< 2 इतिहास 25 >

1 अमस्या राजा झाला तेव्हा पंचवीस वर्षांचा होता. नंतर त्याने यरूशलेमामध्ये एकोणतीस वर्षे राज्य केले. याच्या आईचे नाव यहोअदान, ती यरूशलेमची होती.
ଅମତ୍‍ସୀୟ ରାଜ୍ୟ କରିବାକୁ ଆରମ୍ଭ କରିବା ସମୟରେ ପଚିଶ ବର୍ଷ ବୟସ୍କ ହୋଇଥିଲେ; ସେ ଯିରୂଶାଲମରେ ଅଣତିରିଶ ବର୍ଷ ରାଜ୍ୟ କଲେ; ତାଙ୍କର ମାତାଙ୍କ ନାମ ଯିହୋୟଦ୍ଦନ୍‍, ସେ ଯିରୂଶାଲମ ନିବାସିନୀ ଥିଲେ।
2 त्याची वर्तणूक परमेश्वरास पटेल अशी होती पण त्यामध्ये मन: पूर्वकता नव्हती.
ସେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଦୃଷ୍ଟିରେ ଯଥାର୍ଥ କର୍ମ କଲେ, ମାତ୍ର ସିଦ୍ଧ ଅନ୍ତଃକରଣରେ କଲେ ନାହିଁ।
3 अमस्या शक्तीशाली राजा झाला मग त्याने आपल्या वडलांच्या मारेकऱ्यांची हत्या केली.
ତାଙ୍କର ରାଜ୍ୟ ସୁସ୍ଥିର ହୁଅନ୍ତେ, ସେ ତାଙ୍କର ପିତା ରାଜାଙ୍କର ହତ୍ୟାକାରୀ ଆପଣା ଦାସମାନଙ୍କୁ ବଧ କଲେ।
4 पण त्यांच्या पुत्रांना त्याने ठार केले नाही कारण याबाबतीत मोशेच्या नियमशास्त्रातली आज्ञा त्याने पाळली. परमेश्वराची आज्ञा अशी आहे, “मुलांच्या अपराधासाठी मातापितांना आणि मातापित्यांच्या अपराधासाठी पुत्रांना मृत्युदंड देऊ नये. ज्याच्या हातून अपराध झाला त्या व्यक्तीलाच देहदंड व्हावा.”
ତଥାପି ସେ ସେମାନଙ୍କ ସନ୍ତାନଗଣକୁ ବଧ କଲେ ନାହିଁ; “ମାତ୍ର ସନ୍ତାନଗଣ ପାଇଁ ପିତୃଗଣର ପ୍ରାଣଦଣ୍ଡ ହେବ ନାହିଁ, କିଅବା ପିତୃଗଣ ପାଇଁ ସନ୍ତାନଗଣର ପ୍ରାଣଦଣ୍ଡ ହେବ ନାହିଁ,” କିନ୍ତୁ ପ୍ରତ୍ୟେକ ଲୋକ ନିଜ ପାପ ଲାଗି ମୃତ୍ୟୁୁଭୋଗ କରିବ; ମୋଶାଙ୍କର ବ୍ୟବସ୍ଥା-ପୁସ୍ତକରେ ଲିଖିତ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କର ଏହି ଆଜ୍ଞା ପ୍ରମାଣେ କର୍ମ କଲେ।
5 अमस्याने सर्व यहूदा लोकांस एकत्र केले आणि त्यांच्या घराण्यांवर सेनापती आणि सेनानायक यांच्या नेमणुका केल्या. समस्त यहूदा आणि बन्यामीन सैनिकांवर या प्रमुखांचा अंमल होता. युध्दात भाग घेण्यासाठी किमान वीस आणि त्यापुढील वयाचे सैनिक निवडले. भाले आणि ढालींनी सज्ज असे एकंदर तीन लाख सैनिक युध्दाला तयार होते.
ଆହୁରି, ଅମତ୍‍ସୀୟ ଯିହୁଦା-ବଂଶକୁ ଏକତ୍ର କଲେ, ପୁଣି ସମସ୍ତ ଯିହୁଦା ଓ ବିନ୍ୟାମୀନ୍‍ର ପିତୃବଂଶାନୁସାରେ ସହସ୍ରପତି ଓ ଶତପତିମାନଙ୍କ ଅଧୀନରେ ସେମାନଙ୍କୁ ଶ୍ରେଣୀବଦ୍ଧ କଲେ; ପୁଣି, ସେ କୋଡ଼ିଏ ବର୍ଷ ଓ ତତୋଧିକ ବୟସ୍କ ଲୋକମାନଙ୍କୁ ଗଣନା କରନ୍ତେ, ବର୍ଚ୍ଛା ଓ ଢାଲ ଧରି ଯୁଦ୍ଧକୁ ଯିବାକୁ ସମର୍ଥ ତିନି ଲକ୍ଷ ବଛା ଲୋକ ପାଇଲେ।
6 यांच्याखेरीज आणखी एक लाख सैन्याची कुमक अमस्याने इस्राएलकडून मागवली. त्यासाठी त्याने शंभर किक्कार चांदी एवढी किंमत मोजली.
ମଧ୍ୟ ସେ ଏକ ଶହ ତାଳନ୍ତ ରୂପା ବେତନ ଦେଇ ଇସ୍ରାଏଲ ମଧ୍ୟରୁ ଏକ ଲକ୍ଷ ମହାବିକ୍ରମଶାଳୀ ଲୋକଙ୍କୁ ନିଯୁକ୍ତ କଲେ।
7 पण यावेळी देवाचा एक मनुष्य अमस्याकडे येऊन त्यास म्हणाला, “हे राजा, इस्राएलच्या सैन्याला आपल्याबरोबर घेऊ नकोस. एफ्राइमाच्या वंशजांना म्हणजेच इस्राएलच्या लोकांस परमेश्वराची साथ नाही.
ମାତ୍ର ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କର ଏକ ଲୋକ ତାଙ୍କ ନିକଟକୁ ଆସି କହିଲେ, “ହେ ରାଜନ୍‍, ଇସ୍ରାଏଲର ସୈନ୍ୟ ଆପଣଙ୍କ ସଙ୍ଗରେ ନ ଯାଉନ୍ତୁ; କାରଣ ସଦାପ୍ରଭୁ ଇସ୍ରାଏଲ ସଙ୍ଗରେ, ଅର୍ଥାତ୍‍, ଇଫ୍ରୟିମର ସମସ୍ତ ସନ୍ତାନ ସଙ୍ଗରେ ନାହାନ୍ତି।
8 तू भले कितीही तयारी करून लढाईत उतरलास तरी तुझा जय पराजय होणे देवाच्याच हातात आहे.”
ମାତ୍ର ଯେବେ ଆପଣ ଯିବେ, ତେବେ ସାହସରେ କାର୍ଯ୍ୟ କରନ୍ତୁ, ଯୁଦ୍ଧ କରିବାକୁ ବଳବାନ ହେଉନ୍ତୁ; ପରମେଶ୍ୱର ଶତ୍ରୁ ସମ୍ମୁଖରେ ଆପଣଙ୍କୁ ନିପାତ କରିବେ, କାରଣ ସାହାଯ୍ୟ କରିବାକୁ ଓ ନିପାତ କରିବାକୁ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ଶକ୍ତି ଅଛି।”
9 यावर अमस्या त्या देवाच्या मनुष्यास म्हणाला, “पण इस्राएली सैन्याला मी शंभर किक्कार चांदी देऊन बसलो आहे, त्याचे काय?” देवाचा मनुष्य म्हणाला, “परमेश्वराकडे अलोट संपत्ती आहे, तो तुला त्यापेक्षा कितीतरी जास्त देऊ शकेल.”
ତହିଁରେ ଅମତ୍‍ସୀୟ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ଲୋକଙ୍କୁ କହିଲେ, “ଭଲ, ମାତ୍ର ମୁଁ ଇସ୍ରାଏଲ-ସୈନ୍ୟକୁ ଯେଉଁ ଏକ ଶହ ତାଳନ୍ତ ରୂପା ଦେଇଅଛି, ତହିଁ ପାଇଁ ଆମ୍ଭେମାନେ କʼଣ କରିବା?” ଏଥିରେ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ଲୋକ ଉତ୍ତର କଲେ; “ସଦାପ୍ରଭୁ ତୁମ୍ଭକୁ ତହିଁରୁ ଅତି ଅଧିକ ଦେବାକୁ ସମର୍ଥ ଅଟନ୍ତି।”
10 १० तेव्हा अमस्याने इस्राएलच्या सैन्याला एफ्राइमला परत पाठवले, या कृत्यामुळे इस्राएली सैन्य, यहूदाचा राजा आणि यहूदाचे लोक यांच्यावर संतापले आणि रागाने घरी परतले.
ତହୁଁ ଅମତ୍‍ସୀୟ ଇଫ୍ରୟିମରୁ ଆପଣା ନିକଟକୁ ଆଗତ ସୈନ୍ୟଦଳକୁ ସେମାନଙ୍କ ଗୃହକୁ ପୁନର୍ବାର ଯିବା ପାଇଁ ପୃଥକ କଲେ; ଏଣୁ ଯିହୁଦା ପ୍ରତିକୂଳରେ ସେମାନଙ୍କର କ୍ରୋଧ ଅତି ପ୍ରଜ୍ୱଳିତ ହେଲା ଓ ସେମାନେ ପ୍ରଚଣ୍ଡ କ୍ରୋଧରେ ଗୃହକୁ ଫେରିଗଲେ।
11 ११ यानंतर अमस्याने मोठे धाडस करून अदोम देशातील मिठाच्या खोऱ्यावर हल्ला चढवला. अमस्याच्या सैन्याने याठिकाणी सेईर मधील दहा हजार लोकांस ठार केले.
ଏଉତ୍ତାରେ ଅମତ୍‍ସୀୟ ସାହସିକ ହୋଇ ଆପଣା ଲୋକଙ୍କୁ କଢ଼ାଇ ନେଇ ଲବଣ ଉପତ୍ୟକାକୁ ଗଲେ ଓ ସେୟୀର-ସନ୍ତାନଗଣର ଦଶ ସହସ୍ର ଲୋକଙ୍କୁ ବଧ କଲେ।
12 १२ यहूदी लोकांनी दहा हजार जणांना बंदिवान केले. त्यांना धरुन पर्वत माथ्यावर नेले आणि एवढ्या उंचीवरुन त्यांचा कडेलोट केला. खालच्या दगडधोंड्यांवर त्यांचे देह छिन्नविच्छिन्न होऊन पडले.
ପୁଣି, ଯିହୁଦା-ସନ୍ତାନମାନେ ଅନ୍ୟ ଦଶ ସହସ୍ର ଲୋକଙ୍କୁ ଜୀବିତ ବନ୍ଦୀ କରି ନେଇଗଲେ ଓ ସେମାନଙ୍କୁ ଶୈଳଶିଖରକୁ ନେଇ ସେଠାରୁ ସେମାନଙ୍କୁ ତଳେ ପକାଇଦେଲେ, ତହିଁରେ ସେମାନେ ସମସ୍ତେ ଚୂର୍ଣ୍ଣ ହୋଇଗଲେ।
13 १३ नेमक्या याचवेळी अमस्याने परत पाठवलेल्या इस्राएली सैन्याने यहूदातील काही नगरांवर हल्ला चढवला. त्यांनी बेथ-होरोनपासून सरळ शोमरोनपर्यंत गावे उद्ध्वस्त केली, तीन हजार लोकांस जिवे मारले आणि मौल्यवान चीजवस्तू लुटल्या. अमस्याने आपल्याला लढाईत सामील करून न घेतल्यामुळे हे इस्राएली सैन्य भडकले होते.
ମାତ୍ର ଅମତ୍‍ସୀୟ ଯେଉଁ ସେନାମାନଙ୍କୁ ଆପଣା ସଙ୍ଗେ ଯୁଦ୍ଧକୁ ଯିବା ପାଇଁ ଉପଯୁକ୍ତ ମନେ ନ କରି ଫେରାଇ ଦେଇଥିଲେ, ସେମାନେ ଶମରୀୟାଠାରୁ ବେଥ୍-ହୋରଣ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ପଡ଼ି ଯିହୁଦାର ନଗରସବୁ ଆକ୍ରମଣ କଲେ ଓ ତିନି ସହସ୍ର ଲୋକଙ୍କୁ ବଧ କରି ବହୁତ ଲୁଟଦ୍ରବ୍ୟ ନେଲେ।
14 १४ अदोम्यांचा पाडाव करून अमस्या आपल्या नगरात परतला. येताना त्याने सेईर येथील लोकांच्या देवाच्या मूर्ती बरोबर आणल्या आणि त्यांची पूजाअर्चा सुरू केली. या दैवतांना वंदन करून तो त्यांच्यापुढे धूप जाळू लागला.
ଅମତ୍‍ସୀୟ ଇଦୋମୀୟମାନଙ୍କୁ ସଂହାର କରି ଫେରି ଆସିଲା ଉତ୍ତାରେ ସେ ସେୟୀର-ସନ୍ତାନମାନଙ୍କ ଦେବଗଣକୁ ଆଣି ଆପଣାର ଦେବତା ହେବା ପାଇଁ ସ୍ଥାପନ କଲେ, ସେମାନଙ୍କ ସମ୍ମୁଖରେ ପ୍ରଣାମ କରି ସେମାନଙ୍କ ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟରେ ଧୂପ ଜ୍ୱଳାଇଲେ।
15 १५ या कृतीमुळे परमेश्वराचा अमस्यावर कोप झाला. परमेश्वराने संदेष्ट्याला अमस्याकडे पाठवले. संदेष्टा राजाला म्हणाला, “अमस्या, त्या लोकांच्या दैवतांची पूजा तू का करत आहेस? त्या दैवतांना तर स्वत: च्याच लोकांचे तुझ्यापासून रक्षण करता आले नाही.”
ଏହେତୁ ଅମତ୍‍ସୀୟଙ୍କ ପ୍ରତିକୂଳରେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ କ୍ରୋଧ ପ୍ରଜ୍ୱଳିତ ହୁଅନ୍ତେ, ସେ ତାଙ୍କ ନିକଟକୁ ଏକ ଭବିଷ୍ୟଦ୍‍ବକ୍ତା ପଠାଇଲେ, ଯେ ତାଙ୍କୁ କହିଲା, “ଯେଉଁ ଦେବଗଣ ଆପଣା ଲୋକମାନଙ୍କୁ ଆପଣଙ୍କ ହସ୍ତରୁ ଉଦ୍ଧାର କଲେ ନାହିଁ, ଆପଣ କାହିଁକି ସେହି ଲୋକମାନଙ୍କ ଦେବଗଣର ଅନ୍ୱେଷଣ କରୁଅଛନ୍ତି?”
16 १६ अमस्या संदेष्ट्याच्या या बोलण्यावर म्हणाला, “आम्ही तुला राजाचा सल्लागार म्हणून नेमलेले नाही, तेव्हा तू गप्प रहावे हे चांगले नाहीतर जिवाला मुकशील.” संदेष्टा गप्प बसला पण नंतर म्हणाला, “देवाने तुझा नाश करायचे निश्चित केले आहे. कारण तू करु नये त्या गोष्टी केल्यास आणि माझे ऐकले नाहीस.”
ସେ ତାଙ୍କୁ ଏହି କଥା କହିବା ବେଳେ, ରାଜା ତାହାକୁ କହିଲେ, “ଆମ୍ଭେମାନେ କʼଣ ତୁମ୍ଭକୁ ରାଜମନ୍ତ୍ରୀ କରିଅଛୁ? କ୍ଷାନ୍ତ ହୁଅ! କାହିଁକି ମାଡ଼ ଖାଇବ?” ଏଥିରେ ଭବିଷ୍ୟଦ୍‍ବକ୍ତା କ୍ଷାନ୍ତ ହୋଇ କହିଲା, “ମୁଁ ଜାଣେ, ପରମେଶ୍ୱର ଆପଣଙ୍କୁ ବିନାଶ କରିବା ପାଇଁ ସ୍ଥିର କରିଅଛନ୍ତି, କାରଣ ଆପଣ ଏହା କରିଅଛନ୍ତି ଓ ମୋʼ ପରାମର୍ଶରେ କର୍ଣ୍ଣପାତ କରି ନାହାନ୍ତି।”
17 १७ यहूदाचा राजा अमस्या याने यावर आपल्या सल्लागारांबरोबर विचार विनिमय केला. मग योवाशाला त्याने निरोप पाठवला की, “आपली एकदा प्रत्यक्ष युध्दात गाठ पडली पाहिजे.” योवाश हा यहोआहाजाला पुत्र आणि यहोआहाज येहूचा, येहू इस्राएलचा राजा होता.
ଏଥିଉତ୍ତାରେ ଯିହୁଦାର ରାଜା ଅମତ୍‍ସୀୟ ପରାମର୍ଶ ନେଇ ଯେହୂଙ୍କର ପୌତ୍ର, ଯିହୋୟାହସ୍‍ଙ୍କର ପୁତ୍ର, ଇସ୍ରାଏଲର ରାଜା ଯୋୟାଶ୍‍ଙ୍କ ନିକଟକୁ ଲୋକ ପଠାଇ କହିଲେ, “ଆସ, ଆମ୍ଭେମାନେ ପରସ୍ପର ମୁଖ ଦେଖାଦେଖି ହେବା।”
18 १८ इस्राएलचा राजा योवाश याने यहूदाचा राजा अमस्या याच्याकडे आपले उत्तर पाठवले. योवाशाने दृष्टांत दिला तो असा: “लबानोन मधल्या एका काटेरी झुडुपाने लबानोनाच्या एका गंधसरूला निरोप पाठवला की, ‘तुझ्या कन्येचे माझ्या पुत्रांशी लग्न व्हावे.’ पण तेवढ्यात ते झुडुप तिथून जाणाऱ्या एका वन्यपशूच्या पायाखाली तुडवले गेले.
ତହିଁରେ ଇସ୍ରାଏଲର ରାଜା ଯୋୟାଶ୍‍ ଯିହୁଦାର ରାଜା ଅମତ୍‍ସୀୟଙ୍କ ନିକଟକୁ ଲୋକ ପଠାଇ କହିଲେ, “ଲିବାନୋନର କଣ୍ଟକଲତା ଲିବାନୋନର ଏରସ ବୃକ୍ଷ ନିକଟକୁ କହି ପଠାଇଲା, ‘ତୁମ୍ଭ କନ୍ୟାକୁ ମୋʼ ପୁତ୍ର ସଙ୍ଗେ ବିବାହ ଦିଅ;’ ଏଥିମଧ୍ୟରେ ଲିବାନୋନର ଏକ ବନ୍ୟ ପଶୁ ନିକଟ ଦେଇ ଯାଉ ଯାଉ ସେହି କଣ୍ଟକଲତାକୁ ଦଳି ପକାଇଲା।
19 १९ मी अदोमचा पराभव केला. असे तू खुशाल म्हण. तू हे प्रौढीने म्हणतो आहेस खरे पण तू आपल्या घरी स्वस्थ बसावेस हे बरे. स्वत: ला उगीच अडचणीत पाडू नकोस! पण तू तसे केलेस तर तू स्वत: च्या आणि त्याबरोबर यहूदाच्या नाशाला कारणीभूत होशील.”
ଦେଖ, ତୁମ୍ଭେ ଇଦୋମକୁ ପରାସ୍ତ କରିଅଛ ବୋଲି କହୁଅଛ; ତେଣୁ ଦର୍ପ କରିବା ପାଇଁ ତୁମ୍ଭ ମନ ତୁମ୍ଭକୁ ପ୍ରବୃତ୍ତି ଦେଉଅଛି; ଏବେ ଆପଣା ଘରେ ଥାଅ, ଆପଣାର ଅମଙ୍ଗଳ ପାଇଁ କାହିଁକି ବିରୋଧ କରିବ? ପୁଣି ତୁମ୍ଭେ ଓ ତୁମ୍ଭ ସଙ୍ଗେ ଯିହୁଦା, ଦୁହେଁ କାହିଁକି ପତିତ ହେବ?”
20 २० पण अमस्याने या निरोपाला दाद दिली नाही. यहूदाच्या लोकांनी अदोमी लोकांच्या दैवताचे भजन पूजन सुरु केल्यामुळे इस्राएलकडून यहूदाचा पराभव करायचे परमेश्वराने योजले होते.
ମାତ୍ର ଅମତ୍‍ସୀୟ ଶୁଣିଲେ ନାହିଁ; କାରଣ ଲୋକମାନେ ଇଦୋମୀୟ ଦେବଗଣର ଅନ୍ୱେଷଣ କରିବା ହେତୁରୁ ପରମେଶ୍ୱର ଯେପରି ସେମାନଙ୍କ ଶତ୍ରୁଗଣ ହସ୍ତରେ ସେମାନଙ୍କୁ ସମର୍ପଣ କରିବେ, ଏଥିପାଇଁ ତାହାଙ୍କ ଆଡ଼ୁ ଏହି ଘଟଣା ହେଲା।
21 २१ तेव्हा इस्राएलचा राजा योवाश आणि यहूदाचा राजा अमस्या यांची बेथ-शेमेश नगरात समोरासमोर गाठ पडली. बेथ-शेमेश यहूदातच आहे.
ତହୁଁ ଇସ୍ରାଏଲର ରାଜା ଯୋୟାଶ୍‍ ଗଲେ; ଆଉ ଯିହୁଦାର ଅଧିକାରସ୍ଥ ବେଥ୍-ଶେମଶରେ ସେ ଓ ଯିହୁଦାର ରାଜା ଅମତ୍‍ସୀୟ ପରସ୍ପର ମୁଖ ଦେଖାଦେଖି ହେଲେ।
22 २२ इस्राएलने यहूदाचा पराभव केला. झाडून सर्व यहूद्यांनी या लढाईतून पळ काढला.
ଏଥିରେ ଇସ୍ରାଏଲ ସମ୍ମୁଖରେ ଯିହୁଦା ପରାସ୍ତ ହେଲା, ତହିଁରେ ସେମାନେ ପ୍ରତ୍ୟେକେ ଆପଣା ଆପଣା ତମ୍ବୁକୁ ପଳାଇଲେ।
23 २३ इस्राएलाचा राजा योवाशाने बेथ-शेमेश येथे यहूदाचा राजा अमस्याला पकडले आणि यरूशलेमेला नेले. अमस्याच्या पित्याचे नाव योवाश. योवाशाचे पिता यहोआहाज. योवाशाने एफ्राइम वेशीपासून कोपऱ्याच्या वेशीपर्यंतची यरूशलेमेच्या तटबंदीची चारशे हात लांबीची भिंत पार मोडून तोडून टाकली.
ଆଉ, ଇସ୍ରାଏଲର ରାଜା ଯୋୟାଶ୍‍ ବେଥ୍-ଶେମଶରେ ଯିହୋୟାହସ୍‍ଙ୍କର ପୌତ୍ର, ଯୋୟାଶ୍‍ଙ୍କର ପୁତ୍ର, ଯିହୁଦାର ରାଜା ଅମତ୍‍ସୀୟଙ୍କୁ ଧରି ଯିରୂଶାଲମକୁ ଆଣିଲେ ଓ ଇଫ୍ରୟିମର ନଗର-ଦ୍ୱାରଠାରୁ କୋଣର ଦ୍ୱାର ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଯିରୂଶାଲମର ଚାରି ଶହ ହାତ ପ୍ରାଚୀର ଭାଙ୍ଗି ପକାଇଲେ।
24 २४ सर्व सोने व रुपे तसेच मंदिरातील उपकरणे, भांडी देखील त्याने हस्तगत केली. देवाच्या मंदिरातील वस्तूंची देखभाल करण्याची जबाबदारी ओबेद-अदोमची होती. राजमहालातील वस्तूही योवाशाने लुटल्या. काहीजणांना बंदिवान केले. या सगळ्यासह तो शोमरोनला परतला.
ପୁଣି, ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ଗୃହରେ ଓବେଦ୍‍-ଇଦୋମର ଅଧୀନରେ ପ୍ରାପ୍ତ ସକଳ ସୁବର୍ଣ୍ଣ ଓ ରୌପ୍ୟ ଓ ସକଳ ପାତ୍ର ଓ ରାଜଗୃହର ଧନ, ମଧ୍ୟ ବନ୍ଧକ ଥିବା ଲୋକମାନଙ୍କୁ ନେଇ ଶମରୀୟାକୁ ଫେରିଗଲେ।
25 २५ यहोआहाजाचा पुत्र इस्राएलाचा राजा योवाश याच्या मृत्यूनंतर अमस्या पंधरा वर्षे जगला. अमस्याचे पिता म्हणजे यहूदाचा राजा योवाश.
ଇସ୍ରାଏଲର ରାଜା ଯିହୋୟାହସ୍‍ଙ୍କର ପୁତ୍ର ଯୋୟାଶ୍‍ଙ୍କର ମୃତ୍ୟୁୁ ଉତ୍ତାରେ ଯିହୁଦାର ରାଜା ଯୋୟାଶ୍‍ଙ୍କର ପୁତ୍ର ଅମତ୍‍ସୀୟ ପନ୍ଦର ବର୍ଷ ବଞ୍ଚିଲେ।
26 २६ यहूदा आणि इस्राएलमधील राजांचा इतिहास या पुस्तकात, अमस्याने बाकी जे जे केले त्याची संपूर्ण हकिकत आली आहे.
ଏହି ଅମତ୍‍ସୀୟଙ୍କର ଅବଶିଷ୍ଟ କ୍ରିୟାର ଆଦ୍ୟନ୍ତ ବୃତ୍ତାନ୍ତ କʼଣ ଯିହୁଦାର ଓ ଇସ୍ରାଏଲର ରାଜାମାନଙ୍କ ଇତିହାସ ପୁସ୍ତକରେ ଲେଖା ନାହିଁ?
27 २७ अमस्याने परमेश्वराचे आज्ञापालन करायचे थांबवल्यावर यरूशलेमेच्या लोकांनी त्याच्याविरुध्द कट केला. तेव्हा तो लाखीश येथे पळून गेला. पण लोकांनी त्याच्या मागावर माणसे पाठवून त्याचा तेथे वध केला.
ଅମତ୍‍ସୀୟ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଅନୁଗମନରୁ ବିମୁଖ ହେବା ସମୟଠାରୁ ଲୋକମାନେ ଯିରୂଶାଲମରେ ତାଙ୍କ ବିରୁଦ୍ଧରେ ଚକ୍ରାନ୍ତ କଲେ; ତହିଁରେ ସେ ଲାଖୀଶ୍‍କୁ ପଳାଇଲେ; ମାତ୍ର ସେମାନେ ତାଙ୍କ ପଛେ ଲାଖୀଶ୍‍କୁ ଲୋକ ପଠାଇ ସେଠାରେ ତାଙ୍କୁ ବଧ କଲେ।
28 २८ अमस्याचा मृतदेह मग लोकांनी घोड्यावर लादला आणि यहूदाच्या नगरात आणून त्यास पूर्वंजाशेजारी पुरले.
ପୁଣି, ସେମାନେ ଅଶ୍ୱମାନଙ୍କ ଉପରେ ତାଙ୍କୁ ଆଣି ଯିହୁଦା-ନଗରରେ ତାଙ୍କର ପିତୃଗଣ ସହିତ ତାଙ୍କୁ କବର ଦେଲେ।

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