< Danihelis Prophetæ 3 >
1 Nabuchodonosor rex fecit statuam auream, altitudine cubitorum sexaginta, latitudine cubitorum sex, et statuit eam in campo Dura, provinciæ Babylonis.
राजा नबूकदनेज्ज़र ने एक सोने की मूर्ति बनवाई, जिसकी ऊंचाई लगभग 25 मीटर और चौड़ाई अढ़ाई मीटर थी, और उसने उसे बाबेल प्रदेश में दूरा के मैदान में स्थापित किया.
2 Itaque Nabuchodonosor rex misit ad congregandos satrapas, magistratus, et judices, duces, et tyrannos, et præfectos, omnesque principes regionum, ut convenirent ad dedicationem statuæ quam erexerat Nabuchodonosor rex.
तब उसने हाकिमों, प्रधानों, राज्यपालों, सलाहकारों, ख़ज़ांचियों, न्यायाधीशों, जिलाधीशों और राज्य के दूसरे सब अधिकारियों को बुलवाया कि वे आकर उस मूर्ति के प्रतिष्ठा समारोह में शामिल हों जिसे उसने स्थापित किया था.
3 Tunc congregati sunt satrapæ, magistratus, et judices, duces, et tyranni, et optimates, qui erant in potestatibus constituti, et universi principes regionum, ut convenirent ad dedicationem statuæ, quam erexerat Nabuchodonosor rex. Stabant autem in conspectu statuæ, quam posuerat Nabuchodonosor rex:
अतः हाकिम, प्रधान, राज्यपाल, सलाहकार, खजांची, न्यायाधीश, जिलाधीश और राज्य के दूसरे सब अधिकारी उस मूर्ति के प्रतिष्ठा के लिये इकट्ठे हुए, जिसे राजा नबूकदनेज्ज़र ने स्थापित किया था, और वे सब उस मूर्ति के सामने खड़े हुए.
4 et præco clamabat valenter: Vobis dicitur populis, tribubus, et linguis:
तब घोषणा करनेवाले ने ऊंची आवाज में यह घोषणा की, “जाति-जाति और हर भाषा के लोगों, तुम्हें यह करने की आज्ञा दी जाती है:
5 in hora qua audieritis sonitum tubæ, et fistulæ, et citharæ, sambucæ, et psalterii, et symphoniæ, et universi generis musicorum, cadentes adorate statuam auream, quam constituit Nabuchodonosor rex.
जिस समय तुम लोग नरसिंगा, बांसुरी, सितार, सारंगी, वीणा, शहनाई और सब प्रकार के संगीत की आवाज सुनो, उसी समय तुम गिरकर सोने के उस मूर्ति की आराधना करो, जिसे राजा नबूकदनेज्ज़र ने स्थापित किया है.
6 Si quis autem non prostratus adoraverit, eadem hora mittetur in fornacem ignis ardentis.
जो कोई गिरकर आराधना नहीं करेगा, उसे तुरंत धधकती आग की भट्टी में झोंक दिया जाएगा.”
7 Post hæc igitur, statim ut audierunt omnes populi sonitum tubæ, fistulæ, et citharæ, sambucæ, et psalterii, et symphoniæ, et omnis generis musicorum, cadentes omnes populi, tribus, et linguæ adoraverunt statuam auream, quam constituerat Nabuchodonosor rex.
इसलिये जब उन्होंने नरसिंगा, बांसुरी, सितार, सारंगी, वीणा और हर प्रकार के संगीत की आवाज सुनी, तब सब जाति और हर भाषा के लोगों ने गिरकर उस सोने की मूर्ति की आराधना की, जिसे राजा नबूकदनेज्ज़र ने स्थापित किया था.
8 Statimque in ipso tempore accedentes viri Chaldæi accusaverunt Judæos:
इसी समय कुछ ज्योतिषी आकर यहूदियों पर दोष लगाने लगे.
9 dixeruntque Nabuchodonosor regi: Rex, in æternum vive!
उन्होंने राजा नबूकदनेज्ज़र से कहा, “हे राजा, आप चिरंजीवी हों!
10 tu, rex, posuisti decretum, ut omnis homo, qui audierit sonitum tubæ, fistulæ, et citharæ, sambucæ, et psalterii, et symphoniæ, et universi generis musicorum, prosternat se, et adoret statuam auream:
आप ही ने यह राजाज्ञा निकाली है कि नरसिंगा, बांसुरी, सितार, सारंगी, वीणा, शहनाई और सब प्रकार के संगीत की आवाज सुनते ही हर व्यक्ति गिरकर सोने की मूर्ति की आराधना करे,
11 si quis autem non procidens adoraverit, mittatur in fornacem ignis ardentis.
किंतु जो कोई गिरकर आराधना नहीं करेगा, उसे एक धधकती आग की भट्टी में झोंक दिया जाएगा.
12 Sunt ergo viri Judæi, quos constituisti super opera regionis Babylonis, Sidrach, Misach, et Abdenago: viri isti contempserunt, rex, decretum tuum: deos tuos non colunt, et statuam auream, quam erexisti, non adorant.
पर कुछ यहूदी हैं, जिन्हें आपने बाबेल प्रदेश के कार्य हेतु ठहराया है—अर्थात् शद्रख, मेशेख तथा अबेद-नगो—हे महाराज, इन्होंने आपकी आज्ञा को नहीं माना है. वे न तो आपके देवताओं की सेवा करते हैं और न ही आपके द्वारा स्थापित सोने की मूर्ति की आराधना करते हैं.”
13 Tunc Nabuchodonosor, in furore et in ira, præcepit ut adducerentur Sidrach, Misach, et Abdenago: qui confestim adducti sunt in conspectu regis.
गुस्से से आग बबूला होकर नबूकदनेज्ज़र ने शद्रख, मेशेख और अबेद-नगो को बुलवाया. तब इन तीनों को राजा के सामने लाया गया,
14 Pronuntiansque Nabuchodonosor rex, ait eis: Verene Sidrach, Misach, et Abdenago, deos meos non colitis, et statuam auream, quam constitui, non adoratis?
और नबूकदनेज्ज़र ने उनसे पूछा, “शद्रख, मेशेख और अबेद-नगो, क्या यह सच है कि तुम मेरे देवताओं की सेवा नहीं करते या मेरे द्वारा स्थापित सोने की मूर्ति की आराधना नहीं करते हो?
15 nunc ergo si estis parati, quacumque hora audieritis sonitum tubæ, fistulæ, citharæ, sambucæ, et psalterii, et symphoniæ, omnisque generis musicorum, prosternite vos, et adorate statuam, quam feci: quod si non adoraveritis, eadem hora mittemini in fornacem ignis ardentis: et quis est Deus, qui eripiet vos de manu mea?
अब जब तुम नरसिंगा, बांसुरी, सितार सारंगी, वीणा, शहनाई और सब प्रकार के संगीत की आवाज सुनो, यदि तुम गिरकर मेरे द्वारा बनाए गये मूर्ति की आराधना करने को तैयार हो, तो अच्छी बात है. पर यदि तुम उसकी आराधना नहीं करते हो, तो तुम्हें तुरंत एक धधकती आग की भट्टी में झोंक दिया जाएगा. तब ऐसा कौन सा देवता है, जो तुम्हें मेरे हाथ से बचा सकेगा?”
16 Respondentes Sidrach, Misach, et Abdenago, dixerunt regi Nabuchodonosor: Non oportet nos de hac re respondere tibi.
शद्रख, मेशेख और अबेद-नगो ने राजा को उत्तर दिया, “हे राजा नबूकदनेज्ज़र, इस विषय में हमें आपके सामने अपने आपका बचाव करने की आवश्यकता नहीं है.
17 Ecce enim Deus noster, quem colimus, potest eripere nos de camino ignis ardentis, et de manibus tuis, o rex, liberare.
यदि हमें धधकती आग की भट्टी में फेंक दिया जाता है, तो हमारा परमेश्वर, जिनकी हम सेवा करते हैं, हमें इससे बचाने में समर्थ हैं, और हे महाराज, वह हमें आपके हाथों से भी बचाएंगे.
18 Quod si noluerit, notum sit tibi, rex, quia deos tuos non colimus, et statuam auream, quam erexisti, non adoramus.
पर यदि वह हमें न भी बचाएं, तब भी, हे महाराज, हम आपको बता देना चाहते हैं कि हम आपके देवताओं की सेवा नहीं करेंगे या आपके द्वारा स्थापित सोने की मूर्ति की आराधना नहीं करेंगे.”
19 Tunc Nabuchodonosor repletus est furore, et aspectus faciei illius immutatus est super Sidrach, Misach, et Abdenago: et præcepit ut succenderetur fornax septuplum quam succendi consueverat.
तब नबूकदनेज्ज़र शद्रख, मेशेख और अबेद-नगो के ऊपर बहुत क्रोधित हुआ, और उसकी भावना उनके प्रति बदल गई. उसने आज्ञा दी कि भट्टी को सामान्य से सात गुणा ज्यादा धधकाया जाए,
20 Et viris fortissimis de exercitu suo jussit ut ligatis pedibus Sidrach, Misach, et Abdenago, mitterent eos in fornacem ignis ardentis.
और उसने अपनी सेना के कुछ सबसे बलिष्ठ सैनिकों को आदेश दिया कि शद्रख, मेशेख और अबेद-नगो को बांधकर धधकती भट्टी में झोंक दिया जाए.
21 Et confestim viri illi vincti, cum braccis suis, et tiaris, et calceamentis, et vestibus, missi sunt in medium fornacis ignis ardentis:
अतः इन तीनों को उनके पहिने गये लबादा, पजामा, पगड़ी और अन्य कपड़ों सहित बांधकर धधकती भट्टी में फेंक दिया गया.
22 nam jussio regis urgebat. Fornax autem succensa erat nimis: porro viros illos, qui miserant Sidrach, Misach, et Abdenago, interfecit flamma ignis.
राजा की दृढ़ आज्ञा थी और भट्टी इतनी गर्म थी कि आग की ज्वाला से वे सैनिक मारे गये, जो शद्रख, मेशेख और अबेद-नगो को भट्टी तक ले गए थे,
23 Viri autem hi tres, id est, Sidrach, Misach, et Abdenago, ceciderunt in medio camino ignis ardentis, colligati.
और ये तीनों व्यक्ति—शद्रख, मेशेख और अबेद-नगो अच्छे से बंधे हुए धधकती आग की भट्टी में डाल दिये गए.
24 Tunc Nabuchodonosor rex obstupuit, et surrexit propere, et ait optimatibus suis: Nonne tres viros misimus in medium ignis compeditos? Qui respondentes regi, dixerunt: Vere, rex.
तब राजा नबूकदनेज्ज़र आश्चर्य में उछलकर खड़ा हो गया और अपने सलाहकारों से पूछा, “क्या वे तीन ही व्यक्ति नहीं थे, जिन्हें हमने बांधकर आग में डाला था?” उन्होंने उत्तर दिया, “निश्चित रूप से, महाराज.”
25 Respondit, et ait: Ecce ego video quatuor viros solutos, et ambulantes in medio ignis, et nihil corruptionis in eis est, et species quarti similis filio Dei.
राजा ने कहा, “देखो! मैं आग के बीच चार व्यक्तियों को चलते हुए देख रहा हूं, वे बंधे हुए नहीं हैं और उन्हें कुछ भी हानि नहीं हुई है, और चौथा व्यक्ति देवताओं के पुत्र जैसे दिख रहा है.”
26 Tunc accessit Nabuchodonosor ad ostium fornacis ignis ardentis, et ait: Sidrach, Misach, et Abdenago, servi Dei excelsi, egredimini, et venite. Statimque egressi sunt Sidrach, Misach, et Abdenago de medio ignis.
तब नबूकदनेज्ज़र धधकती भट्टी के मुहाने के पास पहुंचा और ऊंची आवाज में कहा, “शद्रख, मेशेख और अबेद-नगो, सर्वोच्च परमेश्वर के सेवको, बाहर आ जाओ! मेरे पास आओ!” यह सुनकर शद्रख, मेशेख और अबेद-नगो आग से बाहर निकल आए,
27 Et congregati satrapæ, et magistratus, et judices, et potentes regis contemplabantur viros illos, quoniam nihil potestatis habuisset ignis in corporibus eorum, et capillus capitis eorum non esset adustus, et sarabala eorum non fuissent immutata, et odor ignis non transisset per eos.
और उनके चारों तरफ हाकिमों, प्रधानों, राज्यपालों और शाही सलाहकारों की भीड़ लग गई. उन्होंने देखा कि उन तीनों के शरीर को आग से कोई नुकसान नहीं पहुंचा था, न ही उनके सिर का एक भी बाल झुलसा था; उनके कपड़े भी नहीं जले थे, और उनसे जलने की कोई गंध नहीं आ रही थी.
28 Et erumpens Nabuchodonosor, ait: Benedictus Deus eorum, Sidrach videlicet, Misach, et Abdenago: qui misit angelum suum, et eruit servos suos, qui crediderunt in eum: et verbum regis immutaverunt, et tradiderunt corpora sua ne servirent, et ne adorarent omnem deum, excepto Deo suo.
तब नबूकदनेज्ज़र ने कहा, “शद्रख, मेशेख और अबेद-नगो के परमेश्वर की महिमा हो, जिन्होंने अपने स्वर्गदूत को भेजकर अपने सेवकों को बचाया! उन्होंने उस पर भरोसा किया और राजा के आज्ञा की परवाह न की और अपना प्राण देने तक तैयार थे, इसके बजाय कि वे अपने परमेश्वर को छोड़कर किसी और देवता की सेवा या आराधना करें.
29 A me ergo positum est hoc decretum: ut omnis populus, tribus, et lingua, quæcumque locuta fuerit blasphemiam contra Deum Sidrach, Misach, et Abdenago, dispereat, et domus ejus vastetur: neque enim est alius deus, qui possit ita salvare.
इसलिये मैं यह आज्ञा देता हूं कि किसी भी जाति या भाषा के लोग, यदि शद्रख, मेशेख और अबेद-नगो के परमेश्वर के विरुद्ध कुछ भी कहते हैं, तो उनको काटकर टुकड़े-टुकड़े कर दिया जाए और उनके घरों को कचरे का ढेर कर दिया जाए, क्योंकि ऐसा कोई भी देवता नहीं, जो इस प्रकार से बचा सके.”
30 Tunc rex promovit Sidrach, Misach, et Abdenago in provincia Babylonis.
तब राजा ने शद्रख, मेशेख और अबेद-नगो को बाबेल राज्य में और उच्च पद दिया.