< मत्ती 3 >
1 उन दिनो म यूहन्ना बपतिस्मा देन वालो यहूदिया को सुनसान जागा म आय क यो प्रचार करन लग्यो:
2 “पापों सी मन फिरावो, कहालीकि स्वर्ग को राज्य जवर आय गयो हय।”
3 यो उच आय जेकी चर्चा यशायाह भविष्यवक्ता को द्वारा करी गयी: “जंगल म एक पुकारन वालो को आवाज होय रह्यो हय, कि प्रभु को रस्ता तैयार करो, अऊर ओकी सड़के सीधी करो।”
4 यूहन्ना ऊंट को बाल को कपड़ा पहिन्यो होतो अऊर कमर म चमड़ा को पट्टा बान्ध्यो हुयो होतो। ओको जेवन टिड्डियां अऊर जंगली शहेद होतो।
5 तब यरूशलेम, अऊर पूरो यहूदिया क्षेत्र, अऊर यरदन को आजु-बाजू को गांव म रहन वालो सब लोग निकल क ओको जवर आयो,
6 उन्न अपनो अपनो पापों को पश्चाताप कर क् यरदन नदी म ओको सी बपतिस्मा लियो।
7 पर जब ओन अपनो जवर बहुत सो फरीसियों अऊर सदूकियों ख बपतिस्मा लेन लायी आवतो देख्यो, त ओन कह्यो, “हे सांप को पिल्ला, तुम्ख कौन न जताय दियो कि आवन वालो गुस्सा सी भगो?
8 येकोलायी पापों सी मन फिराव की लायक फर लावो;
9 अऊर अपनो अपनो मन म यो मत सोचो कि हमरो बाप अब्राहम आय; कहालीकि मय तुम सी सच कहू हय कि परमेश्वर इन गोटा सी अब्राहम लायी सन्तान पैदा कर सकय हय।”
10 टंग्या झाड़ों की जड़ी पर रखी हुयी हय, येकोलायी जो जो झाड़ अच्छो फर नहीं लावय, ऊ काट्यो अऊर आगी म झोक्यो जावय हय।
11 “मय त पानी सी तुम्ख मन फिराव को बपतिस्मा देऊ हय; पर जो मोरो बाद आवन वालो हय; ऊ मोरो सी ताकतवर हय; कि मय ओको पाय कि चप्पल उठावन को लायक नहाय। ऊ तुम्ख पवित्र आत्मा अऊर आगी सी बपतिस्मा देयेंन।
12 ओको सूपा ओको हाथ म हय, अऊर ऊ अपनो खरियान अच्छो तरह सी साफ करेंन, अऊर अपनो गहूं ख त ढोला म जमा करेंन, पर भूसा ख ऊ आगी म जलायेंन जो बुझन की नहीं।”
13 ऊ समय यीशु गलील प्रदेश सी यरदन नदी को किनार पर यूहन्ना को जवर ओको सी बपतिस्मा लेन आयो।
14 पर यूहन्ना यो कह्य क ओख रोकन लग्यो, “मोख त तोरो हाथ सी बपतिस्मा लेन कि जरूरत हय, अऊर तय मोरो जवर आयो हय?”
15 पर यीशु न ओख यो उत्तर दियो, “अब त असोच होन दे, कहालीकि हम्ख यो रीति सी सब सच्चायी ख पूरो करनो ठीक हय।” तब ओन ओकी बात मान ली।
16 अऊर यीशु बपतिस्मा ले क तुरतच पानी सी ऊपर आयो, अऊर उच समय ओको लायी स्वर्ग खुल गयो, अऊर ओन परमेश्वर को आत्मा ख कबूत्तर को जसो उतरतो अऊर अपनो ऊपर आवतो देख्यो।
17 अऊर, स्वर्ग सी या आकाशवानी भयी: “यो मोरो प्रिय बेटा आय, जेकोसी मय बहुत सन्तुष्ट हय।”