୋକ, ଓ ସିୟୋନ ପର୍ବତରୁ ରକ୍ଷାପ୍ରାପ୍ତ ଲୋକମାନେ ବାହାରିବେ। ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଉଦ୍‍ଯୋଗ ଏହା ସିଦ୍ଧ କରିବ।
32 ३२ “अश्शूरच्या राजाबद्दल परमेश्वर असे म्हणतो, तो या शहरात पाऊल टाकणार नाही या नगरावर तो बाण सोडणार नाही आपल्या ढाली तो येथे आणणार नाही. या शहरच्या तटबंदीवर हल्ला करण्यासाठी तो कचऱ्याचे ढीग रचणार नाही.
ଏହେତୁ ସଦାପ୍ରଭୁ ଅଶୂରୀୟ ରାଜା ବିଷୟରେ ଏହି କଥା କହନ୍ତି: ସେ ଏହି ନଗରକୁ ଆସିବ ନାହିଁ, ଅବା ସେଠାରେ ତୀର ମାରିବ ନାହିଁ। କିଅବା ତହିଁ ସମ୍ମୁଖକୁ ଢାଲ ଧରି ଆସିବ ନାହିଁ, ଅଥବା ତହିଁ ବିରୁଦ୍ଧରେ ବନ୍ଧ ବାନ୍ଧିବ ନାହିଁ।
33 ३३ तो आल्या वाटेने परत जाईल. या शहरात तो येणार नाही असे परमेश्वर म्हणतो.
ସଦାପ୍ରଭୁ କହନ୍ତି, ସେ ଯେଉଁ ବାଟରେ ଆସିଲା, ସେହି ବାଟରେ ଫେରିଯିବ, ଓ ସେ ଏହି ନଗରକୁ ଆସିବ ନାହିଁ।
34 ३४ या नगराचे रक्षण करून त्यास मी वाचवीन. माझ्यासाठी आणि माझा सेवक दावीद याच्यासाठी मी हे करीन.”
କାରଣ ଆମ୍ଭେ ଆପଣା ସକାଶୁ, ଓ ଆମ୍ଭ ଦାସ ଦାଉଦ ସକାଶୁ, ଏହି ନଗରକୁ ରକ୍ଷା କରିବାକୁ ସପକ୍ଷ ହେବା।”
35 ३५ त्या रात्री परमेश्वराचा दूत बाहेर पडला आणि त्यांने अश्शूरांच्या छावणीतली एक लक्ष पंच्याऐंशी हजार माणसे मारली. सकाळी लोक उठून पाहतात तर सर्वत्र प्रेतांचा खच पडलेला.
ଏଥିଉତ୍ତାରେ ସେହି ରାତ୍ରି ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଦୂତ ବାହାରି ଅଶୂରୀୟମାନଙ୍କ ଛାଉଣିରେ ଏକ ଲକ୍ଷ ପଞ୍ଚାଅଶୀ ହଜାର ଲୋକ ସଂହାର କଲେ; ପୁଣି ଲୋକମାନେ ଅତି ପ୍ରଭାତରେ ଉଠନ୍ତେ, ଦେଖ, ସେସମସ୍ତେ ମୃତ ଶବ ହୋଇଅଛନ୍ତି।
36 ३६ तेव्हा अश्शूरचा राजा सन्हेरीब निनवे येथे, जिथे तो अगोदर होता तिथे निघून गेला.
ତହିଁରେ ଅଶୂରର ରାଜା ସନ୍‍‌‌ହେରୀବ ପ୍ରସ୍ଥାନ କଲା ଓ ଫେରିଯାଇ ନୀନିବୀରେ ବାସ କଲା।
37 ३७ एक दिवस सन्हेरीब आपले दैवत निस्रोख याच्या देवळात पूजा करत होता. तेव्हा त्याचीच मुले अद्रम्मेलेक आणि शरेसर यांनी त्यास तलवारीने मारले. मग ते अरारात देशात निघून गेले. सन्हेरीबच्या जागी त्याचा मुलगा एसरहद्दोन राज्य करु लागला.
ଏଥିଉତ୍ତାରେ ସେ ଆପଣାର ନିଷ୍ରୋକ ନାମକ ଦେବତାର ଗୃହରେ ପୂଜା କରିବା ବେଳେ ତାହାର ଦୁଇ ପୁତ୍ର ଅଦ୍ରମ୍ମେଲକ୍‍ ଓ ଶରେତ୍ସର ତାହାକୁ ଖଡ୍ଗରେ ବଧ କଲେ; ତହୁଁ ସେମାନେ ଆରାରାଟ୍‍ ଦେଶକୁ ପଳାୟନ କଲେ। ପୁଣି ତାହାର ପୁତ୍ର ଏସର୍‍ହଦ୍ଦୋନ୍‍ ତାହାର ପଦରେ ରାଜ୍ୟ କଲା।

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