< 1 शमुवेल 9 >

1 बन्यामीन वंशातील एक पुरुष होता त्याचे नांव कीश; तो अबीएलाचा मुलगा, तो सरोराचा मुलगा, तो बखोराचा मुलगा, तो अफियाचा मुलगा होता. तो बन्यामिनी पुरुष मोठा पराक्रमी होता.
ସେହି ସମୟରେ ବିନ୍ୟାମୀନ୍ ବଂଶୀୟ ଅଫୀହର ବୃଦ୍ଧ ପ୍ରପୌତ୍ର, ବଖୋରତର ପ୍ରପୌତ୍ର, ସରୋରର ପୌତ୍ର, ଅବୀୟେଲର ପୁତ୍ର କୀଶ୍‍ ନାମକ ଜଣେ ମହାବିକ୍ରମଶାଳୀ ବିନ୍ୟାମୀନୀୟ ଲୋକ ଥିଲା।
2 आणि त्याचा शौल नावाचा मुलगा तरुण व सुंदर होता. इस्राएलाच्या संतानामध्ये त्याच्याहून कोणी सुंदर नव्हता. सर्व लोक त्याच्या खांद्यास लागत इतका तो उंच होता.
ପୁଣି, ତାହାର ଶାଉଲ ନାମରେ ଏକ ପୁତ୍ର ଥିଲେ, ସେ ସୁନ୍ଦର ଯୁବା ପୁରୁଷ; ଆଉ ଇସ୍ରାଏଲ ସନ୍ତାନମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ତାଙ୍କଠାରୁ ଅଧିକ ସୁନ୍ଦର ପୁରୁଷ ନ ଥିଲେ; ସେ ସମସ୍ତ ଲୋକଙ୍କ ଅପେକ୍ଷା ସ୍କନ୍ଧରୁ ଊର୍ଦ୍ଧ୍ୱକୁ ଉଚ୍ଚ ଥିଲେ।
3 आणि शौलाचा बाप कीश, याची गाढवे हरवली. तेव्हा कीश आपला मुलगा शौल याला म्हणाला, “आता तू ऊठ व चाकरांपैकी एकाला आपणाबरोबर घे; आणि जाऊन गाढवांचा शोध कर.”
ଏକ ସମୟରେ ଶାଉଲଙ୍କ ପିତା କୀଶ୍‍ର ଗଧସବୁ ହଜିଲେ। ତହିଁରେ କୀଶ୍‍ ଆପଣା ପୁତ୍ର ଶାଉଲଙ୍କୁ କହିଲା, “ତୁମ୍ଭେ ଯୁବାମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରୁ ଜଣକୁ ସଙ୍ଗେ ନେଇ ଗଧ ଖୋଜିବାକୁ ଉଠିଯାଅ।”
4 मग तो एफ्राईमाच्या डोंगराळ प्रदेशातून जाऊन शलीशा प्रांतातून गेला, परंतु ती सापडली नाहीत. मग ते शालीम प्रातांतून गेले, परंतु येथे ती त्यांना सापडली नाहीत. नंतर ते बन्यामीन्यांच्या प्रांतातून गेले परंतु त्यांना ती सापडली नाहीत.
ତେଣୁ ସେ ଇଫ୍ରୟିମ-ପର୍ବତମୟ ଦେଶ ଦେଇ ଗଲେ, ତହୁଁ ଶାଲିଶା ପ୍ରଦେଶ ଦେଇ ଗଲେ, ମାତ୍ର ସେମାନେ ସେମାନଙ୍କୁ ପାଇଲେ ନାହିଁ; ତେବେ ସେମାନେ ଶାଲୀମ୍‍ ପ୍ରଦେଶ ଦେଇ ଗଲେ, ପୁଣି, ସେଠାରେ ଗଧମାନେ ନ ଥିଲେ; ତହିଁ ଉତ୍ତାରେ ସେ ବିନ୍ୟାମୀନ ପ୍ରଦେଶ ଦେଇ ଗଲେ, ମାତ୍ର ସେଠାରେ ସେମାନଙ୍କୁ ପାଇଲେ ନାହିଁ।
5 ते सूफ प्रांतातून आल्यावर शौल आपल्या बरोबरच्या चाकराला म्हणाला, “चला आपण माघारे जाऊ, नाहीतर माझा बाप गाढवांची काळजी सोडून आमचीच काळजी करायला लागेल.”
ଯେତେବେଳେ ସେମାନେ ସୂଫ ପ୍ରଦେଶରେ ଉପସ୍ଥିତ ହେଲେ, ସେତେବେଳେ ଶାଉଲ ଆପଣା ସଙ୍ଗୀ ଯୁବାକୁ କହିଲେ, “ଆସ ଆମ୍ଭେମାନେ ଫେରିଯାଉ; ନୋହିଲେ ମୋହର ପିତା ଗଧମାନଙ୍କ ବିଷୟରେ ଚିନ୍ତା କରିବା ଛାଡ଼ି ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ବିଷୟରେ ଚିନ୍ତା କରିବେ।”
6 तेव्हा तो चाकर त्यास म्हणाला, “आता पाहा या नगरात देवाचा पुरुष आहे. तो पुरुष खूपच सन्मान्य आहे; जे तो सांगतो ते सर्व पूर्ण होतेच. तर आता आपण तेथे जाऊ; म्हणजे आपण कोणत्या मार्गाने पुढे जावे हे कदाचित तो आपल्याला सांगेल.”
ତହିଁରେ ସେ ତାଙ୍କୁ କହିଲା, “ଦେଖ, ଏହି ନଗରରେ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କର ଏକ ଲୋକ ଅଛନ୍ତି, ସେ ଅତି ମାନ୍ୟଗଣ୍ୟ ଲୋକ; ସେ ଯାହାସବୁ କହନ୍ତି, ନିଶ୍ଚୟ ସଫଳ ହୁଏ; ଆସ, ଆମ୍ଭେମାନେ ସେଠାକୁ ଯାଉ; ହୋଇପାରେ, ଆମ୍ଭେମାନେ ଯେଉଁ ଯାତ୍ରା କରୁଅଛୁ, ସେ ବିଷୟ ସେ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ଜଣାଇ ପାରିବେ।”
7 मग शौल आपल्या चाकराला म्हणाला, “पण पाहा आपण जर जाऊ तर त्या मनुष्यास आपण काय घेऊन जावे? कारण आपल्या झोळीतल्या भाकरी संपल्या आहेत आणि परमेश्वराच्या मनुष्यास भेट देण्यासाठी काही राहिले नाही. आपल्याजवळ काय आहे?”
ତେବେ ଶାଉଲ ଆପଣା ଯୁବାକୁ କହିଲେ, “ମାତ୍ର ଦେଖ, ଆମ୍ଭେମାନେ ଗଲେ, ସେ ଲୋକଙ୍କ ନିକଟକୁ କଅଣ ନେବା? କାରଣ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ପାତ୍ରରୁ ଖାଦ୍ୟସାମଗ୍ରୀ ସରିଲାଣି, ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ଲୋକଙ୍କ ନିକଟକୁ ନେବା ପାଇଁ କୌଣସି ଦର୍ଶନୀ ନାହିଁ; ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ପାଖରେ କଅଣ ଅଛି?”
8 तेव्हा चाकराने शौलाला उत्तर देऊन म्हटले, “पाहा माझ्या हातात पाव शेकेल रुपे आहे; ते मी परमेश्वराच्या मनुष्यास देईन, म्हणजे तो आमची वाट आम्हास सांगेल.”
ତହିଁରେ ସେହି ଯୁବା ଶାଉଲଙ୍କୁ ପୁନର୍ବାର ଉତ୍ତର ଦେଇ କହିଲା, “ଦେଖ, ଆମ୍ଭ ହାତରେ ଏକ ଶେକଲ ରୂପାର ଚତୁର୍ଥାଂଶ ଅଛି; ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ଯାତ୍ରା ବିଷୟ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ଜଣାଇବା ପାଇଁ ଆମ୍ଭେ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ଲୋକଙ୍କୁ ତାହା ଦେବା।”
9 (पूर्वी इस्राएलात कोणी परमेश्वराजवळ विचारायला जात असताना असे म्हणत, “चला आपण द्रष्ट्याकडे जाऊ.” कारण ज्याला आता भविष्यवादी म्हणतात त्यास पूर्वी द्रष्टा असे म्हणत.)
(ପୂର୍ବକାଳେ ଇସ୍ରାଏଲ ମଧ୍ୟରେ କାହାରି ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ନିକଟରେ ପଚାରିବା ପାଇଁ ଯିବାର ହେଲେ, ସେ ଏପରି କହେ, “ଆସ, ଆମ୍ଭେମାନେ ଦର୍ଶକ ନିକଟକୁ ଯାଉ;” କାରଣ, ବର୍ତ୍ତମାନ ଯାହାକୁ ଭବିଷ୍ୟଦ୍‍ବକ୍ତା କହନ୍ତି, ପୂର୍ବକାଳରେ ତାହାକୁ ଦର୍ଶକ କହୁଥିଲେ)।
10 १० मग शौल चाकराला म्हणाला, “तुझे बोलणे ठीक आहे चल आपण जाऊ.” तेव्हा ज्या नगरात देवाचा पुरुष होता तेथे ते गेले.
ଏହେତୁ ଶାଉଲ ଆପଣା ଯୁବାକୁ କହିଲେ, “ଭଲ କହିଲ; ଆସ, ଆମ୍ଭେମାନେ ଯାଉ।” ତହିଁରେ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ଲୋକ ଯେଉଁ ନଗରରେ ଥିଲେ, ସେଠାକୁ ସେମାନେ ଗଲେ।
11 ११ ते टेकडीवर नगराकडल्या चढणीवर जात होते तेव्हा मुली पाणी भरायला बाहेर जाताना त्यांना भेटल्या. ते त्यांना म्हणाले, “द्रष्टा (पाहणारा) येथे आहे काय?”
ସେମାନେ ନଗରକୁ ଯିବା ଉଠାଣି ପଥରେ ଗଲା ବେଳେ ଜଳ କାଢ଼ିବା ପାଇଁ ବାହାରକୁ ଯିବା କେତେକ ଯୁବତୀଙ୍କି ଦେଖି ପଚାରିଲେ, “ଏଠାରେ ଦର୍ଶକ ଅଛନ୍ତି କି?”
12 १२ त्यांनी त्यांना उत्तर देऊन म्हटले, “तो आहे; पाहा तुमच्या पुढेच तो निघाला आहे. लवकर जा. तो नगरात आला आहे कारण आज लोकांस उंचस्थानी यज्ञ करायचा आहे.
ତହିଁରେ ସେମାନେ ଉତ୍ତର ଦେଇ କହିଲେ, “ଅଛନ୍ତି; ଦେଖ, ସେ ତୁମ୍ଭ ଆଗରେ ଅଛନ୍ତି; ଶୀଘ୍ର ଯାଅ, କାରଣ ସେ ଆଜି ନଗରକୁ ଆସିଅଛନ୍ତି; ଆଜି ଉଚ୍ଚସ୍ଥଳୀରେ ଲୋକମାନଙ୍କର ଏକ ବଳିଦାନ ଅଛି;
13 १३ तुम्ही तो जेवायला उंचस्थानी चढून जाण्याच्या आधी, नगरात जातानाच तुमची आणि त्याची भेट होईल. तो येण्याच्या अगोदर लोक जेवणार नाहीत, कारण तो यज्ञाला आशीर्वाद देतो मग बोलावलेले जेवतात. तर आता तुम्ही वर जा, कारण या वेळेस त्याची भेट होईल.”
ସେ ଭୋଜନ କରିବା ପାଇଁ ଉଚ୍ଚସ୍ଥଳୀକି ଯିବା ପୂର୍ବେ ତୁମ୍ଭେମାନେ ନଗରରେ ପହଞ୍ଚିଲେ, ସେହିକ୍ଷଣି ତାଙ୍କୁ ଦେଖିବ; କାରଣ, ସେ ନ ଆସିବା ଯାଏ ଲୋକମାନେ ଭୋଜନ କରିବେ ନାହିଁ, ଯେହେତୁ ସେ ବଳିକୁ ଆଶୀର୍ବାଦ କଲା ଉତ୍ତାରେ ନିମନ୍ତ୍ରିତ ଲୋକମାନେ ଭୋଜନ କରନ୍ତି। ଏଣୁ ତୁମ୍ଭେମାନେ ଏହିକ୍ଷଣି ଉଠିଯାଅ, ଏତେବେଳେ ତୁମ୍ଭେମାନେ ତାଙ୍କୁ ପାଇବ।”
14 १४ मग ते नगराकडे चढून गेले आणि ते नगरात जाऊन पोहचतात, तो त्यांनी पाहीले की, शमुवेल उंचस्थानी चढून जायला निघताना त्याच्याकडे येत आहे.
ତହୁଁ ସେମାନେ ନଗରକୁ ଉଠିଗଲେ; ନଗର ମଧ୍ୟରେ ଉପସ୍ଥିତ ହେବା ମାତ୍ରେ, ଦେଖ, ଉଚ୍ଚସ୍ଥଳୀକି ଯିବା ପାଇଁ ଶାମୁୟେଲ ବାହାରି ଆସି ସେମାନଙ୍କ ନିକଟରେ ଉପସ୍ଥିତ ହେଲେ।
15 १५ शौलाच्या येण्यापूर्वी एक दिवस अगोदर, परमेश्वराने शमुवेलाला प्रकट केले होते की:
ଶାଉଲ ଆସିବାର ଦିନକ ପୂର୍ବେ ସଦାପ୍ରଭୁ ଶାମୁୟେଲଙ୍କ କର୍ଣ୍ଣରେ ଏହି କଥା କହିଥିଲେ,
16 १६ “उद्या सुमारे या वेळेस बन्यामिनी प्रांतातून एक पुरुष मी तुझ्याकडे पाठवीन, आणि माझे लोक इस्राएल यांचा राजा होण्यास त्यास तू अभिषेक कर. तो पलिष्ट्यांच्या हातून माझ्या लोकांस सोडवील; कारण मी आपल्या लोकांकडे पाहिले आहे आणि त्यांची आरोळी माझ्याकडे आली आहे.”
“କାଲି ପ୍ରାୟ ଏହି ସମୟରେ ଆମ୍ଭେ ବିନ୍ୟାମୀନ୍ ପ୍ରଦେଶରୁ ତୁମ୍ଭ ନିକଟକୁ ଜଣେ ଲୋକ ପଠାଇବା, ଆଉ ତୁମ୍ଭେ ତାହାକୁ ଆମ୍ଭ ଇସ୍ରାଏଲ ଲୋକଙ୍କ ଉପରେ ରାଜା କରି ଅଭିଷିକ୍ତ କରିବ ଓ ସେ ଆମ୍ଭ ଲୋକମାନଙ୍କୁ ପଲେଷ୍ଟୀୟମାନଙ୍କ ହସ୍ତରୁ ଉଦ୍ଧାର କରିବ; କାରଣ ଆମ୍ଭ ଲୋକମାନଙ୍କ କ୍ରନ୍ଦନ ଆମ୍ଭ କର୍ଣ୍ଣଗୋଚର ହେବାରୁ ଆମ୍ଭେ ସେମାନଙ୍କ ପ୍ରତି ଦୃଷ୍ଟିପାତ କଲୁ।”
17 १७ शमुवेलाने शौलाला पाहिले, तेव्हा परमेश्वर त्यास म्हणाला, “पाहा ज्या मनुष्याविषयी मी तुला सांगितले तो हाच आहे! हा माझ्या लोकांवर राज्य करील.”
ଏଥିରେ ଶାମୁୟେଲ ଶାଉଲଙ୍କୁ ଦେଖନ୍ତେ, ସଦାପ୍ରଭୁ ତାଙ୍କୁ କହିଲେ, “ଯାହା ବିଷୟରେ ଆମ୍ଭେ ତୁମ୍ଭକୁ କହିଥିଲୁ, ସେହି ବ୍ୟକ୍ତିକୁ ଦେଖ! ସେ ଆମ୍ଭ ଲୋକମାନଙ୍କ ଉପରେ ଶାସନ କରିବ।”
18 १८ मग शौल शमुवेलाजवळ वेशीत येऊन म्हणाला, “मी तुम्हास विनंती करतो द्रष्याचे (पाहणाऱ्याचे) घर कोठे आहे ते मला सांगा.”
ସେତେବେଳେ ଶାଉଲ ନଗର-ଦ୍ୱାର ଭିତରେ ଶାମୁୟେଲଙ୍କର ନିକଟବର୍ତ୍ତୀ ହୋଇ କହିଲେ, “ବିନୟ କରୁଅଛି, ଦର୍ଶକର ଗୃହ କେଉଁଠାରେ, ମୋତେ କୁହ।”
19 १९ तेव्हा शमुवेलाने शौलाला उत्तर देऊन म्हटले, “द्रष्टा (पाहणारा) मीच आहे. माझ्या पुढे उंचस्थानी वर चला, म्हणजे आज तुम्ही माझ्याबरोबर जेवाल. तुझ्या मनात जे आहे ते सर्व सांगून सकाळी मी तुला जाऊ देईन.
ତହିଁରେ ଶାମୁୟେଲ ଶାଉଲଙ୍କୁ ଉତ୍ତର ଦେଇ କହିଲେ, “ମୁଁ ସେହି ଦର୍ଶକ; ସେ ଉଚ୍ଚସ୍ଥଳୀକି ମୋହର ଆଗେ ଯାଅ, କାରଣ ତୁମ୍ଭେମାନେ ଆଜି ମୋହର ସଙ୍ଗେ ଭୋଜନ କରିବ; ଆଉ ସକାଳେ ମୁଁ ତୁମ୍ଭକୁ ବିଦାୟ କରିବି ଓ ତୁମ୍ଭ ମନରେ ଯେସବୁ କଥା ଅଛି, ତାହାସବୁ ତୁମ୍ଭକୁ ଜଣାଇବି।
20 २० आणि तुझी जी गाढवे तीन दिवसांपूर्वी हरवली होती त्यांची तू काळजी करू नको, कारण ती सांपडली आहेत. आणि इस्राएलाच्या सर्व अभिलाषा कोणाकडे आहेत? तुझ्याकडे व तुझ्या वडिलाच्या सर्व घराण्याकडे की नाही?”
ପୁଣି, ତିନି ଦିନ ହେଲା ତୁମ୍ଭର ଯେଉଁସବୁ ଗଧ ହଜିଛନ୍ତି; ସେମାନଙ୍କଠାରେ ମନ ଦିଅ ନାହିଁ; କାରଣ ସେମାନେ ମିଳିଲେଣି। ପୁଣି, ଇସ୍ରାଏଲ ମଧ୍ୟରେ ସମସ୍ତ ବାଞ୍ଛନୀୟ ବିଷୟ କାହା ପାଇଁ? ତାହା କି ତୁମ୍ଭ ନିମନ୍ତେ ଓ ତୁମ୍ଭର ସମସ୍ତ ପିତୃଗୃହ ନିମନ୍ତେ ନୁହେଁ?”
21 २१ तेव्हा शौलाने उत्तर देऊन म्हटले, “मी बन्यामीनी, इस्राएलाच्या वंशामध्ये सर्वाहून धाकट्या वंशातला नाही काय? आणि बन्यामिनाच्या वंशामध्ये सर्व घराण्यांपेक्षां माझे घराणे लहान आहे की नाही? तर तुम्ही माझ्याशी असे कसे बोलता?”
ତହୁଁ ଶାଉଲ ଉତ୍ତର କରି କହିଲେ, “ମୁଁ କି ଇସ୍ରାଏଲ ବଂଶସମୂହ ମଧ୍ୟରେ କ୍ଷୁଦ୍ରତମ ବିନ୍ୟାମୀନ୍ ବଂଶୀୟ ନୁହେଁ? ଆଉ ବିନ୍ୟାମୀନ୍ ବଂଶୀୟ ସମସ୍ତ ପରିବାର ମଧ୍ୟରେ ମୋର ପରିବାର କି କ୍ଷୁଦ୍ରତମ ନୁହେଁ? ତେବେ ତୁମ୍ଭେ ମୋତେ ଏପ୍ରକାର କଥା କାହିଁକି କହୁଅଛ?”
22 २२ मग शमुवेलाने शौलाला व त्याच्या चाकराला बरोबर घेऊन भोजनशाळेत आणले. आणि आमंत्रितांमध्ये त्यांना मुख्य ठिकाणी बसवले; ते सुमारे तीसजण होते.
ଏଥିରେ ଶାମୁୟେଲ ଶାଉଲଙ୍କୁ ଓ ତାଙ୍କର ଯୁବାକୁ ନେଇ ଭୋଜନଶାଳାକୁ ଗଲେ ଓ ଊଣାଧିକ ତିରିଶ ନିମନ୍ତ୍ରିତ ଲୋକଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ସେମାନଙ୍କୁ ସର୍ବୋତ୍ତମ ସ୍ଥାନରେ ବସାଇଲେ।
23 २३ तेव्हा शमुवेल आचाऱ्याला म्हणाला, “जो वाटा मी तुला दिला होता व ज्याविषयी मी तुला म्हटले होते की, हा तू आपल्याजवळ वेगळा ठेव, तो आण.”
ଏଉତ୍ତାରେ ଶାମୁୟେଲ ପାଚକକୁ କହିଲେ, “ମୁଁ ତୁମ୍ଭକୁ ଯେଉଁ ଅଂଶ ଦେଇ ଆପଣା ନିକଟରେ ରଖିଥାଅ ବୋଲି କହିଥିଲି, ତାହା ଆଣ।”
24 २४ तेव्हा स्वयंपाक्याने फरा व त्यावर जे होते ते घेऊन शौलापुढे ठेवले. मग शमुवेल म्हणाला, “पाहा जे राखून ठेवले होते! ते खा, कारण नेमलेल्या वेळेपर्यंत ते तुझ्यासाठी राखून ठेवलेले आहे.” कारण आता तू म्हणू शकतोस की, मी लोकांस बोलावले आहे. अशा रीतीने, त्या दिवशी शौल शमुवेलाबरोबर जेवला.
ତହିଁରେ ପାଚକ ଚଟୁଆ ଓ ତହିଁ ଉପରେ ଯାହା ଥିଲା, ତାହା ଆଣି ଶାଉଲଙ୍କ ଆଗରେ ଥୋଇଲା। ତହୁଁ ଶାମୁୟେଲ କହିଲେ, “ଦେଖ! ଏହା ରଖାଯାଇଥିଲା, ଆପଣା ଆଗରେ ରଖି ଭୋଜନ କର; ଯେହେତୁ ନିରୂପିତ ସମୟ ଅପେକ୍ଷାରେ ଏହା ତୁମ୍ଭ ପାଇଁ ରଖାଯାଇଅଛି, କାରଣ ମୁଁ ଲୋକମାନଙ୍କୁ ନିମନ୍ତ୍ରଣ କରିଅଛି ବୋଲି କହିଥିଲି।” ତହିଁରେ ସେହି ଦିନ ଶାଉଲ ଶାମୁୟେଲଙ୍କ ସଙ୍ଗେ ଭୋଜନ କଲେ।
25 २५ ते उंचस्थानावरून खाली नगरात आल्यावर त्याने घराच्या धाब्यावर शौलाशी संभाषण केले.
ତହୁଁ ସେମାନେ ଉଚ୍ଚସ୍ଥଳୀରୁ ଓହ୍ଲାଇ ନଗରକୁ ଆସନ୍ତେ, ଶାମୁୟେଲ ଗୃହ-ଛାତ ଉପରେ ଶାଉଲଙ୍କ ସଙ୍ଗେ ଆଳାପ କଲେ।
26 २६ ते पहाटेस उठले व उजाडण्याच्या वेळेस असे झाले की, शमुवेलाने शौलाला घराच्या धाब्यावर बोलावून म्हटले, “मी तुला पाठवून द्यावे म्हणून ऊठ. तेव्हा शौल ऊठला, मग तो व शमुवेल असे दोघेजण बाहेर गेले.”
ଏଉତ୍ତାରେ ସେମାନେ ଅତି ପ୍ରଭାତରେ ଉଠିଲେ; ପୁଣି, ପ୍ରାୟ ଦିବସ-ପ୍ରକାଶ ସମୟରେ ଶାମୁୟେଲ ଗୃହ-ଛାତ ଉପରେ ଶାଉଲଙ୍କୁ ଡାକି କହିଲେ, “ଉଠ, ମୁଁ ତୁମ୍ଭଙ୍କୁ ବିଦାୟ କରିବି।” ତହିଁରେ ଶାଉଲ ଉଠିଲେ, ପୁଣି, ସେ ଓ ଶାମୁୟେଲ ଦୁହେଁ ବାହାରକୁ ଗଲେ।
27 २७ ते खाली नगराच्या शेवटास जात असता, शमुवेल शौलाला म्हणाला, “चाकराला आपल्यापुढे चालायला सांग, परंतु मी तुला देवाचे वचन ऐकावावे म्हणून तू येथे थोडा थांब. आणि चाकर पुढे गेला.”
ଆଉ ସେମାନେ ନଗର-ପ୍ରାନ୍ତରେ ହେବା ବେଳେ ଶାମୁୟେଲ ଶାଉଲଙ୍କୁ କହିଲେ, “ଏହି ଯୁବାକୁ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ଆଗେ ଯିବାକୁ କୁହ; (ତହୁଁ ସେ ଆଗେ ଗଲା); ମାତ୍ର ତୁମ୍ଭେ ବର୍ତ୍ତମାନ ଠିଆ ହୁଅ, ଆମ୍ଭେ ତୁମ୍ଭକୁ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ବାକ୍ୟ ଶୁଣାଇବା।”

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