< Timotheum I 1 >

1 Paulus Apostolus Jesu Christi secundum imperium Dei Salvatoris nostri, et Christi Jesu spei nostræ,
पौलुस की तरफ़ से जो हमारे मुन्जी ख़ुदा और हमारे उम्मीद गाह मसीह ईसा के हुक्म से मसीह ईसा का रसूल है,
2 Timotheo dilecto filio in fide. Gratia, misericordia, et pax a Deo Patre, et Christo Jesu Domino nostro.
तीमुथियुस के नाम जो ईमान के लिहाज़ से मेरा सच्चा बेटा है: फ़ज़ल, रहम और इत्मीनान ख़ुदा बाप और हमारे ख़ुदावन्द मसीह ईसा की तरफ़ से तुझे हासिल होता रहे।
3 Sicut rogavi te ut remaneres Ephesi cum irem in Macedoniam, ut denuntiares quibusdam ne aliter docerent,
जिस तरह मैंने मकिदुनिया जाते वक़्त तुझे नसीहत की थी, कि ईफ़िसुस में रह कर कुछ को शख़्सों हुक्म कर दे कि और तरह की ता'लीम न दें,
4 neque intenderent fabulis, et genealogiis interminatis: quæ quæstiones præstant magis quam ædificationem Dei, quæ est in fide.
और उन कहानियों और बे इन्तिहा नसब नामों पर लिहाज़ न करें, जो तकरार का ज़रिया होते हैं, और उस इंतज़ाम — ए — इलाही के मुवाफ़िक़ नहीं जो ईमान पर म्बनी है, उसी तरह अब भी करता हूँ।
5 Finis autem præcepti est caritas de corde puro, et conscientia bona, et fide non ficta.
हुक्म का मक़सद ये है कि पाक दिल और नेक नियत और बिना दिखावा ईमान से मुहब्बत पैदा हो।
6 A quibus quidam aberrantes, conversi sunt in vaniloquium,
इनको छोड़ कर कुछ शख़्स बेहूदा बकवास की तरफ़ मुतवज्जह हो गए,
7 volentes esse legis doctores, non intelligentes neque quæ loquuntur, neque de quibus affirmant.
और शरी'अत के मु'अल्लिम बनना चाहते हैं, हालाँकि जो बातें कहते हैं और जिनका यक़ीनी तौर से दावा करते हैं, उनको समझते भी नहीं।
8 Scimus autem quia bona est lex si quis ea legitime utatur:
मगर हम जानते हैं कि शरी'अत अच्छी है, बशर्ते कि कोई उसे शरी'अत के तौर पर काम में लाए।
9 sciens hoc quia lex justo non est posita, sed injustis, et non subditis, impiis, et peccatoribus, sceleratis, et contaminatis, parricidis, et matricidis, homicidis,
या'नी ये समझकर कि शरी'अत रास्तबाज़ों के लिए मुक़र्रर नहीं हुई, बल्कि बेशरा' और सरकश लोगों, और बेदीनों, और गुनहगारों, और नापाक, और रिन्दों, और माँ — बाप के क़ातिलों, और ख़ूनियों,
10 fornicariis, masculorum concubitoribus, plagiariis, mendacibus, et perjuris, et si quid aliud sanæ doctrinæ adversatur,
और हारामकारों, और लौंडे — बाज़ों, और बर्दा — गुलाम फ़रोशों, और झूठों, और झूठी क़सम खानेवालों, और इनके सिवा सही ता'लीम के और बरख़िलाफ़ काम करनेवालों के वास्ते है।
11 quæ est secundum Evangelium gloriæ beati Dei, quod creditum est mihi.
ये ख़ुदा — ए — मुबारिक़ के जलाल की उस ख़ुशख़बरी के मुवाफ़िक़ है जो मेरे सुपुर्द हुई।
12 Gratias ago ei, qui me confortavit, Christo Jesu Domino nostro, quia fidelem me existimavit, ponens in ministerio:
मैं अपनी ताक़त बख़्शने वाले ख़ुदावन्द मसीह ईसा का शुक्र करता हूँ कि उसने मुझे दियानतदार समझकर अपनी ख़िदमत के लिए मुक़र्रर किया।
13 qui prius blasphemus fui, et persecutor, et contumeliosus: sed misericordiam Dei consecutus sum, quia ignorans feci in incredulitate.
अगरचे मैं पहले कुफ़्र बकने वाला, और सताने वाला, और बे'इज़्ज़त करने वाला था; तोभी मुझ पर रहम हुआ, इस वास्ते कि मैंने बेईमानी की हालत में नादानी से ये काम किए थे।
14 Superabundavit autem gratia Domini nostri cum fide, et dilectione, quæ est in Christo Jesu.
और हमारे ख़ुदावन्द का फ़ज़ल उस ईमान और मुहब्बत के साथ जो मसीह ईसा में है बहुत ज़्यादा हुआ।
15 Fidelis sermo, et omni acceptione dignus: quod Christus Jesus venit in hunc mundum peccatores salvos facere, quorum primus ego sum.
ये बात सच और हर तरह से क़ुबूल करने के लायक़ है कि मसीह ईसा गुनहगारों को नजात देने के लिए दुनिया में आया, उन गुनहगारों में से सब से बड़ा मैं हूँ,
16 Sed ideo misericordiam consecutus sum: ut in me primo ostenderet Christus Jesus omnem patientiam ad informationem eorum, qui credituri sunt illi, in vitam æternam. (aiōnios g166)
लेकिन मुझ पर रहम इसलिए हुआ कि ईसा मसीह मुझ बड़े गुनहगार में अपना सब्र ज़ाहिर करे, ताकि जो लोग हमेशा की ज़िन्दगी के लिए उस पर ईमान लाएँगे उन के लिए मैं नमूना बनूँ। (aiōnios g166)
17 Regi autem sæculorum immortali, invisibili, soli Deo honor et gloria in sæcula sæculorum. Amen. (aiōn g165)
अब हमेशा कि बादशाही या'नी ना मिटने वाली, नादीदा, एक ख़ुदा की 'इज़्ज़त और बड़ाई हमेशा से हमेशा तक होती रहे। आमीन। (aiōn g165)
18 Hoc præceptum commendo tibi, fili Timothee, secundum præcedentes in te prophetias, ut milites in illis bonam militiam,
ऐ फ़र्ज़न्द तीमुथियुस! उन पेशीनगोइयों के मुवाफ़िक़ जो पहले तेरे ज़रिए की गई थीं, मैं ये हुक्म तेरे सुपुर्द करता हूँ ताकि तू उनके मुताबिक़ अच्छी लड़ाई लड़ता रहे; और ईमान और उस नेक नियत पर क़ाईम रहे,
19 habens fidem, et bonam conscientiam, quam quidam repellentes, circa fidem naufragaverunt:
जिसको दूर करने की वजह से कुछ लोगों के ईमान का जहाज़ ग़र्क़ हो गया।
20 ex quibus est Hymenæus, et Alexander: quos tradidi Satanæ, ut discant non blasphemare.
उन ही में से हिमुन्युस और सिकन्दर है, जिन्हें मैंने शैतान के हवाले किया ताकि कुफ़्र से बा'ज़ रहना सीखें।

< Timotheum I 1 >