< मत्ती 27 >
1 जेबे प्याग ऊई तेबे सबी बड़े पुरोईत और लोका रे बुजुर्गे यीशुए खे काणे री योजना बणाई।
प्रातःकाल सभी प्रधान पुरोहितों तथा पुरनियों ने आपस में येशु को मृत्यु दंड देने की सहमति की.
2 तेबे सेयो यीशुए खे बानी की लईगे और पिलातुस हाकिमो रे आथो रे देई ते।
येशु को बेड़ियों से बांधकर वे उन्हें राज्यपाल पिलातॉस के यहां ले गए.
3 जेबे यीशुए खे तोखे ते पकड़वाणे वाल़े यहूदे देखेया कि सेयो दोषी ठराई ते, तेबे से बऊत पछताया और तिना चाँदिए रे तीई सिक्केया लयी की बड़े पुरोईता गे और बुजुर्गा गे फेर ली आया
इसी समय, जब येशु पर दंड की आज्ञा सुनाई गई, यहूदाह, जिसने येशु के साथ धोखा किया था, दुःख और पश्चाताप से भर उठा. उसने प्रधान पुरोहितों और पुरनियों के पास जाकर चांदी के वे तीस सिक्के यह कहते हुए लौटा दिए,
4 और बोलणे लगेया, “मैं बेकसुर मांणूए री मौत करवाणे खे पकड़वाई की पाप करी राखेया।” तेबे तिने बोलेया, “आसा खे क्या ए? तूँ ई जाण।”
“एक निर्दोष के साथ धोखा करके मैंने पाप किया है.” “हमें इससे क्या?” वे बोले, “यह तुम्हारी समस्या है!”
5 तेबे यहूदा तिना सिक्केया खे मन्दरो रे सेटी की चली गा और जाई की आपू खे गल़फा लगाईता।
वे सिक्के मंदिर में फेंक यहूदाह चला गया और जाकर फांसी लगा ली.
6 तेबे बड़े पुरोईते तिना सिक्केया खे लयी की बोलेया, “इना खे पण्डारो रे राखणा ठीक निए, कऊँकि ये खून कराणे खे दित्ती री कीमत ए।”
उन सिक्कों को इकट्ठा करते हुए प्रधान पुरोहितों ने विचार किया, “इस राशि को मंदिर के कोष में डालना उचित नहीं है क्योंकि यह लहू का दाम है.”
7 तेबे तिने योजना बणाई की तिना सिक्केया ते परदेशिया खे दबाणे रिया तंईं कुम्हारो रा डोरू मोले लयी ला।
तब उन्होंने इस विषय में विचार-विमर्श कर उस राशि से परदेशियों के अंतिम संस्कार के लिए कुम्हार का एक खेत मोल लिया.
8 तेबेई तो आजो तक तेस डोरूआ खे खूनो रा डोरू बोलोए।
यही कारण है कि आज तक उस खेत को “लहू का खेत” नाम से जाना जाता है.
9 तेबे जो वचन यिर्मयाह भविष्यबक्ते बोलेया था, से पूरा ऊआ, “तिने सेयो तीई सिक्के, मतलब जो मोल था राखेया रा (जो इस्राएलो री ल्वादा बीचा ते कितणेया जणे ठराया था) लयी ला
इससे भविष्यवक्ता येरेमियाह द्वारा की गई यह भविष्यवाणी पूरी हो गई: “उन्होंने चांदी के तीस सिक्के लिए—यह उसका दाम है, जिसका दाम इस्राएल वंश के द्वारा निर्धारित किया गया था
10 और जिंयाँ माखे प्रभुए आज्ञा दित्ती थी, तिंयाँ ई से कुम्हारा रे डोरूआ रे मोलो रे देईता।”
और उन्होंने वे सिक्के कुम्हार के खेत के लिए दे दिए, जैसा निर्देश प्रभु ने मुझे दिया था.”
11 जेबे यीशु हाकिमो सामणे खड़े थे, तेबे हाकिमे पूछेया, “क्या तूँ यहूदिये रा राजा ए?” यीशुए तेसखे बोलेया, “तूँ आपू ई लगी रा बोलणे।”
येशु राज्यपाल के सामने लाए गए और राज्यपाल ने उनसे प्रश्न करने प्रारंभ किए, “क्या तुम यहूदियों के राजा हो?” येशु ने उसे उत्तर दिया, “यह आप स्वयं ही कह रहे हैं.”
12 जेबे बड़े पुरोईत और बुजुर्ग तिना पाँदे दोष लगी रे थे लगाणे, तेबे तिने कोई जवाब नि दित्तेया।
जब येशु पर प्रधान पुरोहितों और पुरनियों द्वारा आरोप पर आरोप लगाए जा रहे थे, येशु मौन बने रहे.
13 तेबे पिलातुसे तिना खे बोलेया, “क्या तूँ सुणने नि लगी रा कि यो तेरे खलाफ कितणिया गवाईया लगी रे देणे।”
इस पर पिलातॉस ने येशु से कहा, “क्या तुम सुन नहीं रहे ये लोग तुम पर कितने आरोप लगा रहे हैं?”
14 पर यीशुए तेसरी एक बी गल्ला रा जवाब नि दित्तेया, ये देखी की हाकिमो खे बऊत हैरानी ऊई।
येशु ने पिलातॉस को किसी भी आरोप का कोई उत्तर न दिया. राज्यपाल के लिए यह अत्यंत आश्चर्यजनक था.
15 हाकिमो रा ये रवाज था कि तेस त्योआरो खे लोका री तंईं जेसखे सेयो चाओ थे, एकी बन्दुओ खे छाडी देयो था।
उत्सव पर परंपरा के अनुसार राज्यपाल की ओर से उस बंदी को, जिसे लोग चाहते थे, छोड़ दिया जाता था.
16 तेस बखते तिना गे बरअब्बा नाओं रा एक मानेया रा बन्दुआ था।
उस समय बंदीगृह में बार-अब्बास नामक एक कुख्यात अपराधी बंदी था.
17 तेबे, जेबे सेयो कट्ठे ऊए, तेबे पिलातुसे तिना खे बोलेया, “तुसे केसखे चाओए कि आऊँ तुसा री तंईं छाडी देऊँ? बरअब्बे खे या यीशुए खे, जेसखे मसीह बी बोलोए?”
इसलिये जब लोग इकट्ठा हुए पिलातॉस ने उनसे प्रश्न किया, “मैं तुम्हारे लिए किसे छोड़ दूं, बार-अब्बास को या येशु को, जो मसीह कहलाता है? क्या चाहते हो तुम?”
18 कऊँकि पिलातुस जाणो था कि तिने से जल़नी रे पकड़वाया।
पिलातॉस को यह मालूम हो चुका था कि मात्र जलन के कारण ही उन्होंने येशु को उनके हाथों में सौंपा था.
19 जेबे से न्याय आसणो री गद्दिया पाँदे था बैठे रा, तेबे तेसरी लाड़िए तेसखे सन्देशा पेजेया कि, “तूँ तेस तर्मी मांणूए रे बारे रे दखलंदाजी नि कर; कऊँकि आज माखे सुपने रे तेसरी बजअ ते बऊत दु: ख ऊआ।”
जब पिलातॉस न्यायासन पर बैठा था, उसकी पत्नी ने उसे यह संदेश भेजा, “उस धर्मी व्यक्ति को कुछ न करना क्योंकि पिछली रात मुझे स्वप्न में उसके कारण घोर पीड़ा हुई है.”
20 बड़े पुरोईत और बुजुर्गे लोक ऊकसाए कि तुसे बरअब्बे खे माँगो और यीशुए खे नाश कराओ।
इस पर प्रधान पुरोहितों और पुरनियों ने भीड़ को उकसाया कि वे बार-अब्बास की मुक्ति की और येशु के मृत्यु दंड की मांग करें.
21 हाकिमे तिना ते पूछेया, “तुसे इना दूँईं बीचा ते केसखे चाओए कि आऊँ तुसा खे छाडी देऊँ?” तिने बोलेया, “बरअब्बे खे।”
राज्यपाल ने उनसे पूछा, “क्या चाहते हो, दोनों में से मैं किसे छोड़ दूं?” भीड़ का उत्तर था: “बार-अब्बास को.”
22 पिलातुसे तिना ते पूछेया, “तेबे यीशुए खे, जेसखे मसीह बोलोए, तेस साथे क्या करुँ?” सबी तेसखे बोलेया, “एसखे क्रूसो पाँदे चढ़ाओ।”
इस पर पिलातॉस ने उनसे पूछा, “तब मैं येशु का, जो मसीह कहलाता है, क्या करूं?” उन सभी ने एक साथ कहा, “उसे क्रूस पर चढ़ाया जाए!”
23 हाकिमे पूछेया, “कऊँ, तिने क्या बुरा करी राखेया?” पर सेयो ओर बी चींगी-चींगी की बोलणे लगे, “एसखे क्रूसो पाँदे चढ़ाओ।”
पिलातॉस ने पूछा, “क्यों? क्या अपराध है उसका?” किंतु वे और अधिक चिल्लाने लगे, “क्रूस पर चढ़ाया जाए उसे!”
24 जेबे पिलातुसे देखेया कि कोई बात नि लगी री बणने, बल्कि बिगड़ने ई लगी री, तेबे तिने पाणी लई की पीड़ा सामणे आपणे आथ तोए और बोलेया, “आऊँ एस तर्मिंयों रे खूनो ते निर्दोष ए; तुसेई जाणो।”
जब पिलातॉस ने देखा कि वह कुछ भी नहीं कर पा रहा परंतु हुल्लड़ की संभावना है तो उसने भीड़ के सामने अपने हाथ धोते हुए यह घोषणा कर दी, “मैं इस व्यक्ति के लहू का दोषी नहीं हूं. तुम ही इसके लिए उत्तरदायी हो.”
25 सबी जवाब दित्तेया, “एसरे खूनो री अत्या आसा खे और आसा री ल्वादा खे लगो!”
लोगों ने उत्तर दिया, “इसके लहू का दोष हम पर तथा हमारी संतान पर हो!”
26 तेबे तिने बरअब्बा तिना खे छाडीता और यीशु कोड़े लगवाई की तिना खे देई ते कि क्रूसो पाँदे चढ़ाई देयो।
तब पिलातॉस ने उनके लिए बार-अब्बास को मुक्त कर दिया किंतु येशु को कोड़े लगवाकर क्रूसित करने के लिए भीड़ के हाथों में सौंप दिया.
27 तेबे हाकिमो रे सिपाई यीशुए खे किले दे लईगे और सारी पल़टण तिना रे चऊँ कनारे कट्ठी करी ती,
तब पिलातॉस के सैनिक मसीह येशु को प्राइतोरियम अर्थात् किले के भीतर, महल के आंगन में ले गए और वहां उन्होंने सारी रोमी सैनिक टुकड़ी इकट्ठा कर ली.
28 और तिना रे टाले खोली की तिना खे लाल रंगो रा चौगा पणयाई ता
जो वस्त्र येशु पहने हुए थे, उतारकर उन्होंने उन्हें एक चमकीला लाल वस्त्र पहना दिया.
29 और कांडेया रा मुकट बूणी की तिना रे सिरो पाँदे राखेया और तिना रे दाँणे आथो रे एक नगल़ो रा डण्डा देईता और तिना रे आगे कुटणे टेकी की तिना रा मजाक ऊड़ाणे लगे और बोलणे लगे, “ओ यहूदिया रे राजा नमस्कार!”
उन्होंने एक कंटीली लता को गूंधकर उसका मुकुट बना उनके सिर पर रख दिया और उनके दायें हाथ में एक नरकुल की एक छड़ी थमा दी. तब वे उनके सामने घुटने टेककर यह कहते हुए उनका मज़ाक करने लगे, “यहूदियों के राजा की जय!”
30 और तिना पाँदे थूकेया और सेई नगल़ो रा डण्डा लयी की तिना रे सिरो पाँदे बाणे लगे।
उन्होंने येशु पर थूका भी और फिर उनके हाथ से उस नरकुल छड़ी को लेकर उसी से उनके सिर पर प्रहार करने लगे.
31 जेबे सेयो तिना रा मजाक ऊड़ाई चुके, तेबे तिने तिना पाँदो ते से चौगा उतारेया और तिना खे तिना रेई टाल्ले पणयाईते और क्रूसो पाँदे चढ़ाणे खे लयी चले।
इस प्रकार जब वे येशु का उपहास कर चुके, उन्होंने वह लाल वस्त्र उतारकर उन्हीं के वस्त्र उन्हें पहना दिए और उन्हें उस स्थल पर ले जाने लगे जहां उन्हें क्रूस पर चढ़ाया जाना था.
32 बारे जाई की तिना खे शमौन नाओं रा एक कुरेनी मांणू, जो दूजे गांव ते आऊणे लगी रा था, तेसी बखते से तिसिये निकल़ेया। तेबे सिपाईए से ईंयां ई पकड़ी ता कि यीशु रा क्रूस चकी की लई चल।
जब वे बाहर निकले, उन्हें शिमओन नामक एक व्यक्ति, जो कुरेनावासी था, दिखाई दिया. उन्होंने उसे येशु का क्रूस उठाकर चलने के लिए मजबूर किया.
33 तेसा जगा रे जो गुलगुता, मतलब-जेथो खे खोपड़िया री जगा बी बोलोए, तेती पऊँछी की
जब वे सब गोलगोथा नामक स्थल पर पहुंचे, जिसका अर्थ है (खोपड़ी का स्थान).
34 तिने यीशुए खे पित्त मलाए रा अँगूरा रा रस पीणे खे दित्तेया, पर तिने चाखी की पीणा नि चाया।
उन्होंने येशु को पीने के लिए दाखरस तथा कड़वे रस का मिश्रण दिया किंतु उन्होंने मात्र चखकर उसे पीना अस्वीकार कर दिया.
35 तेबे तिने यीशु क्रूसो पाँदे चढ़ाई ते और चिट्ठिया पाई की तिना रे टाले बांडी ते
येशु को क्रूसित करने के बाद उन्होंने उनके वस्त्रों को आपस में बांट लेने के लिए पासा फेंका
36 और तेती बैठी की तिना रा पईरा देणे लगे।
और वहीं बैठकर उनकी चौकसी करने लगे.
37 तेबे तिना रा दोष पत्र तिना रे सिरो पाँदे लगाया, “ये यहूदिया रा राजा यीशु ए।”
उन्होंने उनके सिर के ऊपर दोषपत्र लगा दिया था, जिस पर लिखा था: “यह येशु है—यहूदियों का राजा.”
38 तेबे तिना साथे दो डाकू, एक दाँणे कनारे और दूजा खूँजे कनारे क्रूसो पाँदे चढ़ाए।
उसी समय दो अपराधियों को भी उनके साथ क्रूस पर चढ़ाया गया था, एक को उनकी दायीं ओर, दूसरे को उनकी बायीं ओर.
39 आऊणे जाणे वाल़े सिर इलाई-इलाई की तिना री निन्दा करदे रओ थे
आते जाते यात्री उपहास-मुद्रा में सिर हिला-हिला कर मज़ाक उड़ा रहे थे,
40 और ये बोलदे रओ थे, “ओ मन्दरो खे टाल़ने वाल़े और तीन दिना रे बनाणे वाल़े, आपू खे तो बचा! जे तूँ परमेशरो रा पुत्र ए, तो क्रूसो पाँदो ते उतरी की थाले आओ।”
“अरे ओ मंदिर को नाश कर, तीन दिन में उसको दुबारा बनानेवाले! बचा ले अपने आपको—यदि तू परमेश्वर का पुत्र है तो उतर आ क्रूस से!”
41 तिंयाँ ई बड़े पुरोईत, शास्त्री और बुजुर्ग मजाक ऊड़ाई की बोलो थे,
इसी प्रकार प्रधान पुरोहित भी शास्त्रियों और पुरनियों के साथ मिलकर उनका उपहास करते हुए कह रहे थे,
42 “इने ओर बचाए, पर आपू खे नि बचाई सकदा। ये तो ‘इस्राएलो रा राजा’ ए जे एबे क्रूसो ते ऊतरी की आओ, तो आसे विश्वास करिए।
“दूसरों को तो बचाता फिरा है, स्वयं को नहीं बचा सकता! इस्राएल का राजा है! क्रूस से नीचे आकर दिखाए तो हम इसका विश्वास कर लेंगे.
43 इने तो परमेशरो पाँदे विश्वास राखी राखेया, जे से एसखे चाओआ, तो एबे एसखे छुड़ाई लो, कऊँकि इने बोलेया था, कि आऊँ परमेशरो रा पुत्र ए”
यह परमेश्वर में विश्वास करता है क्योंकि इसने दावा किया था, ‘मैं ही परमेश्वर-पुत्र हूं,’ तब परमेश्वर इसे अभी छुड़ा दें—यदि वह इससे प्रेम करते हैं.”
44 तिंयाँ ई सेयो डाकू बी, जो यीशुए साथे क्रूसो पाँदे चढ़ाई राखे थे, निन्दा करदे रओ थे।
उनके साथ क्रूस पर चढ़ाये गए राजद्रोही भी इसी प्रकार उनकी उल्लाहना कर रहे थे.
45 त्याड़िया ते लयी की तीजे पईरो तक सारे देशो रे न्हेरा ई रया।
मध्याह्न से लेकर तीन बजे तक उस सारे प्रदेश पर अंधकार छाया रहा.
46 तीजे पईरो रे नेड़े यीशुए जोरे की आक्का पाई की बोलेया, “एली, एली, लमा शबक्तनी?” मतलब “ओ मेरे परमेशर, ओ मेरे परमेशर! तैं आऊँ कऊँ छाडीता?”
तीन बजे के लगभग येशु ने ऊंची आवाज में पुकारकर कहा, “एली, एली, लमा सबख़थानी?” जिसका अर्थ है, “मेरे परमेश्वर! मेरे परमेश्वर! आपने मुझे क्यों छोड़ दिया?”
47 जो तेती थे खड़े रे, तिना बीचा ते बऊत जणेया ये सुणी की बोलेया, “ये एलिय्याह खे लगी रा आक्का पाणे।”
उधर खड़े हुए व्यक्तियों में से कुछ ने कहा, “अरे! सुनो-सुनो! एलियाह को पुकार रहा है!”
48 तिना बीचा ते एक फटाफट दौड़ेया और स्पंज लयी की सिरके बीचे डबोया और नगल़ो रे डण्डे रे राखी की तिना खे चुसाया।
उनमें से एक ने तुरंत दौड़कर एक स्पंज सिरके में भिगोया और एक नरकुल की एक छड़ी पर रखकर येशु के होंठों तक बढ़ा दिया.
49 तेबे ओरी बोलेया, “देखी लऊँए कि एलिय्याह एसखे बचाणे आओआ कि नई।”
किंतु औरों ने कहा, “ठहरो, ठहरो, देखें एलियाह उसे बचाने आते भी हैं या नहीं.”
50 तेबे यीशु फेर जोरे की चींगे और प्राण छाडी ते।
येशु ने एक बार फिर ऊंची आवाज में पुकारा और अपने प्राण त्याग दिए.
51 तेबे मन्दरो रा पड़दा पाँदो ते लई की थालो तक फटीगा और तिजी रे दो टुकड़े ऊईगे। ये ए दखाओआ कि एबे कोई बी मांणू परमेशरो री हजुरिया रे जाई सकोआ। तरती ईलणे लगी और जानी तिड़की गिया
उसी क्षण मंदिर का पर्दा ऊपर से नीचे तक दो भागों में विभाजित कर दिया गया, पृथ्वी कांप उठी, चट्टानें फट गईं
52 और कब्रा खुली गिया और मरे रे पवित्र लोका रिया बऊत लोथा उठी गिया।
और कब्रें खुल गईं. येशु के पुनरुत्थान के बाद उन अनेक पवित्र लोगों के शरीर जीवित कर दिए गये, जो बड़ी नींद में सो चुके थे.
53 और तिना रे जिऊँदे ऊणे ते बाद सेयो कब्रा ते निकल़ी की पवित्र नगरो खे गए और बऊत लोका खे दिखे।
कब्रों से बाहर आकर उन्होंने पवित्र नगर में प्रवेश किया तथा अनेकों को दिखाई दिए.
54 तेबे सूबेदार और जो तेस साथे पईरा देणे लगी रे थे, ईल्लण और जो कुछ तेती ऊआ, देखी की बऊत डरी गे और बोलणे लगे, “सच्ची, ये तो परमेशरो रा ई पुत्र था।”
शताधिपति और वे, जो उसके साथ येशु की पहरा दे रहे थे, उस भूकंप तथा अन्य घटनाओं को देखकर अत्यंत भयभीत हो गए और कहने लगे, “सचमुच यह परमेश्वर के पुत्र थे!”
55 तेती बऊत जवाणसा, जो गलील प्रदेशो ते यीशुए साथे तिना री सेवा करदिया ऊईया आईया थिया, ये दूरो ते लगी री थिया देखणे।
अनेक स्त्रियां दूर खड़ी हुई यह सब देख रही थी. वे गलील प्रदेश से येशु की सेवा करती हुई उनके पीछे-पीछे आ गई थी.
56 तिना बीचे मरियम मगदलिनी और याकूब और योसेसो री आम्मा मरियम और जब्दिए रे पाऊए री आम्मा थी।
उनमें थी मगदालावासी मरियम, याकोब और योसेफ़ की माता मरियम तथा ज़ेबेदियॉस की पत्नी.
57 जेबे साँज ऊई तेबे यूसुफ नाओं रा अरिमतियाह रा एक अमीर मांणू, जो आपू बी यीशुए रा चेला था, आया।
जब संध्या हुई तब अरिमथिया नामक नगर के एक धनी व्यक्ति, जिनका नाम योसेफ़ था, वहां आए. वह स्वयं येशु के चेले बन गए थे.
58 तिने पिलातुसो गे जाई की यीशुए री लोथ मांगी। तेबे पिलातुसे देणे री आज्ञा देईती।
उन्होंने पिलातॉस के पास जाकर येशु के शव को ले जाने की आज्ञा मांगी. पिलातॉस ने उन्हें शव ले जाने की आज्ञा दे दी.
59 यूसुफे लोथ लई और सफेद चादरी रे लपेटी ती
योसेफ़ ने शव को एक स्वच्छ चादर में लपेटा
60 और से आपणी नईया कब्रा रे राखी, जो तिने चट्टानी रे थी खणवाई री और कब्रा रे द्वारो पाँदे एक बड़ा पात्थर खसकेयी की चली गा।
और उसे नई कंदरा-क़ब्र में रख दिया, जो योसेफ़ ने स्वयं अपने लिए चट्टान में खुदवाई थी. उन्होंने कब्र के द्वार पर एक विशाल पत्थर लुढ़का दिया और तब वह अपने घर चले गए.
61 मरियम मगदलिनी और दूजी मरियम तेती कब्रा सामणे बैठी रिया थिया।
मगदालावासी मरियम तथा अन्य मरियम, दोनों ही कंदरा-क़ब्र के सामने बैठी रहीं.
62 दूजे दिने, जो आरामो रा दिन था, बड़े पुरोईत और फरीसिये कट्ठे ऊई की पिलातुसो खे बोलेया,
दूसरे दिन, जो तैयारी के दिन के बाद का दिन था, प्रधान पुरोहित तथा फ़रीसी पिलातॉस के यहां इकट्ठा हुए और पिलातॉस को सूचित किया,
63 “ओ महाराज! आसा खे याद ए कि तिने भरमाणे वाल़े, जेबे से जिऊँदा था तिने बोलेया था कि, मां मरने ते बाद तीजे दिने जिऊँदा ऊई जाणा।
“महोदय, हमको यह याद है कि जब यह छली जीवित था, उसने कहा था, ‘तीन दिन बाद मैं जीवित हो जाऊंगा’;
64 तो आज्ञा दे कि तीन दिना तक कब्रा री रखवाल़ी ओ, एड़ा नि ओ कि तेसरे चेले आयी की तेसखे चोरी की लयी जाओ और लोका खे बोलो कि, से मरे रे बीचा ते जिऊँदा ऊईगा; तेबे पिछला तोखा, पईले ते बी बुरा ऊणा।”
इसलिये तीसरे दिन तक के लिए कंदरा-क़ब्र पर कड़ी सुरक्षा की आज्ञा दे दीजिए, अन्यथा संभव है उसके शिष्य आकर शव चुरा ले जाएं और लोगों में यह प्रचार कर दें, ‘वह मरे हुओं में से जीवित हो गया है’ तब तो यह छल पहले से कहीं अधिक हानिकर सिद्ध होगा.”
65 पिलातुसे तिना खे बोलेया, “तुसा गे पईरेदार आए। तिना खे लयी जाओ और आपणी समजा रे मुताबिक रखवाल़ी करो।”
पिलातॉस ने उनसे कहा, “प्रहरी तो आपके पास हैं न! आप जैसा उचित समझें करें.”
66 तेबे सेयो पईरेदारा खे साथे लयी गे और पात्थरो पाँदे मोहर लगाई की कब्रा री रखवाल़ी करने लगे।
अतः उन्होंने जाकर प्रहरी नियुक्त कर तथा पत्थर पर मोहर लगाकर कब्र को पूरी तरह सुरक्षित बना दिया.