< Psalmorum 6 >
1 in finem in carminibus pro octava psalmus David Domine ne in furore tuo arguas me neque in ira tua corripias me
१प्रधान बजानेवाले के लिये: तारवाले बाजों के साथ। खर्ज की राग में, दाऊद का भजन हे यहोवा, तू मुझे अपने क्रोध में न डाँट, और न रोष में मुझे ताड़ना दे।
2 miserere mei Domine quoniam infirmus sum sana me Domine quoniam conturbata sunt ossa mea
२हे यहोवा, मुझ पर दया कर, क्योंकि मैं कुम्हला गया हूँ; हे यहोवा, मुझे चंगा कर, क्योंकि मेरी हड्डियों में बेचैनी है।
3 et anima mea turbata est valde et tu Domine usquequo
३मेरा प्राण भी बहुत खेदित है। और तू, हे यहोवा, कब तक?
4 convertere Domine eripe animam meam salvum me fac propter misericordiam tuam
४लौट आ, हे यहोवा, और मेरे प्राण बचा; अपनी करुणा के निमित्त मेरा उद्धार कर।
5 quoniam non est in morte qui memor sit tui in inferno autem quis confitebitur tibi (Sheol )
५क्योंकि मृत्यु के बाद तेरा स्मरण नहीं होता; अधोलोक में कौन तेरा धन्यवाद करेगा? (Sheol )
6 laboravi in gemitu meo lavabo per singulas noctes lectum meum in lacrimis meis stratum meum rigabo
६मैं कराहते-कराहते थक गया; मैं अपनी खाट आँसुओं से भिगोता हूँ; प्रति रात मेरा बिछौना भीगता है।
7 turbatus est a furore oculus meus inveteravi inter omnes inimicos meos
७मेरी आँखें शोक से बैठी जाती हैं, और मेरे सब सतानेवालों के कारण वे धुँधला गई हैं।
8 discedite a me omnes qui operamini iniquitatem quoniam exaudivit Dominus vocem fletus mei
८हे सब अनर्थकारियों मेरे पास से दूर हो; क्योंकि यहोवा ने मेरे रोने का शब्द सुन लिया है।
9 exaudivit Dominus deprecationem meam Dominus orationem meam suscepit
९यहोवा ने मेरा गिड़गिड़ाना सुना है; यहोवा मेरी प्रार्थना को ग्रहण भी करेगा।
10 erubescant et conturbentur vehementer omnes inimici mei convertantur et erubescant valde velociter
१०मेरे सब शत्रु लज्जित होंगे और बहुत ही घबराएँगे; वे पराजित होकर पीछे हटेंगे, और एकाएक लज्जित होंगे।