< Psalmorum 97 >
1 huic David quando terra eius restituta est Dominus regnavit exultet terra laetentur insulae multae
ख़ुदावन्द सल्तनत करता है, ज़मीन ख़ुश हो; बेशुमार जज़ीरे ख़ुशी मनाएँ।
2 nubes et caligo in circuitu eius iustitia et iudicium correctio sedis eius
बादल और तारीकी उसके चारों तरफ़ हैं; सदाक़त और अदल उसके तख़्त की बुनियाद हैं।
3 ignis ante ipsum praecedet et inflammabit in circuitu inimicos eius
आग उसके आगे आगे चलती है, और चारों तरफ़ उसके मुख़ालिफ़ो को भसम कर देती है।
4 adluxerunt fulgora eius orbi terrae vidit et commota est terra
उसकी बिजलियों ने जहान को रोशन कर दिया ज़मीन ने देखा और काँप गई।
5 montes sicut cera fluxerunt a facie Domini; a facie Domini omnis terrae
ख़ुदावन्द के सामने पहाड़ मोम की तरह पिघल गए, या'नी सारी ज़मीन के ख़ुदावन्द के सामने।
6 adnuntiaverunt caeli iustitiam eius et viderunt omnes populi gloriam eius
आसमान उसकी सदाक़त ज़ाहिर करता सब क़ौमों ने उसका जलाल देखा है।
7 confundantur omnes qui adorant sculptilia qui gloriantur in simulacris suis adorate eum omnes angeli eius
खुदी हुई मूरतों के सब पूजने वाले, जो बुतों पर फ़ख़्र करते हैं, शर्मिन्दा हों, ऐ मा'बूद! सब उसको सिज्दा करो।
8 audivit et laetata est Sion et exultaverunt filiae Iudaeae propter iudicia tua Domine
ऐ ख़ुदावन्द! सिय्यून ने सुना और खु़श हुई और यहूदाह की बेटियाँ तेरे अहकाम से ख़ुश हुई।
9 quoniam tu Dominus Altissimus super omnem terram nimis superexaltatus es super omnes deos
क्यूँकि ऐ ख़ुदावन्द! तू तमाम ज़मीन पर बुलंद — ओ — बाला है; तू सब मा'बूदों से बहुत आला है।
10 qui diligitis Dominum odite malum custodit animas sanctorum suorum de manu peccatoris liberabit eos
ऐ ख़ुदावन्द से मुहब्बत रखने वालों, बदी से नफ़रत करो, वह अपने पाक लोगों की जानों को महफ़ूज़ रखता है, वह उनको शरीरों के हाथ से छुड़ाता है।
11 lux orta est iusto et rectis corde laetitia
सादिक़ों के लिए नूर बोया गया है, और रास्त दिलों के लिए खु़शी।
12 laetamini iusti in Domino et confitemini memoriae sanctificationis eius
ऐ सादिक़ों! ख़ुदावन्द में खु़श रहो; उसके पाक नाम का शुक्र करो।