< Psalmorum 83 >
1 canticum psalmi Asaph Deus quis similis erit tibi ne taceas neque conpescaris Deus
ऐ ख़ुदा! ख़ामोश न रह; ऐ ख़ुदा! चुपचाप न हो और ख़ामोशी इख़्तियार न कर।
2 quoniam ecce inimici tui sonaverunt et qui oderunt te extulerunt caput
क्यूँकि देख तेरे दुश्मन ऊधम मचाते हैं और तुझ से 'अदावत रखने वालों ने सिर उठाया है।
3 super populum tuum malignaverunt consilium et cogitaverunt adversus sanctos tuos
क्यूँकि वह तेरे लोगों के ख़िलाफ़ मक्कारी से मन्सूबा बाँधते हैं, और उनके ख़िलाफ़ जो तेरी पनाह में हैं मशवरा करते हैं।
4 dixerunt venite et disperdamus eos de gente et non memoretur nomen Israhel ultra
उन्होंने कहा, “आओ, हम इनको काट डालें कि उनकी क़ौम ही न रहे; और इस्राईल के नाम का फिर ज़िक्र न हो।”
5 quoniam cogitaverunt unianimiter simul adversum te testamentum disposuerunt
क्यूँकि उन्होंने एक हो कर के आपस में मश्वरा किया है, वह तेरे ख़िलाफ़ 'अहद बाँधते हैं।
6 tabernacula Idumeorum et Ismahelitae Moab et Aggareni
या'नी अदोम के अहल — ए — ख़ैमा और इस्माईली मोआब और हाजरी,
7 Gebal et Ammon et Amalech alienigenae cum habitantibus Tyrum
जबल और'अम्मून और 'अमालीक़, फ़िलिस्तीन और सूर के बाशिन्दे,
8 etenim Assur venit cum illis facti sunt in adiutorium filiis Loth diapsalma
असूर भी इनसे मिला हुआ है; उन्होंने बनी लूत की मदद की है।
9 fac illis sicut Madiam et Sisarae sicut Iabin in torrente Cison
तू उनसे ऐसा कर जैसा मिदियान से, और जैसा वादी — ए — कैसून में सीसरा और याबीन से किया था।
10 disperierunt in Endor facti sunt ut stercus terrae
जो 'ऐन दोर में हलाक हुए, वह जैसे ज़मीन की खाद हो गए
11 pone principes eorum sicut Oreb et Zeb et Zebee et Salmana omnes principes eorum
उनके सरदारों को 'ओरेब और ज़ईब की तरह, बल्कि उनके शाहज़ादों को ज़िबह और ज़िलमना' की तरह बना दे;
12 qui dixerunt hereditate possideamus sanctuarium Dei
जिन्होंने कहा है, “आओ, हम ख़ुदा की बस्तियों पर कब्ज़ा कर लें।”
13 Deus meus pone illos ut rotam sicut stipulam ante faciem venti
ऐ मेरे ख़ुदा, उनको बगोले की गर्द की तरह बना दे, और जैसे हवा के आगे डंठल।
14 sicut ignis qui conburit silvam sicut flamma conburens montes
उस आग की तरह जो जंगल को जला देती है, उस शो'ले की तरह जो पहाड़ों मेंआग लगा देता है;
15 ita persequeris illos in tempestate tua et in ira tua turbabis eos
तू इसी तरह अपनी आँधी से उनका पीछा कर, और अपने तूफ़ान से उनको परेशान कर दे।
16 imple facies illorum ignominia et quaerent nomen tuum Domine
ऐ ख़ुदावन्द! उनके चेहरों पर रुस्वाई तारी कर, ताकि वह तेरे नाम के तालिब हों।
17 erubescant et conturbentur in saeculum saeculi et confundantur et pereant
वह हमेशा शर्मिन्दा और परेशान रहें, बल्कि वह रुस्वा होकर हलाक हो जाएँ
18 et cognoscant quia nomen tibi Dominus tu solus Altissimus in omni terra
ताकि वह जान लें कि तू ही जिसका यहोवा है, ज़मीन पर बुलन्द — ओ — बाला है।