< Genesis 7 >
1 Dixitque Dominus ad eum: Ingredere tu, et omnis domus tua in arcam: te enim vidi iustum coram me in generatione hac.
और ख़ुदावन्द ने नूह से कहा कि तू अपने पूरे ख़ान्दान के साथ कश्ती में आ; क्यूँकि मैंने तुझी को अपने सामने इस ज़माना में रास्तबाज़ देखा है।
2 Ex omnibus animantibus mundis tolle septena et septena, masculum et feminam: de animantibus vero immundis duo et duo, masculum et feminam.
सब पाक जानवरों में से सात — सात, नर और उनकी मादा; और उनमें से जो पाक नहीं हैं दो — दो, नर और उनकी मादा अपने साथ ले लेना।
3 Sed et de volatilibus cæli septena et septena, masculum et feminam: ut salvetur semen super faciem universæ terræ.
और हवा के परिन्दों में से भी सात — सात, नर और मादा, लेना ताकि ज़मीन पर उनकी नसल बाक़ी रहे।
4 Adhuc enim, et post dies septem ego pluam super terram quadraginta diebus et quadraginta noctibus: et delebo omnem substantiam, quam feci, de superficie terræ.
क्यूँकि सात दिन के बाद मैं ज़मीन पर चालीस दिन और चालीस रात पानी बरसाऊंगा, और हर जानदार शय को जिसे मैंने बनाया ज़मीन पर से मिटा डालूँगा।
5 Fecit ergo Noe omnia, quæ mandaverat ei Dominus.
और नूह ने वह सब जैसा ख़ुदावन्द ने उसे हुक्म दिया था किया।
6 Eratque sexcentorum annorum quando diluvii aquæ inundaverunt super terram.
और नूह छ: सौ साल का था, जब पानी का तूफ़ान ज़मीन पर आया।
7 Et ingressus est Noe et filii eius, uxor eius et uxores filiorum eius cum eo in arcam propter aquas diluvii.
तब नूह और उसके बेटे और उसकी बीवी, और उसके बेटों की बीवियाँ, उसके साथ तूफ़ान के पानी से बचने के लिए कश्ती में गए।
8 De animantibus quoque mundis et immundis, et de volucribus, et ex omni, quod movetur super terram,
और पाक जानवरों में से और उन जानवरों में से जो पाक नहीं, और परिन्दों में से और ज़मीन पर के हर रेंगनेवाले जानदार में से
9 duo et duo ingressa sunt ad Noe in arcam, masculus et femina, sicut præceperat Dominus Noe.
दो — दो, नर और मादा, कश्ती में नूह के पास गए, जैसा ख़ुदा ने नूह को हुक्म दिया था।
10 Cumque transissent septem dies, aquæ diluvii inundaverunt super terram.
और सात दिन के बाद ऐसा हुआ कि तूफ़ान का पानी ज़मीन पर आ गया।
11 Anno sexcentesimo vitæ Noe, mense secundo, septimodecimo die mensis, rupti sunt omnes fontes abyssi magnæ, et cataractæ cæli apertæ sunt:
नूह की उम्र का छ: सौवां साल था, कि उसके दूसरे महीने के ठीक सत्रहवीं तारीख़ को बड़े समुन्दर के सब सोते फूट निकले और आसमान की खिड़कियाँ खुल गई।
12 et facta est pluvia super terram quadraginta diebus et quadraginta noctibus.
और चालीस दिन और चालीस रात ज़मीन पर बारिश होती रही।
13 In articulo diei illius ingressus est Noe, et Sem, et Cham, et Iapheth filii eius: uxor illius, et tres uxores filiorum eius cum eis in arcam:
उसी दिन नूह और नूह के बेटे सिम और हाम और याफ़त, और
14 ipsi et omne animal secundum genus suum, universaque iumenta in genere suo, et omne quod movetur super terram in genere suo, cunctumque volatile secundum genus suum, universæ aves, omnesque volucres
और हर क़िस्म का जानवर और हर क़िस्म का चौपाया और हर क़िस्म का ज़मीन पर का रेंगने वाला जानदार और हर क़िस्म का परिन्दा और हर क़िस्म की चिड़िया, यह सब कश्ती में दाख़िल हुए।
15 ingressæ sunt ad Noe in arcam, bina et bina ex omni carne, in qua erat spiritus vitæ.
और जो ज़िन्दगी का दम रखते हैं उनमें से दो — दो कश्ती में नूह के पास आए।
16 Et quæ ingressa sunt, masculus et femina ex omni carne introierunt, sicut præceperat ei Deus: et inclusit eum Dominus deforis.
और जो अन्दर आए वो, जैसा ख़ुदा ने उसे हुक्म दिया था, सब जानवरों के नर — ओ — मादा थे। तब ख़ुदावन्द ने उसको बाहर से बन्द कर दिया।
17 Factumque est diluvium quadraginta diebus super terram: et multiplicatæ sunt aquæ, et elevaverunt arcam in sublime a terra.
और चालीस दिन तक ज़मीन पर तूफ़ान रहा, और पानी बढ़ा और उसने कश्ती को ऊपर उठा दिया; तब कश्ती ज़मीन पर से उठ गई।
18 Vehementer enim inundaverunt: et omnia repleverunt in superficie terræ: porro arca ferebatur super aquas.
और पानी ज़मीन पर चढ़ता ही गया और बहुत बढ़ा और कश्ती पानी के ऊपर तैरती रही।
19 Et aquæ prævaluerunt nimis super terram: opertique sunt omnes montes excelsi sub universo cælo.
और पानी ज़मीन पर बहुत ही ज़्यादा चढ़ा और सब ऊँचे पहाड़ जो दुनिया में हैं छिप गए।
20 Quindecim cubitis altior fuit aqua super montes, quos operuerat.
पानी उनसे पंद्रह हाथ और ऊपर चढ़ा और पहाड़ डूब गए।
21 Consumptaque est omnis caro quæ movebatur super terram, volucrum, animantium, bestiarum, omniumque reptilium, quæ reptant super terram: universi homines,
और सब जानवर जो ज़मीन पर चलते थे, परिन्दे और चौपाए और जंगली जानवर और ज़मीन पर के सब रेंगनेवाले जानदार, और सब आदमी मर गए।
22 et cuncta, in quibus spiraculum vitæ est in terra, mortua sunt.
और ख़ुश्की के सब जानदार जिनके नथनों में ज़िन्दगी का दम था मर गए।
23 Et delevit omnem substantiam, quæ erat super terram, ab homine usque ad pecus, tam reptile quam volucres cæli: et deleta sunt de terra: remansit autem solus Noe, et qui cum eo erant in arca.
बल्कि हर जानदार शय जो इस ज़मीन पर थी मर मिटी — क्या इंसान क्या हैवान क्या रेंगने वाले जानदार क्या हवा का परिन्दा, यह सब के सब ज़मीन पर से मर मिटे। सिर्फ़ एक नूह बाक़ी बचा, या वह जो उसके साथ कश्ती में थे।
24 Obtinueruntque aquæ terram centum quinquaginta diebus.
और पानी ज़मीन पर एक सौ पचास दिन तक बढ़ता रहा।