< 1 राजे 20 >

1 बेन-हदाद अरामाचा राजा होता. त्याने आपल्या सर्व सैन्याची जमवाजमव केली. त्याच्या बाजूला बत्तीस राजे होते. त्यांच्याकडे घोडे आणि रथ होते. त्यांनी शोमरोनला वेढा घातला आणि युध्द पुकारले.
ଏଥିଉତ୍ତାରେ ଅରାମର ରାଜା ବିନ୍‍ହଦଦ୍‍ ଆପଣାର ସମସ୍ତ ସୈନ୍ୟ ଏକତ୍ର କଲା; ପୁଣି, ତାହା ସଙ୍ଗେ ବତିଶ ରାଜା, ଆଉ ଅଶ୍ୱ ଓ ରଥମାନ ଥିଲେ; ପୁଣି, ସେ ଯାଇ ଶମରୀୟା ଅବରୋଧ କରି ତହିଁ ବିରୁଦ୍ଧରେ ଯୁଦ୍ଧ କଲା।
2 इस्राएलचा राजा अहाब याच्याकडे नगरात बेनहदादने दूतांकरवी निरोप पाठवला
ଆଉ ନଗର ମଧ୍ୟକୁ ଇସ୍ରାଏଲର ରାଜା ଆହାବଙ୍କ ନିକଟକୁ ଦୂତଗଣ ପଠାଇ ତାଙ୍କୁ କହିଲା, “ବିନ୍‍ହଦଦ୍‍ ଏହି କଥା କହନ୍ତି,
3 संदेश असा होता, “बेन-हदादचे म्हणणे आहे, तुमच्याकडील सोने रुपे तुम्ही मला द्यावे. तसेच तुझ्या स्त्रिया आणि पुत्रेही माझ्या हवाली करावी.”
‘ତୁମ୍ଭର ରୂପା ଓ ତୁମ୍ଭର ସୁନା ମୋହର ଅଟେ, ତୁମ୍ଭର ଭାର୍ଯ୍ୟା ଓ ତୁମ୍ଭର ସନ୍ତାନମାନେ, ମଧ୍ୟ ସର୍ବୋତ୍ତମ ଯେତେ, ମୋହର ଅଟନ୍ତି।’”
4 यावर इस्राएलाच्या राजाचे उत्तर असे होते, “महाराज मी तर आता तुमच्याच ताब्यात आहे, हे मला मान्य आहे. त्यामुळे जे माझे ते सर्व तुमचेच आहे.”
ଏଥିରେ ଇସ୍ରାଏଲର ରାଜା ଉତ୍ତର କରି କହିଲେ, “ହେ ମୋହର ପ୍ରଭୋ, ମହାରାଜ, ଆପଣଙ୍କ ବାକ୍ୟାନୁସାରେ ମୁଁ ଓ ମୋର ସର୍ବସ୍ୱ ହିଁ ଆପଣଙ୍କର।”
5 अहाबाकडे हे दूत पुन्हा एकदा आले आणि म्हणाले, “बेन-हदादचे म्हणणे असे आहे, ‘तुझ्याजवळचा सोन्याचांदीचा ऐवज तसेच बायकामुले तू माझ्या स्वाधीन केली पाहिजेस.
ଏଉତ୍ତାରେ ଦୂତମାନେ ପୁନର୍ବାର ଆସି କହିଲେ, “ବିନ୍‍ହଦଦ୍‍ ଏହି କଥା କହନ୍ତି, ‘ତୁମ୍ଭେ ଆପଣା ରୂପା, ଆପଣା ସୁନା, ଆପଣା ଭାର୍ଯ୍ୟା ଓ ଆପଣା ସନ୍ତାନମାନଙ୍କୁ ମୋʼ ହସ୍ତରେ ସମର୍ପଣ କର ବୋଲି ମୁଁ ତୁମ୍ଭକୁ କହି ପଠାଇଲି;
6 उद्याच मी माझ्या मनुष्यांचे एक शोधपथक तिकडे पाठवणार आहे. ते तुझ्या तसेच तुझ्या कारभाऱ्यांच्या घराची झडती घेतील. त्यांच्या डोळ्यांना जे आवडेल ते स्वत: च्या हाताने घेतील. ती माणसे त्या वस्तू मला आणून देतील.”
ମାତ୍ର କାଲି ପ୍ରାୟ ଏହି ସମୟରେ ମୁଁ ତୁମ୍ଭ ନିକଟକୁ ଆପଣା ଦାସମାନଙ୍କୁ ପଠାଇବି, ଆଉ ସେମାନେ ତୁମ୍ଭ ଗୃହ ଓ ତୁମ୍ଭ ଦାସମାନଙ୍କ ଗୃହ ଅନୁସନ୍ଧାନ କରିବେ; ପୁଣି, ତୁମ୍ଭ ଦୃଷ୍ଟିରେ ଯାହା ଯାହା ମନୋହର, ତାହାସବୁ ସେମାନେ ହାତରେ ଧରି ନେଇଯିବେ।’”
7 तेव्हा इस्राएलचा राजा अहाबाने आपल्या देशातील सर्व वडिलधाऱ्या मनुष्यांची सभा घेतली. अहाब त्यांना म्हणाला, “हे पाहा, हा मनुष्य माझे कसे अनिष्ट करू पाहत आहे. आधी त्याने माझ्या जवळचे सोनेचांदी तसेच माझी स्त्रिया पुत्रे मागितली. त्यास मी कबूल झालो. आणि आता त्यास सर्वच हवे आहे.”
ତେବେ ଇସ୍ରାଏଲର ରାଜା ଦେଶର ସମସ୍ତ ପ୍ରାଚୀନବର୍ଗଙ୍କୁ ଡକାଇ କହିଲେ, “ବିନୟ କରୁଅଛି, ତୁମ୍ଭେମାନେ ବିଚାର କରି ଦେଖ, ଏ ଲୋକ କିପରି ଅନିଷ୍ଟ ଚେଷ୍ଟା କରୁଅଛି; କାରଣ ସେ ମୋʼ ଭାର୍ଯ୍ୟା ଓ ସନ୍ତାନଗଣ ପାଇଁ, ପୁଣି, ମୋହର ରୂପା ଓ ସୁନା ପାଇଁ ଲୋକ ପଠାନ୍ତେ, ମୁଁ ତାହାକୁ ମନା କଲି ନାହିଁ।”
8 यावर ती वडिलधारी मंडळी आणि इतर लोक अहाबाला म्हणाले, “त्याच्या म्हणण्याला मान झुकवू नको. तो म्हणतो तसे करु नको.”
ଏଥିରେ ସମସ୍ତ ପ୍ରାଚୀନବର୍ଗ ଓ ସମୁଦାୟ ଲୋକ ତାଙ୍କୁ କହିଲେ, “ଆପଣ ତାହାର କଥାରେ କର୍ଣ୍ଣ ନ ଦେଉନ୍ତୁ, ଅବା ସମ୍ମତ ନ ହେଉନ୍ତୁ।”
9 मग राजा अहाबाने बेन-हदादकडे निरोप्याला सांगितले की “माझा स्वामी अहाब राजास सांग” तुझी पहिली मागणी मला मान्य आहे. पण तुझ्या दुसऱ्या आज्ञेचे मी पालन करु शकत नाही. बेन-हदादला त्याच्या दूतांनी हा निरोप सांगितला.
ଏହେତୁ ସେ ବିନ୍‍ହଦଦ୍‍ର ଦୂତମାନଙ୍କୁ କହିଲେ, “ମୋହର ପ୍ରଭୁ ମହାରାଜଙ୍କୁ କୁହ, ଆପଣ ପ୍ରଥମେ ଆପଣା ଦାସ ନିକଟକୁ ଯହିଁ ପାଇଁ ପଠାଇଥିଲେ, ସେସବୁ ମୁଁ କରିବି; ମାତ୍ର ଏହି କାର୍ଯ୍ୟ ମୁଁ କରି ପାରିବି ନାହିଁ।” ତହୁଁ ଦୂତମାନେ ପ୍ରସ୍ଥାନ କରି ତାହାକୁ ସମ୍ବାଦ ଦେଲେ।
10 १० तेव्हा बेन-हदादकडून अहाबाला दुसरा निरोप आला. त्या निरोपात म्हटले होते, “शोमरोनचा मी पूर्ण विध्वंस करीन. तिथे काहीही शिल्लक उरणार नाही. आठवणी दाखल काही घेऊन यावे असेही माझ्या मनुष्यांना काही राहणार नाही. असे झाले नाहीतर देव माझे तसे करो व त्यापेक्षा अधिक करो.”
ଏଉତ୍ତାରେ ବିନ୍‍ହଦଦ୍‍ ତାଙ୍କ ନିକଟକୁ ଲୋକ ପଠାଇ କହିଲା, “ଯେବେ ଶମରୀୟାର ଧୂଳି ମୋʼ ପଶ୍ଚାତ୍‍ଗାମୀ ସମସ୍ତ ଲୋକଙ୍କ ପୂର୍ଣ୍ଣ ମୁଷ୍ଟି ନିମନ୍ତେ ଯଥେଷ୍ଟ ହୁଏ, ତେବେ ଦେବତାମାନେ ସେହି ଦଣ୍ଡ, ମଧ୍ୟ ତହିଁରୁ ଅଧିକ ମୋତେ ଦେଉନ୍ତୁ।”
11 ११ इस्राएलच्या राजाचे त्यास उत्तर गेले. त्यामध्ये म्हटले होते. “बेन-हदादला जाऊन सांगा की, जो चिलखत चढवतो त्याने, जो ते उतरवण्याइतक्या दीर्घ काळापर्यंत जगतो त्याने इतकी फुशारकी मारू नये.”
ତହୁଁ ଇସ୍ରାଏଲର ରାଜା ଉତ୍ତର କରି କହିଲେ, “ତାହାକୁ କୁହ, ଯେ ସଜ୍ଜା ପରିଧାନ କରେ, ସେ ସଜ୍ଜା ତ୍ୟାଗ କରିବା ଲୋକ ତୁଲ୍ୟ ଦର୍ପ ନ କରୁ।”
12 १२ राजा बेन-हदाद इतर राजांच्या बरोबर आपल्या तंबूत मद्यपान करत बसला होता. त्यावेळी हे दूत आले आणि राजाला हा संदेश दिला. त्याबरोबर बेनहदादने आपल्या मनुष्यांना नगरापुढे चढाईचा व्यूह रचायला सांगितले. “त्याप्रमाणे लोकांनी आपापल्या जागा घेतल्या.”
ବିନ୍‍ହଦଦ୍‍ ଓ ରାଜାମାନେ କୁଟୀରରେ ପାନ କରୁଥିବା ସମୟରେ ସେ ଏହି ସମ୍ବାଦ ଶୁଣି ଆପଣା ଦାସମାନଙ୍କୁ କହିଲା, “ଆପଣାମାନଙ୍କୁ ସଜାଅ।” ତହୁଁ ସେମାନେ ନଗର ବିରୁଦ୍ଧରେ ଆପଣାମାନଙ୍କୁ ସଜାଇଲେ।
13 १३ तेव्हा इकडे एक संदेष्टा इस्राएलाचा अहाब राजांकडे आला. राजाला तो म्हणाला, “अहाब राजा, परमेश्वराचे तुला सांगणे आहे की, ‘एवढी मोठी सेना बघितलीस? मी, प्रत्यक्ष परमेश्वर, तुझ्या हस्ते या सैन्याचा पराभव करवीन. म्हणजे मग मीच परमेश्वर असल्याबद्दल तुझी खात्री पटेल.”
ଏଥିମଧ୍ୟରେ ଦେଖ, ଜଣେ ଭବିଷ୍ୟଦ୍‍ବକ୍ତା ଇସ୍ରାଏଲର ରାଜା ଆହାବଙ୍କ ନିକଟକୁ ଆସି କହିଲେ, “ସଦାପ୍ରଭୁ ଏହି କଥା କହନ୍ତି, ‘ତୁମ୍ଭେ କି ଏହି ସମସ୍ତ ମହାଜନତା ଦେଖିଅଛ? ଦେଖ, ଆମ୍ଭେ ଆଜି ତାହା ତୁମ୍ଭ ହସ୍ତରେ ସମର୍ପଣ କରିବା, ଆଉ ଆମ୍ଭେ ଯେ ସଦାପ୍ରଭୁ ଅଟୁ, ଏହା ତୁମ୍ଭେ ଜ୍ଞାତ ହେବ।’”
14 १४ अहाबाने विचारले. “या पराभवासाठी तू कोणाला हाताशी धरशील?” तेव्हा तो संदेष्टा म्हणाला, “प्रांत अधिकाऱ्यांच्या हाताखालच्या तरुणांची परमेश्वर मदत घेईल” यावर राजाने विचारले, “या सैन्याचे नेतृत्व कोण करील?” “तूच ते करशील” असे संदेष्ट्याने सांगितले.
ତହିଁରେ ଆହାବ ପଚାରିଲେ, “କାହା ଦ୍ୱାରା?” ସେ କହିଲେ, ସଦାପ୍ରଭୁ ଏହି କଥା କହନ୍ତି; ପ୍ରଦେଶର ଅଧିପତିମାନଙ୍କ ଯୁବା ଲୋକଙ୍କ ଦ୍ୱାରା। ତେବେ ସେ ପଚାରିଲେ, “କିଏ ଯୁଦ୍ଧ ଆରମ୍ଭ କରିବ?” ତହିଁରେ ସେ ଉତ୍ତର କଲେ, “ତୁମ୍ଭେ।”
15 १५ तेव्हा अहाब राजाने अधिकाऱ्यांच्या हाताखालच्या तरुणांची कुमक गोळा केली. त्या तरुणांची संख्या दोनशे बत्तीस भरली. मग राजाने इस्राएलाच्या सर्व फौजेला एकत्र बोलावले. तेव्हा ते एकंदर सात हजार होते.
ତହୁଁ ସେ ପ୍ରଦେଶର ଅଧିପତିମାନଙ୍କ ଯୁବା ଲୋକଙ୍କୁ ଗଣନା କଲେ, ସେମାନେ ଦୁଇ ଶହ ବତିଶ ଜଣ ହେଲେ, ପୁଣି, ସେମାନଙ୍କ ଉତ୍ତାରେ ସମୁଦାୟ ଲୋକଙ୍କୁ, ଅର୍ଥାତ୍‍, ସମଗ୍ର ଇସ୍ରାଏଲ-ସନ୍ତାନଙ୍କୁ ଗଣନା କରନ୍ତେ, ସାତ ସହସ୍ର ଜଣ ହେଲେ।
16 १६ राजा बेन-हदाद आणि त्याच्या बाजूचे बत्तीस राजे दुपारी आपापल्या तंबूमध्ये मद्यपान करण्यात आणि नशेत गुंग होते. त्यावेळी अहाबाने हल्ला चढवला.
ଏଉତ୍ତାରେ ସେମାନେ ମଧ୍ୟାହ୍ନ କାଳରେ ବାହାରିଲେ। ମାତ୍ର ବିନ୍‍ହଦଦ୍‍ ଓ ତାହାର ସାହାଯ୍ୟକାରୀ ବତିଶ ଜଣ ରାଜା କୁଟୀରରେ ପାନ କରି ମତ୍ତ ହେଉଥିଲେ।
17 १७ तरुण मदतनीस आधी चालून गेले. तेव्हा “शोमरोनमधून सैन्य बाहेर आल्याचे राजा बेन-हदादच्या मनुष्यांनी त्यास सांगितले.”
ଏହି ସମୟରେ ପ୍ରଦେଶର ଅଧିପତିମାନଙ୍କ ଯୁବା ଲୋକେ ପ୍ରଥମେ ବାହାରିଲେ; ତହିଁରେ ବିନ୍‍ହଦଦ୍‍ ଲୋକ ପଠାନ୍ତେ, ସେମାନେ ତାହାକୁ ସମ୍ବାଦ ଦେଇ କହିଲେ, “ଶମରୀୟାରୁ ଲୋକେ ଆସିଅଛନ୍ତି।”
18 १८ तेव्हा बेन-हदाद म्हणाला, “ते हल्ला करायला आले असतील किंवा सलोख्याची किनंती करायला आले असतील. त्यांना जिवंत पकडा.”
ତହୁଁ ସେ କହିଲା, “ସେମାନେ ସନ୍ଧି ପାଇଁ ଆସିଥିଲେ, ସେମାନଙ୍କୁ ଜୀବିତ ଧର, ପୁଣି, ଯୁଦ୍ଧ ପାଇଁ ଆସିଥିଲେ ମଧ୍ୟ ସେମାନଙ୍କୁ ଜୀବିତ ଧର।”
19 १९ राजा अहाबाच्या तरुणांची तुकडी नगरातून बाहेर पडली आणि इस्राएलचे सैन्य मागोमाग येत होते.
ଏଥିମଧ୍ୟରେ ପ୍ରଦେଶର ଅଧିପତିମାନଙ୍କ ସେହି ଯୁବାମାନେ ଓ ସେମାନଙ୍କ ପଶ୍ଚାତ୍‍ଗାମୀ ସୈନ୍ୟଦଳ ନଗରରୁ ବାହାରିଲେ।
20 २० प्रत्येक इस्राएलीने समोरुन येणाऱ्याला ठार केले. त्याबरोबर अरामामधली माणसे पळ काढू लागली. इस्राएलाच्या सैन्याने त्यांचा पाठलाग केला. राजा बेन-हदाद तर एका रथाच्या घोड्यावर बसून पळाला.
ପୁଣି, ସେମାନେ ପ୍ରତ୍ୟେକେ ଆପଣା ଆପଣା ପ୍ରତିଯୋଦ୍ଧାକୁ ବଧ କଲେ; ତହିଁରେ ଅରାମୀୟମାନେ ପଳାଇଲେ ଓ ଇସ୍ରାଏଲ ସେମାନଙ୍କ ପଛେ ପଛେ ଗୋଡ଼ାଇଲେ; ପୁଣି, ଅରାମର ରାଜା ବିନ୍‍ହଦଦ୍‍ ଅଶ୍ୱାରୋହୀମାନଙ୍କ ସହିତ ଏକ ଅଶ୍ୱ ଆରୋହଣ କରି ରକ୍ଷା ପାଇଲା।
21 २१ इस्राएल राजाने सेनेचे नेतृत्व करून अरामाच्या फौजेतील सर्व घोडे आणि रथ पळवले. अरामाची मोठी कत्तल उडवली.
ଏଥିରେ ଇସ୍ରାଏଲର ରାଜା ବାହାରକୁ ଯାଇ ଅଶ୍ୱ ଓ ରଥସକଳ ଆଘାତ କଲେ ଓ ଅରାମୀୟମାନଙ୍କୁ ମହାସଂହାରରେ ବଧ କଲେ।
22 २२ यानंतर तो संदेष्टा इस्राएल राजा अहाबाकडे गेला आणि म्हणाला, “अरामाचा राजा बेन-हदाद पुढच्या वसंत ऋतुत पुन्हा तुझ्यावर चालून येईल. तेव्हा तू आता परत जा आणि आपल्या सैन्याची ताकद आणखी वाढव. काळजीपूर्वक आपल्या बचावाचे डावपेच आख.”
ଏଉତ୍ତାରେ ସେହି ଭବିଷ୍ୟଦ୍‍ବକ୍ତା ଇସ୍ରାଏଲର ରାଜାଙ୍କ ନିକଟକୁ ଆସି ତାଙ୍କୁ କହିଲେ, “ଯାଅ, ଆପଣାକୁ ସବଳ କର ଓ ଯାହା କରୁଅଛ, ତାହା ବିଚାର କରି ଦେଖ; କାରଣ ଆସନ୍ତା ବର୍ଷ ଅରାମର ରାଜା ପୁନର୍ବାର ତୁମ୍ଭ ବିରୁଦ୍ଧରେ ଆସିବ।”
23 २३ अरामाच्या राजाचे अधिकारी त्यास म्हणाले, “इस्राएलाचा देव हा पहाडावरील देव आहे. आपण डोंगराळ भागात लढलो. म्हणून इस्राएलांचा जय झाला. तेव्हा आता आपण सपाटीवर लढू म्हणजे जिंकू.
ଏଥିଉତ୍ତାରେ ଅରାମ-ରାଜାର ଦାସମାନେ ତାହାକୁ କହିଲେ, “ସେମାନଙ୍କ ଦେବତା ପର୍ବତଗଣର ଦେବତା ଅଟନ୍ତି; ଏଥିପାଇଁ ସେମାନେ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ଅପେକ୍ଷା ବଳବାନ ହେଲେ; ମାତ୍ର ଆମ୍ଭେମାନେ ଯଦି ପଦାରେ ସେମାନଙ୍କ ସଙ୍ଗେ ଯୁଦ୍ଧ କରୁ, ତେବେ ଆମ୍ଭେମାନେ ସେମାନଙ୍କ ଅପେକ୍ଷା ନିଶ୍ଚୟ ଅଧିକ ବଳବାନ ହେବା।
24 २४ आता तुम्ही असे करायला हवे त्या राजांकडे सैन्याचे नेतृत्व न देता त्यांच्या जागी सेनापती नेमा.
ଏଣୁ ଏହି କାର୍ଯ୍ୟ କରନ୍ତୁ; ରାଜାମାନଙ୍କର ପ୍ରତି ଜଣକୁ ଆପଣା ଆପଣା ସ୍ଥାନରୁ କାଢ଼ି ଦେଉନ୍ତୁ ଓ ସେମାନଙ୍କ ସ୍ଥାନରେ ସେନାପତିମାନଙ୍କୁ ରଖନ୍ତୁ;
25 २५ जेवढ्या सेनेचा संहार झाला तेवढी पुन्हा उभी करा. घोडे आणि रथ मागवा. मग आपण सपाटीवर इस्राएली लोकांचा सामना करु म्हणजे जय आपलाच.” बेनहदादने हा सल्ला मानला आणि सर्व तजवीज केली.
ଆଉ ଆପଣ ଯେଉଁ ସୈନ୍ୟ ହରାଇଅଛନ୍ତି, ତାହାରି ପରି ସୈନ୍ୟ ଓ ଅଶ୍ୱ ବଦଳେ ଅଶ୍ୱ ଓ ରଥ ବଦଳେ ରଥ ସଂଗ୍ରହ କରନ୍ତୁ; ତହୁଁ ଆମ୍ଭେମାନେ ପଦାରେ ସେମାନଙ୍କ ସଙ୍ଗେ ଯୁଦ୍ଧ କରିବା, ଆଉ ନିଶ୍ଚୟ ଆମ୍ଭେମାନେ ସେମାନଙ୍କ ଅପେକ୍ଷା ଅଧିକ ବଳବାନ ହେବା।” ଏଥିରେ ରାଜା ସେମାନଙ୍କ କଥା ଶୁଣି ସେହିରୂପ କଲା।
26 २६ वसंत ऋतुत बेन-हदादने अराममधील लोकांस एकत्र आणले आणि तो इस्राएलवरील हल्ल्यासाठी अफेक येथे आला.
ଏଥିଉତ୍ତାରେ ପର ବର୍ଷ ଉପସ୍ଥିତ ହୁଅନ୍ତେ, ବିନ୍‍ହଦଦ୍‍ ଅରାମୀୟମାନଙ୍କୁ ଗଣନା କରି ଇସ୍ରାଏଲ ସଙ୍ଗେ ଯୁଦ୍ଧ କରିବା ପାଇଁ ଅଫେକକୁ ଗଲା।
27 २७ इस्राएलही युध्दाला सज्ज झाले. अरामी सैन्याविरुध्द लढायला गेले. अराम्यांच्या समोरच त्यांनी आपला तळ दिला. शत्रूसैन्याशी तुलना करता, इस्राएल म्हणजे शेरडांच्या दोन लहान कळपांसारखे दिसत होते. अरामी फौजेने सगळा प्रदेश व्यापला होता.
ତହିଁରେ ଇସ୍ରାଏଲ-ସନ୍ତାନଗଣ ଗଣିତ ହୋଇ ଖାଦ୍ୟ-ଦ୍ରବ୍ୟାଦି ପ୍ରସ୍ତୁତ କରି ସେମାନଙ୍କ ବିରୁଦ୍ଧରେ ଯାତ୍ରା କଲେ; ପୁଣି, ଇସ୍ରାଏଲ ସନ୍ତାନମାନେ ଦୁଇ କ୍ଷୁଦ୍ର ଛାଗପଲ ପରି ସେମାନଙ୍କ ସମ୍ମୁଖରେ ଛାଉଣି ସ୍ଥାପନ କଲେ; ମାତ୍ର ଅରାମୀୟ ଲୋକମାନେ ଦେଶଯାକ ବ୍ୟାପିଲେ।
28 २८ एक देवाचा मनुष्य (संदेष्टा) इस्राएलाच्या राजाकडे एक निरोप घेऊन आला. निरोप असा होता. “परमेश्वर म्हणतो, ‘मी डोंगराळ भागातला देव आहे असे या अरामी लोकांचे म्हणणे आहे. सपाटीवरचा मी देव नव्हे असे त्यांना वाटते. तेव्हा या मोठ्या सेनेचा मी तुमच्या हातून पराभव करणार आहे. म्हणजे संपूर्ण प्रदेशाचा मी परमेश्वर आहे हे तुम्ही जाणाल.”
ତହିଁରେ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କର ଜଣେ ଲୋକ ଇସ୍ରାଏଲର ରାଜାଙ୍କ ନିକଟକୁ ଆସି କହିଲେ, “ସଦାପ୍ରଭୁ ଏହି କଥା କହନ୍ତି, ‘ଅରାମୀୟମାନେ କହିଅଛନ୍ତି, ସଦାପ୍ରଭୁ ପର୍ବତଗଣର ଦେବତା, ମାତ୍ର ତଳଭୂମିର ଦେବତା ନୁହନ୍ତି; ଏହେତୁ ଆମ୍ଭେ ଏହି ସମସ୍ତ ମହାଜନତାକୁ ତୁମ୍ଭ ହସ୍ତରେ ସମର୍ପଣ କରିବା, ତହିଁରେ ଆମ୍ଭେ ଯେ ସଦାପ୍ରଭୁ, ଏହା ତୁମ୍ଭେମାନେ ଜ୍ଞାତ ହେବ।’”
29 २९ दोन्ही सेना सात दिवस समोरासमोर तळ देऊन बसल्या होत्या. सातव्या दिवशी लढाईला सुरुवात झाली. इस्राएल लोकांनी अरामाचे एक लक्ष सैनिक एका दिवसात ठार केले.
ପୁଣି, ସେମାନେ ସାତ ଦିନ ସମ୍ମୁଖାସମ୍ମୁଖୀ ହୋଇ ଛାଉଣି ସ୍ଥାପନ କରି ରହିଲେ। ତହୁଁ ସପ୍ତମ ଦିନରେ ଯୁଦ୍ଧ ସଂଘଟନ ହେଲା; ତହିଁରେ ଇସ୍ରାଏଲ-ସନ୍ତାନଗଣ ଏକ ଦିନରେ ଅରାମୀୟମାନଙ୍କର ଏକ ଲକ୍ଷ ପଦାତିକ ସୈନ୍ୟ ବଧ କଲେ।
30 ३० जे बचावले ते अफेक येथे पळून गेले. यातील सत्तावीस हजार सैनिकांवर शहराची भिंत कोसळून पडली. बेन-हदादनेही या शहरात पळ काढला होता. तो एका आतल्या खोलीत लपला होता.
ମାତ୍ର ଅବଶିଷ୍ଟ ସମସ୍ତେ ଅଫେକକୁ ପଳାଇ ନଗରରେ ପ୍ରବେଶ କଲେ; ଆଉ ଅବଶିଷ୍ଟ ସତାଇଶ ହଜାର ଲୋକଙ୍କ ଉପରେ ପାଚେରୀ ପଡ଼ିଲା। ପୁଣି, ବିନ୍‍ହଦଦ୍‍ ପଳାଇ ନଗରରେ ପ୍ରବେଶ କରି ଗୋଟିଏ ଭିତର କୋଠରିକୁ ଗଲା।
31 ३१ त्याचे सेवक त्यास म्हणाले, “इस्राएलाचे राजे दयाळू आहेत असे आम्ही ऐकून आहो. आपण कबंरेस गोणताट नेसून आणि डोक्याभोवती दोरखंड आवळून इस्राएलाच्या राजाकडे जाऊ कदाचित् तो आपल्याला जीवदान देईल.”
ଏଥିରେ ତାହାର ଦାସମାନେ ତାହାଙ୍କୁ କହିଲେ, “ଦେଖନ୍ତୁ, ଆମ୍ଭେମାନେ ଶୁଣିଅଛୁ ଯେ, ଇସ୍ରାଏଲ ବଂଶୀୟ ରାଜାମାନେ ଦୟାଳୁ ଅଟନ୍ତି; ଆମ୍ଭେମାନେ ଆପଣଙ୍କୁ ବିନୟ କରୁଅଛୁ, ଆସନ୍ତୁ, ଆମ୍ଭେମାନେ କଟିରେ ଅଖା ପିନ୍ଧି ଓ ମସ୍ତକରେ ରଜ୍ଜୁ ବାନ୍ଧି ଇସ୍ରାଏଲର ରାଜା ନିକଟକୁ ଯାଉ; କେଜାଣି ସେ ଆପଣଙ୍କ ପ୍ରାଣ ବଞ୍ଚାଇବେ।”
32 ३२ त्या सर्वांनी मग गोणताट घातले. डोक्याभोवती दोरी बांधली आणि ते इस्राएलाच्या राजाकडे आले. त्यास म्हणाले, “तुमचा दास बेन-हदाद तुमच्याकडे जीवदान मागत आहे.” अहाब म्हणाला, “म्हणजे तो अजून जिवंत आहे? तो माझा बंधूच आहे.”
ତହୁଁ ସେମାନେ କଟିରେ ଅଖା ଓ ମସ୍ତକରେ ରଜ୍ଜୁ ବାନ୍ଧି ଇସ୍ରାଏଲର ରାଜାଙ୍କ ନିକଟକୁ ଆସି କହିଲେ, “ଆପଣଙ୍କ ଦାସ ବିନ୍‍ହଦଦ୍‍ କହୁଅଛି, ‘ମୁଁ ଆପଣଙ୍କୁ ବିନୟ କରୁଅଛି, ମୋତେ ବଞ୍ଚାଉନ୍ତୁ।’” ଏଥିରେ ସେ କହିଲେ, “ସେ କʼଣ ଏଯାଏ ବଞ୍ଚିଅଛି? ସେ ତ ମୋହର ଭାଇ।”
33 ३३ बेन-हदादला अहाब ठार करणार नाही अशा अर्थाचे त्याने काहीतरी आश्वासक बोलावे अशी बेनहदादच्या बरोबरच्या लोकांची इच्छा होती. तेव्हा अहाबाने बेन-हदादला भाऊ म्हटल्यावर ते ताबडतोब, “हो, बेन-हदाद तुमचा भाऊ जिवंत आहे” अहाब म्हणाल, “जा आणि त्यास आणा” त्याप्रमाणे तो आला. मग राजा अहाबाने त्यास आपल्याबरोबर रथात बसायला सांगितले.
ସେତେବେଳେ ସେହି ଲୋକମାନେ ଯତ୍ନପୂର୍ବକ ନିରୀକ୍ଷଣ କରି ତାହାର ମନ ସେପରି କି ନାହିଁ, ଏହା ଧରିବାକୁ ଚଞ୍ଚଳ ହେଲେ; ଆଉ ସେମାନେ କହିଲେ, “ଆପଣଙ୍କ ଭ୍ରାତା ବିନ୍‍ହଦଦ୍‍।” ତେବେ ସେ କହିଲେ, “ତୁମ୍ଭେମାନେ ଯାଇ ତାହାକୁ ଆଣ।” ତହୁଁ ବିନ୍‍ହଦଦ୍‍ ତାଙ୍କ ନିକଟକୁ ଆସନ୍ତେ, ସେ ତାହାକୁ ରଥ ଉପରକୁ ଅଣାଇଲେ।
34 ३४ बेन-हदाद अहाबाला म्हणाला, “माझ्या वडिलांनी तुझ्या वडिलांकडून जी गावे घेतली ती मी तुला परत करीन. मग, माझ्या वडिलांनी शोमरोनात जशा बाजारपेठा वसवल्या तशा तुला दिमिष्कात करता येतील” अहाब त्यावर म्हणाला, “या करारावर ती तुला मुक्त करायला तयार आहे.” तेव्हा या दोन राजांनी आपसात शांतीचा करार केला. मग राजा अहाबाने राजा बेन-हदादला मुक्त केले.
ସେତେବେଳେ ବିନ୍‍ହଦଦ୍‍ ତାଙ୍କୁ କହିଲା, “ମୋʼ ପିତା ଆପଣଙ୍କ ପିତାଙ୍କଠାରୁ ଯେଉଁ ଯେଉଁ ନଗର ନେଇଅଛନ୍ତି, ତାହା ମୁଁ ଫେରାଇ ଦେବି; ପୁଣି, ଯେପରି ମୋʼ ପିତା ଶମରୀୟାରେ ନଗରଗୁଡ଼ିକ କରିଥିଲେ, ସେପରି ଆପଣ ଦମ୍ମେଶକରେ ଆପଣା ପାଇଁ କରିବେ।” ଏଥିରେ ଆହାବ କହିଲେ, “ମୁଁ ଏହି ନିୟମରେ ତୁମ୍ଭକୁ ଛାଡ଼ିଦେବି।” ତହୁଁ ସେ ତାହା ସଙ୍ଗେ ନିୟମ କରି ତାହାଙ୍କୁ ଛାଡ଼ିଦେଲେ।
35 ३५ त्यानंतर संदेष्टयांच्या शिष्यापैकी एका संदेष्ट्याने दुसऱ्या संदेष्ट्याला म्हटले, “मला एक फटका मार.” परमेश्वराचीच तशी आज्ञा होती म्हणून तो असे म्हणाला, पण दुसऱ्या संदेष्ट्यांने तसे करायचे नाकारले.
ଏଥିଉତ୍ତାରେ ଭବିଷ୍ୟଦ୍‍ବକ୍ତାଗଣଙ୍କ ଦଳ ମଧ୍ୟରୁ କେହି ଜଣେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ବାକ୍ୟରେ ଆପଣା ସଙ୍ଗୀକୁ କହିଲା, “ମୁଁ ବିନୟ କରୁଅଛି; ମୋତେ ମାର।” ମାତ୍ର ସେ ଲୋକ ତାକୁ ମାରିବା ପାଇଁ ମନା କଲା।
36 ३६ तेव्हा पहिला संदेष्टा म्हणाला, “तू परमेश्वराची आज्ञा पाळली नाहीस. तेव्हा तू इथून बाहेर पडशील तेव्हा सिंह तुझा जीव घेईल” तो दुसरा संदेष्टा तेथून निघाला तेव्हा खरोखरच सिंहाने त्यास ठार मारले.
ତହୁଁ ସେ ତାହାକୁ କହିଲା, “ତୁମ୍ଭେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ବାକ୍ୟ ମାନିଲ ନାହିଁ, ଏହେତୁ ଦେଖ, ତୁମ୍ଭେ ମୋʼ ନିକଟରୁ ପ୍ରସ୍ଥାନ କଲାକ୍ଷଣେ ସିଂହ ତୁମ୍ଭକୁ ବଧ କରିବ।” ଏଥିଉତ୍ତାରେ ସେ ପ୍ରସ୍ଥାନ କଲାକ୍ଷଣେ ସିଂହ ତାହାକୁ ଭେଟି ବଧ କଲା।
37 ३७ मग हा पहिला संदेष्टा एका मनुष्याकडे गेला. त्यास त्याने स्वत: ला “फटका मारायला” सांगितले. त्या मनुष्याने तसे केले आणि संदेष्ट्याला घायाळ केले.
ପୁଣି, ସେ ଆଉ ଏକ ମନୁଷ୍ୟକୁ ଭେଟି କହିଲା, “ବିନୟ କରୁଅଛି, ମୋତେ ମାର।” ତହୁଁ ସେ ଲୋକ ତାହାକୁ ମାରିଲା ଓ ମାରି ମାରି ତାହାକୁ କ୍ଷତବିକ୍ଷତ କଲା।
38 ३८ त्या संदेष्ट्याने मग स्वत: च्या तोंडाभोवती एक फडके गुंडाळून घेतले. त्यामुळे तो कोण हे कोणालाही ओळखू येऊ शकत नव्हते. हा संदेष्टा मग वाटेवर राजाची वाट पाहत बसला.
ଏଥିରେ ଭବିଷ୍ୟଦ୍‍ବକ୍ତା ପ୍ରସ୍ଥାନ କରି ପଥରେ ରାଜାଙ୍କ ଅପେକ୍ଷାରେ ରହିଲା ଓ ଆପଣା ଚକ୍ଷୁ ଉପରେ ପାଗ ବାନ୍ଧି ଛଦ୍ମବେଶ ଧରିଲା।
39 ३९ राजा तिथून जात होता. तेव्हा संदेष्टा त्यास म्हणाला, “मी लढाईवर गेलो होतो. आपल्यापैकी एकाने एका शत्रू सैनिकाला माझ्यापुढे आणले आणि मला सांगितले, ‘याच्यावर नजर ठेव. हा पळाला तर याच्या जागी तुला आपला जीव द्यावा लागेल किंवा शंभर रत्तल चांदीचा दंड भरावा लागेल.’
ତହୁଁ ରାଜା ନିକଟ ଦେଇ ଯିବା ବେଳେ ସେ ଡାକ ପକାଇ ରାଜାଙ୍କୁ କହିଲା; “ଆପଣଙ୍କ ଦାସ ବାହାରି ଯୁଦ୍ଧ ମଧ୍ୟକୁ ଯାଇଥିଲା; ଆଉ ଦେଖନ୍ତୁ, ଜଣେ ମନୁଷ୍ୟ ମୋʼ ପାଖକୁ ଫେରି ଏକ ଲୋକକୁ ଆଣି କହିଲା, ‘ଏ ଲୋକକୁ ରଖ; ଯେବେ କୌଣସି ରୂପେ ତାହାର ସନ୍ଧାନ ନ ମିଳେ, ତେବେ ତାହାର ପ୍ରାଣ ବଦଳେ ତୁମ୍ଭର ପ୍ରାଣ ଯିବ, ନୋହିଲେ ତୁମ୍ଭେ ଏକ ତାଳନ୍ତ ରୂପା ଦେବ।’
40 ४० पण मी इतर कामात गुंतलो होतो. तेव्हा तो मनुष्य पळून गेला यावर इस्राएलाचा राजा म्हणाला, त्या सैनिकाला तू निसटू दिलेस हा तुझा गुन्हा तुला मान्य आहे.” तेव्हा निकाल उघडच आहे. “तो मनुष्य म्हणाला ते तू केले पाहिजेस.”
ମାତ୍ର ଆପଣଙ୍କ ଦାସ ଏଣେତେଣେ କାର୍ଯ୍ୟରେ ବ୍ୟସ୍ତ ହେବା ବେଳେ ସେ ଚାଲିଗଲା।” ତହିଁରେ ଇସ୍ରାଏଲର ରାଜା ତାହାକୁ କହିଲେ, “ତୁମ୍ଭର ସେହି ପ୍ରକାର ଦଣ୍ଡ ହେବ; ତୁମ୍ଭେ ଆପେ ତାହା ନିଷ୍ପତ୍ତି କରିଅଛ।”
41 ४१ आता त्या संदेष्ट्याने तोंडावरचे फडके काढले. इस्राएली राजाने त्यास पाहिले आणि तो संदेष्टा असल्याचे त्याने ओळखले.
ଏଉତ୍ତାରେ ସେ ଶୀଘ୍ର ଆପଣା ଚକ୍ଷୁରୁ ପାଗ କାଢ଼ି ପକାଇଲା; ତହୁଁ ସେ ଯେ ଭବିଷ୍ୟଦ୍‍ବକ୍ତାମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ଜଣେ, ଏହା ଇସ୍ରାଏଲର ରାଜା ଚିହ୍ନିଲେ।
42 ४२ मग तो संदेष्टा राजाला म्हणाला, “परमेश्वर म्हणतो, मी ज्याचा वध करावा म्हणून सांगितले. त्यास तू मोकळे सोडलेस. तेव्हा आता त्याच्या जागी तू आहेस. तू मरशील. तुझ्या शत्रूच्या ठिकाणी तुझे लोक असतील तेही जिवाला मुकतील.”
ପୁଣି, ଭବିଷ୍ୟଦ୍‍ବକ୍ତା ତାଙ୍କୁ କହିଲା, “ସଦାପ୍ରଭୁ ଏହି କଥା କହନ୍ତି, ଆମ୍ଭେ ଯେଉଁ ଲୋକକୁ ବିନାଶାର୍ଥେ ନିଯୁକ୍ତ କରିଥିଲୁ, ତୁମ୍ଭେ ତାହାକୁ ଆପଣା ହସ୍ତରୁ ଛାଡ଼ି ଦେଇଅଛ, ‘ଏହେତୁ ତାହାର ପ୍ରାଣ ବଦଳେ ତୁମ୍ଭର ପ୍ରାଣ ଯିବ ଓ ତାହାର ଲୋକଙ୍କ ବଦଳେ ତୁମ୍ଭ ଲୋକମାନେ ଯିବେ।’”
43 ४३ यानंतर इस्राएलचा राजा शोमरोनाला आपल्या घरी परतला. तो अतिशय संतापला होता आणि चितांग्रस्त झाला होता.
ତହୁଁ ଇସ୍ରାଏଲର ରାଜା ବିଷଣ୍ଣ ଓ ଅତୁଷ୍ଟ ହୋଇ ଆପଣା ଗୃହକୁ ଯାଇ ଶମରୀୟାରେ ଉପସ୍ଥିତ ହେଲେ।

< 1 राजे 20 >