< Isaiæ 43 >

1 Et nunc haec dicit Dominus creans te Iacob, et formans te Israel: Noli timere, quia redemi te, et vocavi te nomine tuo: meus es tu.
और अब, ऐ या'क़ूब, ख़ुदावन्द जिसने तुझ को पैदा किया, और जिसने, ऐ इस्राईल, तुझ को बनाया यूँ फ़रमाता है कि ख़ौफ़ न कर क्यूँकि तेरा फ़िदया दिया है मैंने तेरा नाम लेकर तुझे बुलाया है, तू मेरा है।
2 Cum transieris per aquas, tecum ero, et flumina non operient te: cum ambulaveris in igne, non combureris, et flamma non ardebit in te:
जब तू सैलाब में से गुज़रेगा, तो मैं तेरे साथ हूँगा; और जब तू नदियों को उबूर करेगा, तो वह तुझे न डुबाएँगी; जब तू आग पर चलेगा, तो तुझे आँच न लगेगी और शोला तुझे न जलाएगा।
3 Quia ego Dominus Deus tuus sanctus Israel salvator tuus, dedi propitiationem tuam Aegyptum, Aethopiam, et Saba pro te.
क्यूँकि मैं ख़ुदावन्द तेरा खुदा, इस्राईल का क़ुददूस, तेरा नजात देनेवाला हूँ। मैंने तेरे फ़िदिये में मिस्र को और तेरे बदले कूश और सबा को दिया।
4 Ex quo honorabilis factus es in oculis meis, et gloriosus: ego dilexi te, et dabo homines pro te, et populos pro anima tua.
चूँकि तू मेरी निगाह में बेशक़ीमत और मुकर्रम ठहरा और मैंने तुझ से मुहब्बत रख्खी, इसलिए मैं तेरे बदले लोग और तेरी जान के बदले में उम्मतें दे दूँगा।
5 Noli timere, quia ego tecum sum: ab Oriente adducam semen tuum, et ab Occidente congregabo te.
तू ख़ौफ़ न कर, क्यूँकि मैं तेरे साथ हूँ; मैं तेरी नस्ल को पूरब से ले आऊँगा, और मग़रिब से तुझे फ़राहम करूँगा।
6 Dicam Aquiloni: Da: et Austro: Noli prohibere: affer filios meos de longinquo, et filias meas ab extremis terrae.
मैं उत्तर से कहूँगा कि दे डाल, और जुनूब से कि रख न छोड़; मेरे बेटों को दूर से और मेरी बेटियों को ज़मीन की इन्तिहा से लाओ
7 Et omnem, qui invocat nomen meum, in gloriam meam creavi eum, formavi eum, et feci eum.
हर एक को जो मेरे नाम से कहलाता है और जिसको मैंने अपने जलाल के लिए पैदा किया, जिसे मैंने पैदा किया; हाँ, जिसे मैंने ही बनाया।
8 Educ foras populum caecum, et oculos habentem: surdum, et aures ei sunt.
उन अन्धे लोगों को जो आँखें रखते हैं और उन बहरों को जिनके कान हैं बाहर लाओ।
9 Omnes gentes congregatae sunt simul, et collectae sunt tribus: quis in vobis annunciet istud, et quae prima sunt audire nos faciet? dent testes eorum, iustificentur, et audiant, et dicant: Vere.
तमाम क़ौमें फ़राहम की जाएँ और सब उम्मतें जमा' हों। उनके बीच कौन है जो उसे बयान करे या हम को पिछली बातें बताए? वह अपने गवाहों को लाएँ ताकि वह सच्चे साबित हों, और लोग सुनें और कहें कि ये सच है।
10 Vos testes mei, dicit Dominus, et servus meus, quem elegi: ut sciatis, et credatis mihi, et intelligatis quia ego ipse sum. Ante me non est formatus Deus, et post me non erit.
ख़ुदावन्द फ़रमाता है, तुम मेरे गवाह हो और मेरे ख़ादिम भी, जिन्हें मैंने बरगुज़ीदा किया, ताकि तुम जानो और मुझ पर ईमान लाओ और समझो कि मैं वही हूँ। मुझ से पहले कोई ख़ुदा न हुआ और मेरे बाद भी कोई न होगा।
11 Ego sum, ego sum Dominus, et non est absque me salvator.
मैं ही यहोवा हूँ और मेरे सिवा कोई बचानेवाला नहीं।
12 Ego annunciavi, et salvavi: auditum feci, et non fuit in vobis alienus: vos testes mei, dicit Dominus, et ego Deus.
मैंने 'ऐलान किया और मैंने नजात बख्शी और मैं ही ने ज़ाहिर किया, जब तुम में कोई अजनबी मा'बूद न था; इसलिए तुम मेरे गवाह हो, ख़ुदावन्द फ़रमाता है, कि “मैं ही ख़ुदा हूँ।
13 Et ab initio ego ipse, et non est qui de manu mea eruat: operabor, et quis avertet illud?
आज से मैं ही हूँ; और कोई नहीं जो मेरे हाथ से छुड़ा सके; मैं काम करूँगा, कौन है जो उसे रद्द कर सके?”
14 Haec dicit Dominus redemptor vester, sanctus Israel: Propter vos misi in Babylonem, et detraxi vectes universos, et Chaldaeos in navibus suis gloriantes.
ख़ुदावन्द तुम्हारा नजात देनेवाला इस्राईल का क़ुद्दूस यूँ फ़रमाता है, कि तुम्हारी ख़ातिर मैंने बाबुल पर ख़ुरूज कराया, और मैं उन सबको फ़रारियों की हालत में और कसदियों को भी जो अपने जहाज़ों में ललकारते थे, ले आऊँगा।
15 Ego Dominus sanctus vester, creans Israel rex vester.
मैं ख़ुदावन्द तुम्हारा क़ुददूस, इस्राईल का ख़ालिक़, तुम्हारा बादशाह हूँ।
16 Haec dicit Dominus, qui dedit in mari viam, et in aquis torrentibus semitam.
ख़ुदावन्द जिसने समन्दर में राह और सैलाब में गुज़रगाह बनाई,
17 Qui eduxit quadrigam et equum: agmen et robustum, simul obdormierunt, nec resurgent: contriti sunt quasi linum, et extincti sunt.
जो जंगी रथों और घोड़ों और लश्कर और बहादुरों को निकाल लाता है, वह सब के सब लेट गए, वह फिर न उठेगे, वह बुझ गए, हाँ, वह बत्ती की तरह बुझ गए।
18 Ne memineritis priorum, et antiqua ne intueamini.
या'नी ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है, कि पिछली बातों को याद न करो और पुरानी बातों पर सोचते न रहो।
19 Ecce ego facio nova, et nunc orientur, utique cognoscetis ea: ponam in deserto viam, et in invio flumina.
देखो, मैं एक नया काम करूँगा; अब वह ज़हूर में आएगा, क्या तुम उससे ना — वाक़िफ़ रहोगे? हाँ, मैं वीराने में एक राह और सहरा में नदियाँ जारी करूँगा।
20 Glorificabit me bestia agri, dracones et struthiones: quia dedi in deserto aquas, flumina in invio, ut darem potum populo meo, electo meo.
जंगली जानवर, गीदड़ और शुतरमुर्ग़, मेरी ताज़ीम करेंगे; क्यूँकि मैं वीराने में पानी और सहरा में नदियाँ जारी करूँगा ताकि मेरे लोगों के लिए, या'नी मेरे बरगुज़ीदों के पीने के लिए हों;
21 Populum istum formavi mihi, laudem meam narrabit.
मैंने इन लोगों को अपने लिए बनाया ताकि वह मेरी हम्द करें।
22 Non me invocasti Iacob, nec laborasti in me Israel.
तोभी, ऐ या'क़ूब, तूने मुझे न पुकारा; बल्कि ऐ इस्राईल, तू मुझ से तंग आ गया।
23 Non obtulisti mihi arietem holocausti tui, et victimis tuis non glorificasti me: non te servire feci in oblatione, nec laborem tibi praebui in thure.
तू बर्रों को अपनी सोख़्तनी क़ुर्बानी के लिए मेरे सामने नहीं लाया, और तूने अपने ज़बीहों से मेरी ताज़ीम नहीं की। मैंने तुझे हदिया लाने पर मजबूर नहीं किया, और लुबान जलाने की तक्लीफ़ नहीं दी।
24 Non emisti mihi argento calamum, et adipe victimarum tuarum non inebriasti me. Verumtamen servire me fecisti in peccatis tuis, praebuisti mihi laborem in iniquitatibus tuis.
तूने रुपये से मेरे लिए अगर को नहीं ख़रीदा, और तूने मुझे अपने ज़बीहों की चर्बी से सेर नहीं किया; लेकिन तूने अपने गुनाहों से मुझे ज़ेरबार किया और अपनी ख़ताओं से मुझे बेज़ार कर दिया।
25 Ego sum, ego sum ipse qui deleo iniquitates tuas propter me, et peccatorum tuorum non recordabor.
“मैं ही वह हूँ जो अपने नाम की ख़ातिर तेरे गुनाहों को मिटाता हूँ, और मैं तेरी ख़ताओं को याद नहीं रख्खूंगा।
26 Reduc me in memoriam, et iudicemur simul: narra si quid habes ut iustificeris.
मुझे याद दिला, हम आपस में बहस करें; अपना हाल बयान कर ताकि तू सादिक़ ठहरे।
27 Pater tuus primus peccavit, et interpretes tui praevaricati sunt in me.
तेरे बड़े बाप ने गुनाह किया, और तेरे तफ़्सीर करनेवालों ने मेरी मुख़ालिफ़त की है।
28 Et contaminavi principes sanctos, dedi ad internecionem Iacob, et Israel in blasphemiam.
इसलिए मैंने मक़दिस के अमीरों को नापाक ठहराया, और या'क़ूब को ला'नत और इस्राईल को तानाज़नी के हवाले किया।

< Isaiæ 43 >