< प्रकाशित वाक्य 19 >
1 येको बाद मय न स्वर्ग म मानो बड़ी भीड़ को लोगों को ऊचो आवाज सी यो कहतो सुन्यो, “हल्लिलूय्याह! उद्धार अऊर महिमा अऊर सामर्थ हमरो परमेश्वर कीच आय।
१इसके बाद मैंने स्वर्ग में मानो बड़ी भीड़ को ऊँचे शब्द से यह कहते सुना, “हालेलूय्याह! उद्धार, और महिमा, और सामर्थ्य हमारे परमेश्वर ही का है।
2 कहालीकि ओको न्याय सच्चो अऊर उचित हंय। ओन वा वेश्या को, जो अपनो व्यभिचार सी धरती ख भ्रष्ट करत होती, न्याय करयो अऊर परमेश्वर न अपनो सेवकों को खून को बदला लियो हय।”
२क्योंकि उसके निर्णय सच्चे और ठीक हैं, इसलिए कि उसने उस बड़ी वेश्या का जो अपने व्यभिचार से पृथ्वी को भ्रष्ट करती थी, न्याय किया, और उससे अपने दासों के लहू का पलटा लिया है।”
3 फिर दूसरी बार उन्न चिल्लाय क कह्यो, “हल्लिलूय्याह! ओको जरन को धुवा हमेशा हमेशा उठतो रहेंन।” (aiōn )
३फिर दूसरी बार उन्होंने कहा, “हालेलूय्याह! उसके जलने का धुआँ युगानुयुग उठता रहेगा।” (aiōn )
4 तब चौबीसों बुजूर्गों अऊर चारयी प्रानियों न गिर क परमेश्वर ख दण्डवत कर क् आराधना करयो, जो सिंहासन पर बैठ्यो होतो। अऊर कह्यो, “आमीन! परमेश्वर की स्तुति हो!”
४और चौबीसों प्राचीनों और चारों प्राणियों ने गिरकर परमेश्वर को दण्डवत् किया; जो सिंहासन पर बैठा था, और कहा, “आमीन! हालेलूय्याह!”
5 तब सिंहासन म सी एक आवाज निकल्यो, “सब ओको सेवक अऊर सब लोग दोयी बड़ो या छोटो हमरो परमेश्वर की स्तुति करो, तुम जो ओको सी डरय हय।”
५और सिंहासन में से एक शब्द निकला, “हे हमारे परमेश्वर से सब डरनेवाले दासों, क्या छोटे, क्या बड़े; तुम सब उसकी स्तुति करो।”
6 फिर मय न एक बड़ी भीड़ को जसो, जलप्रवाह को गर्जन को जसो अऊर मेघों कि बड़ी जोर गर्जनों को जसो आवाज सुन्यो, मय न उन्ख कहतो सुन्यो “परमेश्वर की स्तुति हो! कहालीकि प्रभु हमरो परमेश्वर सर्वशक्तिमान राजा आय।
६फिर मैंने बड़ी भीड़ के जैसा और बहुत जल के जैसा शब्द, और गर्जनों के जैसा बड़ा शब्द सुना “हालेलूय्याह! इसलिए कि प्रभु हमारा परमेश्वर, सर्वशक्तिमान राज्य करता है।
7 आवो, हम खुश अऊर मगन हो, अऊर ओकी महानता को लायी ओकी महिमा करे, कहालीकि मेम्ना को बिहाव को समय आय गयो हय, अऊर ओकी दुल्हिन न अपनो खुद ख तैयार कर लियो हय।
७आओ, हम आनन्दित और मगन हों, और उसकी स्तुति करें, क्योंकि मेम्ने का विवाह आ पहुँचा है, और उसकी दुल्हन ने अपने आपको तैयार कर लिया है।
8 ओख स्वच्छ अऊर चमकदार मलमल को कपड़ा पहिनन ख दियो गयो। कहालीकि मलमल परमेश्वर को लोगों को अच्छो कामों को प्रतिक हय।”
८उसको शुद्ध और चमकदार महीन मलमल पहनने को दिया गया,” क्योंकि उस महीन मलमल का अर्थ पवित्र लोगों के धार्मिक काम है।
9 तब स्वर्गदूत न मोरो सी कह्यो, “यो लिख, कि धन्य हि हंय, जो मेम्ना को बिहाव को जेवन म बुलायो गयो हंय।” अऊर स्वर्गदूत न मोरो सी कह्यो, “यो परमेश्वर को सत्य वचन आय।”
९तब स्वर्गदूत ने मुझसे कहा, “यह लिख, कि धन्य वे हैं, जो मेम्ने के विवाह के भोज में बुलाए गए हैं।” फिर उसने मुझसे कहा, “ये वचन परमेश्वर के सत्य वचन हैं।”
10 तब मय ओकी आराधना करन लायी ओको पाय पर गिर पड़्यो। पर ओन मोरो सी कह्यो, “असो मत कर, मय तोरो जसो अऊर दूसरों विश्वासियों को जसो एक सेवक आय, हि सब यीशु न प्रगट करी हुयी सच्चायी ख पकड़्यो हुयो हय। परमेश्वर की स्तुति करो कहालीकि जो सच्चायी यीशु न प्रगट करी हि भविष्यवक्तावों ख प्रेरना देवय हय।”
१०तब मैं उसको दण्डवत् करने के लिये उसके पाँवों पर गिरा। उसने मुझसे कहा, “ऐसा मत कर, मैं तेरा और तेरे भाइयों का संगी दास हूँ, जो यीशु की गवाही देने पर स्थिर हैं। परमेश्वर ही को दण्डवत् कर।” क्योंकि यीशु की गवाही भविष्यद्वाणी की आत्मा है।
11 फिर मय न स्वर्ग ख खुल्यो हुयो देख्यो, अऊर उत एक सफेद घोड़ा होतो; अऊर घोड़ा को सवार ख विश्वसनिय अऊर सत्य कह्यो जावय होतो, कहालीकि सच्चायी को संग ऊ निर्णय करय हय अऊर ओकी लड़ाई लड़य हय।
११फिर मैंने स्वर्ग को खुला हुआ देखा, और देखता हूँ कि एक श्वेत घोड़ा है; और उस पर एक सवार है, जो विश्वासयोग्य, और सत्य कहलाता है; और वह धार्मिकता के साथ न्याय और लड़ाई करता है।
12 ओकी आंखी असी होती मानो अग्नि की ज्वाला जसी लपेट होती, अऊर ओको मुंड पर बहुत सो राजमुकुट होतो। ओको पर एक नाम लिख्यो होतो, पर ओख छोड़ क ऊ का होतो कोयी नहीं जानय।
१२उसकी आँखें आग की ज्वाला हैं, और उसके सिर पर बहुत से राजमुकुट हैं। और उसका एक नाम उस पर लिखा हुआ है, जिसे उसको छोड़ और कोई नहीं जानता।
13 ऊ खून छिड़क्यो हुयो कपड़ा पहिन्यो होतो, अऊर ओको नाम परमेश्वर को शब्द होतो।
१३वह लहू में डुबोया हुआ वस्त्र पहने है, और उसका नाम ‘परमेश्वर का वचन’ है।
14 स्वर्ग की सेना सफेद घोड़ा पर सवार अऊर सफेद अऊर शुद्ध मलमल को कपड़ा पहिन्यो हुयो ओको पीछू पीछू होती।
१४और स्वर्ग की सेना श्वेत घोड़ों पर सवार और श्वेत और शुद्ध मलमल पहने हुए उसके पीछे-पीछे है।
15 राष्ट्रों ख हरावन लायी ओको मुंह सी एक तेज तलवार निकलय हय। ऊ उन पर लोहा को राजदण्ड सी शासन करेंन, अऊर सर्वशक्तिमान परमेश्वर को भयानक प्रकोप की भाति ऊ अंगूररस ख रौंदेंन।
१५जाति-जाति को मारने के लिये उसके मुँह से एक चोखी तलवार निकलती है, और वह लोहे का राजदण्ड लिए हुए उन पर राज्य करेगा, और वह सर्वशक्तिमान परमेश्वर के भयानक प्रकोप की जलजलाहट की मदिरा के कुण्ड में दाख रौंदेगा।
16 ओको कपड़ा अऊर जांघ पर यो नाम लिख्यो हय: “राजावों को राजा अऊर प्रभुवों को प्रभु।”
१६और उसके वस्त्र और जाँघ पर यह नाम लिखा है: “राजाओं का राजा और प्रभुओं का प्रभु।”
17 फिर मय न एक स्वर्गदूत ख सूरज पर खड़ो हुयो देख्यो। ओन बड़ो आवाज सी पुकार क आसमान को बीच म सी उड़न वालो सब पक्षिंयों सी कह्यो, “आवो, परमेश्वर को बड़ो भोज को लायी जमा होय जावो,
१७फिर मैंने एक स्वर्गदूत को सूर्य पर खड़े हुए देखा, और उसने बड़े शब्द से पुकारकर आकाश के बीच में से उड़नेवाले सब पक्षियों से कहा, “आओ, परमेश्वर के बड़े भोज के लिये इकट्ठे हो जाओ,
18 आवो अऊर राजावों को मांस, अऊर सरदारों को मांस, अऊर सिपाहियों को मांस, अऊर शक्तिमान आदमियों को मांस, अऊर घोड़ा को अऊर उन्को सवारों को मांस, अऊर उन्को शरीर, अऊर सेवक छोटो अऊर बड़ो, सब लोगों को शरीर खावो।”
१८जिससे तुम राजाओं का माँस, और सरदारों का माँस, और शक्तिमान पुरुषों का माँस, और घोड़ों का और उनके सवारों का माँस, और क्या स्वतंत्र क्या दास, क्या छोटे क्या बड़े, सब लोगों का माँस खाओ।”
19 फिर मय न ऊ हिंसक पशु, अऊर धरती को राजावों अऊर उनकी सेनावों ख ऊ घोड़ा को सवार अऊर ओकी सेना सी लड़न लायी जमा देख्यो।
१९फिर मैंने उस पशु और पृथ्वी के राजाओं और उनकी सेनाओं को उस घोड़े के सवार, और उसकी सेना से लड़ने के लिये इकट्ठे देखा।
20 ऊ हिंसक पशु, अऊर ओको संग ऊ झूठो भविष्यवक्ता दोयी ख कैदी बनायो गयो जेन ओको सामने असो चिन्ह दिखायो होतो जिन्को द्वारा ओन उन्ख भरमायो जिन पर ऊ पशु की छाप होती अऊर जो वा मूर्ति की पूजा करत होतो। उन हिंसक पशु अऊर झूठो भविष्यवक्ता ख भी जरती हुयी आगी म जीन्दो डाल्यो गयो। (Limnē Pyr )
२०और वह पशु और उसके साथ वह झूठा भविष्यद्वक्ता पकड़ा गया, जिसने उसके सामने ऐसे चिन्ह दिखाए थे, जिनके द्वारा उसने उनको भरमाया, जिन पर उस पशु की छाप थी, और जो उसकी मूर्ति की पूजा करते थे। ये दोनों जीते जी उस आग की झील में, जो गन्धक से जलती है, डाले गए। (Limnē Pyr )
21 बाकी को सैनिक ऊ घोड़ा को सवार की तलवार सी, जो ओको मुंह सी निकलत होती, मार डाल्यो गयो; अऊर सब पक्षी उन्को मांस खाय क सन्तुष्ट भय गयो।
२१और शेष लोग उस घोड़े के सवार की तलवार से, जो उसके मुँह से निकलती थी, मार डाले गए; और सब पक्षी उनके माँस से तृप्त हो गए।