< Iosue 10 >

1 quae cum audisset Adonisedec rex Hierusalem quod scilicet cepisset Iosue Ahi et subvertisset eam sicut enim fecerat Hiericho et regi eius sic fecit Ahi et regi illius et quod transfugissent Gabaonitae ad Israhel et essent foederati eorum
जब यरूशलेम के राजा अदोनीसेदेक ने सुना कि यहोशू ने आई को ले लिया, और उसका सत्यानाश कर डाला है, और जैसा उसने यरीहो और उसके राजा से किया था वैसा ही आई और उसके राजा से भी किया है, और यह भी सुना कि गिबोन के निवासियों ने इस्राएलियों से मेल किया, और उनके बीच रहने लगे हैं,
2 timuit valde urbs enim magna erat Gabaon et una regalium civitatum et maior oppido Ahi omnesque bellatores eius fortissimi
तब वे बहुत डर गए, क्योंकि गिबोन बड़ा नगर वरन् राजनगर के तुल्य और आई से बड़ा था, और उसके सब निवासी शूरवीर थे।
3 misit ergo Adonisedec rex Hierusalem ad Oham regem Hebron et ad Pharam regem Hieremoth ad Iaphie quoque regem Lachis et ad Dabir regem Eglon dicens
इसलिए यरूशलेम के राजा अदोनीसेदेक ने हेब्रोन के राजा होहाम, यर्मूत के राजा पिराम, लाकीश के राजा यापी, और एग्लोन के राजा दबीर के पास यह कहला भेजा,
4 ascendite ad me et ferte praesidium ut expugnemus Gabaon quare transfugerit ad Iosue et filios Israhel
“मेरे पास आकर मेरी सहायता करो, और चलो हम गिबोन को मारें; क्योंकि उसने यहोशू और इस्राएलियों से मेल कर लिया है।”
5 congregati igitur ascenderunt quinque reges Amorreorum rex Hierusalem rex Hebron rex Hieremoth rex Lachis rex Eglon simul cum exercitibus suis et castrametati sunt circa Gabaon obpugnantes eam
इसलिए यरूशलेम, हेब्रोन, यर्मूत, लाकीश, और एग्लोन के पाँचों एमोरी राजाओं ने अपनी-अपनी सारी सेना इकट्ठी करके चढ़ाई कर दी, और गिबोन के सामने डेरे डालकर उससे युद्ध छेड़ दिया।
6 habitatores autem Gabaon urbis obsessae miserunt ad Iosue qui tunc morabatur in castris apud Galgalam et dixerunt ei ne retrahas manus tuas ab auxilio servorum tuorum ascende cito et libera nos ferque praesidium convenerunt enim adversum nos omnes reges Amorreorum qui habitant in montanis
तब गिबोन के निवासियों ने गिलगाल की छावनी में यहोशू के पास यह कहला भेजा, “अपने दासों की ओर से तू अपना हाथ न हटाना; शीघ्र हमारे पास आकर हमें बचा ले, और हमारी सहायता कर; क्योंकि पहाड़ पर रहनेवाले एमोरियों के सब राजा हमारे विरुद्ध इकट्ठे हुए हैं।”
7 ascenditque Iosue de Galgalis et omnis exercitus bellatorum cum eo viri fortissimi
तब यहोशू सारे योद्धाओं और सब शूरवीरों को संग लेकर गिलगाल से चल पड़ा।
8 dixitque Dominus ad Iosue ne timeas eos in manus enim tuas tradidi illos nullus tibi ex eis resistere poterit
और यहोवा ने यहोशू से कहा, “उनसे मत डर, क्योंकि मैंने उनको तेरे हाथ में कर दिया है; उनमें से एक पुरुष भी तेरे सामने टिक न सकेगा।”
9 inruit itaque Iosue super eos repente tota ascendens nocte de Galgalis
तब यहोशू रातों-रात गिलगाल से जाकर एकाएक उन पर टूट पड़ा।
10 et conturbavit eos Dominus a facie Israhel contrivitque plaga magna in Gabaon ac persecutus est per viam ascensus Bethoron et percussit usque Azeca et Maceda
१०तब यहोवा ने ऐसा किया कि वे इस्राएलियों से घबरा गए, और इस्राएलियों ने गिबोन के पास उनका बड़ा संहार किया, और बेथोरोन के चढ़ाई पर उनका पीछा करके अजेका और मक्केदा तक उनको मारते गए।
11 cumque fugerent filios Israhel et essent in descensu Bethoron Dominus misit super eos lapides magnos de caelo usque Azeca et mortui sunt multo plures lapidibus grandinis quam quos gladio percusserant filii Israhel
११फिर जब वे इस्राएलियों के सामने से भागकर बेथोरोन की उतराई पर आए, तब अजेका पहुँचने तक यहोवा ने आकाश से बड़े-बड़े पत्थर उन पर बरसाएँ, और वे मर गए; जो ओलों से मारे गए उनकी गिनती इस्राएलियों की तलवार से मारे हुओं से अधिक थी।
12 tunc locutus est Iosue Domino in die qua tradidit Amorreum in conspectu filiorum Israhel dixitque coram eis sol contra Gabaon ne movearis et luna contra vallem Ahialon
१२उस समय, अर्थात् जिस दिन यहोवा ने एमोरियों को इस्राएलियों के वश में कर दिया, उस दिन यहोशू ने यहोवा से इस्राएलियों के देखते इस प्रकार कहा, “हे सूर्य, तू गिबोन पर, और हे चन्द्रमा, तू अय्यालोन की तराई के ऊपर थमा रह।”
13 steteruntque sol et luna donec ulcisceretur se gens de inimicis suis nonne scriptum est hoc in libro Iustorum stetit itaque sol in medio caeli et non festinavit occumbere spatio unius diei
१३और सूर्य उस समय तक थमा रहा; और चन्द्रमा उस समय तक ठहरा रहा, जब तक उस जाति के लोगों ने अपने शत्रुओं से बदला न लिया। क्या यह बात याशार नामक पुस्तक में नहीं लिखी है कि सूर्य आकाशमण्डल के बीचोबीच ठहरा रहा, और लगभग चार पहर तक न डूबा?
14 non fuit ante et postea tam longa dies oboediente Domino voci hominis et pugnante pro Israhel
१४न तो उससे पहले कोई ऐसा दिन हुआ और न उसके बाद, जिसमें यहोवा ने किसी पुरुष की सुनी हो; क्योंकि यहोवा तो इस्राएल की ओर से लड़ता था।
15 reversusque est Iosue cum omni Israhel in castra Galgalae
१५तब यहोशू सारे इस्राएलियों समेत गिलगाल की छावनी को लौट गया।
16 fugerant enim quinque reges et se absconderant in spelunca urbis Maceda
१६वे पाँचों राजा भागकर मक्केदा के पास की गुफा में जा छिपे।
17 nuntiatumque est Iosue quod inventi essent quinque reges latentes in spelunca Maceda
१७तब यहोशू को यह समाचार मिला, “पाँचों राजा मक्केदा के पास की गुफा में छिपे हुए हमें मिले हैं।”
18 qui praecepit sociis et ait volvite saxa ingentia ad os speluncae et ponite viros industrios qui clausos custodiant
१८यहोशू ने कहा, “गुफा के मुँह पर बड़े-बड़े पत्थर लुढ़काकर उनकी देख-भाल के लिये मनुष्यों को उसके पास बैठा दो;
19 vos autem nolite stare sed persequimini hostes et extremos quosque fugientium caedite ne dimittatis eos urbium suarum intrare praesidia quos tradidit Dominus Deus in manus vestras
१९परन्तु तुम मत ठहरो, अपने शत्रुओं का पीछा करके उनमें से जो-जो पिछड़ गए हैं उनको मार डालो, उन्हें अपने-अपने नगर में प्रवेश करने का अवसर न दो; क्योंकि तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने उनको तुम्हारे हाथ में कर दिया है।”
20 caesis igitur adversariis plaga magna et usque ad internicionem paene consumptis hii qui Israhel effugere potuerunt ingressi sunt civitates munitas
२०जब यहोशू और इस्राएली उनका संहार करके उन्हें नाश कर चुके, और उनमें से जो बच गए वे अपने-अपने गढ़वाले नगर में घुस गए,
21 reversusque est omnis exercitus ad Iosue in Maceda ubi tunc erant castra sani et integro numero nullusque contra filios Israhel muttire ausus est
२१तब सब लोग मक्केदा की छावनी को यहोशू के पास कुशल क्षेम से लौट आए; और इस्राएलियों के विरुद्ध किसी ने जीभ तक न हिलाई।
22 praecepitque Iosue dicens aperite os speluncae et producite ad me quinque reges qui in ea latitant
२२तब यहोशू ने आज्ञा दी, “गुफा का मुँह खोलकर उन पाँचों राजाओं को मेरे पास निकाल ले आओ।”
23 fecerunt ministri ut sibi fuerat imperatum et eduxerunt ad eum quinque reges de spelunca regem Hierusalem regem Hebron regem Hieremoth regem Lachis regem Eglon
२३उन्होंने ऐसा ही किया, और यरूशलेम, हेब्रोन, यर्मूत, लाकीश, और एग्लोन के उन पाँचों राजाओं को गुफा में से उसके पास निकाल ले आए।
24 cumque educti essent ad eum vocavit omnes viros Israhel et ait ad principes exercitus qui secum erant ite et ponite pedes super colla regum istorum qui cum perrexissent et subiectorum pedibus colla calcarent
२४जब वे उन राजाओं को यहोशू के पास निकाल ले आए, तब यहोशू ने इस्राएल के सब पुरुषों को बुलाकर अपने साथ चलनेवाले योद्धाओं के प्रधानों से कहा, “निकट आकर अपने-अपने पाँव इन राजाओं की गर्दनों पर रखो” और उन्होंने निकट जाकर अपने-अपने पाँव उनकी गर्दनों पर रखे।
25 rursum ait ad eos nolite timere nec paveatis confortamini et estote robusti sic enim faciet Dominus cunctis hostibus vestris adversum quos dimicatis
२५तब यहोशू ने उनसे कहा, “डरो मत, और न तुम्हारा मन कच्चा हो; हियाव बाँधकर दृढ़ हो; क्योंकि यहोवा तुम्हारे सब शत्रुओं से जिनसे तुम लड़नेवाले हो ऐसा ही करेगा।”
26 percussitque Iosue et interfecit eos atque suspendit super quinque stipites fueruntque suspensi usque ad vesperum
२६इसके बाद यहोशू ने उनको मरवा डाला, और पाँच वृक्षों पर लटका दिया। और वे साँझ तक उन वृक्षों पर लटके रहे।
27 cumque occumberet sol praecepit sociis ut deponerent eos de patibulis qui depositos proiecerunt in speluncam in qua latuerant et posuerunt super os eius saxa ingentia quae permanent usque in praesens
२७सूर्य डूबते-डूबते यहोशू से आज्ञा पाकर लोगों ने उन्हें उन वृक्षों पर से उतार के उसी गुफा में जहाँ वे छिप गए थे डाल दिया, और उस गुफा के मुँह पर बड़े-बड़े पत्थर रख दिए, वे आज तक वहीं रखे हुए हैं।
28 eodem die Macedam quoque cepit Iosue et percussit in ore gladii regemque illius interfecit et omnes habitatores eius non dimisit in ea saltim parvas reliquias fecitque regi Maceda sicut fecerat regi Hiericho
२८उसी दिन यहोशू ने मक्केदा को ले लिया, और उसको तलवार से मारा, और उसके राजा का सत्यानाश किया; और जितने प्राणी उसमें थे उन सभी में से किसी को जीवित न छोड़ा; और जैसा उसने यरीहो के राजा के साथ किया था वैसा ही मक्केदा के राजा से भी किया।
29 transivit cum omni Israhel de Maceda in Lebna et pugnabat contra eam
२९तब यहोशू सब इस्राएलियों समेत मक्केदा से चलकर लिब्ना को गया, और लिब्ना से लड़ा;
30 quam tradidit Dominus cum rege suo in manu Israhel percusseruntque urbem in ore gladii et omnes habitatores eius non dimiserunt in ea ullas reliquias feceruntque regi Lebna sicut fecerant regi Hiericho
३०और यहोवा ने उसको भी राजा समेत इस्राएलियों के हाथ में कर दिया; और यहोशू ने उसको और उसमें के सब प्राणियों को तलवार से मारा; और उसमें से किसी को भी जीवित न छोड़ा; और उसके राजा से वैसा ही किया जैसा उसने यरीहो के राजा के साथ किया था।
31 de Lebna transivit in Lachis et exercitu per gyrum disposito obpugnabat eam
३१फिर यहोशू सब इस्राएलियों समेत लिब्ना से चलकर लाकीश को गया, और उसके विरुद्ध छावनी डालकर लड़ा;
32 tradiditque Dominus Lachis in manu Israhel et cepit eam die altero atque percussit in ore gladii omnemque animam quae fuerat in ea sicut fecerat Lebna
३२और यहोवा ने लाकीश को इस्राएल के हाथ में कर दिया, और दूसरे दिन उसने उसको जीत लिया; और जैसा उसने लिब्ना के सब प्राणियों को तलवार से मारा था वैसा ही उसने लाकीश से भी किया।
33 eo tempore ascendit Hiram rex Gazer ut auxiliaretur Lachis quem percussit Iosue cum omni populo eius usque ad internicionem
३३तब गेजेर का राजा होराम लाकीश की सहायता करने को चढ़ आया; और यहोशू ने प्रजा समेत उसको भी ऐसा मारा कि उसके लिये किसी को जीवित न छोड़ा।
34 transivitque de Lachis in Eglon et circumdedit
३४फिर यहोशू ने सब इस्राएलियों समेत लाकीश से चलकर एग्लोन को गया; और उसके विरुद्ध छावनी डालकर युद्ध करने लगा;
35 atque expugnavit eam eadem die percussitque in ore gladii omnes animas quae erant in ea iuxta omnia quae fecerat Lachis
३५और उसी दिन उन्होंने उसको ले लिया, और उसको तलवार से मारा; और उसी दिन जैसा उसने लाकीश के सब प्राणियों का सत्यानाश कर डाला था वैसा ही उसने एग्लोन से भी किया।
36 ascendit quoque cum omni Israhele de Eglon in Hebron et pugnavit contra eam
३६फिर यहोशू सब इस्राएलियों समेत एग्लोन से चलकर हेब्रोन को गया, और उससे लड़ने लगा;
37 cepitque et percussit in ore gladii regem quoque eius et omnia oppida regionis illius universasque animas quae in ea fuerant commoratae non reliquit in ea ullas reliquias sicut fecerat Eglon sic fecit et Hebron cuncta quae in ea repperit consumens gladio
३७और उन्होंने उसे ले लिया, और उसको और उसके राजा और सब गाँवों को और उनमें के सब प्राणियों को तलवार से मारा; जैसा यहोशू ने एग्लोन से किया था वैसा ही उसने हेब्रोन में भी किसी को जीवित न छोड़ा; उसने उसको और उसमें के सब प्राणियों का सत्यानाश कर डाला।
38 inde reversus in Dabir
३८तब यहोशू सब इस्राएलियों समेत घूमकर दबीर को गया, और उससे लड़ने लगा;
39 cepit eam atque vastavit regem quoque eius et omnia per circuitum oppida percussit in ore gladii non dimisit in ea ullas reliquias sicut fecerat Hebron et Lebna et regibus earum sic fecit Dabir et regi illius
३९और राजा समेत उसे और उसके सब गाँवों को ले लिया; और उन्होंने उनको तलवार से घात किया, और जितने प्राणी उनमें थे सब का सत्यानाश कर डाला; किसी को जीवित न छोड़ा, जैसा यहोशू ने हेब्रोन और लिब्ना और उसके राजा से किया था वैसा ही उसने दबीर और उसके राजा से भी किया।
40 percussit itaque Iosue omnem terram montanam et meridianam atque campestrem et Asedoth cum regibus suis non dimisit in ea ullas reliquias sed omne quod spirare poterat interfecit sicut praeceperat ei Dominus Deus Israhel
४०इसी प्रकार यहोशू ने उस सारे देश को, अर्थात् पहाड़ी देश, दक्षिण देश, नीचे के देश, और ढालू देश को, उनके सब राजाओं समेत मारा; और इस्राएल के परमेश्वर यहोवा की आज्ञा के अनुसार किसी को जीवित न छोड़ा, वरन् जितने प्राणी थे सभी का सत्यानाश कर डाला।
41 a Cadesbarne usque Gazam omnem terram Gosen usque Gabaon
४१और यहोशू ने कादेशबर्ने से ले गाज़ा तक, और गिबोन तक के सारे गोशेन देश के लोगों को मारा।
42 universos reges et regiones eorum uno cepit impetu atque vastavit Dominus enim Deus Israhel pugnabat pro eo
४२इन सब राजाओं को उनके देशों समेत यहोशू ने एक ही समय में ले लिया, क्योंकि इस्राएल का परमेश्वर यहोवा इस्राएलियों की ओर से लड़ता था।
43 reversusque est cum omni Israhele ad locum castrorum in Galgala
४३तब यहोशू सब इस्राएलियों समेत गिलगाल की छावनी में लौट आया।

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