< Exodus 37 >

1 fecit autem Beselehel et arcam de lignis setthim habentem duos semis cubitos in longitudinem et cubitum ac semissem in latitudinem altitudo quoque uno cubito fuit et dimidio vestivitque eam auro purissimo intus ac foris
फिर बसलेल ने बबूल की लकड़ी से संदूक बनाया. इसकी लंबाई एक सौ दस सेंटीमीटर तथा चौड़ाई और ऊंचाई सत्तर-सत्तर सेंटीमीटर थी.
2 et fecit illi coronam auream per gyrum
संदूक के अंदर और बाहर सोना लगाया और चारों तरफ सोने की किनारी लगाई.
3 conflans quattuor anulos aureos per quattuor angulos eius duos anulos in latere uno et duos in altero
इसके चारों पायों पर लगाने के लिए सोने के चार कड़े बनाए—दो कड़े एक तरफ और, दो कड़े दूसरी तरफ थे.
4 vectes quoque fecit de lignis setthim quos vestivit auro
उसने बबूल की लकड़ी के डंडे बनाए और उस पर सोना लगाया तथा इन्हें संदूक के दोनों तरफ लगे कड़ों में डाल दिया ताकि संदूक को उठाना आसान हो.
5 et quos misit in anulos qui erant in lateribus arcae ad portandum eam
6 fecit et propitiatorium id est oraculum de auro mundissimo duorum cubitorum et dimidio in longitudine et cubito ac semisse in latitudine
फिर सोने से करुणासन बनाया जो एक सौ दस सेंटीमीटर लंबा तथा सत्तर सेंटीमीटर चौड़ा था.
7 duos etiam cherubin ex auro ductili quos posuit ex utraque parte propitiatorii
उन्होंने सोने के पत्रों से दो करूबों को करुणासन के दोनों तरफ बनाया.
8 cherub unum in summitate huius partis et cherub alterum in summitate partis alterius duos cherubin in singulis summitatibus propitiatorii
एक करूब एक तरफ तथा दूसरा करूब दूसरी तरफ बनाया और करूब को करुणासन के साथ एक ही टुकड़े से बनाया.
9 extendentes alas et tegentes propitiatorium seque mutuo et illud respectantes
करूबों के पंख ऊपर से ऐसे खुले थे जिससे करुणासन उनसे ढंका रहा और वे एक दूसरे के आमने-सामने करुणासन की ओर थे, तथा उनका मुंह करुणासन की ओर झुका हुआ था.
10 fecit et mensam de lignis setthim in longitudine duorum cubitorum et in latitudine unius cubiti quae habebat in altitudine cubitum ac semissem
बसलेल ने बबूल की लकड़ी की एक मेज़ बनाई, जो नब्बे सेंटीमीटर लंबी, पैंतालीस सेंटीमीटर चौड़ी थी तथा साढ़े सड़सठ सेंटीमीटर ऊंची थी.
11 circumdeditque eam auro mundissimo et fecit illi labium aureum per gyrum
उसमें सोना लगाकर उसके चारों ओर इसकी किनारियां सोने की बनाई.
12 ipsique labio coronam interrasilem quattuor digitorum et super eandem alteram coronam auream
उन्होंने इसके चारों ओर साढ़े सात सेंटीमीटर चौड़ी पट्टी बनाई—इस पट्टी के चारों ओर सोने की किनारियां लगाई गईं.
13 fudit et quattuor circulos aureos quos posuit in quattuor angulis per singulos pedes mensae
मेज़ के लिए सोने के चार कड़े बनाये और इन कड़ों को मेज़ के चारों पैरों के ऊपर के कोनों पर इन सोने के कड़ों को लगा दिया.
14 contra coronam misitque in eos vectes ut possit mensa portari
कड़े पट्टी के पास लगाये ताकि मेज़ उठाने के लिये डंडे इन कड़ों में डाले जा सकें.
15 ipsos quoque vectes fecit de lignis setthim et circumdedit eos auro
डंडे बबूल की लकड़ी के बनाए गए थे तथा ऊपर सोना लगा दिया गया.
16 et vasa ad diversos usus mensae acetabula fialas cyatos et turibula ex auro puro in quibus offerenda sunt liba
इस मेज़ पर रखे जानेवाले समान अर्थात्, थालियां, तवे, कटोरियां तथा पेयार्पण डालने के लिए बर्तन, ये सब सोने के बनाए.
17 fecit et candelabrum ductile de auro mundissimo de cuius vecte calami scyphi spherulae ac lilia procedebant
फिर उन्होंने शुद्ध सोने का एक दीपस्तंभ बनाया. उसे पीटकर आधार तथा उसके डंडे को बनाया, और उसने फूलों के समान दिखनेवाले प्याले बनाए. प्यालों के साथ कलियां और खिले हुए पुष्प थे. ये सभी चीज़ें एक ही इकाई में परस्पर जुड़ी हुई थीं.
18 sex in utroque latere tres calami ex parte una et tres ex altera
दीये से छः डालियां निकलीं, तीन एक तरफ और तीन दूसरी तरफ रखीं.
19 tres scyphi in nucis modum per calamos singulos spherulaeque simul et lilia et tres scyphi instar nucis in calamo altero spherulaeque simul et lilia aequum erat opus sex calamorum qui procedebant de stipite candelabri
हर डाली में कलियों और फूलों के साथ बादाम के फूलों के आकार के तीन पुष्‍पकोष और एक गांठ थे. पूरे छः डालियों को, जो दीये से निकलीं, इसी आकार से बनाई.
20 in ipso autem vecte erant quattuor scyphi in nucis modum spherulaeque per singulos et lilia
दीये की डंडी में चार फूल बने थे, जिसमें बादाम के फूल के समान कलियां तथा पंखुड़ियां बनी थीं.
21 et spherae sub duobus calamis per loca tria qui simul sex fiunt calami procedentes de vecte uno
दीये से निकली हुई छः डालियों में से दो-दो डालियों के नीचे एक-एक गांठ और दीये समेत एक ही टुकड़े से बने थे.
22 et spherae igitur et calami ex ipso erant universa ductilia de auro purissimo
ये सभी कलियां, शाखाएं और दीप का स्तंभ शुद्ध सोने को पीटकर बने थे.
23 fecit et lucernas septem cum emunctoriis suis et vasa ubi quae emuncta sunt extinguuntur de auro mundissimo
उन्होंने वे सातों दीये, इनके बुझाने के साधन तथा रखने के बर्तन सोने से बनाए.
24 talentum auri adpendebat candelabrum cum omnibus vasis suis
दीये और उसके साथ सभी सामान को लगभग पैंतीस किलो सोने से बनाया गया.
25 fecit et altare thymiamatis de lignis setthim habens per quadrum singulos cubitos et in altitudine duos e cuius angulis procedebant cornua
फिर बबूल की लकड़ी से धूप वेदी बनाई; यह चौकोर थी, जिसकी लंबाई पैंतालीस सेंटीमीटर तथा चौड़ाई भी पैंतालीस सेंटीमीटर थी, व ऊंचाई नब्बे सेंटीमीटर, तथा इसकी सींग एक ही टुकड़े से बनाई गई थी.
26 vestivitque illud auro purissimo cum craticula ac parietibus et cornibus
पूरी धूप वेदी का ऊपरी हिस्सा इसके चारों परत तथा इसके सींग और चारों ओर की किनारी सोने की बनाई.
27 fecitque ei coronam aureolam per gyrum et duos anulos aureos sub corona per singula latera ut mittantur in eos vectes et possit altare portari
इसकी किनारियों के नीचे सोने के दो-दो कड़े लगाए. इसको इन डंडे के द्वारा उठाने के लिए ही दोनों तरफ आमने-सामने कड़े लगवाया.
28 ipsos autem vectes fecit de lignis setthim et operuit lamminis aureis
इन डंडों को बबूल की लकड़ी से बनाकर उसमें सोने की परत चढ़ाई.
29 conposuit et oleum ad sanctificationis unguentum et thymiama de aromatibus mundissimis opere pigmentarii
बसलेल ने अभिषेक का पवित्र तेल और सुगंध द्रव्य भी बनाया, जिस प्रकार से कोई निपुण इत्र बनानेवाला बनाता है.

< Exodus 37 >