< Osee Propheta 5 >
1 audite hoc sacerdotes et adtendite domus Israhel et domus regis auscultate quia vobis iudicium est quoniam laqueus facti estis speculationi et rete expansum super Thabor
१हे याजकों, यह बात सुनो! हे इस्राएल के घराने, ध्यान देकर सुनो! हे राजा के घराने, तुम भी कान लगाओ! क्योंकि तुम्हारा न्याय किया जाएगा; क्योंकि तुम मिस्पा में फंदा, और ताबोर पर लगाया हुआ जाल बन गए हो।
2 et victimas declinastis in profundum et ego eruditor omnium eorum
२उन बिगड़े हुओं ने घोर हत्या की है, इसलिए मैं उन सभी को ताड़ना दूँगा।
3 ego scio Ephraim et Israhel non est absconditus a me quia nunc fornicatus est Ephraim contaminatus est Israhel
३मैं एप्रैम का भेद जानता हूँ, और इस्राएल की दशा मुझसे छिपी नहीं है; हे एप्रैम, तूने छिनाला किया, और इस्राएल अशुद्ध हुआ है।
4 non dabunt cogitationes suas ut revertantur ad Dominum suum quia spiritus fornicationis in medio eorum et Dominum non cognoverunt
४उनके काम उन्हें अपने परमेश्वर की ओर फिरने नहीं देते, क्योंकि छिनाला करनेवाली आत्मा उनमें रहती है; और वे यहोवा को नहीं जानते हैं।
5 et respondebit arrogantia Israhel in facie eius et Israhel et Ephraim ruent in iniquitate sua ruet etiam Iudas cum eis
५इस्राएल का गर्व उसी के विरुद्ध साक्षी देता है, और इस्राएल और एप्रैम अपने अधर्म के कारण ठोकर खाएँगे, और यहूदा भी उनके संग ठोकर खाएगा।
6 in gregibus suis et in armentis suis vadent ad quaerendum Dominum et non invenient ablatus est ab eis
६वे अपनी भेड़-बकरियाँ और गाय-बैल लेकर यहोवा को ढूँढ़ने चलेंगे, परन्तु वह उनको न मिलेगा; क्योंकि वह उनसे दूर हो गया है।
7 in Domino praevaricati sunt quia filios alienos genuerunt nunc devorabit eos mensis cum partibus suis
७वे व्यभिचार के लड़के जने हैं; इससे उन्होंने यहोवा का विश्वासघात किया है। इस कारण अब चाँद उनका और उनके भागों के नाश का कारण होगा।
8 clangite bucina in Gabaa tuba in Rama ululate in Bethaven post tergum tuum Beniamin
८गिबा में नरसिंगा, और रामाह में तुरही फूँको। बेतावेन में ललकार कर कहो; हे बिन्यामीन, आगे बढ़!
9 Ephraim in desolatione erit in die correptionis in tribubus Israhel ostendi fidem
९दण्ड के दिन में एप्रैम उजाड़ हो जाएगा; जिस बात का होना निश्चित है, मैंने उसी का सन्देश इस्राएल के सब गोत्रों को दिया है।
10 facti sunt principes Iuda quasi adsumentes terminum super eos effundam quasi aquam iram meam
१०यहूदा के हाकिम उनके समान हुए हैं जो सीमा बढ़ा लेते हैं; मैं उन पर अपनी जलजलाहट जल के समान उण्डेलूँगा।
11 calumniam patiens Ephraim fractus iudicio quoniam coepit abire post sordem
११एप्रैम पर अंधेर किया गया है, वह मुकद्दमा हार गया है; क्योंकि वह जी लगाकर उस आज्ञा पर चला।
12 et ego quasi tinea Ephraim et quasi putredo domui Iuda
१२इसलिए मैं एप्रैम के लिये कीड़े के समान और यहूदा के घराने के लिये सड़ाहट के समान होऊँगा।
13 et vidit Ephraim languorem suum et Iudas vinculum suum et abiit Ephraim ad Assur et misit ad regem ultorem et ipse non poterit sanare vos nec solvere poterit a vobis vinculum
१३जब एप्रैम ने अपना रोग, और यहूदा ने अपना घाव देखा, तब एप्रैम अश्शूर के पास गया, और यारेब राजा को कहला भेजा। परन्तु न वह तुम्हें चंगा कर सकता और न तुम्हारा घाव अच्छा कर सकता है।
14 quoniam ego quasi leaena Ephraim et quasi catulus leonis domui Iuda ego ego capiam et vadam tollam et non est qui eruat
१४क्योंकि मैं एप्रैम के लिये सिंह, और यहूदा के घराने के लिये जवान सिंह बनूँगा। मैं आप ही उन्हें फाड़कर ले जाऊँगा; जब मैं उठा ले जाऊँगा, तब मेरे पंजे से कोई न छुड़ा सकेगा।
15 vadens revertar ad locum meum donec deficiatis et quaeratis faciem meam
१५जब तक वे अपने को अपराधी मानकर मेरे दर्शन के खोजी न होंगे तब तक मैं अपने स्थान को न लौटूँगा, और जब वे संकट में पड़ेंगे, तब जी लगाकर मुझे ढूँढ़ने लगेंगे।