< Psalmorum 99 >
1 Psalmus ipsi David. Dominus regnavit: irascantur populi; qui sedet super cherubim: moveatur terra.
ख़ुदावन्द सलतनत करता है, क़ौमें काँपी। वह करूबियों पर बैठता है, ज़मीन लरज़े।
2 Dominus in Sion magnus, et excelsus super omnes populos.
ख़ुदावन्द सिय्यून में बुज़ु़र्ग़ है; और वह सब क़ौमों पर बुलंद — ओ — बाला है।
3 Confiteantur nomini tuo magno, quoniam terribile et sanctum est,
वह तेरे बुज़ुर्ग और बड़े नाम की ता'रीफ़ करें वह पाक हैं।
4 et honor regis judicium diligit. Tu parasti directiones; judicium et justitiam in Jacob tu fecisti.
बादशाह की ताक़त इन्साफ़ पसन्द है तू रास्ती को क़ाईम करता है तू ही ने 'अद्ल और सदाक़त को या'क़ूब, में रायज किया।
5 Exaltate Dominum Deum nostrum, et adorate scabellum pedum ejus, quoniam sanctum est.
तुम ख़ुदावन्द हमारे ख़ुदा की तम्जीद करो, और उसके पाँव की चौकी पर सिज्दा वह पाक है।
6 Moyses et Aaron in sacerdotibus ejus, et Samuel inter eos qui invocant nomen ejus: invocabant Dominum, et ipse exaudiebat eos;
उसके काहिनों में से मूसा और हारून ने, और उसका नाम लेनेवालों में से समुएल ने ख़ुदावन्द से दुआ की और उसने उनको जवाब दिया।
7 in columna nubis loquebatur ad eos. Custodiebant testimonia ejus, et præceptum quod dedit illis.
उसने बादल के सुतून में से उनसे कलाम किया; उन्होंने उसकी शहादतों को और उस क़ानून को जो उनको दिया था, माना।
8 Domine Deus noster, tu exaudiebas eos; Deus, tu propitius fuisti eis, et ulciscens in omnes adinventiones eorum.
ऐ ख़ुदावन्द हमारे ख़ुदा, तू उनको जवाब देता था; तू वह ख़ुदा है जो उनको मु'आफ करता रहा, अगरचे तूने उनके आ'माल का बदला भी दिया।
9 Exaltate Dominum Deum nostrum, et adorate in monte sancto ejus, quoniam sanctus Dominus Deus noster.
तुम ख़ुदावन्द हमारे ख़ुदा की तम्जीद करो, और उसके पाक पहाड़ पर सिज्दा करो; क्यूँकि ख़ुदावन्द हमारा ख़ुदा क़ुददूस है।