Aionian Verses

congregatis autem cunctis liberis eius ut lenirent dolorem patris noluit consolationem recipere et ait descendam ad filium meum lugens in infernum et illo perseverante in fletu (Sheol h7585)
और उसके सब बेटे-बेटियों ने उसको शान्ति देने का यत्न किया; पर उसको शान्ति न मिली; और वह यही कहता रहा, “मैं तो विलाप करता हुआ अपने पुत्र के पास अधोलोक में उतर जाऊँगा।” इस प्रकार उसका पिता उसके लिये रोता ही रहा। (Sheol h7585)
at ille non descendet inquit filius meus vobiscum frater eius mortuus est ipse solus remansit si quid ei adversi acciderit in terra ad quam pergitis deducetis canos meos cum dolore ad inferos (Sheol h7585)
उसने कहा, “मेरा पुत्र तुम्हारे संग न जाएगा; क्योंकि उसका भाई मर गया है, और वह अब अकेला रह गया है: इसलिए जिस मार्ग से तुम जाओगे, उसमें यदि उस पर कोई विपत्ति आ पड़े, तब तो तुम्हारे कारण मैं इस बुढ़ापे की अवस्था में शोक के साथ अधोलोक में उतर जाऊँगा।” (Sheol h7585)
si tuleritis et istum et aliquid ei in via contigerit deducetis canos meos cum maerore ad inferos (Sheol h7585)
अतः यदि तुम इसको भी मेरी आँख की आड़ में ले जाओ, और कोई विपत्ति इस पर पड़े, तो तुम्हारे कारण मैं इस बुढ़ापे की अवस्था में शोक के साथ अधोलोक में उतर जाऊँगा।’ (Sheol h7585)
videritque eum non esse nobiscum morietur et deducent famuli tui canos eius cum dolore ad inferos (Sheol h7585)
इस कारण, यह देखकर कि लड़का नहीं है, वह तुरन्त ही मर जाएगा। तब तेरे दासों के कारण तेरा दास हमारा पिता, जो बुढ़ापे की अवस्था में है, शोक के साथ अधोलोक में उतर जाएगा। (Sheol h7585)
sin autem novam rem fecerit Dominus ut aperiens terra os suum degluttiat eos et omnia quae ad illos pertinent descenderintque viventes in infernum scietis quod blasphemaverint Dominum (Sheol h7585)
परन्तु यदि यहोवा अपनी अनोखी शक्ति प्रगट करे, और पृथ्वी अपना मुँह पसारकर उनको, और उनका सब कुछ निगल जाए, और वे जीते जी अधोलोक में जा पड़ें, तो तुम समझ लो कि इन मनुष्यों ने यहोवा का अपमान किया है।” (Sheol h7585)
descenderuntque vivi in infernum operti humo et perierunt de medio multitudinis (Sheol h7585)
और वे और उनका सारा घरबार जीवित ही अधोलोक में जा पड़े; और पृथ्वी ने उनको ढाँप लिया, और वे मण्डली के बीच में से नष्ट हो गए। (Sheol h7585)
ignis succensus est in furore meo et ardebit usque ad inferni novissima devorabitque terram cum germine suo et montium fundamenta conburet (Sheol h7585)
क्योंकि मेरे कोप की आग भड़क उठी है, जो पाताल की तह तक जलती जाएगी, और पृथ्वी अपनी उपज समेत भस्म हो जाएगी, और पहाड़ों की नींवों में भी आग लगा देगी। (Sheol h7585)
Dominus mortificat et vivificat deducit ad infernum et reducit (Sheol h7585)
यहोवा मारता है और जिलाता भी है; वही अधोलोक में उतारता और उससे निकालता भी है। (Sheol h7585)
funes inferi circumdederunt me praevenerunt me laquei mortis (Sheol h7585)
अधोलोक की रस्सियाँ मेरे चारों ओर थीं, मृत्यु के फंदे मेरे सामने थे। (Sheol h7585)
facies ergo iuxta sapientiam tuam et non deduces canitiem eius pacifice ad inferos (Sheol h7585)
इसलिए तू अपनी बुद्धि से काम लेना और उस पक्के बाल वाले को अधोलोक में शान्ति से उतरने न देना। (Sheol h7585)
tu noli pati esse eum innoxium vir autem sapiens es et scies quae facias ei deducesque canos eius cum sanguine ad infernum (Sheol h7585)
परन्तु अब तू इसे निर्दोष न ठहराना, तू तो बुद्धिमान पुरुष है; तुझे मालूम होगा कि उसके साथ क्या करना चाहिये, और उस पक्के बाल वाले का लहू बहाकर उसे अधोलोक में उतार देना।” (Sheol h7585)
sicut consumitur nubes et pertransit sic qui descenderit ad inferos non ascendet (Sheol h7585)
जैसे बादल छटकर लोप हो जाता है, वैसे ही अधोलोक में उतरनेवाला फिर वहाँ से नहीं लौट सकता; (Sheol h7585)
excelsior caelo est et quid facies profundior inferno et unde cognosces (Sheol h7585)
वह आकाश सा ऊँचा है; तू क्या कर सकता है? वह अधोलोक से गहरा है, तू कहाँ समझ सकता है? (Sheol h7585)
quis mihi hoc tribuat ut in inferno protegas me ut abscondas me donec pertranseat furor tuus et constituas mihi tempus in quo recorderis mei (Sheol h7585)
भला होता कि तू मुझे अधोलोक में छिपा लेता, और जब तक तेरा कोप ठंडा न हो जाए तब तक मुझे छिपाए रखता, और मेरे लिये समय नियुक्त करके फिर मेरी सुधि लेता। (Sheol h7585)
si sustinuero infernus domus mea est in tenebris stravi lectulum meum (Sheol h7585)
यदि मेरी आशा यह हो कि अधोलोक मेरा धाम होगा, यदि मैंने अंधियारे में अपना बिछौना बिछा लिया है, (Sheol h7585)
in profundissimum infernum descendent omnia mea putasne saltim ibi erit requies mihi (Sheol h7585)
वह तो अधोलोक में उतर जाएगी, और उस समेत मुझे भी मिट्टी में विश्राम मिलेगा।” (Sheol h7585)
ducunt in bonis dies suos et in puncto ad inferna descendunt (Sheol h7585)
वे अपने दिन सुख से बिताते, और पल भर ही में अधोलोक में उतर जाते हैं। (Sheol h7585)
ad nimium calorem transeat ab aquis nivium et usque ad inferos peccatum illius (Sheol h7585)
जैसे सूखे और धूप से हिम का जल सूख जाता है वैसे ही पापी लोग अधोलोक में सूख जाते हैं। (Sheol h7585)
nudus est inferus coram illo et nullum est operimentum perditioni (Sheol h7585)
अधोलोक उसके सामने उघड़ा रहता है, और विनाश का स्थान ढँप नहीं सकता। (Sheol h7585)
quoniam non est in morte qui memor sit tui in inferno autem quis confitebitur tibi (Sheol h7585)
क्योंकि मृत्यु के बाद तेरा स्मरण नहीं होता; अधोलोक में कौन तेरा धन्यवाद करेगा? (Sheol h7585)
convertantur peccatores in infernum omnes gentes quae obliviscuntur Deum (Sheol h7585)
दुष्ट अधोलोक में लौट जाएँगे, तथा वे सब जातियाँ भी जो परमेश्वर को भूल जाती है। (Sheol h7585)
quoniam non derelinques animam meam in inferno non dabis sanctum tuum videre corruptionem (Sheol h7585)
क्योंकि तू मेरे प्राण को अधोलोक में न छोड़ेगा, न अपने पवित्र भक्त को कब्र में सड़ने देगा। (Sheol h7585)
dolores inferni circumdederunt me praeoccupaverunt me laquei mortis (Sheol h7585)
अधोलोक की रस्सियाँ मेरे चारों ओर थीं, और मृत्यु के फंदे मुझ पर आए थे। (Sheol h7585)
Domine eduxisti ab inferno animam meam salvasti me a descendentibus in lacum (Sheol h7585)
हे यहोवा, तूने मेरा प्राण अधोलोक में से निकाला है, तूने मुझ को जीवित रखा और कब्र में पड़ने से बचाया है। (Sheol h7585)
Domine ne confundar quoniam invocavi te erubescant impii et deducantur in infernum (Sheol h7585)
हे यहोवा, मुझे लज्जित न होने दे क्योंकि मैंने तुझको पुकारा है; दुष्ट लज्जित हों और वे पाताल में चुपचाप पड़े रहें। (Sheol h7585)
sicut oves in inferno positi sunt mors depascet eos et dominabuntur eorum iusti in matutino et auxilium eorum veterescet in inferno a gloria eorum (Sheol h7585)
वे अधोलोक की मानो भेड़ों का झुण्ड ठहराए गए हैं; मृत्यु उनका गड़रिया ठहरेगा; और भोर को सीधे लोग उन पर प्रभुता करेंगे; और उनका सुन्दर रूप अधोलोक का कौर हो जाएगा और उनका कोई आधार न रहेगा। (Sheol h7585)
verumtamen Deus redimet animam meam de manu inferi cum acceperit me diapsalma (Sheol h7585)
परन्तु परमेश्वर मेरे प्राण को अधोलोक के वश से छुड़ा लेगा, वह मुझे ग्रहण करके अपनाएगा। (Sheol h7585)
veniat mors super illos et descendant in infernum viventes quoniam nequitiae in habitaculis eorum in medio eorum (Sheol h7585)
उनको मृत्यु अचानक आ दबाए; वे जीवित ही अधोलोक में उतर जाएँ; क्योंकि उनके घर और मन दोनों में बुराइयाँ और उत्पात भरा है। (Sheol h7585)
quia misericordia tua magna est super me et eruisti animam meam ex inferno inferiori (Sheol h7585)
क्योंकि तेरी करुणा मेरे ऊपर बड़ी है; और तूने मुझ को अधोलोक की तह में जाने से बचा लिया है। (Sheol h7585)
quia repleta est malis anima mea et vita mea in inferno adpropinquavit (Sheol h7585)
क्योंकि मेरा प्राण क्लेश से भरा हुआ है, और मेरा प्राण अधोलोक के निकट पहुँचा है। (Sheol h7585)
quis est homo qui vivet et non videbit mortem eruet animam suam de manu inferi diapsalma (Sheol h7585)
कौन पुरुष सदा अमर रहेगा? क्या कोई अपने प्राण को अधोलोक से बचा सकता है? (सेला) (Sheol h7585)
circumdederunt me dolores mortis pericula inferni invenerunt me tribulationem et dolorem inveni (Sheol h7585)
मृत्यु की रस्सियाँ मेरे चारों ओर थीं; मैं अधोलोक की सकेती में पड़ा था; मुझे संकट और शोक भोगना पड़ा। (Sheol h7585)
si ascendero in caelum tu illic es si descendero ad infernum ades (Sheol h7585)
यदि मैं आकाश पर चढ़ूँ, तो तू वहाँ है! यदि मैं अपना खाट अधोलोक में बिछाऊँ तो वहाँ भी तू है! (Sheol h7585)
sicut crassitudo terrae erupta est super terram dissipata sunt ossa nostra secus infernum (Sheol h7585)
जैसे भूमि में हल चलने से ढेले फूटते हैं, वैसे ही हमारी हड्डियाँ अधोलोक के मुँह पर छितराई गई हैं। (Sheol h7585)
degluttiamus eum sicut infernus viventem et integrum quasi descendentem in lacum (Sheol h7585)
हम उन्हें जीवित निगल जाए, जैसे अधोलोक स्वस्थ लोगों को निगल जाता है, और उन्हें कब्र में पड़े मृतकों के समान बना दें। (Sheol h7585)
pedes eius descendunt in mortem et ad inferos gressus illius penetrant (Sheol h7585)
उसके पाँव मृत्यु की ओर बढ़ते हैं; और उसके पग अधोलोक तक पहुँचते हैं। (Sheol h7585)
viae inferi domus eius penetrantes interiora mortis (Sheol h7585)
उसका घर अधोलोक का मार्ग है, वह मृत्यु के घर में पहुँचाता है। (Sheol h7585)
et ignoravit quod gigantes ibi sint et in profundis inferni convivae eius (Sheol h7585)
और वह नहीं जानता है, कि वहाँ मरे हुए पड़े हैं, और उस स्त्री के निमंत्रित अधोलोक के निचले स्थानों में पहुँचे हैं। (Sheol h7585)
infernus et perditio coram Domino quanto magis corda filiorum hominum (Sheol h7585)
जबकि अधोलोक और विनाशलोक यहोवा के सामने खुले रहते हैं, तो निश्चय मनुष्यों के मन भी। (Sheol h7585)
semita vitae super eruditum ut declinet de inferno novissimo (Sheol h7585)
विवेकी के लिये जीवन का मार्ग ऊपर की ओर जाता है, इस रीति से वह अधोलोक में पड़ने से बच जाता है। (Sheol h7585)
tu virga percuties eum et animam eius de inferno liberabis (Sheol h7585)
तू उसको छड़ी से मारकर उसका प्राण अधोलोक से बचाएगा। (Sheol h7585)
infernus et perditio non replentur similiter et oculi hominum insatiabiles (Sheol h7585)
जैसे अधोलोक और विनाशलोक, वैसे ही मनुष्य की आँखें भी तृप्त नहीं होती। (Sheol h7585)
infernus et os vulvae et terra quae non satiatur aqua ignis vero numquam dicit sufficit (Sheol h7585)
अधोलोक और बाँझ की कोख, भूमि जो जल पी पीकर तृप्त नहीं होती, और आग जो कभी नहीं कहती, ‘बस।’ (Sheol h7585)
quodcumque potest manus tua facere instanter operare quia nec opus nec ratio nec scientia nec sapientia erunt apud inferos quo tu properas (Sheol h7585)
जो काम तुझे मिले उसे अपनी शक्ति भर करना, क्योंकि अधोलोक में जहाँ तू जानेवाला है, न काम न युक्ति न ज्ञान और न बुद्धि है। (Sheol h7585)
pone me ut signaculum super cor tuum ut signaculum super brachium tuum quia fortis est ut mors dilectio dura sicut inferus aemulatio lampades eius lampades ignis atque flammarum (Sheol h7585)
मुझे नगीने के समान अपने हृदय पर लगा रख, और ताबीज़ की समान अपनी बाँह पर रख; क्योंकि प्रेम मृत्यु के तुल्य सामर्थी है, और ईर्ष्या कब्र के समान निर्दयी है। उसकी ज्वाला अग्नि की दमक है वरन् परमेश्वर ही की ज्वाला है। (Sheol h7585)
propterea dilatavit infernus animam suam et aperuit os suum absque ullo termino et descendent fortes eius et populus eius et sublimes gloriosique eius ad eum (Sheol h7585)
इसलिए अधोलोक ने अत्यन्त लालसा करके अपना मुँह हद से ज्यादा पसारा है, और उनका वैभव और भीड़-भाड़ और आनन्द करनेवाले सब के सब उसके मुँह में जा पड़ते हैं। (Sheol h7585)
pete tibi signum a Domino Deo tuo in profundum inferni sive in excelsum supra (Sheol h7585)
“अपने परमेश्वर यहोवा से कोई चिन्ह माँग; चाहे वह गहरे स्थान का हो, या ऊपर आकाश का हो।” (Sheol h7585)
infernus subter conturbatus est in occursum adventus tui suscitavit tibi gigantas omnes principes terrae surrexerunt de soliis suis omnes principes nationum (Sheol h7585)
पाताल के नीचे अधोलोक में तुझ से मिलने के लिये हलचल हो रही है; वह तेरे लिये मुर्दों को अर्थात् पृथ्वी के सब सरदारों को जगाता है, और वह जाति-जाति से सब राजाओं को उनके सिंहासन पर से उठा खड़ा करता है। (Sheol h7585)
detracta est ad inferos superbia tua concidit cadaver tuum subter te sternetur tinea et operimentum tuum erunt vermes (Sheol h7585)
तेरा वैभव और तेरी सारंगियों को शब्द अधोलोक में उतारा गया है; कीड़े तेरा बिछौना और केंचुए तेरा ओढ़ना हैं। (Sheol h7585)
verumtamen ad infernum detraheris in profundum laci (Sheol h7585)
परन्तु तू अधोलोक में उस गड्ढे की तह तक उतारा जाएगा। (Sheol h7585)
dixistis enim percussimus foedus cum morte et cum inferno fecimus pactum flagellum inundans cum transierit non veniet super nos quia posuimus mendacium spem nostram et mendacio protecti sumus (Sheol h7585)
तुम ने कहा है “हमने मृत्यु से वाचा बाँधी और अधोलोक से प्रतिज्ञा कराई है; इस कारण विपत्ति जब बाढ़ के समान बढ़ आए तब हमारे पास न आएगी; क्योंकि हमने झूठ की शरण ली और मिथ्या की आड़ में छिपे हुए हैं।” (Sheol h7585)
et delebitur foedus vestrum cum morte et pactum vestrum cum inferno non stabit flagellum inundans cum transierit eritis ei in conculcationem (Sheol h7585)
तब जो वाचा तुम ने मृत्यु से बाँधी है वह टूट जाएगी, और जो प्रतिज्ञा तुम ने अधोलोक से कराई वह न ठहरेगी; जब विपत्ति बाढ़ के समान बढ़ आए, तब तुम उसमें डूब ही जाओगे। (Sheol h7585)
ego dixi in dimidio dierum meorum vadam ad portas inferi quaesivi residuum annorum meorum (Sheol h7585)
मैंने कहा, अपनी आयु के बीच ही मैं अधोलोक के फाटकों में प्रवेश करूँगा; क्योंकि मेरी शेष आयु हर ली गई है। (Sheol h7585)
quia non infernus confitebitur tibi neque mors laudabit te non expectabunt qui descendunt in lacum veritatem tuam (Sheol h7585)
क्योंकि अधोलोक तेरा धन्यवाद नहीं कर सकता, न मृत्यु तेरी स्तुति कर सकती है; जो कब्र में पड़ें वे तेरी सच्चाई की आशा नहीं रख सकते (Sheol h7585)
et ornasti te regi unguento et multiplicasti pigmenta tua misisti legatos tuos procul et humiliata es usque ad inferos (Sheol h7585)
तू तेल लिए हुए राजा के पास गई और बहुत सुगन्धित तेल अपने काम में लाई; अपने दूत तूने दूर तक भेजे और अधोलोक तक अपने को नीचा किया। (Sheol h7585)
haec dicit Dominus Deus in die quando descendit ad inferos indixi luctum operui eum abysso et prohibui flumina eius et coercui aquas multas contristatus est super eum Libanus et omnia ligna agri concussa sunt (Sheol h7585)
“परमेश्वर यहोवा यह कहता है: जिस दिन वह अधोलोक में उतर गया, उस दिन मैंने विलाप कराया और गहरे समुद्र को ढाँप दिया, और नदियों का बहुत जल रुक गया; और उसके कारण मैंने लबानोन पर उदासी छा दी, और मैदान के सब वृक्ष मूर्छित हुए। (Sheol h7585)
a sonitu ruinae eius commovi gentes cum deducerem eum ad infernum cum his qui descendebant in lacum et consolata sunt in terra infima omnia ligna voluptatis egregia atque praeclara in Libano universa quae inrigabantur aquis (Sheol h7585)
जब मैंने उसको कब्र में गड़े हुओं के पास अधोलोक में फेंक दिया, तब उसके गिरने के शब्द से जाति-जाति थरथरा गई, और अदन के सब वृक्ष अर्थात् लबानोन के उत्तम-उत्तम वृक्षों ने, जितने उससे जल पाते हैं, उन सभी ने अधोलोक में शान्ति पाई। (Sheol h7585)
nam et ipsi cum ea descendent ad infernum ad interfectos gladio et brachium uniuscuiusque sedebit sub umbraculo eius in medio nationum (Sheol h7585)
वे भी उसके संग तलवार से मारे हुओं के पास अधोलोक में उतर गए; अर्थात् वे जो उसकी भुजा थे, और जाति-जाति के बीच उसकी छाया में रहते थे। (Sheol h7585)
loquentur ei potentissimi robustorum de medio inferni qui cum auxiliatoribus eius descenderunt et dormierunt incircumcisi interfecti gladio (Sheol h7585)
सामर्थी शूरवीर उससे और उसके सहायकों से अधोलोक में बातें करेंगे; वे खतनाहीन लोग वहाँ तलवार से मरे पड़े हैं। (Sheol h7585)
et non dormient cum fortibus cadentibusque et incircumcisis qui descenderunt ad infernum cum armis suis et posuerunt gladios suos sub capitibus suis et fuerunt iniquitates eorum in ossibus eorum quia terror fortium facti sunt in terra viventium (Sheol h7585)
उन गिरे हुए खतनारहित शूरवीरों के संग वे पड़े न रहेंगे जो अपने-अपने युद्ध के हथियार लिए हुए अधोलोक में उतर गए हैं, वहाँ उनकी तलवारें उनके सिरों के नीचे रखी हुई हैं, और उनके अधर्म के काम उनकी हड्डियों में व्याप्त हैं; क्योंकि जीवनलोक में उनसे शूरवीरों को भी भय उपजता था। (Sheol h7585)
de manu mortis liberabo eos de morte redimam eos ero mors tua o mors ero morsus tuus inferne consolatio abscondita est ab oculis meis (Sheol h7585)
मैं उसको अधोलोक के वश से छुड़ा लूँगा और मृत्यु से उसको छुटकारा दूँगा। हे मृत्यु, तेरी मारने की शक्ति कहाँ रही? हे अधोलोक, तेरी नाश करने की शक्ति कहाँ रही? मैं फिर कभी नहीं पछताऊँगा। (Sheol h7585)
si descenderint usque ad infernum inde manus mea educet eos et si ascenderint usque ad caelum inde detraham eos (Sheol h7585)
“क्योंकि चाहे वे खोदकर अधोलोक में उतर जाएँ, तो वहाँ से मैं हाथ बढ़ाकर उन्हें लाऊँगा; चाहे वे आकाश पर चढ़ जाएँ, तो वहाँ से मैं उन्हें उतार लाऊँगा। (Sheol h7585)
et dixit clamavi de tribulatione mea ad Dominum et exaudivit me de ventre inferni clamavi et exaudisti vocem meam (Sheol h7585)
“मैंने संकट में पड़े हुए यहोवा की दुहाई दी, और उसने मेरी सुन ली है; अधोलोक के उदर में से मैं चिल्ला उठा, और तूने मेरी सुन ली। (Sheol h7585)
et quomodo vinum potantem decipit sic erit vir superbus et non decorabitur qui dilatavit quasi infernus animam suam et ipse quasi mors et non adimpletur et congregabit ad se omnes gentes et coacervabit ad se omnes populos (Sheol h7585)
दाखमधु से धोखा होता है; अहंकारी पुरुष घर में नहीं रहता, और उसकी लालसा अधोलोक के समान पूरी नहीं होती, और मृत्यु के समान उसका पेट नहीं भरता। वह सब जातियों को अपने पास खींच लेता, और सब देशों के लोगों को अपने पास इकट्ठे कर रखता है।” (Sheol h7585)
ego autem dico vobis quia omnis qui irascitur fratri suo reus erit iudicio qui autem dixerit fratri suo racha reus erit concilio qui autem dixerit fatue reus erit gehennae ignis (Geenna g1067)
परन्तु मैं तुम से यह कहता हूँ, कि जो कोई अपने भाई पर क्रोध करेगा, वह कचहरी में दण्ड के योग्य होगा और जो कोई अपने भाई कोनिकम्मा कहेगा वह महासभा में दण्ड के योग्य होगा; और जो कोई कहे ‘अरे मूर्ख’ वह नरक की आग के दण्ड के योग्य होगा। (Geenna g1067)
quod si oculus tuus dexter scandalizat te erue eum et proice abs te expedit enim tibi ut pereat unum membrorum tuorum quam totum corpus tuum mittatur in gehennam (Geenna g1067)
यदि तेरी दाहिनी आँख तुझे ठोकर खिलाए, तो उसे निकालकर अपने पास से फेंक दे; क्योंकि तेरे लिये यही भला है कि तेरे अंगों में से एक नाश हो जाए और तेरा सारा शरीर नरक में न डाला जाए। (Geenna g1067)
et si dextera manus tua scandalizat te abscide eam et proice abs te expedit tibi ut pereat unum membrorum tuorum quam totum corpus tuum eat in gehennam (Geenna g1067)
और यदि तेरा दाहिना हाथ तुझे ठोकर खिलाए, तो उसको काटकर अपने पास से फेंक दे, क्योंकि तेरे लिये यही भला है, कि तेरे अंगों में से एक नाश हो जाए और तेरा सारा शरीर नरक में न डाला जाए। (Geenna g1067)
et nolite timere eos qui occidunt corpus animam autem non possunt occidere sed potius eum timete qui potest et animam et corpus perdere in gehennam (Geenna g1067)
जो शरीर को मार सकते हैं, पर आत्मा को मार नहीं सकते, उनसे मत डरना; पर उसी से डरो, जो आत्मा और शरीर दोनों को नरक में नाश कर सकता है। (Geenna g1067)
et tu Capharnaum numquid usque in caelum exaltaberis usque in infernum descendes quia si in Sodomis factae fuissent virtutes quae factae sunt in te forte mansissent usque in hunc diem (Hadēs g86)
और हे कफरनहूम, क्या तू स्वर्ग तक ऊँचा किया जाएगा? तू तो अधोलोक तक नीचे जाएगा; जो सामर्थ्य के काम तुझ में किए गए है, यदि सदोम में किए जाते, तो वह आज तक बना रहता। (Hadēs g86)
et quicumque dixerit verbum contra Filium hominis remittetur ei qui autem dixerit contra Spiritum Sanctum non remittetur ei neque in hoc saeculo neque in futuro (aiōn g165)
जो कोई मनुष्य के पुत्र के विरोध में कोई बात कहेगा, उसका यह अपराध क्षमा किया जाएगा, परन्तु जो कोई पवित्र आत्मा के विरोध में कुछ कहेगा, उसका अपराध न तो इस युग में और न ही आनेवाले युग में क्षमा किया जाएगा। (aiōn g165)
qui autem est seminatus in spinis hic est qui verbum audit et sollicitudo saeculi istius et fallacia divitiarum suffocat verbum et sine fructu efficitur (aiōn g165)
जो झाड़ियों में बोया गया, यह वह है, जो वचन को सुनता है, पर इस संसार की चिन्ता और धन का धोखा वचन को दबाता है, और वह फल नहीं लाता। (aiōn g165)
inimicus autem qui seminavit ea est diabolus messis vero consummatio saeculi est messores autem angeli sunt (aiōn g165)
जिस शत्रु ने उनको बोया वह शैतान है; कटनी जगत का अन्त है: और काटनेवाले स्वर्गदूत हैं। (aiōn g165)
sicut ergo colliguntur zizania et igni conburuntur sic erit in consummatione saeculi (aiōn g165)
अतः जैसे जंगली दाने बटोरे जाते और जलाए जाते हैं वैसा ही जगत के अन्त में होगा। (aiōn g165)
sic erit in consummatione saeculi exibunt angeli et separabunt malos de medio iustorum (aiōn g165)
जगत के अन्त में ऐसा ही होगा; स्वर्गदूत आकर दुष्टों को धर्मियों से अलग करेंगे, (aiōn g165)
et ego dico tibi quia tu es Petrus et super hanc petram aedificabo ecclesiam meam et portae inferi non praevalebunt adversum eam (Hadēs g86)
और मैं भी तुझ से कहता हूँ, कि तूपतरस है, और मैं इस पत्थर पर अपनी कलीसिया बनाऊँगा, और अधोलोक के फाटक उस पर प्रबल न होंगे। (Hadēs g86)
si autem manus tua vel pes tuus scandalizat te abscide eum et proice abs te bonum tibi est ad vitam ingredi debilem vel clodum quam duas manus vel duos pedes habentem mitti in ignem aeternum (aiōnios g166)
“यदि तेरा हाथ या तेरा पाँव तुझे ठोकर खिलाए, तो काटकर फेंक दे; टुण्डा या लँगड़ा होकर जीवन में प्रवेश करना तेरे लिये इससे भला है, कि दो हाथ या दो पाँव रहते हुए तू अनन्त आग में डाला जाए। (aiōnios g166)
et si oculus tuus scandalizat te erue eum et proice abs te bonum tibi est unoculum in vitam intrare quam duos oculos habentem mitti in gehennam ignis (Geenna g1067)
और यदि तेरी आँख तुझे ठोकर खिलाए, तो उसे निकालकर फेंक दे। काना होकर जीवन में प्रवेश करना तेरे लिये इससे भला है, कि दो आँख रहते हुए तू नरक की आग में डाला जाए। (Geenna g1067)
et ecce unus accedens ait illi magister bone quid boni faciam ut habeam vitam aeternam (aiōnios g166)
और एक मनुष्य ने पास आकर उससे कहा, “हे गुरु, मैं कौन सा भला काम करूँ, कि अनन्त जीवन पाऊँ?” (aiōnios g166)
et omnis qui reliquit domum vel fratres aut sorores aut patrem aut matrem aut uxorem aut filios aut agros propter nomen meum centuplum accipiet et vitam aeternam possidebit (aiōnios g166)
और जिस किसी ने घरों या भाइयों या बहनों या पिता या माता या बाल-बच्चों या खेतों को मेरे नाम के लिये छोड़ दिया है, उसको सौ गुना मिलेगा, और वह अनन्त जीवन का अधिकारी होगा। (aiōnios g166)
et videns fici arborem unam secus viam venit ad eam et nihil invenit in ea nisi folia tantum et ait illi numquam ex te fructus nascatur in sempiternum et arefacta est continuo ficulnea (aiōn g165)
और अंजीर के पेड़ को सड़क के किनारे देखकर वह उसके पास गया, और पत्तों को छोड़ उसमें और कुछ न पाकर उससे कहा, “अब से तुझ में फिर कभी फल न लगे।” और अंजीर का पेड़ तुरन्त सूख गया। (aiōn g165)
vae vobis scribae et Pharisaei hypocritae quia circuitis mare et aridam ut faciatis unum proselytum et cum fuerit factus facitis eum filium gehennae duplo quam vos (Geenna g1067)
“हे कपटी शास्त्रियों और फरीसियों तुम पर हाय! तुम एक जन को अपने मत में लाने के लिये सारे जल और थल में फिरते हो, और जब वह मत में आ जाता है, तो उसे अपने से दुगना नारकीय बना देते हो। (Geenna g1067)
serpentes genimina viperarum quomodo fugietis a iudicio gehennae (Geenna g1067)
हे साँपों, हे करैतों के बच्चों, तुम नरक के दण्ड से कैसे बचोगे? (Geenna g1067)
sedente autem eo super montem Oliveti accesserunt ad eum discipuli secreto dicentes dic nobis quando haec erunt et quod signum adventus tui et consummationis saeculi (aiōn g165)
और जब वह जैतून पहाड़ पर बैठा था, तो चेलों ने अलग उसके पास आकर कहा, “हम से कह कि ये बातें कब होंगी? और तेरे आने का, और जगत के अन्त का क्या चिन्ह होगा?” (aiōn g165)
tunc dicet et his qui a sinistris erunt discedite a me maledicti in ignem aeternum qui paratus est diabolo et angelis eius (aiōnios g166)
“तब वह बाईं ओर वालों से कहेगा, ‘हे श्रापित लोगों, मेरे सामने से उसअनन्त आगमें चले जाओ, जो शैतान और उसके दूतों के लिये तैयार की गई है। (aiōnios g166)
et ibunt hii in supplicium aeternum iusti autem in vitam aeternam (aiōnios g166)
और ये अनन्त दण्ड भोगेंगे परन्तु धर्मी अनन्त जीवन में प्रवेश करेंगे।” (aiōnios g166)
docentes eos servare omnia quaecumque mandavi vobis et ecce ego vobiscum sum omnibus diebus usque ad consummationem saeculi (aiōn g165)
और उन्हें सब बातें जो मैंने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ और देखो, मैं जगत के अन्त तक सदैवतुम्हारे संगहूँ।” (aiōn g165)
qui autem blasphemaverit in Spiritum Sanctum non habet remissionem in aeternum sed reus erit aeterni delicti (aiōn g165, aiōnios g166)
परन्तु जो कोई पवित्र आत्मा के विरुद्ध निन्दा करे, वह कभी भी क्षमा न किया जाएगा: वरन् वह अनन्त पाप का अपराधी ठहरता है।” (aiōn g165, aiōnios g166)
et aerumnae saeculi et deceptio divitiarum et circa reliqua concupiscentiae introeuntes suffocant verbum et sine fructu efficitur (aiōn g165)
और संसार की चिन्ता, और धन का धोखा, और वस्तुओं का लोभ उनमें समाकर वचन को दबा देता है और वह निष्फल रह जाता है। (aiōn g165)
et si scandalizaverit te manus tua abscide illam bonum est tibi debilem introire in vitam quam duas manus habentem ire in gehennam in ignem inextinguibilem (Geenna g1067)
यदि तेरा हाथ तुझे ठोकर खिलाए तो उसे काट डाल टुण्डा होकर जीवन में प्रवेश करना, तेरे लिये इससे भला है कि दो हाथ रहते हुए नरक के बीच उस आग में डाला जाए जो कभी बुझने की नहीं। (Geenna g1067)
et si pes tuus te scandalizat amputa illum bonum est tibi claudum introire in vitam aeternam quam duos pedes habentem mitti in gehennam ignis inextinguibilis (Geenna g1067)
और यदि तेरा पाँव तुझे ठोकर खिलाए तो उसे काट डाल। लँगड़ा होकर जीवन में प्रवेश करना तेरे लिये इससे भला है, कि दो पाँव रहते हुए नरक में डाला जाए। (Geenna g1067)
quod si oculus tuus scandalizat te eice eum bonum est tibi luscum introire in regnum Dei quam duos oculos habentem mitti in gehennam ignis (Geenna g1067)
और यदि तेरी आँख तुझे ठोकर खिलाए तो उसे निकाल डाल, काना होकर परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करना तेरे लिये इससे भला है, कि दो आँख रहते हुए तू नरक में डाला जाए। (Geenna g1067)
et cum egressus esset in viam procurrens quidam genu flexo ante eum rogabat eum magister bone quid faciam ut vitam aeternam percipiam (aiōnios g166)
और जब वह निकलकर मार्ग में जाता था, तो एक मनुष्य उसके पास दौड़ता हुआ आया, और उसके आगे घुटने टेककर उससे पूछा, “हे उत्तम गुरु, अनन्त जीवन का अधिकारी होने के लिये मैं क्या करूँ?” (aiōnios g166)
qui non accipiat centies tantum nunc in tempore hoc domos et fratres et sorores et matres et filios et agros cum persecutionibus et in saeculo futuro vitam aeternam (aiōn g165, aiōnios g166)
और अबइस समयसौ गुणा न पाए, घरों और भाइयों और बहनों और माताओं और बाल-बच्चों और खेतों को, पर सताव के साथ और परलोक में अनन्त जीवन। (aiōn g165, aiōnios g166)
et respondens dixit ei iam non amplius in aeternum quisquam fructum ex te manducet et audiebant discipuli eius (aiōn g165)
इस पर उसने उससे कहा, “अब से कोई तेरा फल कभी न खाए।” और उसके चेले सुन रहे थे। (aiōn g165)
et regnabit in domo Iacob in aeternum et regni eius non erit finis (aiōn g165)
और वह याकूब के घराने पर सदा राज्य करेगा; और उसके राज्य का अन्त न होगा।” (aiōn g165)
sicut locutus est ad patres nostros Abraham et semini eius in saecula (aiōn g165)
जो अब्राहम और उसके वंश पर सदा रहेगी, जैसा उसने हमारे पूर्वजों से कहा था।” (aiōn g165)
sicut locutus est per os sanctorum qui a saeculo sunt prophetarum eius (aiōn g165)
जैसे उसने अपने पवित्र भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा जो जगत के आदि से होते आए हैं, कहा था, (aiōn g165)
et rogabant illum ne imperaret illis ut in abyssum irent (Abyssos g12)
और उन्होंने उससे विनती की, “हमें अथाह गड्ढे में जाने की आज्ञा न दे।” (Abyssos g12)
et tu Capharnaum usque in caelum exaltata usque ad infernum demergeris (Hadēs g86)
और हे कफरनहूम, क्या तू स्वर्ग तक ऊँचा किया जाएगा? तू तो अधोलोक तक नीचे जाएगा। (Hadēs g86)
et ecce quidam legis peritus surrexit temptans illum et dicens magister quid faciendo vitam aeternam possidebo (aiōnios g166)
तब एक व्यवस्थापक उठा; और यह कहकर, उसकी परीक्षा करने लगा, “हे गुरु, अनन्त जीवन का वारिस होने के लिये मैं क्या करूँ?” (aiōnios g166)
ostendam autem vobis quem timeatis timete eum qui postquam occiderit habet potestatem mittere in gehennam ita dico vobis hunc timete (Geenna g1067)
मैं तुम्हें चेतावनी देता हूँ कि तुम्हें किस से डरना चाहिए, मारने के बाद जिसको नरक में डालने का अधिकार है, उसी से डरो; वरन् मैं तुम से कहता हूँ उसी से डरो। (Geenna g1067)
et laudavit dominus vilicum iniquitatis quia prudenter fecisset quia filii huius saeculi prudentiores filiis lucis in generatione sua sunt (aiōn g165)
“स्वामी ने उस अधर्मी भण्डारी को सराहा, कि उसने चतुराई से काम किया है; क्योंकि इस संसार के लोग अपने समय के लोगों के साथ रीति-व्यवहारों मेंज्योति के लोगोंसे अधिक चतुर हैं। (aiōn g165)
et ego vobis dico facite vobis amicos de mamona iniquitatis ut cum defeceritis recipiant vos in aeterna tabernacula (aiōnios g166)
और मैं तुम से कहता हूँ, कि अधर्म के धन से अपने लिये मित्र बना लो; ताकि जब वह जाता रहे, तो वे तुम्हें अनन्त निवासों में ले लें। (aiōnios g166)
et sepultus est in inferno elevans oculos suos cum esset in tormentis videbat Abraham a longe et Lazarum in sinu eius (Hadēs g86)
औरअधोलोकमें उसने पीड़ा में पड़े हुए अपनी आँखें उठाई, और दूर से अब्राहम की गोद में लाज़र को देखा। (Hadēs g86)
et interrogavit eum quidam princeps dicens magister bone quid faciens vitam aeternam possidebo (aiōnios g166)
किसी सरदार ने उससे पूछा, “हे उत्तम गुरु, अनन्त जीवन का अधिकारी होने के लिये मैं क्या करूँ?” (aiōnios g166)
et non recipiat multo plura in hoc tempore et in saeculo venturo vitam aeternam (aiōn g165, aiōnios g166)
और इस समय कई गुणा अधिक न पाए; और परलोक में अनन्त जीवन।” (aiōn g165, aiōnios g166)
et ait illis Iesus filii saeculi huius nubunt et traduntur ad nuptias (aiōn g165)
यीशु ने उनसे कहा, “इस युग के सन्तानों में तो विवाह-शादी होती है, (aiōn g165)
illi autem qui digni habebuntur saeculo illo et resurrectione ex mortuis neque nubunt neque ducunt uxores (aiōn g165)
पर जो लोग इस योग्य ठहरेंगे, की उस युग को और मरे हुओं में से जी उठना प्राप्त करें, उनमें विवाह-शादी न होगी। (aiōn g165)
ut omnis qui credit in ipso non pereat sed habeat vitam aeternam (aiōnios g166)
ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे वह अनन्त जीवन पाए। (aiōnios g166)
sic enim dilexit Deus mundum ut Filium suum unigenitum daret ut omnis qui credit in eum non pereat sed habeat vitam aeternam (aiōnios g166)
“क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए। (aiōnios g166)
qui credit in Filium habet vitam aeternam qui autem incredulus est Filio non videbit vitam sed ira Dei manet super eum (aiōnios g166)
जो पुत्र पर विश्वास करता है, अनन्त जीवन उसका है; परन्तु जो पुत्र की नहीं मानता, वह जीवन को नहीं देखेगा, परन्तु परमेश्वर का क्रोध उस पर रहता है।” (aiōnios g166)
qui autem biberit ex aqua quam ego dabo ei non sitiet in aeternum sed aqua quam dabo ei fiet in eo fons aquae salientis in vitam aeternam (aiōn g165, aiōnios g166)
परन्तु जो कोई उस जल में से पीएगा जो मैं उसे दूँगा, वह फिर अनन्तकाल तक प्यासा न होगा; वरन्जो जल मैं उसे दूँगा, वह उसमें एक सोता बन जाएगा, जो अनन्त जीवन के लिये उमड़ता रहेगा।” (aiōn g165, aiōnios g166)
et qui metit mercedem accipit et congregat fructum in vitam aeternam ut et qui seminat simul gaudeat et qui metit (aiōnios g166)
और काटनेवाला मजदूरी पाता, और अनन्त जीवन के लिये फल बटोरता है, ताकि बोनेवाला और काटनेवाला दोनों मिलकर आनन्द करें। (aiōnios g166)
amen amen dico vobis quia qui verbum meum audit et credit ei qui misit me habet vitam aeternam et in iudicium non venit sed transit a morte in vitam (aiōnios g166)
मैं तुम से सच-सच कहता हूँ, जो मेरा वचन सुनकर मेरे भेजनेवाले पर विश्वास करता है, अनन्त जीवन उसका है, और उस पर दण्ड की आज्ञा नहीं होती परन्तु वह मृत्यु से पार होकर जीवन में प्रवेश कर चुका है। (aiōnios g166)
scrutamini scripturas quia vos putatis in ipsis vitam aeternam habere et illae sunt quae testimonium perhibent de me (aiōnios g166)
तुम पवित्रशास्त्र में ढूँढ़ते हो, क्योंकि समझते हो कि उसमें अनन्त जीवन तुम्हें मिलता है, और यह वही है, जो मेरी गवाही देता है; (aiōnios g166)
operamini non cibum qui perit sed qui permanet in vitam aeternam quem Filius hominis vobis dabit hunc enim Pater signavit Deus (aiōnios g166)
नाशवान भोजन के लिये परिश्रम न करो, परन्तु उस भोजन के लिये जो अनन्त जीवन तक ठहरता है, जिसे मनुष्य का पुत्र तुम्हें देगा, क्योंकि पिता, अर्थात् परमेश्वर ने उसी पर छाप कर दी है।” (aiōnios g166)
haec est enim voluntas Patris mei qui misit me ut omnis qui videt Filium et credit in eum habeat vitam aeternam et resuscitabo ego eum in novissimo die (aiōnios g166)
क्योंकि मेरे पिता की इच्छा यह है, कि जो कोई पुत्र को देखे, और उस पर विश्वास करे, वह अनन्त जीवन पाए; और मैं उसे अन्तिम दिन फिर जिला उठाऊँगा।” (aiōnios g166)
amen amen dico vobis qui credit in me habet vitam aeternam (aiōnios g166)
मैं तुम से सच-सच कहता हूँ, कि जो कोई विश्वास करता है, अनन्त जीवन उसी का है। (aiōnios g166)
ego sum panis vivus qui de caelo descendi si quis manducaverit ex hoc pane vivet in aeternum et panis quem ego dabo caro mea est pro mundi vita (aiōn g165)
जीवन की रोटी जो स्वर्ग से उतरी मैं हूँ। यदि कोई इस रोटी में से खाए, तो सर्वदा जीवित रहेगा; और जो रोटी मैं जगत के जीवन के लिये दूँगा, वह मेरा माँस है।” (aiōn g165)
qui manducat meam carnem et bibit meum sanguinem habet vitam aeternam et ego resuscitabo eum in novissimo die (aiōnios g166)
जो मेरा माँस खाता, और मेरा लहू पीता है, अनन्त जीवन उसी का है, और मैं अन्तिम दिन फिर उसे जिला उठाऊँगा। (aiōnios g166)
hic est panis qui de caelo descendit non sicut manducaverunt patres vestri manna et mortui sunt qui manducat hunc panem vivet in aeternum (aiōn g165)
जो रोटी स्वर्ग से उतरी यही है, पूर्वजों के समान नहीं कि खाया, और मर गए; जो कोई यह रोटी खाएगा, वह सर्वदा जीवित रहेगा।” (aiōn g165)
respondit ergo ei Simon Petrus Domine ad quem ibimus verba vitae aeternae habes (aiōnios g166)
शमौन पतरस ने उसको उत्तर दिया, “हे प्रभु, हम किसके पास जाएँ? अनन्त जीवन की बातें तो तेरे ही पास हैं। (aiōnios g166)
servus autem non manet in domo in aeternum filius manet in aeternum (aiōn g165)
और दास सदा घर में नहीं रहता; पुत्र सदा रहता है। (aiōn g165)
amen amen dico vobis si quis sermonem meum servaverit mortem non videbit in aeternum (aiōn g165)
मैं तुम से सच-सच कहता हूँ, कि यदि कोई व्यक्ति मेरे वचन पर चलेगा, तो वह अनन्तकाल तक मृत्यु को न देखेगा।” (aiōn g165)
dixerunt ergo Iudaei nunc cognovimus quia daemonium habes Abraham mortuus est et prophetae et tu dicis si quis sermonem meum servaverit non gustabit mortem in aeternum (aiōn g165)
लोगों ने उससे कहा, “अब हमने जान लिया कि तुझ में दुष्टात्मा है: अब्राहम मर गया, और भविष्यद्वक्ता भी मर गए हैं और तू कहता है, ‘यदि कोई मेरे वचन पर चलेगा तो वह अनन्तकाल तक मृत्यु का स्वाद न चखेगा।’ (aiōn g165)
a saeculo non est auditum quia aperuit quis oculos caeci nati (aiōn g165)
जगत के आरम्भ से यह कभी सुनने में नहीं आया, कि किसी ने भी जन्म के अंधे की आँखें खोली हों। (aiōn g165)
et ego vitam aeternam do eis et non peribunt in aeternum et non rapiet eas quisquam de manu mea (aiōn g165, aiōnios g166)
और मैं उन्हें अनन्त जीवन देता हूँ, और वे कभी नाश नहीं होंगी, और कोई उन्हें मेरे हाथ से छीन न लेगा। (aiōn g165, aiōnios g166)
et omnis qui vivit et credit in me non morietur in aeternum credis hoc (aiōn g165)
और जो कोई जीवित है, और मुझ पर विश्वास करता है, वह अनन्तकाल तक न मरेगा। क्या तू इस बात पर विश्वास करती है?” (aiōn g165)
qui amat animam suam perdet eam et qui odit animam suam in hoc mundo in vitam aeternam custodit eam (aiōnios g166)
जो अपने प्राण को प्रिय जानता है, वह उसे खो देता है; और जो इस जगत में अपने प्राण को अप्रिय जानता है; वह अनन्त जीवन के लिये उसकी रक्षा करेगा। (aiōnios g166)
respondit ei turba nos audivimus ex lege quia Christus manet in aeternum et quomodo tu dicis oportet exaltari Filium hominis quis est iste Filius hominis (aiōn g165)
इस पर लोगों ने उससे कहा, “हमने व्यवस्था की यह बात सुनी है, कि मसीह सर्वदा रहेगा, फिर तू क्यों कहता है, कि मनुष्य के पुत्र को ऊँचे पर चढ़ाया जाना अवश्य है? यह मनुष्य का पुत्र कौन है?” (aiōn g165)
et scio quia mandatum eius vita aeterna est quae ergo ego loquor sicut dixit mihi Pater sic loquor (aiōnios g166)
और मैं जानता हूँ, कि उसकी आज्ञा अनन्त जीवन है इसलिए मैं जो बोलता हूँ, वह जैसा पिता ने मुझसे कहा है वैसा ही बोलता हूँ।” (aiōnios g166)
dicit ei Petrus non lavabis mihi pedes in aeternum respondit Iesus ei si non lavero te non habes partem mecum (aiōn g165)
पतरस ने उससे कहा, “तू मेरे पाँव कभी न धोने पाएगा!” यह सुनकर यीशु ने उससे कहा, “यदि मैं तुझे न धोऊँ, तो मेरे साथ तेरा कुछ भी भाग नहीं।” (aiōn g165)
et ego rogabo Patrem et alium paracletum dabit vobis ut maneat vobiscum in aeternum (aiōn g165)
औरमैं पिता से विनती करूँगा, और वह तुम्हें एक और सहायक देगा, कि वह सर्वदा तुम्हारे साथ रहे। (aiōn g165)
sicut dedisti ei potestatem omnis carnis ut omne quod dedisti ei det eis vitam aeternam (aiōnios g166)
क्योंकि तूने उसको सब प्राणियों पर अधिकार दिया, कि जिन्हें तूने उसको दिया है, उन सब को वह अनन्त जीवन दे। (aiōnios g166)
haec est autem vita aeterna ut cognoscant te solum verum Deum et quem misisti Iesum Christum (aiōnios g166)
और अनन्त जीवन यह है, कि वे तुझ एकमात्र सच्चे परमेश्वर को और यीशु मसीह को, जिसे तूने भेजा है, जानें। (aiōnios g166)
quoniam non derelinques animam meam in inferno neque dabis Sanctum tuum videre corruptionem (Hadēs g86)
क्योंकि तू मेरे प्राणों को अधोलोक में न छोड़ेगा; और न अपने पवित्र जन को सड़ने देगा! (Hadēs g86)
providens locutus est de resurrectione Christi quia neque derelictus est in inferno neque caro eius vidit corruptionem (Hadēs g86)
उसने होनेवाली बात को पहले ही से देखकर मसीह के जी उठने के विषय में भविष्यद्वाणी की, कि न तो उसका प्राण अधोलोक में छोड़ा गया, और न उसकी देह सड़ने पाई। (Hadēs g86)
quem oportet caelum quidem suscipere usque in tempora restitutionis omnium quae locutus est Deus per os sanctorum suorum a saeculo prophetarum (aiōn g165)
अवश्य है कि वह स्वर्ग में उस समय तक रहे जब तक कि वह सब बातों का सुधार न कर ले जिसकी चर्चा प्राचीनकाल से परमेश्वर ने अपने पवित्र भविष्यद्वक्ताओं के मुख से की है। (aiōn g165)
tunc constanter Paulus et Barnabas dixerunt vobis oportebat primum loqui verbum Dei sed quoniam repellitis illud et indignos vos iudicastis aeternae vitae ecce convertimur ad gentes (aiōnios g166)
तब पौलुस और बरनबास ने निडर होकर कहा, “अवश्य था, कि परमेश्वर का वचन पहले तुम्हें सुनाया जाता; परन्तु जबकि तुम उसे दूर करते हो, और अपने को अनन्त जीवन के योग्य नहीं ठहराते, तो अब, हम अन्यजातियों की ओर फिरते हैं। (aiōnios g166)
audientes autem gentes gavisae sunt et glorificabant verbum Domini et crediderunt quotquot erant praeordinati ad vitam aeternam (aiōnios g166)
यह सुनकर अन्यजाति आनन्दित हुए, और परमेश्वर के वचन की बड़ाई करने लगे, और जितने अनन्त जीवन के लिये ठहराए गए थे, उन्होंने विश्वास किया। (aiōnios g166)
notum a saeculo est Domino opus suum (aiōn g165)
यह वही प्रभु कहता है जो जगत की उत्पत्ति से इन बातों का समाचार देता आया है।’ (aiōn g165)
invisibilia enim ipsius a creatura mundi per ea quae facta sunt intellecta conspiciuntur sempiterna quoque eius virtus et divinitas ut sint inexcusabiles (aïdios g126)
क्योंकि उसके अनदेखे गुण, अर्थात् उसकी सनातन सामर्थ्य और परमेश्वरत्व, जगत की सृष्टि के समय से उसके कामों के द्वारा देखने में आते हैं, यहाँ तक कि वे निरुत्तर हैं। (aïdios g126)
qui commutaverunt veritatem Dei in mendacio et coluerunt et servierunt creaturae potius quam creatori qui est benedictus in saecula amen (aiōn g165)
क्योंकि उन्होंने परमेश्वर की सच्चाई को बदलकर झूठ बना डाला, और सृष्टि की उपासना और सेवा की, न कि उस सृजनहार की जो सदा धन्य है। आमीन। (aiōn g165)
his quidem qui secundum patientiam boni operis gloriam et honorem et incorruptionem quaerentibus vitam aeternam (aiōnios g166)
जो सुकर्म में स्थिर रहकर महिमा, और आदर, और अमरता की खोज में हैं, उन्हें वह अनन्त जीवन देगा; (aiōnios g166)
ut sicut regnavit peccatum in morte ita et gratia regnet per iustitiam in vitam aeternam per Iesum Christum Dominum nostrum (aiōnios g166)
कि जैसा पाप ने मृत्यु फैलाते हुए राज्य किया, वैसा ही हमारे प्रभु यीशु मसीह के द्वारा अनुग्रह भी अनन्त जीवन के लिये धर्मी ठहराते हुए राज्य करे। (aiōnios g166)
nunc vero liberati a peccato servi autem facti Deo habetis fructum vestrum in sanctificationem finem vero vitam aeternam (aiōnios g166)
परन्तु अब पाप से स्वतंत्र होकर और परमेश्वर के दास बनकर तुम को फल मिला जिससे पवित्रता प्राप्त होती है, और उसका अन्त अनन्त जीवन है। (aiōnios g166)
stipendia enim peccati mors gratia autem Dei vita aeterna in Christo Iesu Domino nostro (aiōnios g166)
क्योंकि पाप की मजदूरी तो मृत्यु है, परन्तु परमेश्वर का वरदान हमारे प्रभु मसीह यीशु में अनन्त जीवन है। (aiōnios g166)
quorum patres et ex quibus Christus secundum carnem qui est super omnia Deus benedictus in saecula amen (aiōn g165)
पूर्वज भी उन्हीं के हैं, और मसीह भी शरीर के भाव से उन्हीं में से हुआ, जो सब के ऊपर परम परमेश्वर युगानुयुग धन्य है। आमीन। (aiōn g165)
aut quis descendit in abyssum hoc est Christum ex mortuis revocare (Abyssos g12)
या “अधोलोक में कौन उतरेगा?” (अर्थात् मसीह को मरे हुओं में से जिलाकर ऊपर लाने के लिये!) (Abyssos g12)
conclusit enim Deus omnia in incredulitatem ut omnium misereatur (eleēsē g1653)
क्योंकि परमेश्वर ने सब को आज्ञा न मानने के कारण बन्द कर रखा है ताकि वह सब पर दया करे। (eleēsē g1653)
quoniam ex ipso et per ipsum et in ipso omnia ipsi gloria in saecula amen (aiōn g165)
क्योंकि उसकी ओर से, और उसी के द्वारा, और उसी के लिये सब कुछ है: उसकी महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन। (aiōn g165)
et nolite conformari huic saeculo sed reformamini in novitate sensus vestri ut probetis quae sit voluntas Dei bona et placens et perfecta (aiōn g165)
और इस संसार के सदृश्य न बनो; परन्तु तुम्हारी बुद्धि के नये हो जाने से तुम्हारा चाल-चलन भी बदलता जाए, जिससे तुम परमेश्वर की भली, और भावती, और सिद्ध इच्छा अनुभव से मालूम करते रहो। (aiōn g165)
ei autem qui potens est vos confirmare iuxta evangelium meum et praedicationem Iesu Christi secundum revelationem mysterii temporibus aeternis taciti (aiōnios g166)
अब जो तुम को मेरे सुसमाचार अर्थात् यीशु मसीह के विषय के प्रचार के अनुसार स्थिर कर सकता है, उस भेद के प्रकाश के अनुसार जो सनातन से छिपा रहा। (aiōnios g166)
quod nunc patefactum est per scripturas prophetarum secundum praeceptum aeterni Dei ad oboeditionem fidei in cunctis gentibus cognito (aiōnios g166)
परन्तु अब प्रगट होकर सनातन परमेश्वर की आज्ञा से भविष्यद्वक्ताओं की पुस्तकों के द्वारा सब जातियों को बताया गया है, कि वे विश्वास से आज्ञा माननेवाले हो जाएँ। (aiōnios g166)
solo sapienti Deo per Iesum Christum cui honor in saecula saeculorum amen (aiōn g165)
उसी एकमात्र अद्वैत बुद्धिमान परमेश्वर की यीशु मसीह के द्वारा युगानुयुग महिमा होती रहे। आमीन। (aiōn g165)
ubi sapiens ubi scriba ubi conquisitor huius saeculi nonne stultam fecit Deus sapientiam huius mundi (aiōn g165)
कहाँ रहा ज्ञानवान? कहाँ रहा शास्त्री? कहाँ रहा इस संसार का विवादी? क्या परमेश्वर ने संसार के ज्ञान को मूर्खता नहीं ठहराया? (aiōn g165)
sapientiam autem loquimur inter perfectos sapientiam vero non huius saeculi neque principum huius saeculi qui destruuntur (aiōn g165)
फिर भी सिद्ध लोगों में हम ज्ञान सुनाते हैं परन्तु इस संसार का और इस संसार के नाश होनेवाले हाकिमों का ज्ञान नहीं; (aiōn g165)
sed loquimur Dei sapientiam in mysterio quae abscondita est quam praedestinavit Deus ante saecula in gloriam nostram (aiōn g165)
परन्तु हम परमेश्वर का वह गुप्त ज्ञान, भेद की रीति पर बताते हैं, जिसे परमेश्वर ने सनातन से हमारी महिमा के लिये ठहराया। (aiōn g165)
quam nemo principum huius saeculi cognovit si enim cognovissent numquam Dominum gloriae crucifixissent (aiōn g165)
जिसे इस संसार के हाकिमों में से किसी ने नहीं जाना, क्योंकि यदि जानते, तो तेजोमय प्रभु को क्रूस पर न चढ़ाते। (aiōn g165)
nemo se seducat si quis videtur inter vos sapiens esse in hoc saeculo stultus fiat ut sit sapiens (aiōn g165)
कोई अपने आपको धोखा न दे। यदि तुम में से कोई इस संसार में अपने आपको ज्ञानी समझे, तो मूर्ख बने कि ज्ञानी हो जाए। (aiōn g165)
quapropter si esca scandalizat fratrem meum non manducabo carnem in aeternum ne fratrem meum scandalizem (aiōn g165)
इस कारण यदि भोजन मेरे भाई को ठोकर खिलाएँ, तो मैं कभी किसी रीति से माँस न खाऊँगा, न हो कि मैं अपने भाई के ठोकर का कारण बनूँ। (aiōn g165)
haec autem omnia in figura contingebant illis scripta sunt autem ad correptionem nostram in quos fines saeculorum devenerunt (aiōn g165)
परन्तु ये सब बातें, जो उन पर पड़ीं, दृष्टान्त की रीति पर थीं; और वे हमारी चेतावनी के लिये जो जगत के अन्तिम समय में रहते हैं लिखी गईं हैं। (aiōn g165)
ubi est mors victoria tua ubi est mors stimulus tuus (Hadēs g86)
हे मृत्यु तेरी जय कहाँ रहीं? हे मृत्यु तेरा डंक कहाँ रहा?” (Hadēs g86)
in quibus deus huius saeculi excaecavit mentes infidelium ut non fulgeat inluminatio evangelii gloriae Christi qui est imago Dei (aiōn g165)
और उन अविश्वासियों के लिये, जिनकी बुद्धि इस संसार के ईश्वर ने अंधी कर दी है, ताकि मसीह जो परमेश्वर का प्रतिरूप है, उसके तेजोमय सुसमाचार का प्रकाश उन पर न चमके। (aiōn g165)
id enim quod in praesenti est momentaneum et leve tribulationis nostrae supra modum in sublimitatem aeternum gloriae pondus operatur nobis (aiōnios g166)
क्योंकि हमारा पल भर का हलका सा क्लेश हमारे लिये बहुत ही महत्त्वपूर्ण और अनन्त महिमा उत्पन्न करता जाता है। (aiōnios g166)
non contemplantibus nobis quae videntur sed quae non videntur quae enim videntur temporalia sunt quae autem non videntur aeterna sunt (aiōnios g166)
और हम तो देखी हुई वस्तुओं को नहीं परन्तु अनदेखी वस्तुओं को देखते रहते हैं, क्योंकि देखी हुई वस्तुएँ थोड़े ही दिन की हैं, परन्तु अनदेखी वस्तुएँ सदा बनी रहती हैं। (aiōnios g166)
scimus enim quoniam si terrestris domus nostra huius habitationis dissolvatur quod aedificationem ex Deo habeamus domum non manufactam aeternam in caelis (aiōnios g166)
क्योंकि हम जानते हैं, कि जब हमारा पृथ्वी पर का डेरा सरीखा घर गिराया जाएगा तो हमें परमेश्वर की ओर से स्वर्ग पर एक ऐसा भवन मिलेगा, जो हाथों से बना हुआ घर नहीं परन्तु चिरस्थाई है। (aiōnios g166)
sicut scriptum est dispersit dedit pauperibus iustitia eius manet in aeternum (aiōn g165)
जैसा लिखा है, “उसने बिखेरा, उसने गरीबों को दान दिया, उसकी धार्मिकता सदा बनी रहेगी।” (aiōn g165)
Deus et Pater Domini Iesu scit qui est benedictus in saecula quod non mentior (aiōn g165)
प्रभु यीशु का परमेश्वर और पिता जो सदा धन्य है, जानता है, कि मैं झूठ नहीं बोलता। (aiōn g165)
qui dedit semet ipsum pro peccatis nostris ut eriperet nos de praesenti saeculo nequam secundum voluntatem Dei et Patris nostri (aiōn g165)
उसी ने अपने आपको हमारे पापों के लिये दे दिया, ताकि हमारे परमेश्वर और पिता की इच्छा के अनुसार हमें इस वर्तमान बुरे संसार से छुड़ाए। (aiōn g165)
cui est gloria in saecula saeculorum amen (aiōn g165)
उसकी महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन। (aiōn g165)
quoniam qui seminat in carne sua de carne et metet corruptionem qui autem seminat in spiritu de spiritu metet vitam aeternam (aiōnios g166)
क्योंकि जो अपने शरीर के लिये बोता है, वह शरीर के द्वारा विनाश की कटनी काटेगा; और जो आत्मा के लिये बोता है, वह आत्मा के द्वारा अनन्त जीवन की कटनी काटेगा। (aiōnios g166)
supra omnem principatum et potestatem et virtutem et dominationem et omne nomen quod nominatur non solum in hoc saeculo sed et in futuro (aiōn g165)
सब प्रकार की प्रधानता, और अधिकार, और सामर्थ्य, और प्रभुता के, और हर एक नाम के ऊपर, जो न केवल इस लोक में, पर आनेवाले लोक में भी लिया जाएगा, बैठाया; (aiōn g165)
in quibus aliquando ambulastis secundum saeculum mundi huius secundum principem potestatis aeris huius spiritus qui nunc operatur in filios diffidentiae (aiōn g165)
जिनमें तुम पहले इस संसार की रीति पर, और आकाश के अधिकार के अधिपति अर्थात् उस आत्मा के अनुसार चलते थे, जो अब भी आज्ञा न माननेवालों में कार्य करता है। (aiōn g165)
ut ostenderet in saeculis supervenientibus abundantes divitias gratiae suae in bonitate super nos in Christo Iesu (aiōn g165)
कि वह अपनी उस दया से जो मसीह यीशु में हम पर है, आनेवाले समयों में अपने अनुग्रह का असीम धन दिखाए। (aiōn g165)
et inluminare omnes quae sit dispensatio sacramenti absconditi a saeculis in Deo qui omnia creavit (aiōn g165)
और सब पर यह बात प्रकाशित करूँ कि उस भेद का प्रबन्ध क्या है, जो सब के सृजनहार परमेश्वर में आदि से गुप्त था। (aiōn g165)
secundum praefinitionem saeculorum quam fecit in Christo Iesu Domino nostro (aiōn g165)
उस सनातन मनसा के अनुसार जो उसने हमारे प्रभु मसीह यीशु में की थी। (aiōn g165)
ipsi gloria in ecclesia et in Christo Iesu in omnes generationes saeculi saeculorum amen (aiōn g165)
कलीसिया में, और मसीह यीशु में, उसकी महिमा पीढ़ी से पीढ़ी तक युगानुयुग होती रहे। आमीन। (aiōn g165)
quia non est nobis conluctatio adversus carnem et sanguinem sed adversus principes et potestates adversus mundi rectores tenebrarum harum contra spiritalia nequitiae in caelestibus (aiōn g165)
क्योंकि हमारा यह मल्लयुद्ध, लहू और माँस से नहीं, परन्तु प्रधानों से और अधिकारियों से, और इस संसार के अंधकार के शासकों से, और उस दुष्टता की आत्मिक सेनाओं से है जो आकाश में हैं। (aiōn g165)
Deo autem et Patri nostro gloria in saecula saeculorum amen (aiōn g165)
हमारे परमेश्वर और पिता की महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन। (aiōn g165)
mysterium quod absconditum fuit a saeculis et generationibus nunc autem manifestatum est sanctis eius (aiōn g165)
अर्थात् उस भेद को जो समयों और पीढ़ियों से गुप्त रहा, परन्तु अब उसके उन पवित्र लोगों पर प्रगट हुआ है। (aiōn g165)
qui poenas dabunt in interitu aeternas a facie Domini et a gloria virtutis eius (aiōnios g166)
वे प्रभु के सामने से, और उसकी शक्ति के तेज से दूर होकर अनन्त विनाश का दण्ड पाएँगे। (aiōnios g166)
ipse autem Dominus noster Iesus Christus et Deus et Pater noster qui dilexit nos et dedit consolationem aeternam et spem bonam in gratia (aiōnios g166)
हमारा प्रभु यीशु मसीह आप ही, और हमारा पिता परमेश्वर जिसने हम से प्रेम रखा, और अनुग्रह से अनन्त शान्ति और उत्तम आशा दी है। (aiōnios g166)
sed ideo misericordiam consecutus sum ut in me primo ostenderet Christus Iesus omnem patientiam ad deformationem eorum qui credituri sunt illi in vitam aeternam (aiōnios g166)
पर मुझ पर इसलिए दया हुई कि मुझ सबसे बड़े पापी में यीशु मसीह अपनी पूरी सहनशीलता दिखाए, कि जो लोग उस पर अनन्त जीवन के लिये विश्वास करेंगे, उनके लिये मैं एक आदर्श बनूँ। (aiōnios g166)
regi autem saeculorum inmortali invisibili soli Deo honor et gloria in saecula saeculorum amen (aiōn g165)
अब सनातन राजा अर्थात् अविनाशी अनदेखे अद्वैत परमेश्वर का आदर और महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन। (aiōn g165)
certa bonum certamen fidei adprehende vitam aeternam in qua vocatus es et confessus bonam confessionem coram multis testibus (aiōnios g166)
विश्वास की अच्छी कुश्ती लड़; और उस अनन्त जीवन को धर ले, जिसके लिये तू बुलाया गया, और बहुत गवाहों के सामने अच्छा अंगीकार किया था। (aiōnios g166)
qui solus habet inmortalitatem lucem habitans inaccessibilem quem vidit nullus hominum sed nec videre potest cui honor et imperium sempiternum amen (aiōnios g166)
और अमरता केवल उसी की है, और वह अगम्य ज्योति में रहता है, और न उसे किसी मनुष्य ने देखा और न कभी देख सकता है। उसकी प्रतिष्ठा और राज्य युगानुयुग रहेगा। आमीन। (aiōnios g166)
divitibus huius saeculi praecipe non sublime sapere neque sperare in incerto divitiarum sed in Deo qui praestat nobis omnia abunde ad fruendum (aiōn g165)
इस संसार के धनवानों को आज्ञा दे कि वे अभिमानी न हों और अनिश्चित धन पर आशा न रखें, परन्तु परमेश्वर पर जो हमारे सुख के लिये सब कुछ बहुतायत से देता है। (aiōn g165)
qui nos liberavit et vocavit vocatione sancta non secundum opera nostra sed secundum propositum suum et gratiam quae data est nobis in Christo Iesu ante tempora saecularia (aiōnios g166)
जिसने हमारा उद्धार किया, और पवित्र बुलाहट से बुलाया, और यह हमारे कामों के अनुसार नहीं; पर अपनी मनसा और उस अनुग्रह के अनुसार है; जो मसीह यीशु में अनादिकाल से हम पर हुआ है। (aiōnios g166)
ideo omnia sustineo propter electos ut et ipsi salutem consequantur quae est in Christo Iesu cum gloria caelesti (aiōnios g166)
इस कारण मैं चुने हुए लोगों के लिये सब कुछ सहता हूँ, कि वे भी उस उद्धार को जो मसीह यीशु में हैं अनन्त महिमा के साथ पाएँ। (aiōnios g166)
Demas enim me dereliquit diligens hoc saeculum et abiit Thessalonicam Crescens in Galliam Titus in Dalmatiam (aiōn g165)
क्योंकि देमास ने इस संसार को प्रिय जानकर मुझे छोड़ दिया है, और थिस्सलुनीके को चला गया है, और क्रेसकेंस गलातिया को और तीतुस दलमतिया को चला गया है। (aiōn g165)
liberabit me Dominus ab omni opere malo et salvum faciet in regnum suum caeleste cui gloria in saecula saeculorum amen (aiōn g165)
और प्रभु मुझे हर एक बुरे काम से छुड़ाएगा, और अपने स्वर्गीय राज्य में उद्धार करके पहुँचाएगा उसी की महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन। (aiōn g165)
in spem vitae aeternae quam promisit qui non mentitur Deus ante tempora saecularia (aiōnios g166)
उस अनन्त जीवन की आशा पर, जिसकी प्रतिज्ञा परमेश्वर ने जो झूठ बोल नहीं सकता सनातन से की है, (aiōnios g166)
erudiens nos ut abnegantes impietatem et saecularia desideria sobrie et iuste et pie vivamus in hoc saeculo (aiōn g165)
और हमें चिताता है, कि हम अभक्ति और सांसारिक अभिलाषाओं से मन फेरकर इस युग में संयम और धार्मिकता से और भक्ति से जीवन बिताएँ; (aiōn g165)
ut iustificati gratia ipsius heredes simus secundum spem vitae aeternae (aiōnios g166)
जिससे हम उसके अनुग्रह से धर्मी ठहरकर, अनन्त जीवन की आशा के अनुसार वारिस बनें। (aiōnios g166)
forsitan enim ideo discessit ad horam a te ut aeternum illum recipere (aiōnios g166)
क्योंकि क्या जाने वह तुझ से कुछ दिन तक के लिये इसी कारण अलग हुआ कि सदैव तेरे निकट रहे। (aiōnios g166)
novissime diebus istis locutus est nobis in Filio quem constituit heredem universorum per quem fecit et saecula (aiōn g165)
पर इन अन्तिम दिनों में हम से अपने पुत्र के द्वारा बातें की, जिसे उसने सारी वस्तुओं का वारिस ठहराया और उसी के द्वारा उसने सारी सृष्टि भी रची है। (aiōn g165)
ad Filium autem thronus tuus Deus in saeculum saeculi et virga aequitatis virga regni tui (aiōn g165)
परन्तु पुत्र के विषय में कहता है, “हे परमेश्वर, तेरा सिंहासन युगानुयुग रहेगा, तेरे राज्य का राजदण्ड न्याय का राजदण्ड है। (aiōn g165)
quemadmodum et in alio dicit tu es sacerdos in aeternum secundum ordinem Melchisedech (aiōn g165)
इसी प्रकार वह दूसरी जगह में भी कहता है, “तू मलिकिसिदक की रीति पर सदा के लिये याजक है।” (aiōn g165)
et consummatus factus est omnibus obtemperantibus sibi causa salutis aeternae (aiōnios g166)
और सिद्ध बनकर, अपने सब आज्ञा माननेवालों के लिये सदाकाल के उद्धार का कारण हो गया। (aiōnios g166)
baptismatum doctrinae inpositionis quoque manuum ac resurrectionis mortuorum et iudicii aeterni (aiōnios g166)
और बपतिस्मा और हाथ रखने, और मरे हुओं के जी उठने, और अनन्त न्याय की शिक्षारूपी नींव, फिर से न डालें। (aiōnios g166)
gustaverunt nihilominus bonum Dei verbum virtutesque saeculi venturi (aiōn g165)
और परमेश्वर के उत्तम वचन का और आनेवाले युग की सामर्थ्य का स्वाद चख चुके हैं। (aiōn g165)
ubi praecursor pro nobis introiit Iesus secundum ordinem Melchisedech pontifex factus in aeternum (aiōn g165)
जहाँ यीशु ने मलिकिसिदक की रीति पर सदाकाल का महायाजक बनकर, हमारे लिये अगुआ के रूप में प्रवेश किया है। (aiōn g165)
contestatur enim quoniam tu es sacerdos in aeternum secundum ordinem Melchisedech (aiōn g165)
क्योंकि उसके विषय में यह गवाही दी गई है, “तू मलिकिसिदक की रीति पर युगानुयुग याजक है।” (aiōn g165)
hic autem cum iureiurando per eum qui dixit ad illum iuravit Dominus et non paenitebit tu es sacerdos in aeternum (aiōn g165)
क्योंकि वे तो बिना शपथ याजक ठहराए गए पर यह शपथ के साथ उसकी ओर से नियुक्त किया गया जिसने उसके विषय में कहा, “प्रभु ने शपथ खाई, और वह उससे फिर न पछताएगा, कि तू युगानुयुग याजक है।” (aiōn g165)
hic autem eo quod maneat in aeternum sempiternum habet sacerdotium (aiōn g165)
पर यह युगानुयुग रहता है; इस कारण उसका याजकपद अटल है। (aiōn g165)
lex enim homines constituit sacerdotes infirmitatem habentes sermo autem iurisiurandi qui post legem est Filium in aeternum perfectum (aiōn g165)
क्योंकि व्यवस्था तो निर्बल मनुष्यों को महायाजक नियुक्त करती है; परन्तु उस शपथ का वचन जो व्यवस्था के बाद खाई गई, उस पुत्र को नियुक्त करता है जो युगानुयुग के लिये सिद्ध किया गया है। (aiōn g165)
neque per sanguinem hircorum et vitulorum sed per proprium sanguinem introivit semel in sancta aeterna redemptione inventa (aiōnios g166)
और बकरों और बछड़ों के लहू के द्वारा नहीं, पर अपने ही लहू के द्वारा एक ही बार पवित्रस्थान में प्रवेश किया, और अनन्त छुटकारा प्राप्त किया। (aiōnios g166)
quanto magis sanguis Christi qui per Spiritum Sanctum semet ipsum obtulit inmaculatum Deo emundabit conscientiam vestram ab operibus mortuis ad serviendum Deo viventi (aiōnios g166)
तो मसीह का लहू जिसने अपने आपको सनातन आत्मा के द्वारा परमेश्वर के सामने निर्दोष चढ़ाया, तुम्हारे विवेक को मरे हुए कामों से क्यों न शुद्ध करेगा, ताकि तुम जीविते परमेश्वर की सेवा करो। (aiōnios g166)
et ideo novi testamenti mediator est ut morte intercedente in redemptionem earum praevaricationum quae erant sub priore testamento repromissionem accipiant qui vocati sunt aeternae hereditatis (aiōnios g166)
और इसी कारण वह नई वाचा का मध्यस्थ है, ताकि उस मृत्यु के द्वारा जो पहली वाचा के समय के अपराधों से छुटकारा पाने के लिये हुई है, बुलाए हुए लोग प्रतिज्ञा के अनुसार अनन्त विरासत को प्राप्त करें। (aiōnios g166)
alioquin oportebat eum frequenter pati ab origine mundi nunc autem semel in consummatione saeculorum ad destitutionem peccati per hostiam suam apparuit (aiōn g165)
नहीं तो जगत की उत्पत्ति से लेकर उसको बार बार दुःख उठाना पड़ता; पर अब युग के अन्त में वह एक बार प्रगट हुआ है, ताकि अपने ही बलिदान के द्वारा पाप को दूर कर दे। (aiōn g165)
fide intellegimus aptata esse saecula verbo Dei ut ex invisibilibus visibilia fierent (aiōn g165)
विश्वास ही से हम जान जाते हैं, कि सारी सृष्टि की रचना परमेश्वर के वचन के द्वारा हुई है। यह नहीं, कि जो कुछ देखने में आता है, वह देखी हुई वस्तुओं से बना हो। (aiōn g165)
Iesus Christus heri et hodie ipse et in saecula (aiōn g165)
यीशु मसीह कल और आज और युगानुयुग एक-सा है। (aiōn g165)
Deus autem pacis qui eduxit de mortuis pastorem magnum ovium in sanguine testamenti aeterni Dominum nostrum Iesum (aiōnios g166)
अब शान्तिदाता परमेश्वर जो हमारे प्रभु यीशु को जो भेड़ों का महान रखवाला है सनातन वाचा के लहू के गुण से मरे हुओं में से जिलाकर ले आया, (aiōnios g166)
aptet vos in omni bono ut faciatis voluntatem eius faciens in vobis quod placeat coram se per Iesum Christum cui gloria in saecula saeculorum amen (aiōn g165)
तुम्हें हर एक भली बात में सिद्ध करे, जिससे तुम उसकी इच्छा पूरी करो, और जो कुछ उसको भाता है, उसे यीशु मसीह के द्वारा हम में पूरा करे, उसकी महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन। (aiōn g165)
et lingua ignis est universitas iniquitatis lingua constituitur in membris nostris quae maculat totum corpus et inflammat rotam nativitatis nostrae inflammata a gehenna (Geenna g1067)
जीभ भी एक आग है; जीभ हमारे अंगों में अधर्म का एक लोक है और सारी देह पर कलंक लगाती है, और भवचक्र में आग लगा देती है और नरक कुण्ड की आग से जलती रहती है। (Geenna g1067)
renati non ex semine corruptibili sed incorruptibili per verbum Dei vivi et permanentis (aiōn g165)
क्योंकि तुम ने नाशवान नहीं पर अविनाशी बीज से परमेश्वर के जीविते और सदा ठहरनेवाले वचन के द्वारा नया जन्म पाया है। (aiōn g165)
verbum autem Domini manet in aeternum hoc est autem verbum quod evangelizatum est in vos (aiōn g165)
परन्तु प्रभु का वचन युगानुयुग स्थिर रहता है।” और यह ही सुसमाचार का वचन है जो तुम्हें सुनाया गया था। (aiōn g165)
si quis loquitur quasi sermones Dei si quis ministrat tamquam ex virtute quam administrat Deus ut in omnibus honorificetur Deus per Iesum Christum cui est gloria et imperium in saecula saeculorum amen (aiōn g165)
यदि कोई बोले, तो ऐसा बोले मानो परमेश्वर का वचन है; यदि कोई सेवा करे, तो उस शक्ति से करे जो परमेश्वर देता है; जिससे सब बातों में यीशु मसीह के द्वारा, परमेश्वर की महिमा प्रगट हो। महिमा और सामर्थ्य युगानुयुग उसी की है। आमीन। (aiōn g165)
Deus autem omnis gratiae qui vocavit nos in aeternam suam gloriam in Christo Iesu modicum passos ipse perficiet confirmabit solidabit (aiōnios g166)
अब परमेश्वर जो सारे अनुग्रह का दाता है, जिसने तुम्हें मसीह में अपनी अनन्त महिमा के लिये बुलाया, तुम्हारे थोड़ी देर तक दुःख उठाने के बाद आप ही तुम्हें सिद्ध और स्थिर और बलवन्त करेगा। (aiōnios g166)
ipsi imperium in saecula saeculorum amen (aiōn g165)
उसी का साम्राज्य युगानुयुग रहे। आमीन। (aiōn g165)
sic enim abundanter ministrabitur vobis introitus in aeternum regnum Domini nostri et salvatoris Iesu Christi (aiōnios g166)
वरन् इस रीति से तुम हमारे प्रभु और उद्धारकर्ता यीशु मसीह के अनन्त राज्य में बड़े आदर के साथ प्रवेश करने पाओगे। (aiōnios g166)
si enim Deus angelis peccantibus non pepercit sed rudentibus inferni detractos in tartarum tradidit in iudicium cruciatos reservari (Tartaroō g5020)
क्योंकि जब परमेश्वर ने उन दूतों को जिन्होंने पाप किया नहीं छोड़ा, पर नरक में भेजकर अंधेरे कुण्डों में डाल दिया, ताकि न्याय के दिन तक बन्दी रहें। (Tartaroō g5020)
crescite vero in gratia et in cognitione Domini nostri et salvatoris Iesu Christi ipsi gloria et nunc et in die aeternitatis amen (aiōn g165)
पर हमारे प्रभु, और उद्धारकर्ता यीशु मसीह के अनुग्रह और पहचान में बढ़ते जाओ। उसी की महिमा अब भी हो, और युगानुयुग होती रहे। आमीन। (aiōn g165)
et vita manifestata est et vidimus et testamur et adnuntiamus vobis vitam aeternam quae erat apud Patrem et apparuit nobis (aiōnios g166)
(यह जीवन प्रगट हुआ, और हमने उसे देखा, और उसकी गवाही देते हैं, और तुम्हें उस अनन्त जीवन का समाचार देते हैं जो पिता के साथ था और हम पर प्रगट हुआ)। (aiōnios g166)
et mundus transit et concupiscentia eius qui autem facit voluntatem Dei manet in aeternum (aiōn g165)
संसार और उसकी अभिलाषाएँ दोनों मिटते जाते हैं, पर जो परमेश्वर की इच्छा पर चलता है, वह सर्वदा बना रहेगा। (aiōn g165)
et haec est repromissio quam ipse pollicitus est nobis vitam aeternam (aiōnios g166)
और जिसकी उसने हम से प्रतिज्ञा की वह अनन्त जीवन है। (aiōnios g166)
omnis qui odit fratrem suum homicida est et scitis quoniam omnis homicida non habet vitam aeternam in se manentem (aiōnios g166)
जो कोई अपने भाई से बैर रखता है, वह हत्यारा है; और तुम जानते हो, कि किसी हत्यारे में अनन्त जीवन नहीं रहता। (aiōnios g166)
et hoc est testimonium quoniam vitam aeternam dedit nobis Deus et haec vita in Filio eius est (aiōnios g166)
और वह गवाही यह है, कि परमेश्वर ने हमें अनन्त जीवन दिया है और यह जीवन उसके पुत्र में है। (aiōnios g166)
haec scripsi vobis ut sciatis quoniam vitam habetis aeternam qui creditis in nomine Filii Dei (aiōnios g166)
मैंने तुम्हें, जो परमेश्वर के पुत्र के नाम पर विश्वास करते हो, इसलिए लिखा है कि तुम जानो कि अनन्त जीवन तुम्हारा है। (aiōnios g166)
et scimus quoniam Filius Dei venit et dedit nobis sensum ut cognoscamus verum Deum et simus in vero Filio eius hic est verus Deus et vita aeterna (aiōnios g166)
और यह भी जानते हैं, कि परमेश्वर का पुत्र आ गया है और उसने हमें समझ दी है, कि हम उस सच्चे को पहचानें, और हम उसमें जो सत्य है, अर्थात् उसके पुत्र यीशु मसीह में रहते हैं। सच्चा परमेश्वर और अनन्त जीवन यही है। (aiōnios g166)
propter veritatem quae permanet in nobis et nobiscum erit in aeternum (aiōn g165)
वह सत्य जो हम में स्थिर रहता है, और सर्वदा हमारे साथ अटल रहेगा; (aiōn g165)
angelos vero qui non servaverunt suum principatum sed dereliquerunt suum domicilium in iudicium magni diei vinculis aeternis sub caligine reservavit (aïdios g126)
फिर जिन स्वर्गदूतों ने अपने पद को स्थिर न रखा वरन् अपने निज निवास को छोड़ दिया, उसने उनको भी उस भीषण दिन के न्याय के लिये अंधकार में जो सनातन के लिये है बन्धनों में रखा है। (aïdios g126)
sicut Sodoma et Gomorra et finitimae civitates simili modo exfornicatae et abeuntes post carnem alteram factae sunt exemplum ignis aeterni poenam sustinentes (aiōnios g166)
जिस रीति से सदोम और गमोरा और उनके आस-पास के नगर, जो इनके समान व्यभिचारी हो गए थे और पराए शरीर के पीछे लग गए थे आग के अनन्त दण्ड में पड़कर दृष्टान्त ठहरे हैं। (aiōnios g166)
fluctus feri maris despumantes suas confusiones sidera errantia quibus procella tenebrarum in aeternum servata est (aiōn g165)
ये समुद्र के प्रचण्ड हिलकोरे हैं, जो अपनी लज्जा का फेन उछालते हैं। ये डाँवाडोल तारे हैं, जिनके लिये सदाकाल तक घोर अंधकार रखा गया है। (aiōn g165)
ipsos vos in dilectione Dei servate (aiōnios g166)
अपने आपको परमेश्वर के प्रेम में बनाए रखो; और अनन्त जीवन के लिये हमारे प्रभु यीशु मसीह की दया की आशा देखते रहो। (aiōnios g166)
soli Deo salvatori nostro per Iesum Christum Dominum nostrum gloria magnificentia imperium et potestas ante omne saeculum et nunc et in omnia saecula amen (aiōn g165)
उस एकमात्र परमेश्वर के लिए, हमारे उद्धारकर्ता की महिमा, गौरव, पराक्रम और अधिकार, हमारे प्रभु यीशु मसीह के द्वारा जैसा सनातन काल से है, अब भी हो और युगानुयुग रहे। आमीन। (aiōn g165)
et fecit nostrum regnum sacerdotes Deo et Patri suo ipsi gloria et imperium in saecula saeculorum amen (aiōn g165)
और हमें एक राज्य और अपने पिता परमेश्वर के लिये याजक भी बना दिया; उसी की महिमा और पराक्रम युगानुयुग रहे। आमीन। (aiōn g165)
et vivus et fui mortuus et ecce sum vivens in saecula saeculorum et habeo claves mortis et inferni (aiōn g165, Hadēs g86)
मैं मर गया था, और अब देख मैं युगानुयुग जीविता हूँ; और मृत्यु और अधोलोक की कुँजियाँ मेरे ही पास हैं। (aiōn g165, Hadēs g86)
et cum darent illa animalia gloriam et honorem et benedictionem sedenti super thronum viventi in saecula saeculorum (aiōn g165)
और जब वे प्राणी उसकी जो सिंहासन पर बैठा है, और जो युगानुयुग जीविता है, महिमा और आदर और धन्यवाद करेंगे। (aiōn g165)
procident viginti quattuor seniores ante sedentem in throno et adorabunt viventem in saecula saeculorum et mittent coronas suas ante thronum dicentes (aiōn g165)
तब चौबीसों प्राचीन सिंहासन पर बैठनेवाले के सामने गिर पड़ेंगे, और उसे जो युगानुयुग जीविता है प्रणाम करेंगे; और अपने-अपने मुकुट सिंहासन के सामने यह कहते हुए डाल देंगे, (aiōn g165)
et omnem creaturam quae in caelo est et super terram et sub terram et quae sunt in mari et quae in ea omnes audivi dicentes sedenti in throno et agno benedictio et honor et gloria et potestas in saecula saeculorum (aiōn g165)
फिर मैंने स्वर्ग में, और पृथ्वी पर, और पृथ्वी के नीचे, और समुद्र की सब रची हुई वस्तुओं को, और सब कुछ को जो उनमें हैं, यह कहते सुना, “जो सिंहासन पर बैठा है, उसकी, और मेम्ने की स्तुति, और आदर, और महिमा, और राज्य, युगानुयुग रहे।” (aiōn g165)
et ecce equus pallidus et qui sedebat desuper nomen illi Mors et inferus sequebatur eum et data est illi potestas super quattuor partes terrae interficere gladio fame et morte et bestiis terrae (Hadēs g86)
मैंने दृष्टि की, और एक पीला घोड़ा है; और उसके सवार का नाम मृत्यु है; और अधोलोक उसके पीछे-पीछे है और उन्हें पृथ्वी की एक चौथाई पर यह अधिकार दिया गया, कि तलवार, और अकाल, और मरी, और पृथ्वी के वन-पशुओं के द्वारा लोगों को मार डालें। (Hadēs g86)
dicentes amen benedictio et claritas et sapientia et gratiarum actio et honor et virtus et fortitudo Deo nostro in saecula saeculorum amen (aiōn g165)
“आमीन, हमारे परमेश्वर की स्तुति, महिमा, ज्ञान, धन्यवाद, आदर, सामर्थ्य, और शक्ति युगानुयुग बनी रहें। आमीन।” (aiōn g165)
et quintus angelus tuba cecinit et vidi stellam de caelo cecidisse in terram et data est illi clavis putei abyssi (Abyssos g12)
जब पाँचवें स्वर्गदूत ने तुरही फूँकी, तो मैंने स्वर्ग से पृथ्वी पर एक तारा गिरता हुआ देखा, और उसे अथाह कुण्ड की कुँजी दी गई। (Abyssos g12)
et aperuit puteum abyssi et ascendit fumus putei sicut fumus fornacis magnae et obscuratus est sol et aer de fumo putei (Abyssos g12)
उसने अथाह कुण्ड को खोला, और कुण्ड में से बड़ी भट्टी के समान धुआँ उठा, और कुण्ड के धुएँ से सूर्य और वायु अंधकारमय हो गए। (Abyssos g12)
et habebant super se regem angelum abyssi cui nomen hebraice Abaddon graece autem Apollyon et latine habet nomen Exterminans (Abyssos g12)
अथाह कुण्ड का दूत उन पर राजा था, उसका नाम इब्रानी में अबद्दोन, और यूनानी में अपुल्लयोन है। (Abyssos g12)
et iuravit per viventem in saecula saeculorum qui creavit caelum et ea quae in illo sunt et terram et ea quae in ea sunt et mare et quae in eo sunt quia tempus amplius non erit (aiōn g165)
और उसकी शपथ खाकर जो युगानुयुग जीवित है, और जिसने स्वर्ग को और जो कुछ उसमें है, और पृथ्वी को और जो कुछ उस पर है, और समुद्र को और जो कुछ उसमें है सृजा है उसी की शपथ खाकर कहा कि “अब और देर न होगी।” (aiōn g165)
et cum finierint testimonium suum bestia quae ascendit de abysso faciet adversus illos bellum et vincet eos et occidet illos (Abyssos g12)
जब वे अपनी गवाही दे चुकेंगे, तो वह पशु जो अथाह कुण्ड में से निकलेगा, उनसे लड़कर उन्हें जीतेगा और उन्हें मार डालेगा। (Abyssos g12)
et septimus angelus tuba cecinit et factae sunt voces magnae in caelo dicentes factum est regnum huius mundi Domini nostri et Christi eius et regnabit in saecula saeculorum (aiōn g165)
जब सातवें स्वर्गदूत ने तुरही फूँकी, तो स्वर्ग में इस विषय के बड़े-बड़े शब्द होने लगे: “जगत का राज्य हमारे प्रभु का और उसके मसीह का हो गया और वह युगानुयुग राज्य करेगा।” (aiōn g165)
et vidi alterum angelum volantem per medium caelum habentem evangelium aeternum ut evangelizaret sedentibus super terram et super omnem gentem et tribum et linguam et populum (aiōnios g166)
फिर मैंने एक और स्वर्गदूत को आकाश के बीच में उड़ते हुए देखा जिसके पास पृथ्वी पर के रहनेवालों की हर एक जाति, कुल, भाषा, और लोगों को सुनाने के लिये सनातन सुसमाचार था। (aiōnios g166)
et fumus tormentorum eorum in saecula saeculorum ascendit nec habent requiem die ac nocte qui adoraverunt bestiam et imaginem eius et si quis acceperit caracterem nominis eius (aiōn g165)
और उनकी पीड़ा का धुआँ युगानुयुग उठता रहेगा, और जो उस पशु और उसकी मूर्ति की पूजा करते हैं, और जो उसके नाम की छाप लेते हैं, उनको रात-दिन चैन न मिलेगा।” (aiōn g165)
et unus ex quattuor animalibus dedit septem angelis septem fialas aureas plenas iracundiae Dei viventis in saecula saeculorum (aiōn g165)
तब उन चारों प्राणियों में से एक ने उन सात स्वर्गदूतों को परमेश्वर के, जो युगानुयुग जीविता है, प्रकोप से भरे हुए सात सोने के कटोरे दिए। (aiōn g165)
bestiam quam vidisti fuit et non est et ascensura est de abysso et in interitum ibit et mirabuntur inhabitantes terram quorum non sunt scripta nomina in libro vitae a constitutione mundi videntes bestiam quia erat et non est (Abyssos g12)
जो पशु तूने देखा है, यह पहले तो था, पर अब नहीं है, और अथाह कुण्ड से निकलकर विनाश में पड़ेगा, और पृथ्वी के रहनेवाले जिनके नाम जगत की उत्पत्ति के समय से जीवन की पुस्तक में लिखे नहीं गए, इस पशु की यह दशा देखकर कि पहले था, और अब नहीं; और फिर आ जाएगा, अचम्भा करेंगे। (Abyssos g12)
et iterum dixerunt alleluia et fumus eius ascendit in saecula saeculorum (aiōn g165)
फिर दूसरी बार उन्होंने कहा, “हालेलूय्याह! उसके जलने का धुआँ युगानुयुग उठता रहेगा।” (aiōn g165)
et adprehensa est bestia et cum illo pseudopropheta qui fecit signa coram ipso quibus seduxit eos qui acceperunt caracterem bestiae qui et adorant imaginem eius vivi missi sunt hii duo in stagnum ignis ardentis sulphure (Limnē Pyr g3041 g4442)
और वह पशु और उसके साथ वह झूठा भविष्यद्वक्ता पकड़ा गया, जिसने उसके सामने ऐसे चिन्ह दिखाए थे, जिनके द्वारा उसने उनको भरमाया, जिन पर उस पशु की छाप थी, और जो उसकी मूर्ति की पूजा करते थे। ये दोनों जीते जी उस आग की झील में, जो गन्धक से जलती है, डाले गए। (Limnē Pyr g3041 g4442)
et vidi angelum descendentem de caelo habentem clavem abyssi et catenam magnam in manu sua (Abyssos g12)
फिर मैंने एक स्वर्गदूत को स्वर्ग से उतरते देखा; जिसके हाथ में अथाह कुण्ड की कुँजी, और एक बड़ी जंजीर थी। (Abyssos g12)
et misit eum in abyssum et clusit et signavit super illum ut non seducat amplius gentes donec consummentur mille anni post haec oportet illum solvi modico tempore (Abyssos g12)
और उसे अथाह कुण्ड में डालकर बन्द कर दिया और उस पर मुहर कर दी, कि वह हजार वर्ष के पूरे होने तक जाति-जाति के लोगों को फिर न भरमाए। इसके बाद अवश्य है कि थोड़ी देर के लिये फिर खोला जाए। (Abyssos g12)
et diabolus qui seducebat eos missus est in stagnum ignis et sulphuris ubi et bestia et pseudoprophetes et cruciabuntur die ac nocte in saecula saeculorum (aiōn g165, Limnē Pyr g3041 g4442)
और उनका भरमानेवाला शैतान आग और गन्धक की उस झील में, जिसमें वह पशु और झूठा भविष्यद्वक्ता भी होगा, डाल दिया जाएगा; और वे रात-दिन युगानुयुग पीड़ा में तड़पते रहेंगे। (aiōn g165, Limnē Pyr g3041 g4442)
et dedit mare mortuos qui in eo erant et mors et inferus dederunt mortuos qui in ipsis erant et iudicatum est de singulis secundum opera ipsorum (Hadēs g86)
और समुद्र ने उन मरे हुओं को जो उसमें थे दे दिया, और मृत्यु और अधोलोक ने उन मरे हुओं को जो उनमें थे दे दिया; और उनमें से हर एक के कामों के अनुसार उनका न्याय किया गया। (Hadēs g86)
et inferus et mors missi sunt in stagnum ignis haec mors secunda est stagnum ignis (Hadēs g86, Limnē Pyr g3041 g4442)
और मृत्यु और अधोलोक भी आग की झील में डाले गए। यह आग की झील तो दूसरी मृत्यु है। (Hadēs g86, Limnē Pyr g3041 g4442)
et qui non est inventus in libro vitae scriptus missus est in stagnum ignis (Limnē Pyr g3041 g4442)
और जिस किसी का नाम जीवन की पुस्तक में लिखा हुआ न मिला, वह आग की झील में डाला गया। (Limnē Pyr g3041 g4442)
timidis autem et incredulis et execratis et homicidis et fornicatoribus et veneficis et idolatris et omnibus mendacibus pars illorum erit in stagno ardenti igne et sulphure quod est mors secunda (Limnē Pyr g3041 g4442)
परन्तु डरपोकों, अविश्वासियों, घिनौनों, हत्यारों, व्यभिचारियों, टोन्हों, मूर्तिपूजकों, और सब झूठों का भाग उस झील में मिलेगा, जो आग और गन्धक से जलती रहती है: यह दूसरी मृत्यु है।” (Limnē Pyr g3041 g4442)
et nox ultra non erit et non egebunt lumine lucernae neque lumine solis quoniam Dominus Deus inluminat illos et regnabunt in saecula saeculorum (aiōn g165)
और फिर रात न होगी, और उन्हें दीपक और सूर्य के उजियाले की आवश्यकता न होगी, क्योंकि प्रभु परमेश्वर उन्हें उजियाला देगा, और वे युगानुयुग राज्य करेंगे। (aiōn g165)
Questioned verse translations do not contain Aionian Glossary words, but may wrongly imply eternal or Hell
nisi quia Dominus adiuvit me paulo minus habitavit in inferno anima mea (questioned)
non mortui laudabunt te Domine neque omnes qui descendunt in infernum (questioned)
hoc est pessimum inter omnia quae sub sole fiunt quia eadem cunctis eveniunt unde et corda filiorum hominum implentur malitia et contemptu in vita sua et post haec ad inferos deducentur (questioned)
quem Deus suscitavit solutis doloribus inferni iuxta quod inpossibile erat teneri illum ab eo (questioned)

LVJ > Aionian Verses: 264, Questioned: 4
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