< 2 इतिहास 18 >
1 १ यहोशाफाटाला भरपूर धनदौलत आणि बहुमान मिळाला. राजा अहाबाच्या घराण्याशी सोयरीक जुळवून त्याने त्यांच्याशी सलोखा केला.
ଏହିରୂପେ ଯିହୋଶାଫଟ୍ ଅତିଶୟ ଧନବାନ ଓ ସମ୍ଭ୍ରାନ୍ତ ହେଲେ; ପୁଣି ସେ ଆହାବଙ୍କ ସଙ୍ଗେ କୁଟୁମ୍ବିତା କଲେ।
2 २ त्यानंतर काही वर्षांनी यहोशाफाट शोमरोन येथे अहाबाच्या भेटीला गेला. त्याप्रसंगी यहोशाफाट आणि त्याच्याबरोबरचे लोक यांच्याप्रीत्यर्थ अहाबाने बरेच बैल आणि शेळ्यामेंढ्या यांचे बली दिले. अहाबाने यहोशाफाटाला रामोथ-गिलादावर चढाई करण्यास प्रवृत्त केले.
ଆଉ, କେତେକ ବର୍ଷ ଉତ୍ତାରେ ସେ ଶମରୀୟା ଦେଶରେ ଆହାବଙ୍କୁ ଦର୍ଶନ କରିବାକୁ ଗଲେ। ତହିଁରେ ଆହାବ ତାଙ୍କ ନିମନ୍ତେ ଓ ତାଙ୍କର ସଙ୍ଗୀ ଲୋକମାନଙ୍କ ନିମନ୍ତେ ଅନେକ ମେଷ ଓ ବଳଦ ମାରିଲେ ଓ ଆପଣା ସଙ୍ଗେ ରାମୋତ୍-ଗିଲୀୟଦକୁ ଯିବା ପାଇଁ ତାଙ୍କୁ ମଣାଇଲେ।
3 ३ अहाब त्यास म्हणाला, “रामोथ-गिलादावरील स्वारीत तूही माझ्याबरोबर सहभागी होशील का?” अहाब इस्राएलचा राजा होता आणि यहोशाफाट यहूदाचा. यहोशाफाट त्यास म्हणाला, “तू आणि मी काही वेगळे नाही. माझी माणसे ती तुझीच माणसे. आम्ही अवश्य लढाईत भाग घेऊ.”
ଇସ୍ରାଏଲର ରାଜା ଆହାବ ଯିହୁଦାର ରାଜା ଯିହୋଶାଫଟ୍ଙ୍କୁ କହିଲେ, “ତୁମ୍ଭେ କି ମୋʼ ସଙ୍ଗେ ରାମୋତ୍-ଗିଲୀୟଦକୁ ଯିବ” ତହିଁରେ ସେ ଉତ୍ତର କଲେ, “ମୁଁ ତୁମ୍ଭ ପରି ଓ ମୋର ଲୋକ ତୁମ୍ଭର ଲୋକ ପରି; ଆମ୍ଭେମାନେ ଯୁଦ୍ଧରେ ତୁମ୍ଭର ସଙ୍ଗୀ ହେବୁ।”
4 ४ यहोशाफाट इस्राएलाच्या राजाला पुढे असेही म्हणाला, “पण त्यापुर्वी परमेश्वराचा आदेशही घेऊ या.”
ଆହୁରି ଯିହୋଶାଫଟ୍ ଇସ୍ରାଏଲର ରାଜାଙ୍କୁ କହିଲେ, “ବିନୟ କରୁଅଛି, ଆଜି ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ବାକ୍ୟ ପଚାର।”
5 ५ तेव्हा इस्राएलाचा राजा अहाबाने सुमारे चारशे संदेष्ट्यांना बोलावून विचारले, आम्ही रामोथ-गिलादावर स्वारी करावी की नाही? तेव्हा ते संदेष्टे राजा अहाबाला म्हणाले, “जरुर जा. कारण देव राजाला जय देईल.”
ତେବେ ଇସ୍ରାଏଲର ରାଜା ଭବିଷ୍ୟଦ୍ବକ୍ତାମାନଙ୍କର ଚାରି ଶହ ଲୋକଙ୍କୁ ଏକତ୍ରିତ କରି ସେମାନଙ୍କୁ ପଚାରିଲେ; “ଆମ୍ଭେମାନେ କʼଣ ଯୁଦ୍ଧ କରିବା ପାଇଁ ରାମୋତ୍-ଗିଲୀୟଦକୁ ଯିବା, କିଅବା ମୁଁ କ୍ଷାନ୍ତ ହେବି?” ତହିଁରେ ସେମାନେ କହିଲେ, “ଯାଉନ୍ତୁ, କାରଣ ପରମେଶ୍ୱର ତାହା ରାଜାଙ୍କ ହସ୍ତରେ ସମର୍ପଣ କରିବେ।”
6 ६ पण यहोशाफाट म्हणाला, “यांच्याखेरीज परमेश्वराचा संदेष्टा इथे कोणी आहे का? परमेश्वरास त्याच्या संदेष्ट्यामार्फतच आपण विचारायला हवे.”
ମାତ୍ର ଯିହୋଶାଫଟ୍ କହିଲେ, “ଏମାନଙ୍କ ଛଡ଼ା ଆମ୍ଭେମାନେ ଯାହାକୁ ପଚାରି ପାରୁ, ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କର ଏପରି ଭବିଷ୍ୟଦ୍ବକ୍ତା କେହି କି ଏଠାରେ ନାହିଁ?”
7 ७ तेव्हा इस्राएलाचा राजा यहोशाफाटाला म्हणाला, “इथे तसा एकजण आहे. त्याच्या मार्फत आपण परमेश्वरास विचारु शकतो. पण मला त्याच्याकडून कधीच अनुकूल संदेश मिळत नाही. नेहमी प्रतिकूल संदेशच तो मला देतो, त्यामुळे मला त्याचा द्वेष वाटतो. त्याचे नाव मीखाया. तो इम्लाचा पुत्र.” पण यहोशाफाट म्हणाला, “अहाब, तू असे म्हणू नकोस.”
ତହିଁରେ ଇସ୍ରାଏଲର ରାଜା ଯିହୋଶାଫଟ୍ଙ୍କୁ କହିଲେ, “ଆଉ ଜଣେ ଅଛି, ତାହା ଦ୍ୱାରା ଆମ୍ଭେମାନେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କୁ ପଚାରି ପାରୁ; ମାତ୍ର ମୁଁ ତାହାକୁ ଘୃଣା କରେ; କାରଣ ସେ ମୋʼ ବିଷୟରେ କେବେ ମଙ୍ଗଳର ନୁହେଁ, ମାତ୍ର ସବୁବେଳେ ଅମଙ୍ଗଳର ଭବିଷ୍ୟଦ୍ବାକ୍ୟ ପ୍ରଚାର କରେ; ସେ ଇମ୍ଲର ପୁତ୍ର ମୀଖାୟ,” ତହିଁରେ ଯିହୋଶାଫଟ୍ କହିଲେ, “ରାଜା ଏପରି ନ କହନ୍ତୁ।”
8 ८ तेव्हा इस्राएलाच्या राजाने आपल्या एका कारभाऱ्याला बोलावून “इम्लाचा पुत्र मीखाया याला लगेच घेऊन यायला सांगितले.”
ସେତେବେଳେ ଇସ୍ରାଏଲର ରାଜା ଏକ ଅଧ୍ୟକ୍ଷଙ୍କୁ ଡାକି କହିଲେ, “ଇମ୍ଲର ପୁତ୍ର ମୀଖାୟକୁ ଶୀଘ୍ର ଆଣ।”
9 ९ इस्राएलचा राजा अहाब आणि यहूदाचा राजा यहोशाफाट राजवस्त्रे परिधान करून शोमरोन नगराच्या वेशीजवळच्या खळ्यात आपापल्या सिंहासनांवर विराजमान झाले होते. त्यांच्यासमोर ते चारशे संदेष्टे भविष्यकथन करत होते.
ଏଥିମଧ୍ୟରେ ଇସ୍ରାଏଲର ରାଜା ଓ ଯିହୁଦାର ରାଜା ଯିହୋଶାଫଟ୍ ଆପଣା ଆପଣା ରାଜବସ୍ତ୍ର ପିନ୍ଧି ଆପଣା ଆପଣା ସିଂହାସନରେ ବସିଥିଲେ, ସେମାନେ ଶମରୀୟାର ଦ୍ୱାର-ପ୍ରବେଶ ସ୍ଥାନ ନିକଟସ୍ଥ ମେଲାରେ ବସିଥିଲେ; ଆଉ ସମସ୍ତ ଭବିଷ୍ୟଦ୍ବକ୍ତା ସେମାନଙ୍କ ସମ୍ମୁଖରେ ଭବିଷ୍ୟଦ୍ବାକ୍ୟ ପ୍ରଚାର କରୁଥିଲେ,
10 १० कनानचा पुत्र सिदकीया याने लोखंडाची शिंगे करून आणली होती. तो म्हणाला, “परमेश्वर म्हणतो ‘अरामी लोकांचा या शिंगांच्या सहाय्याने तुम्ही नाश कराल.’”
ଆଉ କନାନାର ପୁତ୍ର ସିଦିକୀୟ ଲୌହମୟ ଶୃଙ୍ଗମାନ ନିର୍ମାଣ କରି କହିଲା, “ସଦାପ୍ରଭୁ ଏହି କଥା କହନ୍ତି, ଏତଦ୍ଦ୍ୱାରା ଆପଣ ଅରାମୀୟମାନଙ୍କୁ ସଂହାର କରିବା ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଭୁସି ପକାଇବେ।”
11 ११ इतर सर्व संदेष्ट्यांनीही तेच सांगितले. ते म्हणाले, “रामोथ-गिलाद वर चालून जा. तुम्ही विजयी व्हाल. परमेश्वर तुझ्या हातून म्हणजे राजाच्या हातून अराम्यांचा पराभव करील.”
ତହିଁରେ ସବୁ ଭବିଷ୍ୟଦ୍ବକ୍ତା ତଦ୍ରୂପ ଭବିଷ୍ୟଦ୍ବାକ୍ୟ ପ୍ରଚାର କରି କହିଲେ, “ରାମୋତ୍-ଗିଲୀୟଦକୁ ଯାଉନ୍ତୁ ଓ କୃତକାର୍ଯ୍ୟ ହେଉନ୍ତୁ; କାରଣ ସଦାପ୍ରଭୁ ତାହା ମହାରାଜାଙ୍କ ହସ୍ତରେ ସମର୍ପଣ କରିବେ।”
12 १२ मीखायला आणायला गेलेला निरोप्या त्यास म्हणाला, “मीखाया, ऐक सगळ्या संदेष्ट्यांचे म्हणणे एकच आहे. राजाची सरशी होईल असे ते म्हणतात. तेव्हा तूही तसेच म्हणावेस. तू ही चांगले उद्गार काढ.”
ପୁଣି, ଯେଉଁ ଦୂତ ମୀଖାୟକୁ ଡାକିବାକୁ ଯାଇଥିଲା, ସେ ତାହାକୁ କହିଲା, “ଦେଖ, ଭବିଷ୍ୟଦ୍ବକ୍ତାମାନଙ୍କର ବାକ୍ୟ ଏକ ମୁଖରେ ରାଜାଙ୍କର ମଙ୍ଗଳ ପ୍ରକାଶ କରୁଅଛି; ଏହେତୁ ମୁଁ ବିନୟ କରୁଅଛି, ତୁମ୍ଭ ବାକ୍ୟ ସେମାନଙ୍କ ବାକ୍ୟ ତୁଲ୍ୟ ହେଉ ଓ ତୁମ୍ଭେ ମଙ୍ଗଳର କଥା କୁହ।”
13 १३ पण मीखाया म्हणाला, “परमेश्वराची शपथ तो जे म्हणेल, तसेच मी बोलणार.”
ତହୁଁ ମୀଖାୟ କହିଲା, “ସଦାପ୍ରଭୁ ଜୀବିତ ଥିବା ପ୍ରମାଣେ ଯାହା ମୋʼ ପରମେଶ୍ୱର କହିବେ, ତାହା ହିଁ ମୁଁ କହିବି।”
14 १४ मीखाया मग अहाब राजाकडे आला. राजा त्यास म्हणाला, “मीखाया, आम्ही रामोथ-गिलादावर स्वारी करावी की नाही?” मीखाया म्हणाला, “खुशाल चढाई करा. व विजयी व्हा तो एक महान विजय असेल.”
ଏଉତ୍ତାରେ ମୀଖାୟ ରାଜାଙ୍କ ନିକଟକୁ ଆସନ୍ତେ, ରାଜା ତାହାକୁ କହିଲେ, “ମୀଖାୟ, ଆମ୍ଭେମାନେ ଯୁଦ୍ଧ କରିବା ପାଇଁ ରାମୋତ୍-ଗିଲୀୟଦକୁ ଯିବା, କିଅବା ମୁଁ କ୍ଷାନ୍ତ ହେବି?” ତହୁଁ ସେ କହିଲା, “ଯାଉନ୍ତୁ ଓ କୃତକାର୍ଯ୍ୟ ହେଉନ୍ତୁ; ସେମାନେ ଆପଣମାନଙ୍କ ହସ୍ତରେ ସମର୍ପିତ ହେବେ।”
15 १५ राजा अहाब मीखायला म्हणाला, “परमेश्वराचे नाव उच्चारुन सत्य तेच सांग असे मी कितीदा तुला शपथ घेऊन सांगितले!”
ଏଥିରେ ରାଜା ତାହାକୁ କହିଲେ, “ତୁମ୍ଭେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ନାମରେ ସତ୍ୟ ବିନା ଆଉ କିଛି ମୋତେ ନ କୁହ ବୋଲି ମୁଁ କେତେ ଥର ତୁମ୍ଭକୁ ଶପଥ କରାଇବି।”
16 १६ यावर मीखाया राजाला म्हणाला, “मेंढपाळाविना मेंढरे असावीत तसे मी इस्राएल लोकांस डोंगरांवर विखुरलेले पाहिले. परमेश्वर म्हणाला, यांना कोणी मालक नाही. ही आपापल्या घरी सुखरुप जावोत.”
ତହିଁରେ ସେ କହିଲା, “ମୁଁ ସମଗ୍ର ଇସ୍ରାଏଲକୁ ଅରକ୍ଷକ ମେଷପଲ ତୁଲ୍ୟ ପର୍ବତମାନରେ ଛିନ୍ନଭିନ୍ନ ଦେଖିଲି; ଆଉ ସଦାପ୍ରଭୁ କହିଲେ, ଏମାନଙ୍କର ସ୍ୱାମୀ ନାହିଁ; ଏମାନେ ପ୍ରତ୍ୟେକେ କୁଶଳରେ ଆପଣା ଆପଣା ଗୃହକୁ ଫେରି ଯାଉନ୍ତୁ।”
17 १७ इस्राएलचा राजा अहाब यहोशाफाटाला म्हणाला, “मीखाया मला कधीच परमेश्वराचा शुभसंदेश देत नाही. तो नेहमी प्रतिकूलच बोलतो असे मी तुला म्हणालोच होतो.”
ତହୁଁ ଇସ୍ରାଏଲର ରାଜା ଯିହୋଶାଫଟ୍ଙ୍କୁ କହିଲେ, “ଏ ମୋʼ ବିଷୟରେ ଅମଙ୍ଗଳ ବିନା ମଙ୍ଗଳର ଭବିଷ୍ୟଦ୍ବାକ୍ୟ ପ୍ରଚାର କରିବ ନାହିଁ ବୋଲି କି ମୁଁ ତୁମ୍ଭକୁ କହି ନାହିଁ?”
18 १८ मीखाया म्हणाला, “तुम्ही सर्वजण परमेश्वराचा संदेश काय आहे तो ऐका परमेश्वरास मी आपल्या सिंहासनावर बसलेले पाहिले, स्वर्गातील सर्व सेना त्याच्या उजव्या व डाव्या हाताला उभी होती.”
ପୁଣି ମୀଖାୟ କହିଲା, “ଏହେତୁ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ବାକ୍ୟ ଶୁଣ; ମୁଁ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କୁ ତାହାଙ୍କ ସିଂହାସନରେ ଉପବିଷ୍ଟ ଓ ତାହାଙ୍କ ଦକ୍ଷିଣ ଓ ବାମ ହସ୍ତରେ ସ୍ୱର୍ଗୀୟ ସମୁଦାୟ ସୈନ୍ୟକୁ ଉଭା ହେବାର ଦେଖିଲି।
19 १९ परमेश्वर म्हणाला, “इस्राएलचा राजा अहाब याला रामोथ-गिलादावर हल्ला करायला कोण बरे युक्तीने प्रवृत्त करील? म्हणजे अहाबाच्या तेथेच शेवट होईल.” आणि एकजण म्हणाला या मार्गाने दुसऱ्याने म्हटले त्या मार्गाने,
ତହିଁରେ ସଦାପ୍ରଭୁ କହିଲେ, ‘ଇସ୍ରାଏଲର ରାଜା ଆହାବ ଯେପରି ରାମୋତ୍-ଗିଲୀୟଦକୁ ଯାଇ ପତିତ ହେବ, ଏଥିପାଇଁ କିଏ ତାହାକୁ ଫୁସୁଲାଇବ?’ ତହିଁରେ ଜଣେ ଏପ୍ରକାର ଓ ଅନ୍ୟ ଜଣ ସେପ୍ରକାର କହିଲେ।
20 २० “मग एक आत्मा पुढे आला आणि परमेश्वरासमोर उभा राहून म्हणाला, मी अहाबाला भुलवून टाकतो. परमेश्वराने त्या आत्म्याला विचारले कसे बरे?”
ତହିଁ ଉତ୍ତାରେ ଏକ ଆତ୍ମା ବାହାରି ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ସମ୍ମୁଖରେ ଠିଆ ହୋଇ କହିଲା, ‘ମୁଁ ତାହାକୁ ଫୁସୁଲାଇବି।’ ତହୁଁ ସଦାପ୍ରଭୁ ତାହାକୁ କହିଲେ, ‘କାହିଁରେ?’
21 २१ तेव्हा तो म्हणाला, “अहाबाच्या संदेष्ट्यांच्या तोंडून असत्य वदवणारा आत्मा असे मी रुप घेईन. तेव्हा परमेश्वर त्यास म्हणाला, तू अहाबाला मोहात पाडू शकशील, चल जा आपल्या कामगिरीवर.”
ସେ କହିଲା, ‘ମୁଁ ଯାଇ ତାହାର ସମସ୍ତ ଭବିଷ୍ୟଦ୍ବକ୍ତାଙ୍କ ମୁଖରେ ମିଥ୍ୟାବାଦୀ ଆତ୍ମା ହେବି’ ତେବେ ସେ କହିଲେ, ‘ତୁମ୍ଭେ ତାହାକୁ ଫୁସୁଲାଇବ, ମଧ୍ୟ କୃତକାର୍ଯ୍ୟ ହେବ; ଯାଅ, ସେପରି କର।’
22 २२ “अहाब, आता तूच पाहा. परमेश्वराने तुझ्या संदेष्ट्यांच्या तोंडी असत्य बोलणाऱ्या आत्म्याचा संचार केला आहे. तुझ्यावर अरिष्ट येणार असे परमेश्वराने बोलून दाखवले आहे.”
ଏହେତୁ ଦେଖ, ସଦାପ୍ରଭୁ ତୁମ୍ଭର ଏସମସ୍ତ ଭବିଷ୍ୟଦ୍ବକ୍ତାଙ୍କ ମୁଖରେ ମିଥ୍ୟାବାଦୀ ଆତ୍ମା ଦେଇଅଛନ୍ତି; ପୁଣି ସଦାପ୍ରଭୁ ତୁମ୍ଭ ବିଷୟରେ ଅମଙ୍ଗଳର କଥା କହିଅଛନ୍ତି।”
23 २३ तेवढ्यात कनानाचा पुत्र सिदकीयाने पुढे होऊन मीखायाच्या थोबाडीत मारले. तो म्हणाला, “मीखाया, मला सोडून परमेश्वराचा आत्मा तुझ्याशी बोलायला गेला तो कोणत्या दिशेने?”
ସେତେବେଳେ କନାନାର ପୁତ୍ର ସିଦିକୀୟ ନିକଟକୁ ଆସି ମୀଖାୟର ଗାଲରେ ଚାପୁଡ଼ା ମାରି କହିଲା, “ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଆତ୍ମା ତୋତେ କହିବା ପାଇଁ ମୋʼ ଠାରୁ କେଉଁ ବାଟେ ଗଲେ?”
24 २४ मीखाया म्हणाला, “पाहा, घराच्या अगदी आतल्या खोलीत तू लपायला पळ काढशील तेव्हा तुला ते कळेल.”
ତହିଁରେ ମୀଖାୟ କହିଲା, “ଦେଖ, ଯେଉଁ ଦିନ ତୁମ୍ଭେ ଆପଣାକୁ ଲୁଚାଇବା ପାଇଁ ଗୋଟିଏ ଭିତର କୋଠରିକୁ ଯିବ, ସେହି ଦିନ ତାହା ଜାଣିବ।”
25 २५ इस्राएलाचा राजा म्हणाला, “मीखायाला नगराचा सुभेदार आमोन आणि राज पुत्र योवाश यांच्याकडे घेऊन जा
ପୁଣି ଇସ୍ରାଏଲର ରାଜା କହିଲେ, “ମୀଖାୟକୁ ଧରି ପୁନର୍ବାର ନଗରାଧ୍ୟକ୍ଷ ଆମୋନ୍ ଓ ରାଜପୁତ୍ର ଯୋୟାଶ୍ ନିକଟକୁ ନେଇଯାଅ;
26 २६ आमोन आणि योवाश यांना म्हणावे, राजाचे म्हणणे असे: मीखायाला कैदेत टाका. मी युध्दावरुन सुखरूप परतेपर्यंत त्यास कैदयांना देण्यात येणारी भाकर व पाणी द्या.”
ପୁଣି କୁହ, ‘ରାଜା ଏହି କଥା କହନ୍ତି, ଏହାକୁ କାରାଗାରରେ ରଖ ଓ ମୁଁ କୁଶଳରେ ଫେରି ଆସିବା ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ତାହାକୁ ଦୁଃଖରୂପ ଅନ୍ନ ଓ ଦୁଃଖରୂପ ଜଳ ଖୁଆଅ।’”
27 २७ मीखाया म्हणाला, “अहाब तू लढाईनंतर सुखरुप परत आलास तर परमेश्वर माझ्याद्वारे बोललेला नाही असे खुशाल समज. लोकहो, माझे हे शब्द लक्षात ठेवा.”
ତହିଁରେ ମୀଖାୟ କହିଲା, “ଯେବେ ତୁମ୍ଭେ କୌଣସି ରୂପେ କୁଶଳରେ ଫେରି ଆସ, ତେବେ ସଦାପ୍ରଭୁ ମୋʼ ଦ୍ୱାରା କହି ନାହାନ୍ତି।” ଆହୁରି ସେ କହିଲା, “ହେ ଲୋକମାନେ, ତୁମ୍ଭେ ସମସ୍ତେ ଶୁଣ।”
28 २८ इस्राएलचा राजा अहाब आणि यहूदाचा राजा यहोशाफाट यांनी रामोथ-गिलादावर हल्ला चढवला.
ଏଥିଉତ୍ତାରେ ଇସ୍ରାଏଲର ରାଜା ଓ ଯିହୁଦାର ଯିହୋଶାଫଟ୍ ରାଜା ରାମୋତ୍-ଗିଲୀୟଦକୁ ଗଲେ।
29 २९ इस्राएलाचा राजा यहोशाफाटाला म्हणाला, “मी युध्दात जातांना वेषांतर करतो. तू मात्र राजवस्त्रेच घाल.” आणि त्याप्रमाणे राजा अहाबाने वेषांतर केले आणि दोनही राजे लढाईला भिडले.
ପୁଣି, ଇସ୍ରାଏଲର ରାଜା ଯିହୋଶାଫଟ୍ଙ୍କୁ କହିଲେ, “ମୁଁ ଛଦ୍ମବେଶ ଧରି ଯୁଦ୍ଧକୁ ଯିବି; ମାତ୍ର ତୁମ୍ଭେ ଆପଣା ରାଜବସ୍ତ୍ର ପିନ୍ଧ।” ତହୁଁ ଇସ୍ରାଏଲର ରାଜା ଛଦ୍ମବେଶ ଧରିଲେ ଓ ସେମାନେ ଯୁଦ୍ଧକୁ ଗଲେ।
30 ३० अरामाच्या राजाने आपल्या रथावरच्या सरदारांना आज्ञा केली होती की, “इस्राएलचा राजा अहाब याच्यावरच फक्त हल्ला करा. बाकी लहानथोर कोणाशीही लढू नका.”
ମାତ୍ର ଅରାମର ରାଜା ଆପଣାର ରଥାଧ୍ୟକ୍ଷମାନଙ୍କୁ ଆଜ୍ଞା କରି କହିଥିଲା, “ତୁମ୍ଭେମାନେ କେବଳ ଇସ୍ରାଏଲର ରାଜା ଛଡ଼ା ସାନ କି ବଡ଼ କାହା ସଙ୍ଗେ ଯୁଦ୍ଧ ନ କର।”
31 ३१ त्या सरदारांनी यहोशाफाटाला पाहिले तेव्हा त्यांना वाटले, “हाच अहाब इस्राएलचा राजा.” म्हणून ते यहोशाफाटाकडे वळले. पण यहोशाफाट मोठ्याने ओरडला आणि परमेश्वर त्याच्या मदतीला आला. त्याने त्या सरदारांना यहोशाफाटापासून दूर वळवले.
ଏଣୁ ରଥାଧ୍ୟକ୍ଷମାନେ ଯିହୋଶାଫଟ୍ଙ୍କୁ ଦେଖି କହିଲେ, “ଏ ଇସ୍ରାଏଲର ରାଜା।” ତେଣୁ ସେମାନେ ତାଙ୍କ ସଙ୍ଗେ ଯୁଦ୍ଧ କରିବା ପାଇଁ ତାଙ୍କ ଆଡ଼କୁ ଫେରିଲେ; ମାତ୍ର ଯିହୋଶାଫଟ୍ ଡାକ ପକାଇଲେ ଓ ସଦାପ୍ରଭୁ ତାଙ୍କର ସାହାଯ୍ୟ କଲେ; ଆଉ ପରମେଶ୍ୱର ସେମାନଙ୍କୁ ତାଙ୍କ ନିକଟରୁ ଫେରିଯିବା ପାଇଁ ପ୍ରବର୍ତ୍ତାଇଲେ।
32 ३२ हा इस्राएलचा राजा नाही असे सरदारांच्या लक्षात आले तेव्हा त्यांनी त्याचा पाठलाग सोडून दिला.
ତହୁଁ ସେ ଇସ୍ରାଏଲର ରାଜା ନୁହନ୍ତି ବୋଲି ରଥାଧ୍ୟକ୍ଷମାନେ ଦେଖି ତାଙ୍କୁ ଗୋଡ଼ାଇବାରୁ କ୍ଷାନ୍ତ ହେଲେ।
33 ३३ पण कोणी एका सैनिकाने सहज म्हणून, लक्ष्य निश्चित न करता, धनुष्यातून एक बाण सोडला आणि तो नक्की चिलखताच्या सांध्यातून इस्राएलाच्या राजाच्या शरीरात रुतला. अहाब आपल्या सारथ्याला म्हणाला, “मागे वळ आणि मला युध्द भूमीतून बाहेर काढ. मी जखमी झालो आहे.”
ଏପରି ସମୟରେ ଜଣେ ସନ୍ଧାନ ବିନା ଧନୁର୍ଗୁଣ ଟାଣି ସାଞ୍ଜୁଆର ଯୋଡ଼ ମଧ୍ୟରେ ଇସ୍ରାଏଲ-ରାଜାଙ୍କୁ ଆଘାତ କଲା; ତେଣୁ ସେ ଆପଣା ସାରଥିକୁ କହିଲେ, “ତୁମ୍ଭେ ଆପଣା ହାତ ଫେରାଇ ସୈନ୍ୟ ମଧ୍ୟରୁ ମୋତେ ନେଇଯାଅ; କାରଣ ମୁଁ ଅତିଶୟ ଆଘାତ ପାଇଲି।”
34 ३४ त्यादिवशी घनघोर युध्द झाले. अराम्याकडे तोंड करून इस्राएलाचा राजा अहाब आपल्या रथात संध्याकाळपर्यंत टेकून बसला. संध्याकाळी सुर्यास्ताच्या वेळेस तो मरण पावला.
ସେହି ଦିନ ଯୁଦ୍ଧ ପ୍ରବଳ ହେଲା; ତଥାପି ଇସ୍ରାଏଲର ରାଜା ଆପଣା ରଥରେ ସନ୍ଧ୍ୟା ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଅରାମୀୟମାନଙ୍କ ସମ୍ମୁଖରେ ଆପଣାକୁ ଠିଆ କରି ରଖିଲେ; ପୁଣି, ପ୍ରାୟ ସୂର୍ଯ୍ୟାସ୍ତ ସମୟରେ ସେ ମଲେ।