< Psalmorum 135 >

1 Alleluia. Laudate nomen Domini, laudate servi Dominum:
यहोवा की स्तुति करो, यहोवा के नाम की स्तुति करो, हे यहोवा के सेवकों उसकी स्तुति करो,
2 Qui statis in domo Domini, in atriis domus Dei nostri.
तुम जो यहोवा के भवन में, अर्थात् हमारे परमेश्वर के भवन के आँगनों में खड़े रहते हो!
3 Laudate Dominum, quia bonus Dominus: psallite nomini eius, quoniam suave.
यहोवा की स्तुति करो, क्योंकि वो भला है; उसके नाम का भजन गाओ, क्योंकि यह मनोहर है!
4 Quoniam Iacob elegit sibi Dominus Israel in possessionem sibi.
यहोवा ने तो याकूब को अपने लिये चुना है, अर्थात् इस्राएल को अपना निज धन होने के लिये चुन लिया है।
5 Quia ego cognovi quod magnus est Dominus, et Deus noster præ omnibus diis.
मैं तो जानता हूँ कि यहोवा महान है, हमारा प्रभु सब देवताओं से ऊँचा है।
6 Omnia quæcumque voluit, Dominus fecit in cælo, in terra, in mari, et in omnibus abyssis.
जो कुछ यहोवा ने चाहा उसे उसने आकाश और पृथ्वी और समुद्र और सब गहरे स्थानों में किया है।
7 Educens nubes ab extremo terræ: fulgura in pluviam fecit. Qui producit ventos de thesauris suis:
वह पृथ्वी की छोर से कुहरे उठाता है, और वर्षा के लिये बिजली बनाता है, और पवन को अपने भण्डार में से निकालता है।
8 qui percussit primogenita Ægypti ab homine usque ad pecus.
उसने मिस्र में क्या मनुष्य क्या पशु, सब के पहिलौठों को मार डाला!
9 Et misit signa, et prodigia in medio tui Ægypte: in Pharaonem, et in omnes servos eius.
हे मिस्र, उसने तेरे बीच में फ़िरौन और उसके सब कर्मचारियों के विरुद्ध चिन्ह और चमत्कार किए।
10 Qui percussit gentes multas: et occidit reges fortes:
१०उसने बहुत सी जातियाँ नाश की, और सामर्थी राजाओं को,
11 Sehon regem Amorrhæorum, et Og regem Basan, et omnia regna Chanaan.
११अर्थात् एमोरियों के राजा सीहोन को, और बाशान के राजा ओग को, और कनान के सब राजाओं को घात किया;
12 Et dedit terram eorum hereditatem, hereditatem Israel populo suo.
१२और उनके देश को बाँटकर, अपनी प्रजा इस्राएल का भाग होने के लिये दे दिया।
13 Domine nomen tuum in æternum: Domine memoriale tuum in generationem et generationem.
१३हे यहोवा, तेरा नाम सदा स्थिर है, हे यहोवा, जिस नाम से तेरा स्मरण होता है, वह पीढ़ी-पीढ़ी बना रहेगा।
14 Quia iudicabit Dominus populum suum: et in servis suis deprecabitur.
१४यहोवा तो अपनी प्रजा का न्याय चुकाएगा, और अपने दासों की दुर्दशा देखकर तरस खाएगा।
15 Simulacra Gentium argentum, et aurum, opera manuum hominum.
१५अन्यजातियों की मूरतें सोना-चाँदी ही हैं, वे मनुष्यों की बनाई हुई हैं।
16 Os habent, et non loquentur: oculos habent, et non videbunt.
१६उनके मुँह तो रहता है, परन्तु वे बोल नहीं सकती, उनके आँखें तो रहती हैं, परन्तु वे देख नहीं सकती,
17 Aures habent, et non audient: neque enim est spiritus in ore ipsorum.
१७उनके कान तो रहते हैं, परन्तु वे सुन नहीं सकती, न उनमें कुछ भी साँस चलती है।
18 Similes illis fiant qui faciunt ea: et omnes, qui confidunt in eis.
१८जैसी वे हैं वैसे ही उनके बनानेवाले भी हैं; और उन पर सब भरोसा रखनेवाले भी वैसे ही हो जाएँगे!
19 Domus Israel benedicite Domino: domus Aaron benedicite Domino.
१९हे इस्राएल के घराने, यहोवा को धन्य कह! हे हारून के घराने, यहोवा को धन्य कह!
20 Domus Levi benedicite Domino: qui timetis Dominum, benedicite Domino.
२०हे लेवी के घराने, यहोवा को धन्य कह! हे यहोवा के डरवैयों, यहोवा को धन्य कहो!
21 Benedictus Dominus ex Sion, qui habitat in Ierusalem.
२१यहोवा जो यरूशलेम में वास करता है, उसे सिय्योन में धन्य कहा जाए! यहोवा की स्तुति करो!

< Psalmorum 135 >