< 1 शमुवेल 14 >

1 एके दिवशी असे झाले की, शौलाचा मुलगा योनाथान आपल्या शस्त्रवाहक तरुणाला म्हणाला, “चल आपण पलिष्ट्यांचे ठाणे जे पलीकडे आहे त्याकडे जाऊ.” परंतु त्याने आपल्या बापाला हे सांगितले नाही.
ଏକ ଦିନ ଶାଉଲଙ୍କର ପୁତ୍ର ଯୋନାଥନ ଆପଣା ଅସ୍ତ୍ରବାହକ ଯୁବାକୁ କହିଲା, “ଆସ, ଆମ୍ଭେମାନେ ସେପାଖସ୍ଥିତ ପଲେଷ୍ଟୀୟମାନଙ୍କ ପ୍ରହରୀ-ଦଳ ନିକଟକୁ ଯାଉ।” ମାତ୍ର ସେ ଆପଣା ପିତାକୁ ଏହା ଜଣାଇଲା ନାହିଁ।
2 शौल गिब्याच्या शेवटल्या भागी मिग्रोनांत डाळिंबाच्या झाडाखाली राहत होता त्याच्याजवळचे लोक सुमारे सहाशे होते;
ସେସମୟରେ ଶାଉଲ ଗିବୀୟାର ପ୍ରାନ୍ତଭାଗରେ ମିଗ୍ରୋଣସ୍ଥ ଡାଳିମ୍ବ ବୃକ୍ଷ ମୂଳରେ ଥିଲେ; ପୁଣି, ଊଣାଧିକ ଛଅ ଶହ ଲୋକ ତାଙ୍କ ସଙ୍ଗରେ ଥିଲେ;
3 एलीचा मुलगा फिनहास याचा मुलगा ईखाबोद याचा भाऊ अहीटूब याचा मुलगा अहीया शिलोत एफोद घातलेला परमेश्वराचा याजक हाही होता. तेव्हा योनाथान गेला हे लोकांस माहित नव्हते.
ମଧ୍ୟ ଯେଉଁ ଏଲି ଶୀଲୋରେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଯାଜକ ଥିଲେ, ତାଙ୍କ ପ୍ରପୌତ୍ର, ପୀନହସ୍‍ର ପୌତ୍ର, ଐକାବୋଦର ଭ୍ରାତା ଅହୀଟୂବ୍‍ର ପୁତ୍ର ଅହୀୟ ଏଫୋଦ ପିନ୍ଧି ସେଠାରେ ଥିଲା। ଆଉ ଯୋନାଥନ ଯେ ବାହାର ହୋଇ ଯାଇଅଛି, ଏ କଥା ଲୋକମାନେ ଜାଣି ନ ଥିଲେ।
4 योनाथान ज्या घाटांनी पलिष्ट्यांच्या ठाण्यावर जाण्यास पाहत होता त्याच्या एका बाजूला खडकाळ शिखर व दुसऱ्या बाजूला खडकाळ शिखर होते; त्यातल्या एकाचे नांव बोसेस व दुसऱ्याचे नांव सेने असे होते.
ପୁଣି, ଯୋନାଥନ ଯେଉଁ ଘାଟି ଦେଇ ପଲେଷ୍ଟୀୟମାନଙ୍କ ପ୍ରହରୀ-ଦଳ ନିକଟକୁ ଯିବାକୁ ଚେଷ୍ଟା କଲା, ତହିଁର ମଧ୍ୟସ୍ଥଳରେ ଏକପାଖେ ଦନ୍ତାକାର ଏକ ଶୈଳ ଓ ଅନ୍ୟ ପାଖେ ଦନ୍ତାକାର ଏକ ଶୈଳ ଥିଲା; ତହିଁର ଏକର ନାମ ବୋତ୍‍ସେସ ଓ ଅନ୍ୟର ନାମ ସେନି।
5 एक शिखर उत्तरेकडे मिखमाशासमोर व दुसरे दक्षिणेकडे गिब्यासमोर उभे होते.
ତହିଁ ମଧ୍ୟରୁ ଏକ ସ୍ତମ୍ଭାକାର ଦନ୍ତ ଉତ୍ତର ଆଡ଼ ମିକ୍‍ମସ୍‍ର ଅଭିମୁଖରେ ଓ ଅନ୍ୟଟି ଦକ୍ଷିଣ ଆଡ଼େ ଗେବା ଅଭିମୁଖରେ ଥିଲା।
6 योनाथान आपल्या तरुण शस्त्रवाहकाला म्हणाला, “चल, आपण त्या बेसुंत्यांच्या ठाण्यावर जाऊ. कदाचित परमेश्वर आमच्यासाठी कार्य करील; कारण बहुतांनी किंवा थोडक्यांनी सोडायला परमेश्वरास काही अडचण नाही.”
ପୁଣି, ଯୋନାଥନ ଆପଣା ଅସ୍ତ୍ରବାହକ ଯୁବାକୁ କହିଲା, “ଆସ, ଆମ୍ଭେମାନେ ସେହି ଅସୁନ୍ନତମାନଙ୍କ ପ୍ରହରୀ-ଦଳ ନିକଟକୁ ଯାଉ; ହୋଇପାରେ, ସଦାପ୍ରଭୁ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ପକ୍ଷରେ କର୍ମ କରିବେ; ଯେହେତୁ ଅନେକ ଦ୍ୱାରା ହେଉ କି ଅଳ୍ପ ଦ୍ୱାରା ହେଉ, ଉଦ୍ଧାର କରିବାରେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କର କୌଣସି ପ୍ରତିବନ୍ଧକ ନାହିଁ।”
7 त्याचा शस्त्रवाहक त्यास म्हणाला, “जे तुझ्या मनात आहे ते सगळे कर. तू पुढे जा, पाहा तुझ्या आज्ञा पालन करण्यास मी तुझ्याबरोबर आहे.”
ତହିଁରେ ତାହାର ଅସ୍ତ୍ରବାହକ କହିଲା, “ତୁମ୍ଭ ମନରେ ଯାହା ଅଛି, ସବୁ କର; ଚାଲ, ଦେଖ ଆମ୍ଭେ ତୁମ୍ଭ ମନ ପରି ତୁମ୍ଭ ସଙ୍ଗରେ ଅଛୁ।”
8 तेव्हा योनाथान म्हणाला, “पाहा आपण त्या मनुष्याकडे जाऊन त्यास प्रगट होऊ.
ତେବେ ଯୋନାଥନ କହିଲା, “ଦେଖ, ଆମ୍ଭେମାନେ ସେହି ଲୋକମାନଙ୍କ ଆଡ଼କୁ ଯାଇ ସେମାନଙ୍କ ନିକଟରେ ଆପଣାମାନଙ୍କୁ ଦେଖାଇବା।
9 जर ते आम्हास म्हणतील, ‘आम्ही तुम्हाकडे येऊ तोपर्यंत थांबा,’ तर आम्ही आपल्या ठिकाणी उभे राहू वर त्याच्याकडे जाणार नाही;
ଯେବେ ସେମାନେ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କୁ କହିବେ, ‘ରହିଥାଅ, ଆମ୍ଭେମାନେ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ କତିକି ଆସିବା;’ ତେବେ ଆମ୍ଭେମାନେ ଆପଣା ଆପଣା ସ୍ଥାନରେ ଛିଡ଼ା ହୋଇ ରହିବା, ସେମାନଙ୍କ ନିକଟକୁ ଉଠି ଯିବା ନାହିଁ।
10 १० परंतु जर ते म्हणतील की, ‘वर आम्हाकडे या,’ तर आम्ही वर जाऊ; कारण परमेश्वराने त्यांना आमच्या हाती दिले आहे. हेच आम्हांला चिन्ह होईल.”
ମାତ୍ର ‘ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ନିକଟକୁ ଉଠି ଆସ’ ବୋଲି ଯେବେ ସେମାନେ କହିବେ, ତେବେ ଆମ୍ଭେମାନେ ଉଠି ଯିବା; କାରଣ ସଦାପ୍ରଭୁ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ହସ୍ତରେ ସେମାନଙ୍କୁ ସମର୍ପଣ କଲେ; ଆଉ, ଏହା ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ପ୍ରତି ଚିହ୍ନ ହେବ।”
11 ११ मग त्या दोघांनी आपणांला पलिष्ट्यांच्या ठाण्यातील मनुष्यांना प्रगट केले. पलिष्ट्यांनी म्हटले, “पाहा ज्या गुहांमध्ये इब्री लपले होते त्यातून ते निघून येत आहेत.”
ତହୁଁ ସେ ଦୁହେଁ ପଲେଷ୍ଟୀୟମାନଙ୍କ ପ୍ରହରୀ-ଦଳ ନିକଟରେ ଆପଣାମାନଙ୍କୁ ଦେଖାଇଲେ; ଏଥିରେ ପଲେଷ୍ଟୀୟମାନେ କହିଲେ, “ଏହି ଦେଖ, ଏବ୍ରୀୟ ଲୋକମାନେ ଯେଉଁ ଯେଉଁ ଗାଡ଼ରେ ଲୁଚିଥିଲେ, ସେଠାରୁ ଏବେ ବାହାରି ଆସୁଅଛନ୍ତି।”
12 १२ ठाण्याच्या मनुष्यांनी योनाथान व त्याचा शस्त्रवाहक यांना उत्तर देऊन म्हटले, “वर आम्हाकडे या म्हणजे आम्ही तुम्हास काही गोष्टी दाखवू.” तेव्हा योनाथान आपल्या शस्त्रवाहकाला म्हणाला, “माझ्यामागे वर ये; कारण परमेश्वराने त्यांना इस्राएलाच्या हाती दिले आहे.”
ପୁଣି, ପ୍ରହରୀ ଦଳୀୟ ଲୋକମାନେ ଯୋନାଥନକୁ ଓ ତାହାର ଅସ୍ତ୍ରବାହକକୁ ଉତ୍ତର କରି କହିଲେ, “ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ କତିକି ଉଠି ଆସ, ଆମ୍ଭେମାନେ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ଗୋଟିଏ କୌତୁକ ଦେଖାଇବା।” ଏଥିରେ ଯୋନାଥନ ଆପଣା ଅସ୍ତ୍ରବାହକକୁ କହିଲା, “ମୋʼ ପଛେ ପଛେ ଉଠି ଆସ; କାରଣ ସଦାପ୍ରଭୁ ସେମାନଙ୍କୁ ଇସ୍ରାଏଲ ହସ୍ତରେ ସମର୍ପଣ କଲେଣି।”
13 १३ मग योनाथान आपल्या हातांनी व आपल्या पायांनी चढून गेला आणि त्याचा शस्त्रवाहक त्याच्या मागोमाग चढून गेला. तेव्हा योनाथानासमोर पलिष्टी पडले व त्याच्यामागून त्याचा शस्त्रवाहक त्यांना मारीत गेला.
ଏଥିରେ ଯୋନାଥନ ଆପଣା ହାତ ଓ ଗୋଡ଼ ଦେଇ ଉପରକୁ ଉଠିଗଲା ଓ ତାହାର ଅସ୍ତ୍ରବାହକ ତାହା ପଛେ ପଛେ ଗଲା; ତହିଁରେ ସେହି ଲୋକମାନେ ଯୋନାଥନର ଆଗେ ଆଗେ ପତିତ ହେଲେ, ପୁଣି, ତାହାର ଅସ୍ତ୍ରବାହକ ତାହାର ପଛେ ପଛେ ବଧ କରିବାକୁ ଲାଗିଲା।
14 १४ जो पहिला वध योनाथानाने केला त्यामध्ये एक बिघा भूमीवर सुमारे वीस माणसे पडली.
ଯୋନାଥନ ଓ ତାହାର ଅସ୍ତ୍ରବାହକର କୃତ ଏହି ପ୍ରଥମ ହତ୍ୟାରେ ପ୍ରାୟ ଅର୍ଦ୍ଧ ଏକର ଭୂମିରେ ଊଣାଧିକ କୋଡ଼ିଏ ଜଣ ହତ ହେଲେ।
15 १५ छावणीत शेतात व सर्व लोकांमध्ये कंप झाला, ते ठाणे व छापे मारणारेही कापले व भूमी कापली. तेथे तर फार घबराट पसरली होती.
ତହିଁରେ କ୍ଷେତ୍ରସ୍ଥିତ ଛାଉଣି ମଧ୍ୟରେ ଓ ସବୁ ଲୋକଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ କମ୍ପ ହେଲା; ପ୍ରହରୀ-ଦଳ ଓ ବିନାଶକମାନେ ମଧ୍ୟ କମ୍ପିଲେ ଓ ଭୂମିକମ୍ପ ହେଲା; ଏହିରୂପେ ଘୋରତର ମହାକମ୍ପ ହେଲା।
16 १६ तेव्हा बन्यामिनातील गिब्यांतल्या शौलाच्या पहारेकऱ्यांनी पाहिले की पलिष्टी सैन्याचा जमाव पांगत आहे आणि ते इकडे तिकडे पळत आहेत.
ସେତେବେଳେ ବିନ୍ୟାମୀନ୍ ପ୍ରଦେଶସ୍ଥ ଗିବୀୟାରେ ଶାଉଲଙ୍କର ପ୍ରହରୀମାନେ ଅନାଇଲେ; ଆଉ ଦେଖ, ଲୋକଗହଳ ଭାଙ୍ଗିଯାଇ ଏଆଡ଼େ ସେଆଡ଼େ ଯାଉଅଛନ୍ତି।
17 १७ मग शौल आपल्याबरोबरच्या लोकांस म्हणाला, “आमच्यामधून कोण गेला आहे? मोजून पाहा.” मग त्यांनी मोजून पाहिले तर योनाथान व त्याचा शस्त्रवाहक तेथे नव्हते.
ତେଣୁ ଶାଉଲ ଆପଣା ସଙ୍ଗୀ ଲୋକମାନଙ୍କୁ କହିଲେ, “ଏବେ ଗଣନା କରି ଦେଖିଲ, ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରୁ କିଏ ଯାଇଅଛି?” ତହିଁରେ ସେମାନେ ଗଣନା କରନ୍ତେ, ଦେଖ, ଯୋନାଥନ ଓ ତାହାର ଅସ୍ତ୍ରବାହକ ନାହାନ୍ତି।
18 १८ शौलाने अहीयाला म्हटले, “देवाचा कोश इकडे आण.” कारण त्या वेळी देवाचा कोश इस्राएल लोकांच्यामध्ये होता.
ତହୁଁ ଶାଉଲ ଅହୀୟକୁ କହିଲେ, “ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ସିନ୍ଦୁକ ଏଠାକୁ ଆଣ,” କାରଣ, ସେସମୟରେ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ସିନ୍ଦୁକ ଇସ୍ରାଏଲ-ସନ୍ତାନଗଣ ମଧ୍ୟରେ ସେଠାରେ ଥିଲା।
19 १९ असे झाले की शौल याजकाशी बोलत असता पलिष्ट्यांच्या छावणीतला गलबला वाढत वाढत मोठा झाला. तेव्हा शौलाने याजकाला म्हटले, “आपला हात काढून घे.”
ପୁଣି, ଶାଉଲ ଯାଜକ ସଙ୍ଗେ କଥା କହିବା ବେଳେ ଏପରି ହେଲା ଯେ, ପଲେଷ୍ଟୀୟମାନଙ୍କ ଛାଉଣିରେ ଆହୁରି ଆହୁରି କୋଳାହଳ ବଢ଼ିବାକୁ ଲାଗିଲା; ତହିଁରେ ଶାଉଲ ଯାଜକକୁ କହିଲେ, “କର୍ମ ବନ୍ଦ କର।”
20 २० तेव्हा शौल व त्याच्याजवळ ते सर्व लोक जमून लढाईला गेले. आणि पाहा प्रत्येक पलिष्टी मनुष्याची तलवार आपल्या सोबत्याच्या विरूद्ध झाली म्हणून फार मोठी दाणादाण उडाली.
ତହୁଁ ଶାଉଲ ଓ ତାଙ୍କର ସଙ୍ଗୀ ସମସ୍ତ ଲୋକ ଏକତ୍ର ହୋଇ ଯୁଦ୍ଧଭୂମିକୁ ଗଲେ; ସେତେବେଳେ ଦେଖ, ପ୍ରତ୍ୟେକ ଲୋକର ଖଡ୍ଗ ଆପଣା ସଙ୍ଗୀ ବିରୁଦ୍ଧରେ ଉଠୁଅଛି ଓ ମହା କୋଳାହଳ ହେଉଅଛି।
21 २१ तेव्हा जे इब्री पूर्वी पलिष्ट्याच्यामध्ये राहिले होते जे चहूकडून त्याच्याबरोबर छावणीत गेले होते तेही शौल व योनाथान याच्याबरोबर जे इस्राएल होते त्याच्याशी मिळाले.
ଆହୁରି, ଯେଉଁ ଏବ୍ରୀୟମାନେ ଚାରିଆଡ଼ସ୍ଥ ଦେଶରୁ ପଲେଷ୍ଟୀୟମାନଙ୍କ ଛାଉଣିକୁ ଯାଇ ପୂର୍ବ ପରି ସେମାନଙ୍କ ସହିତ ଥିଲେ, ସେମାନେ ମଧ୍ୟ ଶାଉଲ ଓ ଯୋନାଥନ ସହିତ ଥିବା ଇସ୍ରାଏଲ ଲୋକମାନଙ୍କ ସଙ୍ଗୀ ହେବା ପାଇଁ ଫେରି ଆସିଲେ।
22 २२ जी इस्राएली माणसे एफ्राईमाच्या डोंगराळ प्रदेशांत लपली होती ती सर्व पलिष्टी पळत आहेत हे ऐकून लढाईत त्याच्या पाठीस लागली.
ସେହିପରି ଯେଉଁ ଇସ୍ରାଏଲ ଲୋକମାନେ ଇଫ୍ରୟିମର ପର୍ବତମୟ ଦେଶରେ ଲୁଚି ରହିଥିଲେ, ସେସମସ୍ତେ ମଧ୍ୟ ପଲେଷ୍ଟୀୟମାନଙ୍କ ପଳାୟନ ସମ୍ବାଦ ଶୁଣି ଯୁଦ୍ଧସ୍ଥଳରେ ସେମାନଙ୍କ ପଛେ ପଛେ ଦୌଡ଼ି ଲାଗି ରହିଲେ।
23 २३ असे परमेश्वराने त्यादिवशी इस्राएलास सोडवले आणि लढाई बेथ-आवेनाकडे गेली.
ଏହିରୂପେ ସଦାପ୍ରଭୁ ସେହି ଦିନ ଇସ୍ରାଏଲକୁ ଉଦ୍ଧାର କଲେ ଓ ବେଥ୍-ଆବନର ପାର ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଯୁଦ୍ଧ ବ୍ୟାପିଗଲା।
24 २४ त्या दिवशी इस्राएली पुरुष निराश झाले कारण शौलाने लोकांस शपथ घालून सांगितले होते, संध्याकाळपर्यंत मी आपल्या शत्रूचा सूड घेईपर्यंत जो पुरुष काही खाईल त्यास शाप लागो. म्हणून लोकांतल्या कोणी काही खाल्ले नाही.
ପୁଣି, ସେହି ଦିନ ଇସ୍ରାଏଲ ଲୋକମାନେ ବଡ଼ କଷ୍ଟ ଭୋଗିଲେ; ତଥାପି ଶାଉଲ ଲୋକମାନଙ୍କୁ ଏହି ଶପଥ କରାଇଲେ, “ସନ୍ଧ୍ୟା ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ, ଅର୍ଥାତ୍‍, ମୁଁ ଆପଣା ଶତ୍ରୁଗଣଠାରୁ ପରିଶୋଧ ନେବା ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଯେଉଁ ଲୋକ କିଛି ଖାଦ୍ୟ ଭୋଜନ କରେ, ସେ ଶାପଗ୍ରସ୍ତ ହେଉ।” ଏହେତୁ ଲୋକମାନଙ୍କର କେହି ଖାଦ୍ୟଦ୍ରବ୍ୟ ଆସ୍ୱାଦନ କଲା ନାହିଁ।
25 २५ देशातले सर्व लोक वनांत आले आणि भूमीवर मध होता;
ପୁଣି, ସମସ୍ତ ଲୋକମାନେ ବନକୁ ଆସିଲେ; ମୃତ୍ତିକା ଉପରେ ମହୁ ଥିଲା।
26 २६ वनांत लोक आले तेव्हा पाहा मधाचा ओघ वाहत होता. परंतु कोणी आपला हात आपल्या तोंडाला लावला नाही कारण लोक शपथेला भीत होते.
ଆଉ ଲୋକମାନେ ବନରେ ଉପସ୍ଥିତ ହୁଅନ୍ତେ, ଦେଖ, ଏକ ମହୁର ଝରଣା; ମାତ୍ର କେହି ଆପଣା ମୁହଁକୁ ହାତ ନେଲା ନାହିଁ; କାରଣ ଲୋକମାନେ ସେହି ଶପଥକୁ ଭୟ କଲେ।
27 २७ परंतु जेव्हा त्याच्या वडिलाने लोकांस शपथ घातली तेव्हा योनाथानाने ती ऐकली नव्हती म्हणून त्याने आपल्या हाती जी काठी होती तिचे टोक पुढे करून मधाच्या मोहळात घालून आपल्या तोंडास लावले; मग त्याचे डोळे टवटवीत झाले.
ମାତ୍ର ଯୋନାଥନ ଆପଣା ପିତା ଲୋକମାନଙ୍କୁ ଶପଥ କରାଇବା ବେଳେ ଶୁଣି ନ ଥିଲା; ଏହେତୁ ସେ ଆପଣା ହସ୍ତସ୍ଥିତ ଯଷ୍ଟିର ଅଗ୍ରଭାଗ ବଢ଼ାଇ ମହୁଚାକରେ ବୁଡ଼ାଇଲା ଓ ମୁଖକୁ ହସ୍ତ ନେଲା; ତହିଁରେ ତାହାର ଚକ୍ଷୁ ସତେଜ ହେଲା।
28 २८ तेव्हा लोकांतील एकाने उत्तर करून म्हटले, “तुझ्या वडिलाने लोकांस शपथ घालून निक्षून सांगितले की, जो कोणी आज काही अन्न् खाईल त्यास शाप लागो.” लोक तर थकले होते.
ସେତେବେଳେ ଲୋକମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରୁ ଜଣେ ଉତ୍ତର କରି କହିଲା, “ତୁମ୍ଭ ପିତା ଲୋକମାନଙ୍କୁ ଦୃଢ଼ ରୂପେ ଏହି ଶପଥ କରାଇଅଛନ୍ତି ଯେ, ‘ଆଜି ଯେଉଁ ଜନ ଖାଦ୍ୟ ଭୋଜନ କରେ, ସେ ଶାପଗ୍ରସ୍ତ ହେଉ।’ ମାତ୍ର ଲୋକମାନେ କ୍ଳାନ୍ତ ହୋଇଅଛନ୍ତି।”
29 २९ तेव्हा योनाथान म्हणाला, “माझ्या वडिलाने देशास दुखीत करून सोडला आहे. मी हा थोडा मध चाखला आणि पाहा माझे डोळे कसे टवटवीत झाले आहेत?
ତହିଁରେ ଯୋନାଥନ କହିଲା, “ମୋʼ ପିତା ଦେଶକୁ ଦୁଃଖ ଦେଇଅଛନ୍ତି; ଦେଖିଲ, ଏହି ମହୁରୁ ଟିକିଏ ଆସ୍ୱାଦ କରିବାରୁ ମୋର ଚକ୍ଷୁ କିପରି ସତେଜ ହୋଇଅଛି!
30 ३० जर लोकांनी आपल्या शत्रूंच्या मिळालेल्या लुटीतून आज इच्छेप्रमाणे खाल्ले असते तर कितीतरी बरे होते! कारण आता पलिष्टांचा आधिक मोठा घात झाला नसता काय?”
ଯେବେ ଲୋକମାନେ ଆପଣା ଶତ୍ରୁମାନଙ୍କଠାରୁ ପ୍ରାପ୍ତ ଲୁଟଦ୍ରବ୍ୟରୁ ଆଜି ସ୍ୱଚ୍ଛନ୍ଦରେ ଭୋଜନ କରିବାକୁ ପାଇଥାଆନ୍ତେ, ତେବେ କେତେ ଅଧିକ ଭଲ ହୁଅନ୍ତା? କାରଣ ଏବେ ତ ପଲେଷ୍ଟୀୟମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ କୌଣସି ମହାହତ୍ୟା ହୋଇ ନାହିଁ।”
31 ३१ त्या दिवशी ते मिखमाशापासून अयालोनापर्यंत पलिष्ट्यांना मारीत गेले. मग लोक फार थकलेले होते.
ପୁଣି, ସେଦିନ ସେମାନେ ମିକ୍‍ମସ୍‍ଠାରୁ ଅୟାଲୋନ୍‍ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ପଲେଷ୍ଟୀୟମାନଙ୍କୁ ଆଘାତ କଲେ; ତହିଁରେ ଲୋକମାନେ ଅତିଶୟ କ୍ଳାନ୍ତ ହେଲେ।
32 ३२ तेव्हा लोक लुटीवर तुटून पडले आणि मेंढरे, गुरे व वासरे घेऊन भूमीवर कापून रक्तासहित खाऊ लागले.
ଏହେତୁ ଲୋକମାନେ ଲୁଟଦ୍ରବ୍ୟ ଉପରେ ଉଡ଼ି ପଡ଼ିଲେ, ପୁଣି, ମେଣ୍ଢା, ଗୋରୁ ଓ ବାଛୁରି ନେଇ ଭୂମିରେ ବଧ କଲେ; ତହୁଁ ସେମାନେ ରକ୍ତ ସମେତ ତାହା ଭୋଜନ କଲେ।
33 ३३ तेव्हा कोणी शौलास सांगितले की, “पाहा लोक रक्तासह मांस खाऊन परमेश्वराच्या विरूद्ध पाप करत आहेत.” त्याने म्हटले, “तुम्ही अविश्वासूपणे कृत्ये करत आहात. मोठा दगड लोटून येथे माझ्याकडे आणा.”
ଏଥିରେ କେହି କେହି ଶାଉଲଙ୍କୁ କହିଲେ, ଦେଖନ୍ତୁ, ଲୋକମାନେ ରକ୍ତ ସମେତ ଭୋଜନ କରି ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ବିରୁଦ୍ଧରେ ପାପ କରୁଅଛନ୍ତି। ତହିଁରେ ସେ କହିଲେ, “ତୁମ୍ଭେମାନେ ବିଶ୍ୱାସଘାତକ କର୍ମ କରିଅଛ; ଏହିକ୍ଷଣେ ମୋହର ପାଖକୁ ଗୋଟିଏ ବଡ଼ ପଥର ଗଡ଼ାଇ ଆଣ।”
34 ३४ शौलाने म्हटले, “लोकांमध्ये धावत जाऊन त्यांना सांगा की, प्रत्येक मनुष्याने आपला बैल व प्रत्येक मनुष्याने आपली मेंढरे माझ्याकडे आणून येथे कापावी मग खावे; रक्तासह खाऊन परमेश्वराविरूद्ध पाप करू नका.” तेव्हा सर्व लोकांनी प्रत्येक मनुष्याने आपापले बैल आपल्या हाताने त्या रात्री आणून तेथे कापले.
ଆହୁରି ଶାଉଲ କହିଲେ, “ତୁମ୍ଭେମାନେ ଲୋକମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ଛିନ୍ନଭିନ୍ନ ହୋଇଯାଇ ସେମାନଙ୍କୁ କୁହ, ‘ତୁମ୍ଭେମାନେ ପ୍ରତ୍ୟେକେ ଆପଣା ଆପଣା ଗୋରୁ ଓ ଆପଣା ଆପଣା ମେଷ ଏଠାକୁ ମୋʼ କତିକି ଆଣି ବଧ କରି ଭୋଜନ କର; ମାତ୍ର ରକ୍ତ ସମେତ ମାଂସ ଭୋଜନ କରି ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ବିରୁଦ୍ଧରେ ପାପ ନ କର।’” ତହିଁରେ ସେହି ରାତ୍ରି ସମସ୍ତ ଲୋକ ପ୍ରତ୍ୟେକେ ଆପଣା ଆପଣା ଗୋରୁ ସଙ୍ଗରେ ଆଣି ସେଠାରେ ବଧ କଲେ।
35 ३५ मग शौलाने परमेश्वरास अर्पणे अर्पिण्यासाठी वेदी बांधली, जी पहिली वेदी त्याने परमेश्वरास अर्पणे अर्पिण्यासाठी बांधली ती हीच होती.
ପୁଣି, ଶାଉଲ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟରେ ଏକ ଯଜ୍ଞବେଦି ନିର୍ମାଣ କଲେ; ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟରେ ତାଙ୍କର ନିର୍ମିତ ପ୍ରଥମ ଯଜ୍ଞବେଦି ଏହି।
36 ३६ मग शौल बोलला, “आपण रात्री पलिष्ट्यांच्यामागे खाली जाऊन उद्या उजाडेपर्यंत त्याच्यांतली लूट घेऊ आणि आपण त्यांच्यातील एकही पुरुष राहू देऊ नये.” ते म्हणाले, “जे तुला बरे वाटेल ते कर.” मग याजकाने म्हटले आपण येथे परमेश्वराजवळ येऊ.
ଏଉତ୍ତାରେ ଶାଉଲ କହିଲେ, “ଆସ, ଆମ୍ଭେମାନେ ରାତ୍ରି ବେଳେ ପଲେଷ୍ଟୀୟମାନଙ୍କ ପଛେ ପଛେ ଯାଇ ସକାଳ ଆଲୁଅ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ସେମାନଙ୍କ ଦ୍ରବ୍ୟ ଲୁଟୁ ଓ ସେମାନଙ୍କର ଜଣକୁ ହିଁ ବାକି ନ ରଖୁ।” ତହିଁରେ ସେମାନେ କହିଲେ, “ତୁମ୍ଭ ଦୃଷ୍ଟିରେ ଯାହା ଭଲ,” ତାହାସବୁ କର। ତେବେ ଯାଜକ କହିଲା, “ଆସ, ଆମ୍ଭେମାନେ ଏହି ସ୍ଥାନରେ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ନିକଟରେ ଉପସ୍ଥିତ ହେଉ।”
37 ३७ मग शौलाने देवाला विचारले, “मी पलिष्ट्यांच्या मागे खाली जाऊ काय? तू त्यांना इस्राएलांच्या हाती देशील काय?” परंतु त्या दिवशीं देवाने काही उत्तर दिले नाही.
ତହୁଁ ଶାଉଲ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ନିକଟରେ ପଚାରିଲେ, “ମୁଁ କʼଣ ପଲେଷ୍ଟୀୟମାନଙ୍କ ପଛରେ ଯିବି? ତୁମ୍ଭେ କʼଣ ସେମାନଙ୍କୁ ଇସ୍ରାଏଲ ହସ୍ତରେ ସମର୍ପଣ କରିବ?” ମାତ୍ର ସେଦିନ ସେ ତାଙ୍କୁ ଉତ୍ତର ଦେଲେ ନାହିଁ।
38 ३८ मग शौल म्हणाला, “अहो लोकांच्या सर्व पुढाऱ्यांनो इकडे या आणि हे पाप कशाने घडले आहे ते शोध करून पाहा.
ତହିଁରେ ଶାଉଲ କହିଲେ, “ହେ ଲୋକମାନଙ୍କ ପ୍ରଧାନ ସମସ୍ତେ, ତୁମ୍ଭେମାନେ ଏହି ସ୍ଥାନରେ ଉପସ୍ଥିତ ହୁଅ; ଆଜିର ଏହି ପାପ କିପରି ହେଲା, ଏହା ବିବେଚନା କରି ଦେଖ।
39 ३९ कारण परमेश्वर जो इस्राएलाचे रक्षण करतो तो जिवंत आहे. म्हणून हे पाप माझा मुलगा योनाथान याने जरी केले, तरी तो खचित मरेल.” पण सर्व लोकांतील कोणीही त्यास उत्तर दिले नाही.
କାରଣ ଯେ ଇସ୍ରାଏଲକୁ ଉଦ୍ଧାର କରନ୍ତି, ମୁଁ ସେହି ଜୀବିତ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ନାମ ନେଇ କହୁଅଛି, ଯେବେ ସେ ପାପ ମୋହର ପୁତ୍ର ଯୋନାଥନଠାରେ ଥାଏ, ତେବେ ସେ ନିତାନ୍ତ ମରିବ।” ମାତ୍ର ସମୁଦାୟ ଲୋକଙ୍କ ମଧ୍ୟରୁ କେହି ତାଙ୍କୁ ଉତ୍ତର ଦେଲା ନାହିଁ।
40 ४० मग त्याने सर्व इस्राएलांस म्हटले, “तुम्ही एका बाजूला व्हा आणि मी व माझा मुलगा योनाथान दुसऱ्या बाजूला होऊ.” लोक तर शौलाला म्हणाले, “तुला बरे वाटेल ते कर.”
ଏଥିରେ ଶାଉଲ ସମସ୍ତ ଇସ୍ରାଏଲଙ୍କୁ କହିଲେ, “ତୁମ୍ଭେମାନେ ଏକ ପାଖରେ ଥାଅ, ପୁଣି, ମୁଁ ଓ ମୋର ପୁତ୍ର ଯୋନାଥନ ଅନ୍ୟ ପାଖରେ ଥିବା।” ତହିଁରେ ଲୋକମାନେ ଶାଉଲଙ୍କୁ କହିଲେ, “ତୁମ୍ଭ ଦୃଷ୍ଟିରେ ଯାହା ଭଲ, ତାହା କର।”
41 ४१ मग शौल परमेश्वर इस्राएलाचा देव, यास म्हणाला, “खरे ते दाखीव.” तेव्हा योनाथान व शौल धरले गेले आणि लोक सुटले.
ଏନିମନ୍ତେ ଶାଉଲ ସଦାପ୍ରଭୁ ଇସ୍ରାଏଲର ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କୁ କହିଲେ, “ଯଥାର୍ଥ (ନିଷ୍ପତ୍ତି) ଦିଅ।” ତହିଁରେ ଯୋନାଥନ ଓ ଶାଉଲ ନିର୍ଣ୍ଣୀତ ହେଲେ; ମାତ୍ର ଲୋକମାନେ ଛାଡ଼ ପାଇଲେ।
42 ४२ मग शौलाने म्हटले, “माझ्यामध्ये व योनाथान माझा मुलगा याच्यामध्ये पण चिठ्ठ्या टाका.” तेव्हा योनाथान धरला गेला.
ଏଉତ୍ତାରେ ଶାଉଲ କହିଲେ, “ମୋହର ଓ ମୋର ପୁତ୍ର ଯୋନାଥନର ମଧ୍ୟରେ ଗୁଲିବାଣ୍ଟ କର,” ତହିଁରେ ଯୋନାଥନ ନିର୍ଣ୍ଣୀତ ହେଲା।
43 ४३ मग शौल योनाथानाला म्हणाला, “तू काय केले आहेस ते सांग.” योनाथान त्यास म्हणाला, “मी आपल्या हातातल्या काठीच्या टोकाने थोडा मध चाखला खरा, आणि पाहा मला मरण पावले पाहिजे.”
ସେତେବେଳେ ଶାଉଲ ଯୋନାଥନକୁ କହିଲେ, “ତୁମ୍ଭେ କଅଣ କରିଅଛ, ମୋତେ ଜଣାଅ।” ତହିଁରେ ଯୋନାଥନ ତାଙ୍କୁ ଜଣାଇ କହିଲା, “ମୁଁ ଆପଣା ହାତରେ ଥିବା ଯଷ୍ଟିର ଅଗ୍ରଭାଗରେ ଅଳ୍ପ ମହୁ ନେଇ ଆସ୍ୱାଦନ କରିଅଛି ପ୍ରମାଣ; ଆଉ ଦେଖନ୍ତୁ, ମୁଁ ମରିବି।”
44 ४४ तेव्हा शौल म्हणाला, “परमेश्वर तसे व त्यापेक्षा अधिकही करो; योनाथाना तुला तर खचित मरण पावले पाहिजे.”
ତେବେ ଶାଉଲ କହିଲେ, “ପରମେଶ୍ୱର ସେହି ଦଣ୍ଡ, ମଧ୍ୟ ତହିଁରୁ ଅଧିକ ଦେଉନ୍ତୁ; ଯୋନାଥନ, ତୁମ୍ଭେ ନିତାନ୍ତ ମରିବ।”
45 ४५ मग लोक शौलाला म्हणाले, “ज्याने इस्राएलाचे हे मोठे तारण केले तो योनाथान मरावा काय? ते तर दूरच असो! परमेश्वर जिवंत आहे. याच्या डोक्याचा एक केसही भूमीवर पडणार नाही. कारण याने परमेश्वराच्याबरोबर काम केले आहे.” या प्रकारे लोकांनी योनाथानाला सोडवले म्हणून तो मेला नाही.
ଏଥିରେ ଲୋକମାନେ ଶାଉଲଙ୍କୁ କହିଲେ, “ଇସ୍ରାଏଲ ମଧ୍ୟରେ ଯେ ଏହି ମହା ଉଦ୍ଧାର ସାଧନ କରିଅଛି, ସେହି ଯୋନାଥନ କʼଣ ମରିବ? ଏହା ଦୂରେ ଥାଉ; ସଦାପ୍ରଭୁ ଜୀବିତ ଥିବା ପ୍ରମାଣେ ତାହାର ମସ୍ତକର ଗୋଟିଏ କେଶ ହିଁ ତଳେ ପଡ଼ିବ ନାହିଁ; କାରଣ, ସେ ଆଜି ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ସହିତ କର୍ମ କରିଅଛି;” ଏହିରୂପେ ଲୋକମାନେ ଯୋନାଥନକୁ ମୁକ୍ତ କରିବାରୁ ତାହାର ମୃତ୍ୟୁୁ ହେଲା ନାହିଁ।
46 ४६ मग शौल पलिष्ट्यांचा पाठलाग करण्याचे सोडून वर गेला; पलिष्टीही आपल्या ठिकाणी गेले.
ଏଉତ୍ତାରେ ଶାଉଲ ପଲେଷ୍ଟୀୟମାନଙ୍କ ପଶ୍ଚାଦ୍‍ଗମନରୁ ଫେରିଗଲେ ଓ ପଲେଷ୍ଟୀୟମାନେ ଆପଣା ଆପଣା ସ୍ଥାନକୁ ଗଲେ।
47 ४७ शौलाने तर इस्राएलावर राज्य करण्याचे हाती घेतले; त्याने चहूकडे आपल्या सर्व शत्रूशी म्हणजे मवाबी यांच्याशी व अम्मोनाच्या संतानाशी व अदोमी यांच्याशी व सोबाच्या राजांशी व पलिष्ट्यांशी लढाई केली आणि जेथे कोठे तो गेला तेथे त्याने त्यांना त्रासून सोडले.
ଶାଉଲ ଇସ୍ରାଏଲର ରାଜତ୍ୱ ଗ୍ରହଣ କଲା ଉତ୍ତାରେ, ସେ ଆପଣା ଚତୁର୍ଦ୍ଦିଗସ୍ଥିତ ସମସ୍ତ ଶତ୍ରୁ ସହିତ, ଅର୍ଥାତ୍‍, ମୋୟାବ ଓ ଅମ୍ମୋନ-ସନ୍ତାନଗଣ ଓ ଇଦୋମ ଓ ସୋବାର ରାଜାଗଣ ଓ ପଲେଷ୍ଟୀୟମାନଙ୍କ ସହିତ ଯୁଦ୍ଧ କଲେ, ଆଉ ସେ ଯେଉଁଆଡ଼େ ଫେରିଲେ, ସେଆଡ଼େ ଦଣ୍ଡ ଦେଲେ।
48 ४८ त्याने पराक्रम करून अमालेकाला मार दिला आणि इस्राएलांना त्यांच्या लुटणाऱ्यांच्या हातातून सोडवले.
ପୁଣି, ସେ ବୀରତ୍ୱ ପ୍ରକାଶ କଲେ ଓ ଅମାଲେକୀୟମାନଙ୍କୁ ସଂହାର କଲେ ଓ ଇସ୍ରାଏଲର ଲୁଟକାରୀମାନଙ୍କ ହସ୍ତରୁ ସେମାନଙ୍କୁ ରକ୍ଷା କଲେ।
49 ४९ योनाथान, इश्वी व मलकीशुवा हे शौलाचे पुत्र होते, आणि त्याच्या दोघी मुलींची नांवे, प्रथम जन्मलेली, मेरब आणि धाकटीचे नांव मीखल, ही होती.
ଯୋନାଥନ ଓ ଯିଶ୍‍ବି ଓ ମଲ୍‍କୀଶୂୟ ଶାଉଲଙ୍କର ପୁତ୍ର ଥିଲେ; ଆଉ ତାଙ୍କର ଦୁଇ କନ୍ୟାର ନାମ ଏହି; ଜ୍ୟେଷ୍ଠାର ନାମ ମେରବ୍‍ ଓ କନିଷ୍ଠାର ନାମ ମୀଖଲ,
50 ५० शौलाच्या पत्नीचे नाव अहीनवाम, ती अहीमासाची मुलगी होती. शौलाचा काका नेर याचा मुलगा अबनेर त्याचा सेनापती होता.
ଶାଉଲଙ୍କର ଭାର୍ଯ୍ୟାର ନାମ ଅହୀନୋୟମ୍‍, ସେ ଅହୀମାସର କନ୍ୟା; ପୁଣି, ତାଙ୍କର ସେନାପତିର ନାମ ଅବ୍‍ନର, ସେ ଶାଉଲଙ୍କର ପିତୃବ୍ୟ, ନେର୍‍ର ପୁତ୍ର।
51 ५१ शौलाचा बाप कीश; अबनेराचा बाप नेर हा अबीएलाचा मुलगा होता.
ଆଉ ଶାଉଲଙ୍କର ପିତା କୀଶ୍‍ ଓ ଅବ୍‍ନରର ପିତା ନେର୍‍, ଏ ଦୁହେଁ ଅବୀୟେଲର ପୁତ୍ର ଥିଲେ।
52 ५२ शौलाच्या सर्व दिवसात पलिष्ट्यांशी जबर लढाई चालू होती. शौल कोणी बलवान किंवा कोणी शूर मनुष्य पाही, तेव्हा तो त्यास आपल्याजवळ ठेवून घेई.
ଶାଉଲଙ୍କର ଯାବଜ୍ଜୀବନ ପଲେଷ୍ଟୀୟମାନଙ୍କ ସହିତ ଘୋରତର ଯୁଦ୍ଧ ହେଲା; ଏହେତୁ ଶାଉଲ କୌଣସି ବୀର କି କୌଣସି ବିକ୍ରମଶାଳୀ ପୁରୁଷ ଦେଖିଲେ, ତାହାକୁ ଆପଣା ନିକଟରେ ସଂଗ୍ରହ କଲେ।

< 1 शमुवेल 14 >