< Hiezechielis Prophetæ 22 >
1 et factum est verbum Domini ad me dicens
फिर ख़ुदा वन्द का कलाम मुझ पर नाजिल हुआ:
2 et tu fili hominis num iudicas num iudicas civitatem sanguinum
कि 'ऐ आदमज़ाद, क्या तू इल्ज़ाम न लगाएगा? क्या तू इस खू़नी शहर को मुल्ज़िम न ठहराएगा? तू इसके सब नफ़रती काम इसको दिखा,
3 et ostendes ei omnes abominationes suas et dices haec dicit Dominus Deus civitas effundens sanguinem in medio sui ut veniat tempus eius et quae fecit idola contra semet ipsam ut pollueretur
और कह, ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: कि ऐ शहर, तू अपने अन्दर खूँरेज़ी करता है ताकि तेरा वक़्त आजाए और तू अपने वास्ते बुतों को अपने नापाक करने के लिए बनाता है।
4 in sanguine tuo qui a te effusus est deliquisti et in idolis tuis quae fecisti polluta es et adpropinquare fecisti dies tuos et adduxisti tempus annorum tuorum propterea dedi te obprobrium gentibus et inrisionem universis terris
तू उस खू़न की वजह से जो तूने बहाया मुजरिम ठहरा, और तू बुतों के ज़रिए' जिनको तूने बनाया है नापाक हुआ; तू अपने वक़्त को नज़दीक लाता है और अपने दिनों के ख़ातिमे तक पहुँचा है इसलिए मैंने तुझे क़ौमों की मलामत का निशाना और मुल्कों का ठठ्ठा बनाया है।
5 quae iuxta sunt et quae procul a te triumphabunt de te sordida nobilis grandis interitu
तुझ से दूर — ओ — नज़दीक के सब लोग तेरी हँसी उड़ायेंगे क्यूँकि तू झगड़ालू और बदनाम मशहूर है।
6 ecce principes Israhel singuli in brachio suo fuerunt in te ad effundendum sanguinem
देख, इस्राईल के हाकिम सब के सब जो तुझ में हैं, मक़दूर भर खू़ँरेज़ी पर मुसत'इद थे।
7 patrem et matrem contumeliis adfecerunt in te advenam calumniati sunt in medio tui pupillum et viduam contristaverunt apud te
तेरे अन्दर उन्होंने माँ बाप को बेकार जाना है, तेरे अन्दर उन्होंने परदेसियों पर ज़ुल्म किया तेरे अन्दर उन्होंने यतीमों और बेवाओं पर सितम किया है।
8 sanctuaria mea sprevistis et sabbata mea polluistis
तूने मेरी पाक चीज़ों को नाचीज़ जाना, और मेरे सबतों को नापाक किया।
9 viri detractores fuerunt in te ad effundendum sanguinem et super montes comederunt in te scelus operati sunt in medio tui
तेरे अन्दर वह लोग हैं जो चुगलखोरी करके खू़न करवाते हैं, और तेरे अन्दर वह हैं जो बुतों की क़ुर्बानी से खाते हैं; तेरे अन्दर वह हैं जो बुराई करते हैं।
10 verecundiora patris discoperuerunt in te inmunditiam menstruatae humiliaverunt in te
तेरे अन्दर वह भी हैं जिन्होंने अपने बाप की लौंडी शिकनी की, तुझ में उन्होंने उस 'औरत से जो नापाकी की हालत में थी मुबाश्रत की।
11 et unusquisque in uxorem proximi sui operatus est abominationem et socer nurum suam polluit nefarie frater sororem suam filiam patris sui oppressit in te
किसी ने दूसरे की बीवी से बदकारी की, और किसी ने अपनी बहू से बदज़ाती की, और किसी ने अपनी बहन अपने बाप की बेटी को तेरे अन्दर रुस्वा किया।
12 munera acceperunt apud te ad effundendum sanguinem usuram et superabundantiam accepisti et avare proximos tuos calumniabaris meique oblita es ait Dominus Deus
तेरे अन्दर उन्होंने खूँरेज़ी के लिए रिश्वत ख़्वारी की तूने ब्याज और सूद लिया और ज़ुल्म करके अपने पड़ोसी को लूटा और मुझे फ़रामोश किया ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है।
13 ecce conplosi manus meas super avaritiam tuam quam fecisti et super sanguinem qui effusus est in medio tui
“देख, तेरे नारवा नफ़े' की वजह से जो तूने लिया, और तेरी खू़ँरेज़ी के ज़रिए' जो तेरे अन्दर हुई, मैंने ताली बजाई।
14 numquid sustinebit cor tuum aut praevalebunt manus tuae in diebus quos ego faciam tibi ego Dominus locutus sum et faciam
क्या तेरा दिल बर्दाश्त करेगा और तेरे हाथों में ज़ोर होगा, जब मैं तेरा मु'आमिले का फ़ैसला करूँगा? मैं ख़ुदावन्द ने फ़रमाया, और मैं ही कर दिखाऊँगा।
15 et dispergam te in nationes et ventilabo te in terras et deficere faciam inmunditiam tuam a te
हाँ, मैं तुझ को क़ौमों में तितर बितर और मुल्कों में तितर — बितर करूँगा, और तेरी गन्दगी तुझ में से हलाक कर दूँगा।
16 et possidebo te in conspectu gentium et scies quia ego Dominus
और तू क़ौमों के सामने अपने आप में नापाक ठहरेगा, और मा'लूम करेगा कि मैं ख़ुदावन्द हूँ।”
17 et factum est verbum Domini ad me dicens
और ख़ुदावन्द का कलाम मुझ पर नाज़िल हुआ:
18 fili hominis versa est mihi domus Israhel in scoriam omnes isti aes et stagnum et ferrum et plumbum in medio fornacis scoria argenti facti sunt
कि ऐ आदमज़ाद, बनी इस्राईल मेरे लिए मैल हो गए हैं; वह सब के सब पीतल और रॉगा और लोहा और सीसा हैं जो भट्टी में हैं, वह चाँदी की मैल हैं।
19 propterea haec dicit Dominus Deus eo quod versi estis omnes in scoriam propterea ecce ego congregabo vos in medium Hierusalem
इसलिए ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: कि चूँकि तुम सब मैल हो गए हो, इसलिए देखो, मैं तुम को येरूशलेम में जमा' करूँगा।
20 congregatione argenti et aeris et ferri et stagni et plumbi in medium fornacis ut succendam in eam ignem ad conflandum sic congregabo in furore meo et in ira mea et requiescam et conflabo vos
जिस तरह लोग चाँदी और पीतल और लोहा और शीशा और राँगा भट्ठी में जमा' करते हैं और उनपर धौंकते हैं ताकि उनको पिघला डालें, उसी तरह मैं अपने क़हर और अपने ग़ज़ब में तुम को जमा' करूँगा, और तुम को वहाँ रखकर पिघलाऊँगा।
21 et congregabo vos et succendam vos in igne furoris mei et conflabimini in medio eius
हाँ, मैं तुम को इकट्ठा करूँगा और अपने ग़ज़ब की आग तुम पर धौंकूँगा, और तुम को उसमें पिघला डालूँगा।
22 ut conflatur argentum in medio fornacis sic eritis in medio eius et scietis quia ego Dominus effuderim indignationem meam super vos
जिस तरह चाँदी भट्टी में पिघलाई जाती है, उसी तरह तुम उसमें पिघलाए जाओगे, और तुम जानोगे कि मैं ख़ुदावन्द ने अपना क़हर तुम पर नाज़िल किया है।
23 et factum est verbum Domini ad me dicens
और ख़ुदावन्द का कलाम मुझ पर नाज़िल हुआ:
24 fili hominis dic ei tu es terra inmunda et non conpluta in die furoris
कि 'ऐ आदमज़ाद, उससे कह, तू वह सरज़मीन है जो पाक नहीं की गई और जिस पर ग़ज़ब के दिन में बारिश नहीं हुई।
25 coniuratio prophetarum in medio eius sicut leo rugiens capiensque praedam animam devoraverunt opes et pretium acceperunt viduas eius multiplicaverunt in medio illius
जिसमें उसके नबियों ने साज़िश की है, शिकार को फाड़ते हुए गरजने वाले शेर — ए — बबर की तरह वह जानों को खा गए हैं; वह माल और क़ीमती चीज़ों को छीन लेते हैं; उन्होंने उसमें बहुत सी 'औरतों को बेवा बना दिया है।
26 sacerdotes eius contempserunt legem meam et polluerunt sanctuaria mea inter sanctum et profanum non habuere distantiam et inter pollutum et mundum non intellexerunt et a sabbatis meis averterunt oculos suos et coinquinabar in medio eorum
उसके काहिनों ने मेरी शरी'अत को तोड़ा और मेरी पाक चीज़ों को नापाक किया है। उन्होंने पाक और 'आम में कुछ फ़र्क़ नहीं रख्खा और मैं उनमें बे'इज़्ज़त हुआ।
27 principes eius in medio illius quasi lupi rapientes praedam ad effundendum sanguinem et perdendas animas et avare sectanda lucra
उसके हाकिम उसमें शिकार को फाड़ने वाले भेड़ियों की तरह हैं, जो नाजाएज़ नफ़ा' की ख़ातिर खूँरेज़ी करते हैं और जानों को हलाक करते हैं।
28 prophetae autem eius liniebant eos absque temperamento videntes vana et divinantes eis mendacium dicentes haec dicit Dominus Deus cum Dominus non sit locutus
और उसके नबी उनके लिए कच्च गारा करते हैं; बातिल ख़्वाब देखते और झूटी फ़ालगीर करते हैं और कहते हैं कि ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है, हालाँकि ख़ुदावन्द ने नहीं फ़रमाया।
29 populi terrae calumniabantur calumniam et rapiebant violenter egenum et pauperem adfligebant et advenam opprimebant calumnia absque iudicio
इस मुल्क के लोगों ने सितमगरी और लूट मार की है, और ग़रीब और मोहताज को सताया है और परदेसियों पर नाहक सख़्ती की है।
30 et quaesivi de eis virum qui interponeret sepem et staret oppositus contra me pro terra ne dissiparem eam et non inveni
मैंने उनके बीच तलाश की, कि कोई ऐसा आदमी मिले जो फ़सील बनाए, और उस सरज़मीन के लिए उसके रखने में मेरे सामने खड़ा हो ताकि मैं उसे वीरान न करूँ, लेकिन कोई न मिला।
31 et effudi super eos indignationem meam in igne irae meae consumpsi eos viam eorum in caput eorum reddidi ait Dominus Deus
इसलिए मैंने अपना क़हर उन पर नाज़िल किया, और अपने ग़ज़ब की आग से उनको फ़ना कर दिया; और मैं उनके चाल चलन को उनके सिरों पर लाया, ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है।