< मत्ती 26 >
1 जब यीशु यो सब बाते कह्य चुक्यो त अपनो चेलावों सी कहन लग्यो,
जिब यीशु नै ये सारी बात कह ली तो अपणे चेल्यां तै कहण लाग्या,
2 “तुम जानय हय कि दोय दिन को बाद फसह को पर्व हय, अऊर आदमी को बेटा क्रूस पर चढ़ायो जान लायी पकड़वायो जायेंन।”
“थमनै बेरा सै के दो दिनां पाच्छै फसह का त्यौहार सै, अर मै माणस का बेट्टा क्रूस पै चढ़ाण कै खात्तर पकड़वाया जाऊँगा।”
3 तब मुख्य याजकों अऊर प्रजा को बुजूर्गों कैफा नाम को महायाजक को भवन म जमा भयो,
फेर प्रधान याजक अर प्रजा के यहूदी अगुवें, काइफा नामक महायाजक कै आँगण म्ह कठ्ठे होए,
4 अऊर आपस म बिचार करन लग्यो कि यीशु ख चुपचाप सी पकड़ क मार डालो।
अर आप्पस म्ह विचार करण लाग्गे के यीशु ताहीं धोक्खे तै पकड़कै मार देवा।
5 पर हि कहत होतो, “पर्व को समय नहीं, कहीं असो नहीं होय कि लोगों म दंगा होय जाये।”
पर वे कहवै थे, “त्यौहार कै बखत न्ही, कदे इसा ना हो के माणसां म्ह रोळा माच ज्या।”
6 जब यीशु बैतनिय्याह म शिमोन कोढ़ी को घर म होतो,
जिब यीशु बैतनिय्याह गाम म्ह शमौन कोढ़ी कै घरां था,
7 त एक बाई संगमरमर को बर्तन म बहुमूल्य अत्तर ले क ओको जवर आयी, अऊर जब ऊ जेवन करन बैठ्यो होतो त ओकी मुंड पर कुड़ाय दियो।
तो एक बिरबान्नी संगमरमर कै बरतन म्ह महँगा खसबूदार तेल लेकै उसकै धोरै आई, अर जिब वो खाणा खाण नै बेठ्या था तो उसकै सिर पै उंडेल दिया।
8 यो देख क ओको चेला गुस्सा भयो अऊर कहन लग्यो, “येको कहाली नाश करयो गयो?
न्यू देखकै उसके चेल्लें खीजकै अर कहण लाग्गे, “इसका क्यांतै नाश करया गया?
9 येख त अच्छो दाम पर बेच क गरीबों ख बाट्यो जाय सकत होतो।”
इस ताहीं तो बढ़िया दाम्मां पै बेचकै कंगालां म्ह बांडया जा सकै था।”
10 यो जान क यीशु न उन्को सी कह्यो, “या बाई ख कहाली सतावय हय? ओन मोरो संग भलायी को काम करयो हय।
न्यू जाणकै यीशु नै उनतै कह्या, “बिरबान्नी नै क्यांतै सताओ सो? उसनै मेरै गेल्या भलाई करी सै।
11 गरीब त तुम्हरो संग हमेशा रह्य हंय, पर मय तुम्हरो संग हमेशा नहीं रहूं।
कंगाल तो थारे गेल्या सारी हाण रहवै सै, पर मै थारे गेल्या सारी हाण कोनी रहूँगा।
12 ओन मोरो शरीर पर जो यो अत्तर कुड़ायो हय, ऊ मोरो गाड़्यो जान की तैयारी लायी करयो हय।
उसनै मेरी देह पै जो यो महँगा खसबूदार तेल उंडेला सै, वो मेरे गाड़े जाणकै खात्तर करया सै।
13 मय तुम सी सच कहू हय, कि पूरो जगत म जित कहीं यो सुसमाचार प्रचार करयो जायेंन, उत ओको यो काम को वर्नन भी ओकी याद म करयो जायेंन।”
मै थमनै साच्ची कहूँ सूं, के सारे दुनिया म्ह जित्त किते भी यो सुसमाचार प्रचार करया जावैगा, ओड़ै उसकै इस काम का जिक्र भी उसकी याद म्ह करया जावैगा।”
14 तब यहूदा इस्करियोती न, जो बारा चेलावों म सी एक होतो, मुख्य याजकों को जवर गयो,
फेर यहूदा इस्करियोती नै, जो बारहां चेल्यां म्ह तै एक था, प्रधान याजकां कै धोरै जाकै कह्या,
15 अऊर ओन कह्यो, “यदि मय ओख तुम्हरो हाथ म सौंप देऊ त मोख का देवो?” उन्न ओख तीस चांदी को सिक्का गिन क दे दियो।
“जै मै यीशु नै थारे हाथ्थां म्ह पकड़वा दियुँ, तो मन्नै के द्योगे?” उननै तीस चाँदी के सिक्के तौलकै दे दिये।
16 अऊर ऊ उच समय सी ओख सौंपन को अच्छो मौका ढूंढन लग्यो।
अर वो उस्से बखत तै यीशु नै पकड़वाण का मौक्का टोह्ण लाग्या।
17 अखमीरी रोटी को पर्व को पहिलो दिन, चेला यीशु को जवर आय क पूछन लग्यो, “तय कहां पर चाहवय हय कि हम तोरो लायी फसह खान की तैयारी करे?”
अखमीरी रोट्टी कै त्यौहार कै पैहल्ड़े दिन, चेल्लें यीशु कै धोरै आकै बुझ्झण लाग्गे, “तू कित्त चाहवै सै के हम तेरे खात्तर फसह खाण की त्यारी करा?”
18 ओन कह्यो, “नगर म अनजान आदमी को जवर जाय क ओको सी कहो, ‘गुरु कह्य हय कि मोरो समय जवर हय। मय अपनो चेलावों को संग तोरो इत फसह को पर्व मनाऊं।’”
यीशु बोल्या, “नगर म्ह फलाणा माणस नै जाकै उसतै कहो, ‘गुरु कहवै सै के मेरा बखत लोवै सै। मै अपणे चेल्यां कै गेल्या तेरे उरै फसह का त्यौहार बणाऊँगा’।”
19 येकोलायी चेलावों न यीशु की आज्ञा मानी अऊर फसह तैयार करयो।
आखर चेल्यां नै यीशु का हुकम मान्या अर फसह का भोज त्यार करया।
20 जब शाम भयी त ऊ बारयी चेलावों को संग जेवन करन लायी बैठ्यो।
जिब साँझ होई तो यीशु बारहां चेल्यां कै गेल्या खाणा खाण कै खात्तर बेठ्या।
21 जब हि खाय रह्यो होतो त ओन कह्यो, “मय तुम सी सच कहू हय कि तुम म सी एक मोख पकड़वायेंन।”
जिब वे खाण लागरे थे तो यीशु नै कह्या, “मै थमनै साच्ची कहूँ सूं के थारे म्ह तै एक मन्नै धोक्खा देकै पकड़वावैगा।”
22 येको पर हि बहुत उदास भयो, अऊर हर एक चेला ओको सी पूछन लग्यो, “हे प्रभु, का ऊ मय आय?”
इसपै चेल्लें घणे उदास होए, अर हरेक उसतै बुझ्झण लाग्या, “हे गुरु, के वो मै सूं?”
23 यीशु न उत्तर दियो, “जेन मोरो संग थारी म हाथ डाल्यो हय, उच मोख पकड़वायेंन।
यीशु नै जवाब दिया, “जिसनै मेरै गेल्या थाळी म्ह हाथ घाल्या सै, वोए मन्नै पकड़वावैगा।
24 आदमी को बेटा त जसो ओको बारे म लिख्यो हय, पर ऊ आदमी लायी शोक हय जेको द्वारा आदमी को बेटा पकड़वायो जावय हय: यदि ऊ आदमी को जनमच नहीं होतो, त ओको लायी भलो होतो।”
मै माणस का बेट्टा तो जिसा मेरे बारै म्ह लिख्या सै, अर जावै ए सै; पर उस माणस पै धिक्कार सै जिसकै जरिये मै माणस का बेट्टा पकड़वाया जाऊँगा: जै उस माणस का जन्म ए न्ही होंदा, तो उसकै खात्तर भला होंदा।”
25 तब ओको सौंपन वालो यहूदा न कह्यो, “हे गुरु, का ऊ मय आय?” ओन ओको सी कह्यो, “तय कह्य चुक्यो।”
फेर यीशु कै पकड़वाण आळे यहूदा नै कह्या, “हे गुरु, के वो मै सूं?” यीशु उसतै बोल्या, “तन्नै कह लिया।”
26 जब हि खाय रह्यो होतो त यीशु न रोटी ली, अऊर धन्यवाद कर क् तोड़ी, अऊर चेलावों ख दे क कह्यो, “लेवो, खावो; यो मोरो शरीर आय।”
जिब वे फसह खाण लागरे थे, तो यीशु नै रोट्टी ली, अर आशीष माँगकै तोड़ी, अर चेल्यां ताहीं देकै कह्या, “ल्यो, खाओ; या मेरी देह सै।”
27 तब ओन कटोरा पकड़ क धन्यवाद करयो, अऊर उन्ख दे क कह्यो, “तुम सब येको म सी पीवो,
फेर यीशु नै अपणा कटोरा लेकै परमेसवर का धन्यवाद करया, अर उन ताहीं देकै कह्या, “थम सारे इस म्ह तै पियो,
28 कहालीकि यो वाचा को मोरो ऊ खून आय, जो पूरो लोगों लायी पापों की माफी लायी बहायो जावय हय।
क्यूँके यो करार का मेरा वो लहू सै, जो घणखरयां कै खात्तर पापां की माफी कै खात्तर बहाया जावै सै।
29 मय तुम सी कहू हय कि अंगूर को यो रस ऊ दिन तक कभी नहीं पीऊ, जब तक तुम्हरो संग अपनो बाप को राज्य म नयो रस नहीं पी लेऊ।”
मै थमनै साच्ची कहूँ सूं के अंगूर का यो रस उस दिन ताहीं कदे न्ही पिऊँगा, जिब थारे गेल्या अपणे पिता कै राज्य म्ह नया न्ही पीऊँ।”
30 तब हि भजन गाय क जैतून पहाड़ी पर गयो।
फेर वे भजन गाकै जैतून कै पहाड़ पै गए।
31 तब यीशु न उन्को सी कह्यो, “तुम सब अजच रात ख मोरो बारे म ठोकर खावो, कहालीकि शास्त्र म लिख्यो हय: ‘मय चरवाहे ख मारू, अऊर झुण्ड की मेंढीं तितर-बितर होय जायेंन।’
फेर यीशु नै उनतै कह्या, “थम आज ए रात नै मेरै बाबत ठोक्कर खाओगे, क्यूँके लिख्या सै: ‘मै पाळी नै मारूँगा, अर टोळ की भेड़ तित्तर-बितर हो जावैंगी।’”
32 पर मय जीन्दो होन को बाद तुम सी पहिले गलील ख जाऊं।”
“पर मै अपणे जिन्दा उठण कै बाद थारे तै पैहल्या गलील परदेस म्ह मिलूगाँ।”
33 येको पर पतरस न यीशु सी कह्यो, “यदि सब तोरो वजह सी ठोकर खावय त खावय, पर मय कभी भी ठोकर नहीं खाऊ।”
इसपै पतरस नै उसतै कह्या, “जै सारे छोड़ै तो छोड़ै, पर मै तेरा साथ कदे न्ही छोड़ूँगा।”
34 यीशु न पतरस सी कह्यो, “मय तोरो सी सच कहू हय कि अजच रात ख मुर्गा को बाग देन सी पहिले, तय तीन बार मोरो इन्कार करजो।”
यीशु नै उसतै कह्या, “मै तेरे तै सच कहूँ सूं के आज ए रात नै मुर्गे के बाँग देण तै पैहल्या, तू तीन बर मेरै बारै म्ह मुकरैगा।”
35 पतरस न ओको सी कह्यो, “यदि मोख तोरो संग मरनो भी पड़ेंन, तब भी मय तोरो मय कभी इन्कार नहीं करूं।” अऊर असोच सब चेलावों न भी कह्यो।
पतरस नै उसतै कह्या, “जै मन्नै तेरे गेल्या मरणा भी पड़ै, तोभी मै तेरा इन्कार कदे कोनी करुँगा।” इस्से तरियां और सारे चेल्यां नै भी न्यूए कह्या।
36 तब यीशु अपनो चेलावों को संग गतसमनी नाम को एक जागा म आयो अऊर अपनो चेलावों सी कहन लग्यो, “इतच बैठ्यो रहजो, जब तक मय उत जाय क प्रार्थना करूं।”
फेर यीशु अपणे चेल्यां कै गेल्या गतसमनी नामक एक जगहां म्ह आया अर अपणे चेल्यां तै कहण लाग्या, “उरैए बेठ्ठे रहियो, जिब ताहीं मै ओड़ै प्रार्थना करुँ।”
37 ऊ पतरस अऊर जब्दी को दोयी टुरावों ख संग ले गयो, अऊर उदास अऊर व्याकुल होन लग्यो।
वो पतरस अर जब्दी के दोन्नु बेट्टा नै गेल्या लेग्या, अर उदास अर कांल होण लाग्या।
38 तब ओन उन्को सी कह्यो, “मोरो मन बहुत उदास हय, यहां तक कि मोरो जीव निकल्यो जाय रह्यो हय। तुम इतच ठहरो अऊर मोरो संग जागतो रहो।”
फेर उसनै उनतै कह्या, “मेरा मन घणा उदास सै, उरै ताहीं के मेरा जी लिकड़ण नै होरया सै। थम उरै ठहरो अर जागदे रहो।”
39 तब ऊ थोड़ो अऊर आगु बढ़ क मुंह को बल गिरयो, अऊर यो प्रार्थना करी, “हे मोरो बाप, यदि होय सकय त यो दु: ख को कटोरा मोरो सी टल जाये, तब भी जसो मय चाहऊ हय वसो नहीं, पर जसो तय चाहऊ हय वसोच हो।”
फेर वो माड़ा और आग्गै सरक कै मुँह कै बळ गिरया, अर या प्रार्थना करण लाग्या, “हे मेरे पिता, जै हो सकै तो यो दुख का कटोरा मेरै तै टळ जावै, तोभी जिसा मै चाहूँ सूं इसा न्ही, पर जिसा तू चाहवै सै उस्से तरियां ए होवै।”
40 तब ओन चेलावों को जवर आय क उन्ख सोतो देख्यो अऊर पतरस सी कह्यो, “का तुम मोरो संग एक घड़ी भी नहीं जाग सक्यो?
फेर उसनै चेल्यां कै धोरै आकै उन ताहीं सोन्दे पाया अर पतरस तै कह्या, “के थम मेरै गेल्या एक घड़ी भी कोनी जाग सके?
41 जागतो रहो, अऊर प्रार्थना करतो रहो कि तुम परीक्षा म मत पड़ो: आत्मा त तैयार हय, पर शरीर कमजोर हय।”
जागदे रहो, अर प्रार्थना करदे रहो के थम परखे ना जाओ, आत्मा तो त्यार सै पर देह कमजोर सै।”
42 तब ओन दूसरी बार जाय क यो प्रार्थना करी, “हे मोरो बाप, यदि यो कटोरा मोरो पीयो बिना नहीं हट सकय त तोरी इच्छा पूरी होय।”
फेर उसनै दुसरी बार जाकै या प्रार्थना करी, “हे मेरे पिता, जै यो मेरै पिए बिना न्ही हट सकदा, तो तेरी मर्जी पूरी हो।”
43 तब ओन आय क उन्ख फिर सोतो पायो, कहालीकि उन्की आंखी नींद सी भरी होती।
फेर उसनै आकै उन ताहीं फेर सोन्दे पाया, क्यूँके उनकी आँखां म्ह नींद भरी थी।
44 उन्ख छोड़ क ऊ फिर चली गयो, अऊर उन्कोच शब्दों म फिर तीसरी बार प्रार्थना करी।
उननै छोड़कै वो फेर चल्या गया, अर उन्हे शब्दां म्ह फेर तीसरी बार प्रार्थना करी।
45 तब ओन चेलावों को जवर आय क उन्को सी कह्यो, “का तुम अब तक सोय रह्यो हय, देखो! घड़ी आय पहुंची हय, अऊर आदमी को बेटा पापियों को हाथ सौंप्यो जायेंन।
फेर उसनै चेल्यां कै धोरै आकै उनतै कह्या, “इब सोन्दे रहो, अर आराम करो: देक्खो, बखत आण पोंहच्या सै, अर मै माणस का बेट्टा पापियाँ के हाथ्थां पकड़वाया जाऊँगा।
46 उठो, चलो; देखो, मोरो सौंपन वालो जवर आय गयो हय।”
उठो, चाल्लां; देक्खो, मेरा पकड़ाण आळा धोरै आण पोंहच्या सै।”
47 यीशु यो कह्यच रह्यो होतो कि यहूदा जो बारयी म सी एक होतो, आयो, अऊर ओको संग मुख्य याजकों अऊर बुजूर्ग लोगों को तरफ सी बड़ी भीड़, तलवारे अऊर लाठियां पकड़ क आयो।
वो न्यू कहण ए लागरया था के यहूदा जो बारहां चेल्यां म्ह तै एक था आया, अर उसकै गेल्या प्रधान याजकां अर यहूदी अगुवां की ओड़ तै बड्डी भीड़, तलवार अर लाठ्ठी लिये होए, आई।
48 ओको सौंपन वालो न उन्ख यो इशारा दियो होतो: “जेक मय चुम्मा लेऊ उच आय; ओख पकड़ लेजो।”
यीशु कै पकड़वाण आळे यहूदा नै उन ताहीं यो इशारा दिया था: “जिस ताहीं मै चूम ल्यूँ वोए सै; उस ताहीं पकड़ लियो।”
49 अऊर तुरतच यीशु को जवर आय क कह्यो, “हे गुरु, प्रनाम!” अऊर ओख बहुत चुम्मा लियो।
अर जिब्बे यीशु कै धोरै आकै कह्या, “हे गुरु, नमस्कार!” अर उस ताहीं घणा चुम्या।
50 यीशु न ओको सी कह्यो, “हे संगी, जो काम लायी तय आयो हय, ओख कर ले।” तब उन्न जवर आय क यीशु पर हाथ डाल्यो अऊर ओख पकड़ लियो।
यीशु नै उसतै कह्या, “हे दोस्त, जिस काम कै खात्तर तू आया सै, उसनै करले।” फेर उननै धोरै आकै यीशु पै हाथ गेरया अर उस ताहीं पकड़ लिया।
51 यीशु को संगियों म सी एक न हाथ बढ़ाय क अपनी तलवार खीच ली अऊर महायाजक को सेवक पर चलाय क ओको कान काट डाल्यो।
यीशु के साथियाँ म्ह तै एक नै हाथ बढ़ाकै अपणी तलवार खींच ली अर महायाजक के नौक्कर पै चलाकै उसका कान उड़ा दिया।
52 तब यीशु न ओको सी कह्यो, “अपनी तलवार म्यान म रख ले कहालीकि जो तलवार चलावय हंय हि सब तलवार सी नाश करयो जायेंन।
फेर यीशु नै उसतै कह्या, “अपणी तलवार म्यान म्ह धर ले क्यूँके जो तलवार चलावै सै वे सारे तलवार तै नाश करे जावैंगे।
53 का तय नहीं जानय कि मय अपनो बाप सी बिनती कर सकू हय, अऊर ऊ स्वर्गदूतों की बारा पलटन सी जादा मोरो जवर अभी खड़ो कर देयेंन?
के तन्नै न्ही बेरा के मै अपणे पिता तै बिनती कर सकूँ सूं, अर वो सुर्गदूत्तां की बारहां पलटन तै घणे मेरै धोरै इब्बे हाजर कर देवैगा?
54 पर पवित्र शास्त्र की हि बाते असोच होनो जरूरी हय, कसो पूरी होयेंन?”
पर पवित्र ग्रन्थ की ये बात के इसाए होणा जरूरी सै, किस ढाळ पूरी होवैगी?”
55 ऊ समय यीशु न भीड़ सी कह्यो, “का तुम तलवारे अऊर लाठियां धर क मोख डाकू को जसो पकड़न लायी निकल्यो हय? मय हर दिन मन्दिर म बैठ क उपदेश करत होतो, अऊर तुम न मोख नहीं पकड़्यो।”
उस बखत यीशु नै भीड़ तै कह्या, “के थम तलवार अर लाठ्ठी लेकै मन्नै डाकू की ढाळ पकड़ण कै खात्तर लिकड़े सो? मै हरेक दिन मन्दर म्ह बैठकै उपदेश दिया करुँ था, अर थमनै मेरै ताहीं कोनी पकड्या।
56 पर यो सब येकोलायी भयो हय कि भविष्यवक्तावों को वचन पूरो होय। तब सब चेला ओख छोड़ क भग गयो।
पर यो सारा ज्यांतै होया सै के नबियाँ के वचन पूरे होवै।” फेर सारे चेल्लें उसनै छोड़कै भाजगे।
57 तब यीशु को पकड़न वालो ओख कैफा नाम को महायाजक को जवर लिजायो, जहां धर्मशास्त्री अऊर बुजूर्गों जमा भयो होतो।
फेर यीशु के पकड़ण आळे उस ताहीं काइफा नामक महायाजक कै धोरै लेगे, जित्त शास्त्री अर यहूदी अगुवें कठ्ठे होए थे।
58 पतरस दूरच दूर ओको पीछू-पीछू महायाजक को आंगन तक गयो, अऊर अन्दर जाय क यीशु को का होयेंन देखन सेवकों को संग बैठ गयो।
पतरस दूर ए दूर उसकै पाच्छै-पाच्छै महायाजक कै आँगण ताहीं गया, अर भीत्त्तर जाकै अन्त देखण नै सिपाहियाँ कै गेल्या बैठग्या।
59 मुख्य याजक अऊर पूरी महासभा यीशु ख मार डालन लायी ओको विरोध म झूठी गवाही की खोज म होतो,
सारे प्रधान याजक अर यहूदी अगुवां की सभा यीशु नै मारण कै खात्तर उसकै बिरोध म्ह झूठ्ठी गवाही की टोह् म्ह थे,
60 पर बहुत सो झूठो गवाहों को आनो पर भी नहीं पायो आखरी म दोय लोग आयो,
पर घणखरे झूठ्ठे गवाह कै आण पै भी कोनी पाई। आखर म्ह दो जणे आये,
61 अऊर कह्यो, “येन कह्यो हय कि मय परमेश्वर को मन्दिर ख गिराय सकू हय अऊर ओख तीन दिन म बनाय सकू हय।”
अर बोल्ले, “इसनै कह्या सै के मै परमेसवर कै मन्दर नै गेर सकूँ सूं अर उस ताहीं तीन दिन म्ह बणा सकूँ सूं।”
62 तब महायाजक न खड़ो होय क यीशु सी कह्यो, “का तय कोयी उत्तर नहीं देवय? हि लोग तोरो विरोध म का गवाही देवय हंय?”
फेर महायाजक नै खड़े होकै यीशु तै कह्या, “के तू कोए जवाब न्ही देंदा? ये माणस तेरे बिरोध म्ह के गवाही देवै सै?”
63 पर यीशु चुप रह्यो। तब महायाजक न ओको सी कह्यो, “मय तोख जीन्दो परमेश्वर की कसम देऊ हय कि यदि तय परमेश्वर को बेटा मसीह आय, त हम सी कह्य दे।”
पर यीशु बोल-बाल्ला रहया। फेर महायाजक नै उसतै कह्या, “मै तन्नै जिन्दे परमेसवर की कसम दियुँ सूं के जै तू परमेसवर का बेट्टा मसीह सै, तो म्हारै ताहीं कह दे।”
64 यीशु न ओको सी कह्यो, “तय न खुदच कह्य दियो; बल्की मय तुम सी यो भी कहू हय कि अब सी तुम केवल आदमी को बेटा ख सर्वशक्तिमान को दायो तरफ बैठ्यो, अऊर आसमान को बादलो पर आवतो देखो।”
यीशु नै उसतै कह्या, “तन्नै आप ए कह दिया; बल्के मै तेरे तै यो भी कहूँ सूं के इब तै थम मुझ माणस के बेट्टे नै सब तै सर्वशक्तिमान की सोळी ओड़ बेठ्ठे, अर अकास के बादळां पै आन्दे देक्खोगे।”
65 येको पर महायाजक न अपनो कपड़ा फाड़्यो अऊर कह्यो, “येन परमेश्वर की निन्दा करी हय, अब हम्ख गवाहों की का जरूरत? देखो, तुम न अभी यो निन्दा सुनी हय!
फेर महायाजक नै अपणे लत्ते पाड़कै कह्या, “इसनै परमेसवर की बुराई करी सै, इब हमनै गवाह की के जरूरत? देक्खो, थमनै इब्बे या बुराई सुणी सै!
66 तुम का सोचय हय?” उन्न उत्तर दियो, “यो दोषी हय अऊर येख मरनो चाहिये।”
थम के सोच्चो सो?” उननै जवाब दिया, “यो मारण जोग्गा सै।”
67 तब उन्न ओको मुंह पर थूक्यो अऊर ओख घूसा मारयो, दूसरों न थापड़ मार क,
फेर उननै उसकै मुँह पै थुक्या अर उसकै घुस्से मारे, दुसरयां नै थप्पड़ मारकै कह्या,
68 कह्यो, “हे मसीह, हम सी भविष्यवानी कर क् कह्य कि कौन न तोख मारयो?”
“हे मसीह, म्हारै तै भविष्यवाणी करकै कह के किसनै तेरे ताहीं मारया?”
69 पतरस बाहेर आंगन म बैठ्यो हुयो होतो कि एक दासी ओको जवर आयी अऊर कह्यो, “तय भी यीशु गलीली को संग होतो।”
पतरस बाहरणै आँगण म्ह बेठ्या था के एक नौकराणी उसकै धोरै आई अर बोल्ली, “तू भी तो गलीलवासी यीशु कै गेल्या था।”
70 पतरस न सब को आगु यो कहतो हुयो इन्कार करयो, “मय नहीं जानु तय का कह्य रही हय।”
उसनै सारया कै स्याम्ही यो कहकै नाट्या, “मन्नै न्ही बेरा तू के कहवै सै।”
71 जब ऊ बाहेर द्वार म गयो, त दूसरी सेविका न ओख देख क उन्को सी जो उत होतो कह्यो, “यो भी त यीशु नासरी को संग होतो।”
जिब वो बाहरणै देहळियाँ म्ह गया, तो दुसरी नौकराणी उसनै देखकै उनतै जो ओड़ै थे कह्या, “यो भी तो यीशु नासरी कै गेल्या था।”
72 पतरस न कसम खाय क फिर इन्कार करयो: “मय ऊ आदमी ख नहीं जानु।”
वो कसम खाकै फेर नाट्या: “मै उस माणस नै कोनी जाण्दा।”
73 थोड़ी देर बाद लोगों न जो उत खड़ो होतो, पतरस को जवर आय क ओको सी कह्यो, “सचमुच तय भी उन्म सी एक आय, कहालीकि तोरी बोली भाषा न तोरो भेद खोल दियो हय।”
माड़ी बार पाच्छै माणसां नै जो ओड़ै खड़े थे, पतरस कै धोरै आकै उसतै कह्या, “साच्चए तू भी उन म्ह तै एक सै, क्यूँके तेरी बोल्ली तेरा भेद खोल्लै सै।”
74 तब ऊ धिक्कारन अऊर कसम खान लग्यो: “मय ऊ आदमी ख नहीं जानु।” अऊर तुरतच मुर्गा न बाग दियो।
फेर वो धिक्कारण अर कसम खाण लाग्या: “मै उस माणस नै कोनी जाण्दा।” जिब्बे मुर्गे नै बाँग देई।
75 तब पतरस ख यीशु की कहीं हुयी बात याद म आयी: “मुर्गा को बाग देन सी पहिले तय तीन बार मोरो इन्कार करजो।” अऊर ऊ बाहेर जाय क फूट फूट क रोयो।
जिब पतरस नै यीशु की कही होई बात याद आई “मुर्गे कै बाँग देण तै पैहल्या तीन बर तू मेरा इन्कार करैगा।” अर वो बारणै ज्याकै फूट-फूटकै रोण लाग्या।