< Leviticus 16 >
1 locutusque est Dominus ad Mosen post mortem duum filiorum Aaron quando offerentes ignem alienum interfecti sunt
और हारून के दो बेटों की वफ़ात के बाद जब वह ख़ुदावन्द के नज़दीक आए और मर गए।
2 et praecepit ei dicens loquere ad Aaron fratrem tuum ne omni tempore ingrediatur sanctuarium quod est intra velum coram propitiatorio quo tegitur arca ut non moriatur quia in nube apparebo super oraculum
ख़ुदावन्द मूसा से हम कलाम हुआ; और ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा, अपने भाई हारून से कह कि वह हर वक़्त पर्दे के अन्दर के पाकतरीन मक़ाम में सरपोश के पास जो सन्दूक के ऊपर है न आया करे, ताकि वह मर न जाए; क्यूँकि मैं सरपोश पर बादल में दिखाई दूँगा।
3 nisi haec ante fecerit vitulum offeret pro peccato et arietem in holocaustum
और हारून पाकतरीन मक़ाम में इस तरह आए कि ख़ता की क़ुर्बानी के लिए एक बछड़ा और सोख़्तनी क़ुर्बानी के लिए एक मेंढा लाए।
4 tunica linea vestietur feminalibus lineis verecunda celabit accingetur zona linea cidarim lineam inponet capiti haec enim vestimenta sunt sancta quibus cunctis cum lotus fuerit induetur
और वह कतान का पाक कुरता पहने, और उसके तन पर कतान का पाजामा हो, और कतान के कमरबन्द से उसकी कमर कसी हुई हो, और कतान ही का 'अमामा उसके सिर पर बँधा हो; यह पाक लिबास हैं और वह इन को पानी से नहा कर पहने
5 suscipietque ab universa multitudine filiorum Israhel duos hircos pro peccato et unum arietem in holocaustum
और बनी — इस्राईल की जमा'अत से ख़ता की क़ुर्बानी के लिए दो बकरे और सोख़्तनी क़ुर्बानी के लिए एक मेंढा ले।
6 cumque obtulerit vitulum et oraverit pro se et pro domo sua
और हारून ख़ता की क़ुर्बानी के बछड़े को जो उसकी तरफ़ से है पेश कर अपने और अपने घर के लिए कफ़्फ़ारा दे।
7 duos hircos stare faciet coram Domino in ostio tabernaculi testimonii
फिर उन दोनों बकरों को लेकर उन को ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के दरवाज़े पर ख़ुदावन्द के सामने खड़ा करे।
8 mittens super utrumque sortem unam Domino et alteram capro emissario
और हारून उन दोनों बकरों पर चिट्ठियाँ डाले, एक चिट्ठी ख़ुदावन्द के लिए और दूसरी 'अज़ाज़ेल के लिए हो।
9 cuius sors exierit Domino offeret illum pro peccato
और जिस बकरे पर ख़ुदावन्द के नाम की चिट्ठी निकले उसे हारून लेकर ख़ता की क़ुर्बानी के लिए अदा करे;
10 cuius autem in caprum emissarium statuet eum vivum coram Domino ut fundat preces super eo et emittat illum in solitudinem
लेकिन जिस बकरे पर 'अज़ाज़ेल के नाम की चिट्ठी निकले वह ख़ुदावन्द के सामने ज़िन्दा खड़ा किया जाए, ताकि उससे कफ़्फ़ारा दिया जाए और वह 'अज़ाज़ेल के लिए वीराने में छोड़ दिया जाए।
11 his rite celebratis offeret vitulum et rogans pro se et pro domo sua immolabit eum
“और हारून ख़ता की क़ुर्बानी के बछड़े की जो उस की तरफ़ से है, आगे लाकर अपने और अपने घर के लिए कफ़्फ़ारा दे, और उस बछड़े को जो उस की तरफ़ से ख़ता की क़ुर्बानी के लिए है ज़बह करे।
12 adsumptoque turibulo quod de prunis altaris impleverit et hauriens manu conpositum thymiama in incensum ultra velum intrabit in sancta
और वह एक ख़ुशबूदान को ले जिसमें ख़ुदावन्द के मज़बह पर की आग के अंगारे भर हों और अपनी मुठ्ठियाँ बारीक ख़ुशबूदार ख़ुशबू से भर ले और उसे पर्दे के अन्दर लाए
13 ut positis super ignem aromatibus nebula eorum et vapor operiat oraculum quod est super testimonium et non moriatur
और उस ख़ुशबू को ख़ुदावन्द के सामने आग में डाले, ताकि ख़ुशबू का धुआँ सरपोश को जो शहादत के सन्दूक के ऊपर है छिपा ले, कि वह हलाक न हो।
14 tollet quoque de sanguine vituli et asperget digito septies contra propitiatorium ad orientem
फिर वह उस बछड़े का कुछ ख़ून लेकर उसे अपनी उँगली से पूरब की तरफ़ सरपोश के ऊपर छिड़के, और सरपोश के आगे भी कुछ ख़ून अपनी उँगली से सात बार छिड़के।
15 cumque mactaverit hircum pro peccato populi inferet sanguinem eius intra velum sicut praeceptum est de sanguine vituli ut aspergat e regione oraculi
फिर वह ख़ता की क़ुर्बानी के उस बकरे को ज़बह करे जो जमा'अत की तरफ़ से है और उसके ख़ून को पर्दे के अन्दर लाकर जो कुछ उसने बछड़े के ख़ून से किया था वही इससे भी करे, और उसे सरपोश के ऊपर और उसके सामने छिड़के।
16 et expiet sanctuarium ab inmunditiis filiorum Israhel et a praevaricationibus eorum cunctisque peccatis iuxta hunc ritum faciet tabernaculo testimonii quod fixum est inter eos in medio sordium habitationis eorum
और बनी — इस्राईल की सारी नापाकियों, और गुनाहों, और ख़ताओं की वजह से पाकतरीन मक़ाम के लिए कफ़्फ़ारा दे; और ऐसा ही वह ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के लिए भी करे जो उनके साथ उन की नापाकियों के बीच रहता है।
17 nullus hominum sit in tabernaculo quando pontifex ingreditur sanctuarium ut roget pro se et pro domo sua et pro universo coetu Israhel donec egrediatur
और जब वह कफ़्फ़ारा देने को पाकतरीन मक़ाम के अन्दर जाए, तो जब तक वह अपने और अपने घराने और बनी — इस्राईल की सारी जमा'अत के लिए कफ़्फ़ारा देकर बाहर न आ जाए उस वक़्त तक कोई आदमी ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के अन्दर न रहे
18 cum autem exierit ad altare quod coram Domino est oret pro se et sumptum sanguinem vituli atque hirci fundat super cornua eius per gyrum
फिर वह निकल कर उस मज़बह के पास जो ख़ुदावन्द के सामने है जाए और उसके लिए कफ़्फ़ारा दे, और उस बछड़े और बकरे का थोड़ा — थोड़ा सा ख़ून लेकर मज़बह के सींगों पर चारों तरफ़ लगाए;
19 aspergensque digito septies expiet et sanctificet illud ab inmunditiis filiorum Israhel
और कुछ ख़ून उसके ऊपर सात बार अपनी उँगली से छिड़के और उसे बनी — इस्राईल की नापाकियों से पाक और पाक करे।
20 postquam emundarit sanctuarium et tabernaculum et altare tunc offerat hircum viventem
और जब वह पाकतरीन मक़ाम और ख़ेमा — ए — इजितमा'अ और मज़बह के लिए कफ़्फ़ारा दे चुके तो उस ज़िन्दा बकरे को आगे लाए;
21 et posita utraque manu super caput eius confiteatur omnes iniquitates filiorum Israhel et universa delicta atque peccata eorum quae inprecans capiti eius emittet illum per hominem paratum in desertum
और हारून अपने दोनों हाथ उस ज़िन्दा बकरे के सिर पर रख कर उसके ऊपर बनी — इस्राईल की सब बदकारियों, और उनके सब गुनाहों, और ख़ताओं का इक़रार करे और उन को उस बकरे के सिर पर धर कर उसे किसी शख़्स के हाथ जो इस काम के लिए तैयार ही वीरान में भिजवा दे।
22 cumque portaverit hircus omnes iniquitates eorum in terram solitariam et dimissus fuerit in deserto
और वह बकरा उनकी सब बदकारियाँ अपने ऊपर लादे हुए किसी वीरान में ले जाएगा, इसलिए वह उस बकरे को वीराने में छोड़े दे।
23 revertetur Aaron in tabernaculum testimonii et depositis vestibus quibus prius indutus erat cum intraret sanctuarium relictisque ibi
“फिर हारून ख़ेमा — ए — इजितमा'अ में आकर कतान के सारे लिबास को जिसे उसने पाकतरीन मक़ाम में जाते वक़्त पहना था उतारे और उसकी वहीं रहने दे।
24 lavabit carnem suam in loco sancto indueturque vestimentis suis et postquam egressus obtulerit holocaustum suum ac plebis rogabit tam pro se quam pro populo
फिर वह किसी पाक जगह में पानी से ग़ुस्ल करके अपने कपड़े पहन ले, और बाहर आ कर अपनी सोख़्तनी क़ुर्बानी और जमा'त की सोख़्तनी क़ुर्बानी पेश करे और अपने लिए और जमा'अत के लिए कफ़्फ़ारा दे।
25 et adipem qui oblatus est pro peccatis adolebit super altare
और ख़ता की क़ुर्बानी की चर्बी को मज़बह पर जलाए।
26 ille vero qui dimiserit caprum emissarium lavabit vestimenta sua et corpus aqua et sic ingredietur in castra
और जो आदमी बकरे को 'अज़ाज़ेल के लिए छोड़ कर आए, वह अपने कपड़े धोए और पानी से नहाए, इसके बाद वह लश्करगाह में दाख़िल हो।
27 vitulum autem et hircum qui pro peccato fuerant immolati et quorum sanguis inlatus est ut in sanctuario expiatio conpleretur asportabunt foras castra et conburent igni tam pelles quam carnes eorum et fimum
और ख़ता की क़ुर्बानी के बछड़े को और ख़ता की क़ुर्बानी के बकरे को जिन का ख़ून पाकतरीन मक़ाम में कफ़्फ़ारे के लिए पहुँचाया जाए, उन को वह लश्करगाह से बाहर ले जाएँ, और उनकी खाल और गोश्त और फुज़लात को आग में जला दें:
28 et quicumque conbuserit ea lavabit vestimenta sua et carnem aqua et sic ingredietur in castra
और जो उन को जलाए वह अपने कपड़े धोए और पानी से ग़ुस्ल करे, उसके बाद वह लश्करगाह में दाख़िल हो।
29 eritque hoc vobis legitimum sempiternum mense septimo decima die mensis adfligetis animas vestras nullumque facietis opus sive indigena sive advena qui peregrinatur inter vos
“और यह तुम्हारे लिए एक हमेशा का क़ानून हो कि सातवें महीने की दसवीं तारीख़ को तुम अपनी अपनी जान को दुख देना, और उस दिन कोई चाहे वह देसी हो या परदेसी जो तुम्हारे बीच बूद — ओ — बाश रखता हो किसी तरह का काम न करे;
30 in hac die expiatio erit vestri atque mundatio ab omnibus peccatis vestris coram Domino mundabimini
क्यूँकि उस रोज़ तुम्हारे लिए तुम को पाक करने के लिए कफ़्फ़ारा दिया जाएगा, इसलिए तुम अपने सब गुनाहों से ख़ुदावन्द के सामने पाक ठहरोगे।
31 sabbatum enim requietionis est et adfligetis animas vestras religione perpetua
यह तुम्हारे लिए ख़ास आराम का सबत होगा। तुम उस दिन अपनी अपनी जान को दुख देना; यह हमेशा का क़ानून है।
32 expiabit autem sacerdos qui unctus fuerit et cuius initiatae manus ut sacerdotio fungatur pro patre suo indueturque stola linea et vestibus sanctis
और जो अपने बाप की जगह काहिन होने के लिए मसह और मख़्सूस किया जाए, वह काहिन कफ़्फ़ारा दिया करे; या'नी कतान के पाक लिबास को पहनकर
33 et expiabit sanctuarium et tabernaculum testimonii atque altare sacerdotes quoque et universum populum
वह हैकल के लिए कफ़्फ़ारा दे, और ख़ेमा — ए — इजितमा'अ और मज़बह के लिए कफ़्फ़ारा दे, और काहिनों और जमा'अत के सब लोगों के लिए कफ़्फ़ारा दे।
34 eritque hoc vobis legitimum sempiternum ut oretis pro filiis Israhel et pro cunctis peccatis eorum semel in anno fecit igitur sicut praeceperat Dominus Mosi
इसलिए यह तुम्हारे लिए एक हमेशा क़ानून हो कि तुम बनी — इस्राईल के लिए साल में एक दफ़ा' उनके सब गुनाहों का कफ़्फ़ारा दो।” और उसने जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा को हुक्म दिया था वैसा ही किया।