< Liber Numeri 6 >
1 locutus est Dominus ad Mosen dicens
याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी,
2 loquere ad filios Israhel et dices ad eos vir sive mulier cum fecerit votum ut sanctificentur et se voluerint Domino consecrare
“इस्राएल के घराने को बुलाकर उन्हें यह आज्ञा दो: ‘जब कोई स्त्री अथवा कोई पुरुष नाज़ीरी संकल्प करता है, तथा यह संकल्प समर्पण के विषय में हो कि वह स्वयं को याहवेह के लिए समर्पित करता है,
3 vino et omni quod inebriare potest abstinebunt acetum ex vino et ex qualibet alia potione et quicquid de uva exprimitur non bibent uvas recentes siccasque non comedent
वह दाखमधु से अलग रहे, सिरके का सेवन न करे, चाहे वह अंगूर के रस से बना हुआ हो अथवा किसी नशीले द्रव्य का. वह अंगूर के रस का भी सेवन न करे, वह न तो वाटिका से लाए गए अंगूरों का सेवन करे और न ही सुखाए हुए अंगूरों का.
4 cunctis diebus quibus ex voto Domino consecrantur quicquid ex vinea esse potest ab uva passa usque ad acinum non comedent
अपने पूरे संकल्प किए हुए समय में वह किसी भी ऐसी वस्तु को न खाए, जो अंगूर से बनी हो, यहां तक कि न तो अंगूर के बीज से लेकर अंगूर के छिलकों का.
5 omni tempore separationis suae novacula non transibit super caput eius usque ad conpletum diem quo Domino consecratur sanctus erit crescente caesarie capitis eius
“‘जब तक उसके संकल्प का समय है, उसके सिर पर उस्तरा न फेरा जाएगा. जिस समय के लिए उसने संकल्प किया है वह याहवेह के लिए अलग तथा पवित्र बना रहेगा; वह अपने बाल लंबे होते जाने देगा.
6 omni tempore consecrationis suae super mortuum non ingredietur
“‘याहवेह के लिए अलग रहने के समय में वह कभी भी किसी शव के पास नहीं जाएगा.
7 nec super patris quidem et matris et fratris sororisque funere contaminabitur quia consecratio Dei sui super caput eius est
वह स्वयं को अपने माता-पिता अथवा भाई-बहन की मृत्यु होने पर भी अशुद्ध नहीं करेगा क्योंकि वह अपनी देह सहित परमेश्वर के लिए अलग किया गया है.
8 omnes dies separationis suae sanctus erit Domino
अलग रहने के पूरे समय तक वह याहवेह के लिए पवित्र है.
9 sin autem mortuus fuerit subito quispiam coram eo polluetur caput consecrationis eius quod radet ilico et in eadem die purgationis suae et rursum septima
“‘किंतु यदि उसके निकट ही किसी व्यक्ति की मृत्यु अचानक हो गई हो, जिसके परिणामस्वरूप वह अपने समर्पित बालों को अशुद्ध कर देता है, तब वह उस दिन, जब वह स्वयं को अलग कर लेता है, अपने बाल मुंडवा ले.
10 in octavo autem die offeret duos turtures vel duos pullos columbae sacerdoti in introitu foederis testimonii
आठवें दिन वह दो पण्डुक अथवा दो कबूतर के बच्चे तंबू के द्वार पर लाकर पुरोहित को सौंप देगा.
11 facietque sacerdos unum pro peccato et alterum in holocaustum et deprecabitur pro eo quia peccavit super mortuo sanctificabitque caput eius in die illo
पुरोहित एक पक्षी को पापबलि के लिए तथा अन्य पक्षी होमबलि के लिए भेंट करके उसके लिए प्रायश्चित विधि पूरी करेगा, क्योंकि वह उस व्यक्ति के शव के कारण अशुद्ध हो गया था. उसी दिन वह व्यक्ति अपने सिर को पवित्र करेगा,
12 et consecrabit Domino dies separationis illius offerens agnum anniculum pro peccato ita tamen ut dies priores irriti fiant quoniam polluta est sanctificatio eius
तथा वह याहवेह के सामने नाज़री होने की अवधि को भेंट करेगा. फिर वह एक वर्ष का मेमना दोष बलि के रूप में भेंट करेगा. उसके संकल्प की पूरी अवधि उसके अशुद्ध हो जाने के कारण मान्य नहीं होगी.
13 ista est lex consecrationis cum dies quos ex voto decreverat conplebuntur adducet eum ad ostium tabernaculi foederis
“‘संकल्प लेने के दिन पूरे होने पर उस नाज़ीर के लिए विधि इस प्रकार है: वह अपनी भेंट मिलनवाले तंबू के द्वार पर ले आएगा.
14 et offeret oblationem eius Domino agnum anniculum inmaculatum in holocaustum et ovem anniculam inmaculatam pro peccato et arietem inmaculatum hostiam pacificam
वह अपनी यह भेंट याहवेह को चढ़ाएगा: एक वर्ष का निर्दोष मेमना, एक वर्ष की भेड़ पापबलि के लिए, तथा एक निर्दोष मेढ़ा मेल बलि के लिए.
15 canistrum quoque panum azymorum qui conspersi sunt oleo et lagana absque fermento uncta oleo ac libamina singulorum
इनके अलावा मैदे की तेल मिली हुई अखमीरी रोटी एक टोकरी, तथा अखमीरी पपड़ियां, जिन पर तेल चुपड़ दिया गया हो. इनके साथ अन्नबलि तथा अर्घ भी.
16 quae offeret sacerdos coram Domino et faciet tam pro peccato quam in holocaustum
“‘यह सब पुरोहित याहवेह के सामने लाकर भेंट करेगा; इनमें अखमीरी रोटियां भी शामिल होंगी. पुरोहित अन्नबलि एवं अर्घ भी भेंट करेगा.
17 arietem vero immolabit hostiam pacificam Domino offerens simul canistrum azymorum et libamenta quae ex more debentur
वह याहवेह को मेल बलि के लिए अखमीरी रोटी की टोकरी के साथ मेढ़ा भी भेंट करेगा. इसी प्रकार अन्नबलि एवं अर्घ भी.
18 tunc radetur nazareus ante ostium tabernaculi foederis caesarie consecrationis suae tolletque capillos eius et ponet super ignem qui est subpositus sacrificio pacificorum
“‘इसके बाद वह नाज़ीर अपने सिर के बाल मिलनवाले तंबू के प्रवेश द्वार पर जाकर मुंडवाएगा, तथा अपने भेंट किए हुए बालों को उस आग में डाल देगा, जो मेल बलियों के बलि पशु के नीचे जलती है.
19 et armum coctum arietis tortamque absque fermento unam de canistro et laganum azymum unum et tradet in manibus nazarei postquam rasum fuerit caput eius
“‘जब वह नाज़ीर अपना सिर मुंडवा चुके, तब पुरोहित उसके हाथों में उस मेढ़े के कंधे, जो इस समय उबाले जा चुके होंगे, टोकरी से एक अखमीरी रोटी तथा एक अखमीरी पपड़ी रख देगा.
20 susceptaque rursum ab eo elevabit in conspectu Domini et sanctificata sacerdotis erunt sicut pectusculum quod separari iussum est et femur post haec potest bibere nazareus vinum
इसके बाद पुरोहित इन्हें याहवेह के सामने हिलाने की बलि के रूप में हिलाएगा. हिलाने के लिए ठहराए हुए भेंट के मेढ़े का सीना तथा ऊपर उठाकर भेंट करने के लिए ठहराई हुई जांघ उस पुरोहित के लिए पवित्र होगी. यह सब हो जाने के बाद उस नाज़ीर के लिए दाखमधु पीना वर्जित न रहेगा.’
21 ista est lex nazarei cum voverit oblationem suam Domino tempore consecrationis suae exceptis his quae invenerit manus eius iuxta quod mente devoverat ita faciet ad perfectionem sanctificationis suae
“‘यही है उस नाज़ीर से संबंधित विधि, उसके अलावा, जो कुछ उसके लिए संभव है! जो अपने अलग रहने के द्वारा याहवेह के सामने संकल्प लेता है, उसने जो कुछ संकल्प किया है, उसे वह अपने अलग रहने की विधि के अनुसार अवश्य पूरी करे.’”
22 locutus est Dominus ad Mosen dicens
फिर याहवेह ने मोशेह को यह आज्ञा दी,
23 loquere Aaron et filiis eius sic benedicetis filiis Israhel et dicetis eis
“अहरोन एवं उसके पुत्रों को यह आज्ञा दो, ‘जब तुम इस्राएल के घराने को आशीर्वाद दो, तो उनसे इस प्रकार कहना:
24 benedicat tibi Dominus et custodiat te
“‘“याहवेह तुम्हें आशीष प्रदान करें, तथा तुम्हें सुरक्षित रखें;
25 ostendat Dominus faciem suam tibi et misereatur tui
याहवेह तुम पर अपने मुख का प्रकाश चमकाकर तुम पर अनुग्रह करें;
26 convertat Dominus vultum suum ad te et det tibi pacem
याहवेह तुम्हारी ओर मुड़कर तुम्हें शांति प्रदान करें.”’
27 invocabunt nomen meum super filios Israhel et ego benedicam eis
“जब वे इस्राएल के घराने पर मेरा नाम रखेंगे, तब मैं उनका भला करूंगा.”