< १ योहा. 3 >

1 आपल्याला देवाची मुले हे नाव मिळाले ह्यात देव पित्याने आपल्याला केवढे प्रीतीदान दिले आहे पाहा आणि आपण तसे आहोत ह्यामुळे जग आपल्याला ओळखीत नाही कारण त्यांनी त्यास ओळखले नाही.
ପଶ୍ୟତ ୱଯମ୍ ଈଶ୍ୱରସ୍ୟ ସନ୍ତାନା ଇତି ନାମ୍ନାଖ୍ୟାମହେ, ଏତେନ ପିତାସ୍ମଭ୍ୟଂ କୀଦୃକ୍ ମହାପ୍ରେମ ପ୍ରଦତ୍ତୱାନ୍, କିନ୍ତୁ ସଂସାରସ୍ତଂ ନାଜାନାତ୍ ତତ୍କାରଣାଦସ୍ମାନ୍ ଅପି ନ ଜାନାତି|
2 प्रियांनो, आता आम्ही देवाची मुले आहोत आणि भविष्यकाळात आम्ही कसे असू हे आम्हास माहीत नाही. तरीही आम्हास माहीत आहे की, जेव्हा ख्रिस्त पुन्हा येईल, तेव्हा आम्ही त्याच्यासारखे असू, कारण तो जसा आहे तसे आम्ही त्यास पाहू.
ହେ ପ୍ରିଯତମାଃ, ଇଦାନୀଂ ୱଯମ୍ ଈଶ୍ୱରସ୍ୟ ସନ୍ତାନା ଆସ୍ମହେ ପଶ୍ଚାତ୍ କିଂ ଭୱିଷ୍ୟାମସ୍ତଦ୍ ଅଦ୍ୟାପ୍ୟପ୍ରକାଶିତଂ କିନ୍ତୁ ପ୍ରକାଶଂ ଗତେ ୱଯଂ ତସ୍ୟ ସଦୃଶା ଭୱିଷ୍ୟାମି ଇତି ଜାନୀମଃ, ଯତଃ ସ ଯାଦୃଶୋ ଽସ୍ତି ତାଦୃଶୋ ଽସ୍ମାଭିର୍ଦର୍ଶିଷ୍ୟତେ|
3 आणि ज्या प्रत्येकाने ही आशा ख्रिस्तावर ठेवली आहे, जसा ख्रिस्त शुद्ध आहे, तसा तो आपणाला शुद्ध करतो.
ତସ୍ମିନ୍ ଏଷା ପ୍ରତ୍ୟାଶା ଯସ୍ୟ କସ୍ୟଚିଦ୍ ଭୱତି ସ ସ୍ୱଂ ତଥା ପୱିତ୍ରଂ କରୋତି ଯଥା ସ ପୱିତ୍ରୋ ଽସ୍ତି|
4 प्रत्येकजण जो पाप करतो तो नियमशास्त्राचे उल्लंघन करतो कारण पाप हे नियमशास्त्राचे उल्लंघन आहे.
ଯଃ କଶ୍ଚିତ୍ ପାପମ୍ ଆଚରତି ସ ୱ୍ୟୱସ୍ଥାଲଙ୍ଘନଂ କରୋତି ଯତଃ ପାପମେୱ ୱ୍ୟୱସ୍ଥାଲଙ୍ଘନଂ|
5 तुम्हास माहीत आहे की, पापे हरण करण्यासाठी तो प्रकट झाला; त्याच्याठायी पाप नाही.
ଅପରଂ ସୋ ଽସ୍ମାକଂ ପାପାନ୍ୟପହର୍ତ୍ତୁଂ ପ୍ରାକାଶତୈତଦ୍ ଯୂଯଂ ଜାନୀଥ, ପାପଞ୍ଚ ତସ୍ମିନ୍ ନ ୱିଦ୍ୟତେ|
6 जो कोणी त्याच्याठायी राहतो तो पाप करीत नाही. जो कोणी पाप करीतो त्याने त्यास पाहिले नाही आणि त्यास ओळखलेही नाही.
ଯଃ କଶ୍ଚିତ୍ ତସ୍ମିନ୍ ତିଷ୍ଠତି ସ ପାପାଚାରଂ ନ କରୋତି ଯଃ କଶ୍ଚିତ୍ ପାପାଚାରଂ କରୋତି ସ ତଂ ନ ଦୃଷ୍ଟୱାନ୍ ନ ୱାୱଗତୱାନ୍|
7 प्रिय मुलांनो, तुम्हास कोणी फसवू नये. तो जसा नीतिमान आहे तसा ख्रिस्त नीतीने चालणाराही न्यायसंपन्न आहे.
ହେ ପ୍ରିଯବାଲକାଃ, କଶ୍ଚିଦ୍ ଯୁଷ୍ମାକଂ ଭ୍ରମଂ ନ ଜନଯେତ୍, ଯଃ କଶ୍ଚିଦ୍ ଧର୍ମ୍ମାଚାରଂ କରୋତି ସ ତାଦୃଗ୍ ଧାର୍ମ୍ମିକୋ ଭୱତି ଯାଦୃକ୍ ସ ଧାମ୍ମିକୋ ଽସ୍ତି|
8 जो पाप करतो तो सैतानाचा आहे कारण सैतान आरंभापासून पाप करीत आहे आणि सैतानाची कामे नष्ट करण्यासाठीच देवाचा पुत्र प्रकट झाला.
ଯଃ ପାପାଚାରଂ କରୋତି ସ ଶଯତାନାତ୍ ଜାତୋ ଯତଃ ଶଯତାନ ଆଦିତଃ ପାପାଚାରୀ ଶଯତାନସ୍ୟ କର୍ମ୍ମଣାଂ ଲୋପାର୍ଥମେୱେଶ୍ୱରସ୍ୟ ପୁତ୍ରଃ ପ୍ରାକାଶତ|
9 जो कोणी देवापासून जन्मलेला आहे तो पाप करीत नाही कारण त्याचे बीज त्यांच्यामध्ये राहते. त्यामुळे तो पापात राहू शकत नाही कारण तो देवापासून जन्मला आहे.
ଯଃ କଶ୍ଚିଦ୍ ଈଶ୍ୱରାତ୍ ଜାତଃ ସ ପାପାଚାରଂ ନ କରୋତି ଯତସ୍ତସ୍ୟ ୱୀର୍ୟ୍ୟଂ ତସ୍ମିନ୍ ତିଷ୍ଠତି ପାପାଚାରଂ କର୍ତ୍ତୁଞ୍ଚ ନ ଶକ୍ନୋତି ଯତଃ ସ ଈଶ୍ୱରାତ୍ ଜାତଃ|
10 १० ह्यावरून देवाची मुले व जी सैतानाची मुले उघड दिसून येतात. जो कोणी नीतिमत्त्वाने वागत नाही तो देवाचा नाही व जो आपल्या भावावर प्रीती करीत नाही तोही नाही.
ଇତ୍ୟନେନେଶ୍ୱରସ୍ୟ ସନ୍ତାନାଃ ଶଯତାନସ୍ୟ ଚ ସନ୍ତାନା ୱ୍ୟକ୍ତା ଭୱନ୍ତି| ଯଃ କଶ୍ଚିଦ୍ ଧର୍ମ୍ମାଚାରଂ ନ କରୋତି ସ ଈଶ୍ୱରାତ୍ ଜାତୋ ନହି ଯଶ୍ଚ ସ୍ୱଭ୍ରାତରି ନ ପ୍ରୀଯତେ ସୋ ଽପୀଶ୍ୱରାତ୍ ଜାତୋ ନହି|
11 ११ आपण एकमेकांवर प्रीती करावी, हा संदेश आपण आरंभापासून ऐकला तो हाच आहे.
ଯତସ୍ତସ୍ୟ ଯ ଆଦେଶ ଆଦିତୋ ଯୁଷ୍ମାଭିଃ ଶ୍ରୁତଃ ସ ଏଷ ଏୱ ଯଦ୍ ଅସ୍ମାଭିଃ ପରସ୍ପରଂ ପ୍ରେମ କର୍ତ୍ତୱ୍ୟଂ|
12 १२ काईन त्या दुष्टाचा होता व त्याने आपल्या भावाचा वध केला त्याच्यासारखे आपण नसावे. त्याने त्याचा वध कशासाठी केला? कारण काइनाची कृत्ये दुष्ट होती आणि तर त्याच्या भावाची कृत्ये न्यायी होती.
ପାପାତ୍ମତୋ ଜାତୋ ଯଃ କାବିଲ୍ ସ୍ୱଭ୍ରାତରଂ ହତୱାନ୍ ତତ୍ସଦୃଶୈରସ୍ମାଭି ର୍ନ ଭୱିତୱ୍ୟଂ| ସ କସ୍ମାତ୍ କାରଣାତ୍ ତଂ ହତୱାନ୍? ତସ୍ୟ କର୍ମ୍ମାଣି ଦୁଷ୍ଟାନି ତଦ୍ଭ୍ରାତୁଶ୍ଚ କର୍ମ୍ମାଣି ଧର୍ମ୍ମାଣ୍ୟାସନ୍ ଇତି କାରଣାତ୍|
13 १३ बंधूनो, जर जग तुमचा द्वेष करते तर त्याचे आश्चर्य मानू नका.
ହେ ମମ ଭ୍ରାତରଃ, ସଂସାରୋ ଯଦି ଯୁଷ୍ମାନ୍ ଦ୍ୱେଷ୍ଟି ତର୍ହି ତଦ୍ ଆଶ୍ଚର୍ୟ୍ୟଂ ନ ମନ୍ୟଧ୍ୱଂ|
14 १४ आपल्याला माहीत आहे की, आपण मरणातून जीवनात गेलो आहोत कारण आपण आपल्या बंधूवर प्रीती करतो. जो प्रीती करत नाही तो मरणात राहतो.
ୱଯଂ ମୃତ୍ୟୁମ୍ ଉତ୍ତୀର୍ୟ୍ୟ ଜୀୱନଂ ପ୍ରାପ୍ତୱନ୍ତସ୍ତଦ୍ ଭ୍ରାତୃଷୁ ପ୍ରେମକରଣାତ୍ ଜାନୀମଃ| ଭ୍ରାତରି ଯୋ ନ ପ୍ରୀଯତେ ସ ମୃତ୍ୟୌ ତିଷ୍ଠତି|
15 १५ जो कोणी आपल्या भावाचा द्वेष करतो, तो खुनी आहे आणि तुम्हास माहीत आहे की, खुनी मनुष्याच्या ठायी सार्वकालिक जीवन राहत नाही. (aiōnios g166)
ଯଃ କଶ୍ଚିତ୍ ସ୍ୱଭ୍ରାତରଂ ଦ୍ୱେଷ୍ଟି ସଂ ନରଘାତୀ କିଞ୍ଚାନନ୍ତଜୀୱନଂ ନରଘାତିନଃ କସ୍ୟାପ୍ୟନ୍ତରେ ନାୱତିଷ୍ଠତେ ତଦ୍ ଯୂଯଂ ଜାନୀଥ| (aiōnios g166)
16 १६ ख्रिस्ताने आपल्यासाठी स्वतःचा जीव दिला. यामुळे प्रीती काय आहे ते आपल्याला समजते. म्हणून आपणदेखील आपल्या भावासाठी जीव दिला पाहिजे.
ଅସ୍ମାକଂ କୃତେ ସ ସ୍ୱପ୍ରାଣାଂସ୍ତ୍ୟକ୍ତୱାନ୍ ଇତ୍ୟନେନ ୱଯଂ ପ୍ରେମ୍ନସ୍ତତ୍ତ୍ୱମ୍ ଅୱଗତାଃ, ଅପରଂ ଭ୍ରାତୃଣାଂ କୃତେ ଽସ୍ମାଭିରପି ପ୍ରାଣାସ୍ତ୍ୟକ୍ତୱ୍ୟାଃ|
17 १७ जर कोणाजवळ जगिक संपत्ती आहे आणि त्याचा भाऊ गरजवंत आहे हे पाहूनही त्याच्यावर दया करीत नाही तर त्याच्यामध्ये देवाची प्रीती राहते कसे म्हणू शकतो?
ସାଂସାରିକଜୀୱିକାପ୍ରାପ୍ତୋ ଯୋ ଜନଃ ସ୍ୱଭ୍ରାତରଂ ଦୀନଂ ଦୃଷ୍ଟ୍ୱା ତସ୍ମାତ୍ ସ୍ୱୀଯଦଯାଂ ରୁଣଦ୍ଧି ତସ୍ୟାନ୍ତର ଈଶ୍ୱରସ୍ୟ ପ୍ରେମ କଥଂ ତିଷ୍ଠେତ୍?
18 १८ प्रिय मुलांनो, आपण शब्दाने किंवा जीभेने नव्हे, तर कृतीने व खरेपणाने प्रीती करावी.
ହେ ମମ ପ୍ରିଯବାଲକାଃ, ୱାକ୍ୟେନ ଜିହ୍ୱଯା ୱାସ୍ମାଭିଃ ପ୍ରେମ ନ କର୍ତ୍ତୱ୍ୟଂ କିନ୍ତୁ କାର୍ୟ୍ୟେଣ ସତ୍ୟତଯା ଚୈୱ|
19 १९ यावरुन आपण ओळखू की आपण सत्याचे आहोत व त्याच्यासमोर आपल्या अंतःकरणाला धैर्य देऊ,
ଏତେନ ୱଯଂ ଯତ୍ ସତ୍ୟମତସମ୍ବନ୍ଧୀଯାସ୍ତତ୍ ଜାନୀମସ୍ତସ୍ୟ ସାକ୍ଷାତ୍ ସ୍ୱାନ୍ତଃକରଣାନି ସାନ୍ତ୍ୱଯିତୁଂ ଶକ୍ଷ୍ୟାମଶ୍ଚ|
20 २० कारण जर आपले अंतःकरण आपल्याला दोषी ठरवते, तर आपल्या अंतःकरणापेक्षा देव थोर आहे आणि तो सर्वकाही जाणतो.
ଯତୋ ଽସ୍ମଦନ୍ତଃକରଣଂ ଯଦ୍ୟସ୍ମାନ୍ ଦୂଷଯତି ତର୍ହ୍ୟସ୍ମଦନ୍ତଃ କରଣାଦ୍ ଈଶ୍ୱରୋ ମହାନ୍ ସର୍ୱ୍ୱଜ୍ଞଶ୍ଚ|
21 २१ प्रिय मित्रांनो, वाईट करण्याबद्दल जर आमची अंतःकरणे आम्हास दोष देत नाहीत तर देवाकडे जाण्यासाठी आम्हास धैर्य आहे.
ହେ ପ୍ରିଯତମାଃ, ଅସ୍ମଦନ୍ତଃକରଣଂ ଯଦ୍ୟସ୍ମାନ୍ ନ ଦୂଷଯତି ତର୍ହି ୱଯମ୍ ଈଶ୍ୱରସ୍ୟ ସାକ୍ଷାତ୍ ପ୍ରତିଭାନ୍ୱିତା ଭୱାମଃ|
22 २२ आणि आपण जे काही मागतो ते त्याच्यापासून आपल्याला मिळते कारण आपण त्याच्या आज्ञा पाळतो आणि त्यास जे आवडते ते करतो.
ଯଚ୍ଚ ପ୍ରାର୍ଥଯାମହେ ତତ୍ ତସ୍ମାତ୍ ପ୍ରାପ୍ନୁମଃ, ଯତୋ ୱଯଂ ତସ୍ୟାଜ୍ଞାଃ ପାଲଯାମସ୍ତସ୍ୟ ସାକ୍ଷାତ୍ ତୁଷ୍ଟିଜନକମ୍ ଆଚାରଂ କୁର୍ମ୍ମଶ୍ଚ|
23 २३ तो आम्हास अशी आज्ञा आहे की, त्याचा पुत्र येशू ख्रिस्त ह्याच्या नावावर आम्ही विश्वास ठेवावा आणि त्याने आपल्याला आज्ञा दिल्याप्रमाणे एकमेकांवर प्रीती करावी.
ଅପରଂ ତସ୍ୟେଯମାଜ୍ଞା ଯଦ୍ ୱଯଂ ପୁତ୍ରସ୍ୟ ଯୀଶୁଖ୍ରୀଷ୍ଟସ୍ୟ ନାମ୍ନି ୱିଶ୍ୱସିମସ୍ତସ୍ୟାଜ୍ଞାନୁସାରେଣ ଚ ପରସ୍ପରଂ ପ୍ରେମ କୁର୍ମ୍ମଃ|
24 २४ जो देवाची आज्ञा पाळतो तो त्याच्यामध्ये राहतो आणि देव त्याच्यात राहतो आणि त्याने जो पवित्र आत्मा आपल्याला दिला, त्यावरून आपल्याला कळून येते की, तो आपल्याठायी राहतो.
ଯଶ୍ଚ ତସ୍ୟାଜ୍ଞାଃ ପାଲଯତି ସ ତସ୍ମିନ୍ ତିଷ୍ଠତି ତସ୍ମିନ୍ ସୋଽପି ତିଷ୍ଠତି; ସ ଚାସ୍ମାନ୍ ଯମ୍ ଆତ୍ମାନଂ ଦତ୍ତୱାନ୍ ତସ୍ମାତ୍ ସୋ ଽସ୍ମାସୁ ତିଷ୍ଠତୀତି ଜାନୀମଃ|

< १ योहा. 3 >