< Leviticus 10 >
1 Arreptisque Nadab, et Abiu filii Aaron thuribulis, posuerunt ignem, et incensum desuper, offerentes coram Domino ignem alienum: quod eis præceptum non erat.
१तब नादाब और अबीहू नामक हारून के दो पुत्रों ने अपना-अपना धूपदान लिया, और उनमें आग भरी, और उसमें धूप डालकर उस अनुचित आग को जिसकी आज्ञा यहोवा ने नहीं दी थी यहोवा के सम्मुख अर्पित किया।
2 Egressusque ignis a Domino, devoravit eos, et mortui sunt coram Domino.
२तब यहोवा के सम्मुख से आग निकली और उन दोनों को भस्म कर दिया, और वे यहोवा के सामने मर गए।
3 Dixitque Moyses ad Aaron: Hoc est quod locutus est Dominus: Sanctificabor in iis, qui appropinquant mihi, et in conspectu omnis populi glorificabor. Quod audiens tacuit Aaron.
३तब मूसा ने हारून से कहा, “यह वही बात है जिसे यहोवा ने कहा था, कि जो मेरे समीप आए अवश्य है कि वह मुझे पवित्र जाने, और सारी जनता के सामने मेरी महिमा करे।” और हारून चुप रहा।
4 Vocatis autem Moyses Misaele, et Elisaphan filiis Oziel, patrui Aaron, ait ad eos: Ite et tollite fratres vestros de conspectu Sanctuarii, et asportate extra castra.
४तब मूसा ने मीशाएल और एलसाफान को जो हारून के चाचा उज्जीएल के पुत्र थे बुलाकर कहा, “निकट आओ, और अपने भतीजों को पवित्रस्थान के आगे से उठाकर छावनी के बाहर ले जाओ।”
5 Confestimque pergentes, tulerunt eos sicut iacebant, vestitos lineis tunicis, et eiecerunt foras, ut sibi fuerat imperatum.
५मूसा की इस आज्ञा के अनुसार वे निकट जाकर उनको अंगरखों सहित उठाकर छावनी के बाहर ले गए।
6 Locutusque est Moyses ad Aaron, et ad Eleazar, et Ithamar filios eius: Capita vestra nolite nudare, et vestimenta nolite scindere, ne forte moriamini, et super omnem cœtum oriatur indignatio. Fratres vestri, et omnis domus Israel plangant incendium quod Dominus suscitavit:
६तब मूसा ने हारून से और उसके पुत्र एलीआजर और ईतामार से कहा, “तुम लोग अपने सिरों के बाल मत बिखराओ, और न अपने वस्त्रों को फाड़ो, ऐसा न हो कि तुम भी मर जाओ, और सारी मण्डली पर उसका क्रोध भड़क उठे; परन्तु इस्राएल के सारे घराने के लोग जो तुम्हारे भाई-बन्धु हैं वह यहोवा की लगाई हुई आग पर विलाप करें।
7 vos autem non egrediemini fores tabernaculi, alioquin peribitis: oleum quippe sanctæ unctionis est super vos. Qui fecerunt omnia iuxta præceptum Moysi.
७और तुम लोग मिलापवाले तम्बू के द्वार के बाहर न जाना, ऐसा न हो कि तुम मर जाओ; क्योंकि यहोवा के अभिषेक का तेल तुम पर लगा हुआ है।” मूसा के इस वचन के अनुसार उन्होंने किया।
8 Dixit quoque Dominus ad Aaron:
८फिर यहोवा ने हारून से कहा,
9 Vinum, et omne quod inebriare potest, non bibetis tu et filii tui, quando intratis in tabernaculum testimonii, ne moriamini: quia præceptum sempiternum est in generationes vestras.
९“जब जब तू या तेरे पुत्र मिलापवाले तम्बू में आएँ तब-तब तुम में से कोई न तो दाखमधु पीए हो न और किसी प्रकार का मद्य, कहीं ऐसा न हो कि तुम मर जाओ; तुम्हारी पीढ़ी-पीढ़ी में यह विधि प्रचलित रहे,
10 Et ut habeatis scientiam discernendi inter sanctum et profanum, inter pollutum et mundum:
१०जिससे तुम पवित्र और अपवित्र में, और शुद्ध और अशुद्ध में अन्तर कर सको;
11 doceatisque filios Israel omnia legitima mea quæ locutus est Dominus ad eos per manum Moysi.
११और इस्राएलियों को उन सब विधियों को सिखा सको जिसे यहोवा ने मूसा के द्वारा उनको बता दी हैं।”
12 Locutusque est Moyses ad Aaron, et ad Eleazar, et Ithamar filios eius, qui erant residui: Tollite sacrificium, quod remansit de oblatione Domini, et comedite illud absque fermento iuxta altare, quia Sanctum sanctorum est.
१२फिर मूसा ने हारून से और उसके बचे हुए दोनों पुत्र एलीआजर और ईतामार से भी कहा, “यहोवा के हव्य में से जो अन्नबलि बचा है उसे लेकर वेदी के पास बिना ख़मीर खाओ, क्योंकि वह परमपवित्र है;
13 Comedetis autem in loco sancto: quod datum est tibi et filiis tuis de oblationibus Domini, sicut præceptum est mihi.
१३और तुम उसे किसी पवित्रस्थान में खाओ, वह यहोवा के हव्य में से तेरा और तेरे पुत्रों का हक़ है; क्योंकि मैंने ऐसी ही आज्ञा पाई है।
14 Pectusculum quoque quod oblatum est, et armum qui separatus est, edetis in loco mundissimo tu et filii tui, et filiæ tuæ tecum. tibi enim ac liberis tuis reposita sunt de hostiis salutaribus filiorum Israel:
१४तब हिलाई हुई भेंट की छाती और उठाई हुई भेंट की जाँघ को तुम लोग, अर्थात् तू और तेरे बेटे-बेटियाँ सब किसी शुद्ध स्थान में खाओ; क्योंकि वे इस्राएलियों के मेलबलियों में से तुझे और तेरे बच्चों का हक़ ठहरा दी गई हैं।
15 eo quod armum et pectus, et adipes qui cremantur in altari, elevaverunt coram Domino, et pertineant ad te, et ad filios tuos lege perpetua, sicut præcepit Dominus.
१५चर्बी के हव्यों समेत जो उठाई हुई जाँघ और हिलाई हुई छाती यहोवा के सामने हिलाने के लिये आया करेंगी, ये भाग यहोवा की आज्ञा के अनुसार सर्वदा की विधि की व्यवस्था से तेरे और तेरे बच्चों के लिये हैं।”
16 Inter hæc, hircum, qui oblatus fuerat pro peccato, cum quæreret Moyses, exustum reperit: iratusque contra Eleazar et Ithamar filios Aaron, qui remanserant, ait:
१६फिर मूसा ने पापबलि के बकरे की खोजबीन की, तो क्या पाया कि वह जलाया गया है, इसलिए एलीआजर और ईतामार जो हारून के पुत्र बचे थे उनसे वह क्रोध में आकर कहने लगा,
17 Cur non comedistis hostiam pro peccato in loco sancto, quæ Sancta sanctorum est, et data vobis ut portetis iniquitatem multitudinis, et rogetis pro ea in conspectu Domini,
१७“पापबलि जो परमपवित्र है और जिसे यहोवा ने तुम्हें इसलिए दिया है कि तुम मण्डली के अधर्म का भार अपने पर उठाकर उनके लिये यहोवा के सामने प्रायश्चित करो, तुम ने उसका माँस पवित्रस्थान में क्यों नहीं खाया?
18 præsertim cum de sanguine illius non sit illatum intra sancta, et comedere debueritis eam in Sanctuario, sicut præceptum est mihi?
१८देखो, उसका लहू पवित्रस्थान के भीतर तो लाया ही नहीं गया, निःसन्देह उचित था कि तुम मेरी आज्ञा के अनुसार उसके माँस को पवित्रस्थान में खाते।”
19 Respondit Aaron: Oblata est hodie victima pro peccato, et holocaustum coram Domino: mihi autem accidit quod vides. quomodo potui comedere eam, aut placere Domino in ceremoniis mente lugubri?
१९इसका उत्तर हारून ने मूसा को इस प्रकार दिया, “देख, आज ही उन्होंने अपने पापबलि और होमबलि को यहोवा के सामने चढ़ाया; फिर मुझ पर ऐसी विपत्तियाँ आ पड़ी हैं! इसलिए यदि मैं आज पापबलि का माँस खाता तो क्या यह बात यहोवा के सम्मुख भली होती?”
20 Quod cum audisset Moyses, recepit satisfactionem.
२०जब मूसा ने यह सुना तब उसे संतोष हुआ।