< Liber Numeri 25 >

1 morabatur autem eo tempore Israhel in Setthim et fornicatus est populus cum filiabus Moab
जब इस्राएली शित्तीम में डेरे डाले हुए थे, तब वे मोआब की उन युवतियों के साथ कुकर्म करने लगे,
2 quae vocaverunt eos ad sacrificia sua at illi comederunt et adoraverunt deos earum
जिन्होंने उन्हें देवताओं के लिए बलि अर्पण-उत्सव में आमंत्रित करना शुरू कर दिया था. इस्राएलियों ने उनके देवताओं के सामने भोजन करना एवं दंडवत करना शुरू कर दिया था.
3 initiatusque est Israhel Beelphegor et iratus Dominus
इस प्रकार इस्राएलियों ने पेओर के बाल के साथ स्वयं को जोड़ लिया था. इससे याहवेह इस्राएल पर क्रोधित हो गए.
4 ait ad Mosen tolle cunctos principes populi et suspende eos contra solem in patibulis ut avertatur furor meus ab Israhel
याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी, “दिन के प्रकाश में याहवेह के सामने सारी प्रजा के प्रधानों को फांसी दे दो, ताकि इस्राएल पर से याहवेह का भड़का हुआ क्रोध शांत हो सके.”
5 dixitque Moses ad iudices Israhel occidat unusquisque proximos suos qui initiati sunt Beelphegor
फिर मोशेह ने इस्राएल के न्यायियों को आदेश दिया, “तुममें से हर एक अपने-अपने गोत्र के ऐसे हर एक व्यक्ति को मार डालें, जो पेओर के बाल का भक्त हो चुका है.”
6 et ecce unus de filiis Israhel intravit coram fratribus suis ad scortum madianitin vidente Mose et omni turba filiorum Israhel qui flebant ante fores tabernaculi
उसी समय यह देखा गया: सारी इस्राएली प्रजा एवं मोशेह के देखते-देखते, जब वे सब मिलनवाले तंबू के द्वार के सामने रो रहे थे, तब एक इस्राएली व्यक्ति अपने संबंधियों के सामने एक मिदियानी स्त्री ले आया.
7 quod cum vidisset Finees filius Eleazari filii Aaron sacerdotis surrexit de medio multitudinis et arrepto pugione
जब पुरोहित अहरोन के पौत्र एलिएज़र के पुत्र फिनिहास ने यह देखा, तब वह सारी सभा के सामने उठा, अपने हाथ में एक बर्छी ली,
8 ingressus est post virum israhelitem in lupanar et perfodit ambos simul virum scilicet et mulierem in locis genitalibus cessavitque plaga a filiis Israhel
उस शिविर के भीतर जाकर उस इस्राएली पुरुष तथा मिदियानी स्त्री, दोनों को बेध डाला, बर्छी दोनों ही की देह को बेध कर पार निकल गई. इससे इस्राएल पर आई यह महामारी थम गई;
9 et occisi sunt viginti quattuor milia homines
महामारी से मरने वालों की संख्या 24,000 पहुंच गई.
10 dixitque Dominus ad Mosen
याहवेह ने मोशेह पर यह सत्य प्रकट किया,
11 Finees filius Eleazari filii Aaron sacerdotis avertit iram meam a filiis Israhel quia zelo meo commotus est contra eos ut non ipse delerem filios Israhel in zelo meo
“पुरोहित अहरोन के पुत्र एलिएज़र के पुत्र फिनिहास ने इस्राएल के घराने पर भड़के मेरे क्रोध को शांत कर दिया है. उन लोगों के बीच वही था जिसमें वही जलन थी, जो मुझमें थी. इसलिए मैंने अपनी जलन में इस्राएल के घराने को नाश नहीं कर डाला.
12 idcirco loquere ad eos ecce do ei pacem foederis mei
तुम उसे सूचित करो: यह समझ लो कि मैं उसके साथ अपनी शांति की वाचा स्थापित कर रहा हूं.
13 et erit tam ipsi quam semini illius pactum sacerdotii sempiternum quia zelatus est pro Deo suo et expiavit scelus filiorum Israhel
इसका संबंध उससे तथा उसके वंशजों से है, यह सदा के लिए पुरोहित पद की वाचा है, क्योंकि उसमें उसके परमेश्वर के लिए जलन थी. उसने इस्राएल के घराने के लिए प्रायश्चित पूरा कर दिया है.”
14 erat autem nomen viri israhelitae qui occisus est cum Madianitide Zambri filius Salu dux de cognatione et tribu Symeonis
उस इस्राएली व्यक्ति का नाम, जिसको उस मिदियानी स्त्री के साथ मारा गया था, ज़िमरी था, जिसका पिता सालू था, जो शिमओन के गोत्र से उनके घराने का प्रधान था.
15 porro mulier madianitis quae pariter interfecta est vocabatur Chozbi filia Sur principis nobilissimi Madianitarum
उस मारी गई मिदियानी स्त्री का नाम कोज़बी था, वह ज़ुर नामक व्यक्ति की पुत्री थी, जो मिदियानी प्रजा में घराने का प्रधान था.
16 locutusque est Dominus ad Mosen dicens
इसके बाद याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी,
17 hostes vos sentiant Madianitae et percutite eos
“मिदियानियों के प्रति शत्रुता बनाए रखो तथा उनका नाश कर दो.
18 quia et ipsi hostiliter egerunt contra vos et decepere insidiis per idolum Phogor et Chozbi filiam ducis Madian sororem suam quae percussa est in die plagae pro sacrilegio Phogor
क्योंकि वे तुम्हारे साथ छल करते हुए तुम्हारे शत्रु बने रहे हैं, इसी के विषय में उन्होंने पेओर की घटना में तुमसे छल किया तथा कोज़बी, मिदियानी प्रधान की पुत्री के संदर्भ में भी, जो उनकी जाति की थी, जिसको पेओर की घटना के कारण महामारी के दिन मारा गया था.”

< Liber Numeri 25 >