< Danihelis Prophetæ 1 >

1 Anno tertio regni Ioakim regis Iuda, venit Nabuchodonosor rex Babylonis in Ierusalem, et obsedit eam;
यहूदिया के राजा यहोइयाकिम के शासन के तीसरे वर्ष में, बाबेल के राजा नबूकदनेज्ज़र ने आकर येरूशलेम को घेर लिया.
2 et tradidit Dominus in manu eius Ioakim regem Iuda, et partem vasorum domus Dei: et asportavit ea in terram Sennaar in domum dei sui, et vasa intulit in domum Thesauri dei sui.
और प्रभु ने यहूदिया के राजा यहोइयाकिम को परमेश्वर के मंदिर के कुछ पात्रों सहित नबूकदनेज्ज़र के अधीन कर दिया. इन चीज़ों को वह शीनार देश में अपने देवता के मंदिर में ले आया और वह उन्हें अपने देवता के कोषागार में रख दिया.
3 Et ait rex Asphenez praeposito Eunuchorum ut introduceret de filiis Israel, et de semine regio et tyrannorum,
तब राजा ने अपने दरबार के अधिकारियों के प्रधान ऐशपेनाज को आदेश दिया कि राजपरिवार और कुलीन वर्ग के कुछ इस्राएलियों को राजा की सेवा में लाया जाय—
4 pueros, in quibus nulla esset macula, decoros forma, et eruditos omni sapientia, cautos scientia, et doctos disciplina, et qui possent stare in palatio regis, ut doceret eos litteras, et linguam Chaldaeorum.
ये ऐसे जवान हों, जिनमें किसी प्रकार का शारीरिक खोट न हो, सुंदर हों, हर प्रकार की बात सीखने की सामर्थ्य हो, अच्छे जानकार हों, तुरंत समझनेवाले हों, और राजा के महल में सेवा करने की योग्यता हो. राजा ने प्रधान को आदेश दिया कि इन्हें बाबेलवासियों की भाषा और साहित्य की शिक्षा दे.
5 Et constituit eis rex annonam per singulos dies de cibis suis, et de vino unde bibebat ipse, ut enutriti tribus annis, postea starent in conspectu regis.
राजा ने अपने स्वयं के भोजन पदार्थों में से उन्हें प्रतिदिन का भोजन और दाखमधु देने की आज्ञा दी. राजा ने यह भी कहा कि उन्हें तीन वर्ष तक प्रशिक्षित किया जाए, और उसके बाद उन्हें राजा के सेवा में लाया जाय.
6 Fuerunt ergo inter eos de filiis Iuda, Daniel, Ananias, Misael, et Azarias.
जो चुने गये थे, उनमें से कुछ यहूदाह के वंश के थे: दानिएल, हननियाह, मिषाएल तथा अज़रियाह.
7 Et imposuit eis praepositus eunuchorum, nomina: Danieli, Baltassar: Ananiae, Sidrach: Misaeli, Misach: et Azariae, Abdenago.
प्रधान अधिकारी ने उन्हें नये नाम दिये: दानिएल को बैलशत्सर, हननियाह को शद्रख, मिषाएल को मेशेख तथा अज़रियाह को अबेद-नगो.
8 Proposuit autem Daniel in corde suo ne pollueretur de mensa regis, neque de vino potus eius: et rogavit eunuchorum praepositum ne contaminaretur.
पर दानिएल ने यह निश्चय कर लिया कि वह शाही भोजन और दाखमधु सेवन करने के द्वारा स्वयं को अशुद्ध नहीं करेगा और इस प्रकार से अपने आपको अशुद्ध न करने के लिये उसने प्रधान अधिकारी से अनुमति मांगी.
9 Dedit autem Deus Danieli gratiam et misericordiam in conspectu principis eunuchorum.
परमेश्वर ने अधिकारी के मन में यह बात डाल दी कि वह दानिएल के प्रति कृपादृष्टि एवं दया दिखाये,
10 Et ait princeps eunuchorum ad Danielem: Timeo ego dominum meum regem, qui constituit vobis cibum et potum: qui si viderit vultus vestros macilentiores prae ceteris adolescentibus coaevis vestris, condemnabitis caput meum regi.
पर अधिकारी ने दानिएल से कहा, “मुझे अपने प्रभु राजा का भय है, जिन्होंने तुम्हारे खाने-पीने की वस्तुओं का निर्धारण किया है. कहीं ऐसा न हो कि वह तुम्हें तुम्हारे उम्र के दूसरे जवानों से कमजोर देखे? और तब तुम्हारे कारण, राजा मुझे मार डाले.”
11 Et dixit Daniel ad Malasar, quem constituerat princeps eunuchorum super Danielem, Ananiam, Misaelem, et Azariam:
तब दानिएल ने उस पहरेदार से कहा, जिसे प्रधान अधिकारी ने दानिएल, हननियाह, मिषाएल तथा अज़रियाह के देखभाल के लिए ठहराया था,
12 Tenta nos obsecro servos tuos diebus decem, et dentur nobis legumina ad vescendum, et aqua ad bibendum:
“कृपा कर आप दस दिन तक अपने सेवकों को परखकर देखें: खाने के लिये हमें सिर्फ साग-पात और पीने के लिये सिर्फ पानी दिया जाए.
13 et contemplare vultus nostros, et vultus puerorum, qui vescuntur cibo regio: et sicut videris, facies cum servis tuis.
तब हमारे शरीर से उन जवानों की तुलना किया जाए, जो शाही भोजन खाते हैं, और उसके बाद आपको जैसा दिखे उसके अनुसार आप अपने सेवकों से व्यवहार करें.”
14 Qui, audito sermone huiuscemodi, tentavit eos diebus decem.
पहरेदार ने उसकी बात मान ली और दस दिन तक उन्हें परखकर देखा.
15 Post dies autem decem apparuerunt vultus eorum meliores, et corpulentiores prae omnibus pueris, qui vescebantur cibo regio.
दस दिन के बाद वे उन जवानों से ज्यादा स्वस्थ और हृष्ट-पुष्ट दिखे, जो शाही भोजन करते थे.
16 Porro Malasar tollebat cibaria, et vinum potus eorum: dabatque eis legumina.
इसलिये पहरेदार ने उनके लिए ठहराए उत्तम भोजन और दाखमधु को हटाकर उन्हें बदले में साग-पात देने लगा.
17 Pueris autem his dedit Deus scientiam, et disciplinam in omni libro, et sapientia: Danieli autem intelligentiam omnium visionum et somniorum.
इन चारों जवानों को परमेश्वर ने सब प्रकार के साहित्य और विद्या का ज्ञान और समझ दी. और दानिएल सब प्रकार के दर्शनों तथा स्वप्नों को भी समझ लेता था.
18 Completis itaque diebus, post quos dixerat rex ut introducerentur: introduxit eos praepositus eunuchorum in conspectu Nabuchodonosor.
तब जितने दिन बाद राजा ने उन जवानों को अपनी सेवा में लाने के लिये कहा था, उतने दिनों के पूरे होने पर प्रधान अधिकारी उन्हें नबूकदनेज्ज़र के सामने ले गया.
19 Cumque eis locutus fuisset rex, non sunt inventi tales de universis, ut Daniel, Ananias, Misael, et Azarias: et steterunt in conspectu Regis.
राजा ने सब जवानों से बातें की और उसकी नजर में दानिएल, हननियाह, मिषाएल और अज़रियाह के बराबर कोई अन्य जवान न ठहरा; इसलिये वे राजा की सेवा में चुन लिये गए.
20 Et omne verbum sapientiae et intellectus, quod sciscitatus est ab eis Rex, invenit in eis decuplum super cunctos ariolos, et magos, qui erant in universo regno eius.
बुद्धि और समझ के बारे में राजा ने उनसे जितने भी प्रश्न किए, वे राजा के सारे राज्य के सब ज्योतिषियों एवं तांत्रिकों से दस गुणा उत्तम पाये गए.
21 Fuit autem Daniel usque ad annum primum Cyri regis.
और दानिएल राजा कोरेश के शासनकाल के पहले साल तक वहां सेवा करता रहा.

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