< Liber Numeri 36 >
1 Accesserunt autem et principes familiarum Galaad filii Machir filii Manasse, de stirpe filiorum Joseph: locutique sunt Moysi coram principibus Israël, atque dixerunt:
योसेफ़ के पुत्रों के परिवारों में से मनश्शेह के पौत्र, माखीर के पुत्र गिलआद के वंशजों के प्रधानों ने मोशेह, प्रधानों, जो इस्राएलियों के परिवारों के प्रधान थे, के सामने आकर विनती की:
2 Tibi domino nostro præcepit Dominus ut terram sorte divideres filiis Israël, et ut filiabus Salphaad fratris nostri dares possessionem debitam patri:
“याहवेह ने मेरे स्वामी को आज्ञा दी है, कि इस्राएलियों को मीरास में भूमि दे दी जाए. मेरे स्वामी को याहवेह से आज्ञा प्राप्त हुई थी, कि हमारे भाई ज़लोफेहाद की मीरास उसकी पुत्रियों को दे दी जाए.
3 quas si alterius tribus homines uxores acceperint, sequetur possessio sua, et translata ad aliam tribum, de nostra hæreditate minuetur.
किंतु यदि वे इस्राएलियों में से किसी दूसरे गोत्र के पुत्रों में विवाह करती हैं, उनकी मीरास तो उस गोत्र में मिल जाएगी, जो उनके पतियों के है.
4 Atque ita fiet, ut cum jubilæus, id est, quinquagesimus annus remissionis advenerit, confundatur sortium distributio, et aliorum possessio ad alios transeat.
इस प्रकार योवेल वर्ष में उन युवतियों के गोत्र की मीरास हमारे पूर्वजों की मीरास में से घटती चली जाएगी.”
5 Respondit Moyses filiis Israël, et Domino præcipiente ait: Recte tribus filiorum Joseph locuta est.
इसलिये मोशेह ने याहवेह की आज्ञा के अनुसार इस्राएलियों को आदेश दिया, “योसेफ़ गोत्र के वंशज सही बात कह रहे हैं.
6 Et hæc lex super filiabus Salphaad a Domino promulgata est: nubant quibus volunt, tantum ut suæ tribus hominibus:
याहवेह ने ज़लोफेहाद की पुत्रियों के विषय में यह आदेश दिया है, ‘उन्हें अपनी इच्छा के वर से विवाह कर लेने दिया जाए; सिर्फ ध्यान रहे कि वे अपने पिता के गोत्र के परिवार में ही विवाह करें.’
7 ne commisceatur possessio filiorum Israël de tribu in tribum. Omnes enim viri ducent uxores de tribu et cognatione sua:
परिणामस्वरूप इस्राएलियों में मीरास एक गोत्र से दूसरे गोत्र में न मिल सकेगी. ज़रूरी है कि हर एक इस्राएली अपने-अपने पिता के गोत्र की मीरास को अपने अधिकार में बनाए रखे.
8 et cunctæ feminæ de eadem tribu maritos accipient: ut hæreditas permaneat in familiis,
9 nec sibi misceantur tribus, sed ita maneant
इस प्रक्रिया से कोई भी मीरास एक गोत्र से अन्य गोत्र में न मिल पाएगी; क्योंकि इस्राएलियों के लिए ज़रूरी है कि हर एक अपनी-अपनी मीरास को अपने ही अधिकार में बनाए रखे.”
10 ut a Domino separatæ sunt. Feceruntque filiæ Salphaad ut fuerat imperatum:
जैसा आदेश याहवेह ने मोशेह को दिया था, ज़लोफेहाद की पुत्रियों ने ठीक वैसा ही किया.
11 et nupserunt Maala, et Thersa, et Hegla, et Melcha, et Noa, filiis patrui sui
महलाह, तिरज़ाह, होगलाह, मिलकाह, तथा नोहा ने, जो ज़लोफेहाद की पुत्रियां थी, अपने ही गोत्र में से अपनी-अपनी पसंद के वर से विवाह कर लिया.
12 de familia Manasse, qui fuit filius Joseph: et possessio, quæ illis fuerat attributa, mansit in tribu et familia patris earum.
उन्होंने योसेफ़ के पुत्र मनश्शेह के पुत्रों के परिवार में से ही विवाह कर लिया, जिससे उनकी मीरास उन्हीं के गोत्र में उनके पिता के परिवारों ही के अधिकार में बनी रही.
13 Hæc sunt mandata atque judicia, quæ mandavit Dominus per manum Moysi ad filios Israël, in campestribus Moab supra Jordanem contra Jericho.
ये सभी वे आदेश तथा नियम हैं, जो मोशेह के द्वारा याहवेह ने इस्राएलियों को येरीख़ो के पास यरदन नदी के निकट मोआब के मैदानों में दिए थे.