< Isaiæ 16 >

1 Emitte agnum, Domine, dominatorem terræ, de petra deserti ad montem filiæ Sion.
सेला नगर से ज़ियोन की बेटी के पर्वत पर, बंजर भूमि से हाकिम के लिए, एक मेमना तैयार करो.
2 Et erit: sicut avis fugiens, et pulli de nido avolantes, sic erunt filiæ Moab in transcensu Arnon.
आरनोन के घाट पर मोआब की बेटियां ऐसी हो गईं, जैसे घोंसले से पक्षियों के बच्चों को उड़ा दिया गया हो.
3 Ini consilium, coge concilium; pone quasi noctem umbram tuam in meridie; absconde fugientes, et vagos ne prodas.
“हमें समझाओ, हमारा न्याय करो, और दिन में हमें छाया दो. घर से निकाले हुओं को सुरक्षा दो, भागे हुओं को मत पकड़वाओ.
4 Habitabunt apud te profugi mei; Moab, esto latibulum eorum a facie vastatoris: finitus est enim pulvis, consummatus est miser, defecit qui conculcabat terram.
मोआब के घर से निकाले हुओं को अपने बीच में रहने दो; विनाश करनेवालों से मोआब को बचाओ.” क्योंकि दुःख का अंत हो चुका है, और कष्ट समाप्‍त हो चुका है; और जो पैरों से कुचलता था वह नाश हो चुका है.
5 Et præparabitur in misericordia solium, et sedebit super illud in veritate in tabernaculo David, judicans et quærens judicium, et velociter reddens quod justum est.
तब दया के साथ एक सिंहासन बनाया जाएगा; और दावीद के तंबू में एक व्यक्ति सच्चाई के साथ विराजमान होगा— यह वह व्यक्ति है जो न्याय से निर्णय करेगा और सच्चाई से काम करने में देरी न करेगा.
6 Audivimus superbiam Moab: superbus est valde; superbia ejus, et arrogantia ejus, et indignatio ejus plus quam fortitudo ejus.
हमने मोआब के अहंकार— उसके अभिमान, गर्व और क्रोध के बारे में सुना है; वह सब झूठा था.
7 Idcirco ululabit Moab ad Moab; universus ululabit: his qui lætantur super muros cocti lateris, loquimini plagas suas.
इसलिये मोआब को मोआब के लिए रोने दो. और कीर-हेरासेथ नगर की दाख की टिकियों के लिए दुःखी होगा.
8 Quoniam suburbana Hesebon deserta sunt, et vineam Sabama domini gentium exciderunt: flagella ejus usque ad Jazer pervenerunt, erraverunt in deserto; propagines ejus relictæ sunt, transierunt mare.
हेशबोन के खेत तथा सिबमाह के दाख की बारी सूख गई हैं; देशों के शासकों ने अच्छी फसल को नुकसान कर दिया.
9 Super hoc plorabo in fletu Jazer vineam Sabama; inebriabo de lacrima mea, Hesebon et Eleale, quoniam super vindemiam tuam et super messem tuam vox calcantium irruit.
इसलिये मैं याज़र के लिए रोऊंगा, और सिबमाह के दाख की बारी के लिए दुःखी होऊंगा. हेशबोन तथा एलिआलेह, मैं तुम्हें अपने आंसुओं से भिगो दूंगा! क्योंकि तुम्हारे फल और तुम्हारी उपज की खुशी समाप्‍त हो गई है.
10 Et auferetur lætitia et exsultatio de Carmelo, et in vineis non exsultabit neque jubilabit. Vinum in torculari non calcabit qui calcare consueverat; vocem calcantium abstuli.
फलदायी बारी से आनंद और उनकी खुशी छीन ली गई है; दाख की बारी में से भी कोई खुशी से गीत नहीं गाएगा; कोई व्यापारी दाखरस नहीं निकाल रहा है, क्योंकि मैंने सब की खुशी खत्म कर दी है.
11 Super hoc venter meus ad Moab quasi cithara sonabit, et viscera mea ad murum cocti lateris.
मेरा मन मोआब के लिए और ह्रदय कीर-हेरासेथ के लिए वीणा के समान आवाज करता है.
12 Et erit: cum apparuerit quod laboravit Moab super excelsis suis, ingredietur ad sancta sua ut obsecret, et non valebit.
जब मोआब ऊंचाई पर जाकर थक जाए और प्रार्थना करने के लिए पवित्र स्थान में जाता है, उससे उनको कोई फायदा नहीं होगा.
13 Hoc verbum quod locutus est Dominus ad Moab ex tunc.
यह मोआब के लिये पहले कहा हुआ याहवेह का वचन है.
14 Et nunc locutus est Dominus, dicens: In tribus annis, quasi anni mercenarii, auferetur gloria Moab super omni populo multo, et relinquetur parvus et modicus, nequaquam multus.
परंतु अब याहवेह ने यों कहा: “मजदूरों की तीन वर्षों की गिनती के अनुसार, मोआब का वैभव तिरस्कार में तुच्छ जाना जाएगा और उसके बचे हुए अत्यंत कम और कमजोर होंगे.”

< Isaiæ 16 >