< Osee Propheta 14 >

1 Convertere Israel ad Dominum Deum tuum: quoniam corruisti in iniquitate tua.
हे इस्राएल, अपने परमेश्वर यहोवा के पास लौट आ, क्योंकि तूने अपने अधर्म के कारण ठोकर खाई है।
2 Tollite vobiscum verba, et convertimini ad Dominum: et dicite ei: Omnem aufer iniquitatem, accipe bonum: et reddemus vitulos labiorum nostrorum.
बातें सीखकर और यहोवा की ओर लौटकर, उससे कह, “सब अधर्म दूर कर; अनुग्रह से हमको ग्रहण कर; तब हम धन्यवाद रूपी बलि चढ़ाएँगे।
3 Assur non salvabit nos, super equum non ascendemus, nec dicemus ultra: Dii nostri opera manuum nostrarum: quia eius, qui in te est, misereberis pupilli.
अश्शूर हमारा उद्धार न करेगा, हम घोड़ों पर सवार न होंगे; और न हम फिर अपनी बनाई हुई वस्तुओं से कहेंगे, ‘तुम हमारे ईश्वर हो;’ क्योंकि अनाथ पर तू ही दया करता है।”
4 Sanabo contritiones eorum, diligam eos spontanee: quia aversus est furor meus ab eis.
मैं उनकी भटक जाने की आदत को दूर करूँगा; मैं सेंत-मेंत उनसे प्रेम करूँगा, क्योंकि मेरा क्रोध उन पर से उतर गया है।
5 Ero quasi ros, Israel germinabit sicut lilium, et erumpet radix eius ut Libani.
मैं इस्राएल के लिये ओस के समान होऊँगा; वह सोसन के समान फूले-फलेगा, और लबानोन के समान जड़ फैलाएगा।
6 Ibunt rami eius, et erit quasi oliva gloria eius: et odor eius ut Libani.
उसकी जड़ से पौधे फूटकर निकलेंगे; उसकी शोभा जैतून की सी, और उसकी सुगन्ध लबानोन की सी होगी।
7 Convertentur sedentes in umbra eius: vivent tritico, et germinabunt quasi vinea: memoriale eius sicut vinum Libani.
जो उसकी छाया में बैठेंगे, वे अन्न के समान बढ़ेंगे, वे दाखलता के समान फूले-फलेंगे; और उसकी कीर्ति लबानोन के दाखमधु की सी होगी।
8 Ephraim quid mihi ultra idola? ego exaudiam, et dirigam eum ego ut abietem virentem: ex me fructus tuus inventus est.
एप्रैम कहेगा, “मूरतों से अब मेरा और क्या काम?” मैं उसकी सुनकर उस पर दृष्टि बनाए रखूँगा। मैं हरे सनोवर सा हूँ; मुझी से तू फल पाया करेगा।
9 Quis sapiens, et intelliget ista? intelligens, et sciet hæc? quia rectæ viæ Domini, et iusti ambulabunt in eis: prævaricatores vero corruent in eis.
जो बुद्धिमान हो, वही इन बातों को समझेगा; जो प्रवीण हो, वही इन्हें बूझ सकेगा; क्योंकि यहोवा के मार्ग सीधे हैं, और धर्मी उनमें चलते रहेंगे, परन्तु अपराधी उनमें ठोकर खाकर गिरेंगे।

< Osee Propheta 14 >