< Isaiæ 35 >
1 laetabitur deserta et invia et exultabit solitudo et florebit quasi lilium
जंगल और वीराना शादमान होंगे दश्त ख़ुशी करेगा और नरगिस की तरह शगुफ़्ता होगा।
2 germinans germinabit et exultabit laetabunda et laudans gloria Libani data est ei decor Carmeli et Saron ipsi videbunt gloriam Domini et decorem Dei nostri
उसमें कसरत से कलियाँ निकलेंगी, वह शादमानी से गा कर ख़ुशी करेगा। लुबनान की शौकत और कर्मिल और शारून की ज़ीनत उसे दी जाएगी; वह ख़ुदावन्द का जलाल और हमारे ख़ुदा की हश्मत देखेंगे।
3 confortate manus dissolutas et genua debilia roborate
कमज़ोर हाथों को ताक़त और नातवान घुटनों को तवानाई दो।
4 dicite pusillanimis confortamini nolite timere ecce Deus vester ultionem adducet retributionis Deus ipse veniet et salvabit vos
उनको जो घबराने वाले हैं कहो, हिम्मत बांधो मत डरो देखो तुम्हारा ख़ुदा सज़ा और जज़ा लिए आता है। हाँ, ख़ुदा ही आएगा और तुम को बचाएगा।
5 tunc aperientur oculi caecorum et aures surdorum patebunt
उस वक़्त अन्धों की आँखें खोली जायेगी और बहरों के कान खोले जाएँगे।
6 tunc saliet sicut cervus claudus et aperta erit lingua mutorum quia scissae sunt in deserto aquae et torrentes in solitudine
तब लंगड़े हिरन की तरह चौकड़ियाँ भरेंगे और गूँगे की ज़बान गाएगी क्यूँकि वीरान में पानी और दश्त में नदियाँ फूट निकलेंगी।
7 et quae erat arida in stagnum et sitiens in fontes aquarum in cubilibus in quibus prius dracones habitabant orietur viror calami et iunci
बल्कि सराब तालाब हो जाएगा और प्यासी ज़मीन चश्मा बन जाएगी; गीदड़ों की मान्दों में जहाँ वह पड़े थे ने और नल का ठिकाना होगा।
8 et erit ibi semita et via et via sancta vocabitur non transibit per eam pollutus et haec erit nobis directa via ita ut stulti non errent per eam
और वहाँ एक शाहराह और गुज़रगाह होगी जो पाक राह कहलाएगी; जिससे कोई नापाक गुज़र न करेगा लेकिन ये मुसाफ़िरों के लिए होगी, बेवक़ूफ़ भी उसमें गुमराह न होंगे।
9 non erit ibi leo et mala bestia non ascendet per eam nec invenietur ibi et ambulabunt qui liberati fuerint
वहाँ शेर बबर न होगा और न कोई दरिन्दा उस पर चढ़ेगा न वहाँ पाया जाएगा; लेकिन जिनका फ़िदया दिया गया वहाँ सैर करेंगे।
10 et redempti a Domino convertentur et venient in Sion cum laude et laetitia sempiterna super caput eorum gaudium et laetitiam obtinebunt et fugiet dolor et gemitus
और जिनको ख़ुदावन्द ने मख़लसी बख़्शी लौटेंगे और सिय्यून में गाते हुए आएँगे, और हमेशा सुरूर उनके सिरों पर होगा वह ख़ुशी और शादमानी हासिल करेंगे, और ग़म व अंदोह काफू़र हो जाएँगे।