< Hiezechielis Prophetæ 16 >
1 Et factus est sermo Domini ad me, dicens:
याहवेह का यह वचन मेरे पास आया:
2 Fili hominis, notas fac Jerusalem abominationes suas,
“हे मनुष्य के पुत्र, येरूशलेम का उसके घृणित कार्यों के लिये विरोध करो
3 et dices: Hæc dicit Dominus Deus Jerusalem: Radix tua et generatio tua de terra Chanaan: pater tuus Amorrhæus, et mater tua Cethæa.
और कहो, ‘परम प्रधान याहवेह का येरूशलेम से यह कहना है: तुम्हारे पुरखे और तुम्हारा जन्म कनानियों के देश में हुआ; तुम्हारा पिता एक अमोरी और तुम्हारी मां एक हित्ती थी.
4 Et quando nata es, in die ortus tui non est præcisus umbilicus tuus, et aqua non es lota in salutem, nec sale salita, nec involuta pannis.
तुम्हारे जन्म के समय न तो तुम्हारी नाभिनाड़ी काटी गई, और न ही तुम्हें पानी से नहलाकर साफ किया गया, न तो तुम्हें नमक से रगड़ा गया था, और न ही तुम्हें कपड़ों में लपेटा गया था.
5 Non pepercit super te oculus, ut faceret tibi unum de his, misertus tui: sed projecta es super faciem terræ in abjectione animæ tuæ in die qua nata es.
तुम्हारे लिये इनमें से कोई भी काम करने हेतु किसी ने भी तुम पर दया दृष्टि नहीं की, या सहानुभूति नहीं दिखाई. बल्कि तुम्हें बाहर खुले मैदान में फेंक दिया गया, क्योंकि जन्म के दिन से ही तुम्हें तुच्छ समझा गया.
6 Transiens autem per te, vidi te conculcari in sanguine tuo: et dixi tibi cum esses in sanguine tuo: Vive, dixi, inquam, tibi: in sanguine tuo vive.
“‘तब मैं वहां से होकर गुजरा और तुम्हें अपने खून में लोटते हुए देखा, और जैसे कि तुम अपने खून में लेटी थी, मैंने तुमसे कहा, “जीवित रहो!”
7 Multiplicatam quasi germen agri dedi te: et multiplicata es, et grandis effecta, et ingressa es, et pervenisti ad mundum muliebrem: ubera tua intumuerunt, et pilus tuus germinavit: et eras nuda, et confusione plena.
मैंने तुम्हें खेत के एक पौधे की तरह बढ़ाया. तुम बढ़ती गई और विकसित हुई और यौवन अवस्था में आई. तुम्हारे स्तन विकसित हुए और तुम्हारे बाल लंबे हो गए, फिर भी तुम बिलकुल निवस्त्र थी.
8 Et transivi per te, et vidi te: et ecce tempus tuum, tempus amantium: et expandi amictum meum super te, et operui ignominiam tuam: et juravi tibi, et ingressus sum pactum tecum, ait Dominus Deus, et facta es mihi.
“‘बाद में, मैं वहां से होकर गुजरा, और मैंने देखा कि तुम प्रेम करने लायक बड़ी हो चुकी थी, अतः मैंने अपने कपड़े का कोना तुम्हारे ऊपर फैला दिया और तुम्हारे नंगे शरीर को ढांप दिया. तब मैंने तुमसे सत्यनिष्ठा से शपथ खाई और तुम्हारे साथ एक वाचा बांधी, और तुम मेरी हो गई, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है.
9 Et lavi te aqua, et emundavi sanguinem tuum ex te, et unxi te oleo.
“‘तब मैंने तुम्हें पानी से नहलाया और तुम पर लगे खून को धोया तथा तुम्हारे शरीर पर तेल लगाया.
10 Et vestivi te discoloribus, et calceavi te janthino, et cinxi te bysso, et indui te subtilibus:
मैंने तुम्हें कसीदा काढ़े वस्त्र पहनाया और तुम्हारे पांवों पर उच्च दर्जे के चमड़े की जूतियां पहनाई. मैंने तुम्हें सुंदर मलमल के कपड़े पहनाए और तुम्हें कीमती कपड़े ओढ़ाए.
11 et ornavi te ornamento, et dedi armillas in manibus tuis, et torquem circa collum tuum:
मैंने गहनों से तुम्हारा श्रृंगार किया: मैंने तुम्हारे हाथों में कंगन डाला और तुम्हारे गले में हार पहनाया,
12 et dedi inaurem super os tuum, et circulos auribus tuis, et coronam decoris in capite tuo.
और मैंने तुम्हारी नाक में नथनी, कानों में बालियां और तुम्हारे सिर पर एक सुंदर मुकुट पहनाया.
13 Et ornata es auro et argento, et vestita es bysso et polymito et multicoloribus: similam, et mel, et oleum comedisti: et decora facta es vehementer nimis, et profecisti in regnum.
इस प्रकार सोने और चांदी से तुम्हारा श्रृंगार किया गया; तुम्हारे कपड़े सुंदर मलमल, मंहगे बुनावट और कसीदा किए हुए थे. तुम्हारे भोजन में शहद, जैतून तेल और सबसे अच्छा आटा था. तुम बहुत सुंदर हो गई और रानी बनने के योग्य हो गई.
14 Et egressum est nomen tuum in gentes propter speciem tuam, quia perfecta eras in decore meo quem posueram super te, dicit Dominus Deus.
और तुम्हारी सुंदरता के कारण तुम्हारी प्रसिद्धि जाति-जाति के लोगों में फैल गई, क्योंकि मैंने तुम्हें जो शोभा दी, उसने तुम्हारी सुंदरता को परिपूर्ण कर दिया, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है.
15 Et habens fiduciam in pulchritudine tua, fornicata es in nomine tuo: et exposuisti fornicationem tuam omni transeunti, ut ejus fieres.
“‘परंतु तुमने अपनी सुंदरता पर भरोसा किया और अपनी प्रसिद्धि का उपयोग एक वेश्या बनने में किया. जो भी तुम्हारे पास से होकर गुजरा, तुमने उस पर बहुत कृपा दिखाई, और तुम्हारी सुंदरता ने उसे मोह लिया.
16 Et sumens de vestimentis tuis, fecisti tibi excelsa hinc inde consuta, et fornicata es super eis sicut non est factum, neque futurum est.
तुमने अपने कुछ कपड़ों को लेकर भड़कीले ऊंचे स्थान बनाए, और वहां तुम वेश्यावृत्ति करती रही. तुम उसके पास गई, और उसने तुम्हारी सुंदरता पर अधिकार कर लिया है.
17 Et tulisti vasa decoris tui de auro meo atque argento meo, quæ dedi tibi, et fecisti tibi imagines masculinas, et fornicata es in eis.
तुमने मेरे दिये हुए उन सुंदर गहनों को भी लिया, जो सोने और चांदी से बने थे, और तुमने अपने लिए पुरुष-मूर्तियां बना लीं और उन मूर्तियों के साथ व्यभिचार करने लगीं.
18 Et sumpsisti vestimenta tua multicoloria, et operuisti illas, et oleum meum et thymiama meum posuisti coram eis.
और तुमने अपने कसीदा किए हुए कपड़े लेकर उनको पहनाए, और तुमने मेरा तेल और धूप उनको चढ़ाए.
19 Et panem meum quem dedi tibi, similam, et oleum, et mel, quibus enutrivi te, posuisti in conspectu eorum in odorem suavitatis: et factum est, ait Dominus Deus.
और वह भोजन भी जो मैंने तुमको तुम्हारे खाने के लिये दिया था—आटा, जैतून तेल और शहद—तुमने इसे उनके सामने एक सुगंधित धूप के रूप में चढ़ाया. ऐसा ही हुआ है, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है.
20 Et tulisti filios tuos et filias tuas quas generasti mihi, et immolasti eis ad devorandum. Numquid parva est fornicatio tua?
“‘और तुमने अपने उन बेटे और बेटियों को लिया, जिन्हें तुमने मेरे लिए पैदा किए थे, और उन्हें उन मूर्तियों के लिये भोजन के रूप में चढ़ा दिया. क्या तुम्हारी वेश्यावृत्ति पर्याप्त नहीं थी?
21 Immolasti filios meos, et dedisti, illos consecrans, eis.
तुमने मेरे बच्चों का वध किया और उन्हें इन मूर्तियों को चढ़ा दिया.
22 Et post omnes abominationes tuas et fornicationes, non es recordata dierum adolescentiæ tuæ, quando eras nuda et confusione plena, conculcata in sanguine tuo.
अपने इन सब घृणित कार्यों और वेश्यावृत्ति के बीच, तुमने अपने बचपन के उन दिनों को भूला दिया, जब तुम नंगी और खुली अपने खून में लेट रही थी.
23 Et accidit post omnem malitiam tuam (væ, væ tibi! ait Dominus Deus),
“‘धिक्कार! धिक्कार है तुम पर, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है. अपनी सब दुष्टताओं के अलावा,
24 et ædificasti tibi lupanar, et fecisti tibi prostibulum in cunctis plateis.
तुमने अपने लिये एक टीला बना लिया है और हर एक चौक पर अपने लिए एक ऊंचा पूजा-स्थल बनाया है.
25 Ad omne caput viæ ædificasti signum prostitutionis tuæ, et abominabilem fecisti decorem tuum: et divisisti pedes tuos omni transeunti, et multiplicasti fornicationes tuas:
हर एक गली के कोने पर तुमने ऊंचे पूजा-स्थल बना लिए हैं और वहां से गुज़रने वाले लोगों के सामने बढ़ती दुराचार प्रवृत्ति के साथ अपने पैरों को फैलाकर अपनी सुंदरता का अपमान किया है.
26 et fornicata es cum filiis Ægypti, vicinis tuis, magnarum carnium: et multiplicasti fornicationem tuam ad irritandum me.
तुमने बड़े जननांगों वाले मिस्री और अपने पड़ोसियों से व्यभिचार किया है, और अपनी बढ़ती दुराचार प्रवृत्ति से तुमने मेरे क्रोध को भड़काया है.
27 Ecce ego extendam manum meam super te, et auferam justificationem tuam, et dabo te in animas odientium te filiarum Palæstinarum, quæ erubescunt in via tua scelerata.
इसलिये मैंने अपना हाथ तुम्हारे विरुद्ध उठाया है और तुम्हारे क्षेत्र को घटा दिया है, मैंने तुम्हें तुम्हारे शत्रुओं की कृपा पर छोड़ दिया है, अर्थात् फिलिस्तीनियों की पुत्रियों की कृपा पर, जिन्हें तुम्हारे व्यभिचारी आचरण के कारण धक्का लगा है.
28 Et fornicata es in filiis Assyriorum eo quod necdum fueris expleta: et postquam fornicata es, nec sic es satiata:
तुमने अश्शूरियों के साथ भी व्यभिचार किया है, क्योंकि तुम्हें संतोष ही नहीं होता था; और उसके बाद भी तुम संतुष्ट न हुई
29 et multiplicasti fornicationem tuam in terra Chanaan cum Chaldæis, et nec sic satiata es.
तब तुमने अपने दुराचार प्रवृत्ति को बढ़ाकर उसमें बाबेल देश को भी शामिल कर लिया, जो व्यापारियों का एक देश है, पर इससे भी तुम्हें संतोष न हुआ.
30 In quo mundabo cor tuum, ait Dominus Deus, cum facias omnia hæc opera mulieris meretricis et procacis?
“‘जब तुम इस प्रकार एक निर्लज्ज वेश्या की तरह काम करती हो, तो मैं क्रोध से भर जाता हूं, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है!
31 Quia fabricasti lupanar tuum in capite omnis viæ, et excelsum tuum fecisti in omni platea: nec facta es quasi meretrix fastidio augens pretium,
जब तुमने हर गली के कोने पर अपना टीला बनाया है और हर चौक में अपना ऊंचा पूजा-स्थल बनाया है, तो तुम एक वेश्या की तरह ठहरी, क्योंकि तुमने दिये गये रकम का असम्मान किया है.
32 sed quasi mulier adultera, quæ super virum suum inducit alienos.
“‘तुम व्यभिचारी पत्नी हो! तुम अपने स्वयं के पति के बदले अजनबियों को ज्यादा पसंद करती हो!
33 Omnibus meretricibus dantur mercedes: tu autem dedisti mercedes cunctis amatoribus tuis, et dona donabas eis, ut intrarent ad te undique ad fornicandum tecum.
सब वेश्याएं उपहार लेती हैं, परंतु तुम अपने सब प्रेमियों को उपहार देती हो, कि वे हर जगह से तुम्हारे अवैध चाहत के लिये आएं.
34 Factumque est in te contra consuetudinem mulierum in fornicationibus tuis, et post te non erit fornicatio: in eo enim quod dedisti mercedes, et mercedes non accepisti, factum est in te contrarium.
इस प्रकार तुम्हारी वेश्यावृत्ति दूसरों की वेश्यावृत्ति का उलटा है; तुम्हारी चाहत के लिये तुम्हारे पीछे कोई नहीं भागता. तुम बिलकुल उलटा हो, क्योंकि तुम दाम (पैसा) देती हो और तुम्हें कुछ नहीं दिया जाता.
35 Propterea, meretrix, audi verbum Domini.
“‘इसलिये, हे वेश्या, याहवेह की बात सुनो!
36 Hæc dicit Dominus Deus: Quia effusum est æs tuum et revelata est ignominia tua in fornicationibus tuis super amatores tuos, et super idola abominationum tuarum, in sanguine filiorum tuorum quos dedisti eis,
परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: क्योंकि तुमने अपनी वासना को उंडेला है और अपने कामुक प्रवृत्ति में अपने प्रेमियों को अपने नंगे देह को दिखाया है, और तुम्हारे सब घृणित मूर्तियों के कारण, और क्योंकि तुमने उन मूर्तियों को अपने बच्चों का खून दिया है,
37 ecce ego congregabo omnes amatores tuos quibus commista es, et omnes quos dilexisti, cum universis quos oderas: et congregabo eos super te undique, et nudabo ignominiam tuam coram eis, et videbunt omnem turpitudinem tuam.
इसलिये मैं तुम्हारे उन सब प्रेमियों को इकट्ठा करनेवाला हूं, जिनके साथ तुम्हें खुशी मिली है, जिनसे तुमने प्रेम किया है, साथ ही साथ जिनसे तुमने घृणा किया है. मैं उन्हें चारों तरफ से तुम्हारे विरुद्ध इकट्ठा करूंगा और उनके सामने तुम्हारे कपड़े उतारूंगा और वे तुम्हें पूरी तरह नंगी देखेंगे.
38 Et judicabo te judiciis adulterarum, et effundentium sanguinem: et dabo te in sanguinem furoris et zeli.
मैं तुम्हें उन स्त्रियों का दंड दूंगा जो व्यभिचार करती हैं और जो खून बहाती हैं; मैं अपने कोप और ईर्ष्या के क्रोध से तुमसे खून का बदला लूंगा.
39 Et dabo te in manus eorum, et destruent lupanar tuum, et demolientur prostibulum tuum: et denudabunt te vestimentis tuis, et auferent vasa decoris tui, et derelinquent te nudam, plenamque ignominia:
तब मैं तुम्हें तुम्हारे प्रेमियों के हाथों में सौंप दूंगा, और वे तुम्हारे पूजा के टीलों को तोड़कर गिरा देंगे और तुम्हारे ऊंचे पूजा स्थलों को नष्ट कर देंगे. वे तुम्हारे कपड़े उतार लेंगे और तुम्हारे अच्छे गहने आभूषण लूट लेंगे और तुम्हें बिलकुल नंगी छोड़ देंगे.
40 et adducent super te multitudinem, et lapidabunt te lapidibus, et trucidabunt te gladiis suis:
वे तुम्हारे विरुद्ध एक उपद्रवी भीड़ ले आएंगे, जो तुम पर पत्थरवाह करेंगे और तुम्हें अपनी तलवारों से टुकड़े-टुकड़े कर डालेंगे.
41 et comburent domos tuas igni, et facient in te judicia in oculis mulierum plurimarum. Et desines fornicari, et mercedes ultra non dabis:
वे तुम्हारे घरों को जला देंगे और बहुत सी स्त्रियों के देखते में तुम्हें दंड देंगे. मैं तुम्हारे वेश्यावृत्ति को बंद कर दूंगा, और तुम अपने प्रेमियों को दाम नहीं दोगी.
42 et requiescet indignatio mea in te, et auferetur zelus meus a te: et quiescam, nec irascar amplius.
तब तुम्हारे विरुद्ध मेरा कोप ठंडा पड़ जाएगा और तुम्हारे ऊपर से मेरी ईर्ष्या का क्रोध जाता रहेगा; मैं शांत हो जाऊंगा और फिर गुस्सा नहीं करूंगा.
43 Eo quod non fueris recordata dierum adolescentiæ tuæ, et provocasti me in omnibus his, quapropter et ego vias tuas in capite tuo dedi, ait Dominus Deus, et non feci juxta scelera tua in omnibus abominationibus tuis.
“‘क्योंकि तुमने अपनी जवानी के दिनों को याद नहीं रखा, पर इन सब कामों के द्वारा मुझे नाराज किया; इसलिये जो कुछ तुमने किया है, निश्चित रूप से उन बातों को मैं तुम्हारे ही सिर पर ले आऊंगा, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है. अपने सब दूसरे घृणित कामों के अलावा क्या तुमने अश्लीलता भी नहीं की?
44 Ecce omnis qui dicit vulgo proverbium, in te assumet illud, dicens: Sicut mater, ita et filia ejus.
“‘हर एक व्यक्ति, जो कहावतों का प्रयोग करता है, वह तुम्हारे बारे में इस कहावत का प्रयोग करेगा: “जैसी मां, वैसी बेटी.”
45 Filia matris tuæ es tu, quæ projecit virum suum et filios suos: et soror sororum tuarum es tu, quæ projecerunt viros suos et filios suos: mater vestra Cethæa, et pater vester Amorrhæus.
तुम अपनी मां की सही बेटी हो, जिसने अपने पति और अपने बच्चों को तुच्छ जाना; और तुम अपनी बहनों की सही बहन हो, जिन्होंने अपने पतियों और बच्चों को तुच्छ जाना. तुम्हारी माता एक हित्ती और तुम्हारे पिता एक अमोरी थे.
46 Et soror tua major, Samaria, ipsa et filiæ ejus, quæ habitant ad sinistram tuam: soror autem tua minor te, quæ habitat a dextris tuis, Sodoma, et filiæ ejus.
शमरिया तुम्हारी बड़ी बहन थी, जो अपनी बेटियों के साथ तुम्हारे उत्तर की ओर रहती थी; और तुम्हारी छोटी बहन सोदोम है, जो अपनी बेटियों के साथ तुम्हारे दक्षिण की ओर रहती थी.
47 Sed nec in viis earum ambulasti, neque secundum scelera earum fecisti pauxillum minus: pene sceleratiora fecisti illis in omnibus viis tuis.
तुमने न सिर्फ उनके पद-चिन्हों पर चलकर उनके घृणित कामों की नकल की, पर जल्दी ही तुम अपने सब कामों में उनसे भी ज्यादा भ्रष्ट हो गई.
48 Vivo ego, dicit Dominus Deus, quia non fecit Sodoma soror tua, ipsa et filiæ ejus, sicut fecisti tu et filiæ tuæ.
परम प्रधान याहवेह की घोषणा है, मैं अपने जीवन की शपथ खाकर कहता हूं, तुम्हारी बहन सोदोम तथा उसकी बेटियों ने ऐसा घृणित काम कभी नहीं किया, जैसा कि तुमने और तुम्हारी बेटियों ने किया है.
49 Ecce hæc fuit iniquitas Sodomæ sororis tuæ: superbia, saturitas panis et abundantia, et otium ipsius et filiarum ejus: et manum egeno et pauperi non porrigebant:
“‘तुम्हारी बहन सोदोम का पाप यह था: वह और उसकी बेटियां घमंडी, ज्यादा खानेवाली और निश्चिंत जीवन जीनेवाली थी; वे गरीबों और ज़रूरतमंदों की सहायता नहीं करती थी.
50 et elevatæ sunt, et fecerunt abominationes coram me: et abstuli eas sicut vidisti.
वे घमंड से भरी थी और उन्होंने मेरे सामने घृणित कार्य किया. इसलिये मैंने उन्हें दूर कर दिया जैसे कि तुमने देखा है.
51 Et Samaria dimidium peccatorum tuorum non peccavit: sed vicisti eas sceleribus tuis, et justificasti sorores tuas in omnibus abominationibus tuis quas operata es.
शमरिया ने तुमसे आधे भी पाप नहीं किए हैं. तुमने उनसे ज्यादा घृणित काम किए हैं, और तुम्हारे द्वारा किए गये इन सब कामों के द्वारा तुम्हारी बहनें धार्मिक दिखाई दे रही हैं.
52 Ergo et tu porta confusionem tuam, quæ vicisti sorores tuas peccatis tuis, sceleratius agens ab eis: justificatæ sunt enim a te: ergo et tu confundere, et porta ignominiam tuam, quæ justificasti sorores tuas.
अपने कलंक का बोझ उठाती रहो, क्योंकि तुमने ही अपनी बहनों के कुछ न्याय-प्रक्रिया को साफ किया है. क्योंकि तुम्हारे पाप उनके पापों से ज्यादा नीच प्रकृति के थे, वे तुमसे ज्यादा धर्मी जान पड़ती हैं. इसलिये लज्जित हो और अपने कलंक का भार उठाओ, क्योंकि तुलना में तुम्हारी बहनें धर्मी जान पड़ती हैं.
53 Et convertam restituens eas conversione Sodomorum cum filiabus suis, et conversione Samariæ et filiarum ejus, et convertam reversionem tuam in medio earum,
“‘फिर भी, मैं सोदोम और उसकी बेटियों के जीवन, शमरिया और उसकी बेटियों के जीवन, और साथ में तुम्हारे जीवन को भी बदलूंगा,
54 ut portes ignominiam tuam, et confundaris in omnibus quæ fecisti consolans eas.
ताकि तुम अपने कलंक का बोझ उठा सको और उनको सांत्वना देकर जो काम तुमने किया है, उससे लज्जित हो.
55 Et soror tua Sodoma et filiæ ejus revertentur ad antiquitatem suam, et Samaria et filiæ ejus revertentur ad antiquitatem suam, et tu et filiæ tuæ revertemini ad antiquitatem vestram.
और तुम्हारी बहनें, सोदोम और उसकी बेटियां, और शमरिया और उसकी बेटियां अपने पहले की स्थिति में लौट जाएंगी; और तुम और तुम्हारी बेटियां भी अपने पहले की स्थिति में लौट आएंगी.
56 Non fuit autem Sodoma soror tua audita in ore tuo in die superbiæ tuæ,
अपने अहंकार के दिनों में, जब तुम्हारी दुष्टता प्रगट नहीं हुई थी, तब तुम अपनी बहन सोदोम का नाम तक लेना नहीं चाहती थी.
57 antequam revelaretur malitia tua, sicut hoc tempore in opprobrium filiarum Syriæ, et cunctarum in circuitu tuo filiarum Palæstinarum quæ ambiunt te per gyrum.
उसी तरह, अब तुम एदोम की बेटियों और उसके सब पड़ोसियों और फिलिस्तीनियों की बेटियों—अपने चारों तरफ के लोगों के द्वारा तुच्छ समझी जाती हो.
58 Scelus tuum et ignominiam tuam tu portasti, ait Dominus Deus.
तुम्हें अपनी नीचता और घृणित कार्यों का प्रतिफल मिलेगा, याहवेह की घोषणा है.
59 Quia hæc dicit Dominus Deus: Et faciam tibi sicut despexisti juramentum, ut irritum faceres pactum:
“‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: मैं तुम्हारे साथ वैसा ही व्यवहार करूंगा, जैसा तुमने किया है, क्योंकि तुमने वाचा को तोड़ने के द्वारा मेरी सौगंध को तुच्छ समझा है.
60 et recordabor ego pacti mei tecum in diebus adolescentiæ tuæ, et suscitabo tibi pactum sempiternum.
तौभी, मैं उस वाचा को याद रखूंगा, जिसे मैंने तुम्हारे साथ तुम्हारे जवानी के दिनों में बांधी थी, और मैं तुम्हारे साथ सदाकाल तक बने रहनेवाली एक वाचा बांधूंगा.
61 Et recordaberis viarum tuarum, et confunderis, cum receperis sorores tuas te majores cum minoribus tuis: et dabo eas tibi in filias, sed non ex pacto tuo.
तब तुम अपने चालचलन को याद करके लज्जित होगी, जब तुम अपनी बड़ी और छोटी बहनों से मिलोगी. मैं उन्हें तुमको तुम्हारी बेटियों के रूप में दूंगा, परंतु यह तुम्हारे साथ बांधी गई वाचा के आधार पर नहीं होगा.
62 Et suscitabo ego pactum meum tecum, et scies quia ego Dominus:
इस प्रकार मैं तुम्हारे साथ अपनी वाचा बांधूंगा, और तुम जानोगे कि मैं याहवेह हूं.
63 ut recorderis, et confundaris, et non sit tibi ultra aperire os præ confusione tua, cum placatus tibi fuero in omnibus quæ fecisti, ait Dominus Deus.
तब, जब मैं तुम्हारे किए गये सब गलत कार्यों को क्षमा करूंगा, तब तुम याद करोगी और लज्जित होंगी और अपमानित होने के कारण फिर कभी अपना मुंह नहीं खोलोगी, यह परम प्रधान याहवेह की घोषणा है.’”