< Hiezechielis Prophetæ 23 >

1 Et factus est sermo Domini ad me, dicens:
याहवेह का वचन मेरे पास आया:
2 Fili hominis, duæ mulieres filiæ matris unius fuerunt,
“हे मनुष्य के पुत्र, दो स्त्रियां थी, जो एक ही मां की बेटियां थी.
3 et fornicatæ sunt in Ægypto, in adolescentia sua fornicatæ sunt: ibi subacta sunt ubera earum, et fractæ sunt mammæ pubertatis earum.
वे मिस्र देश में वेश्या बन गईं और वे अपनी जवानी के दिनों से वेश्यावृत्ति करती थी. उसी देश में उनके स्तनों से दुलार किया गया और उनके कुंवारी छाती से लाड़ किया गया.
4 Nomina autem earum Oolla maior, et Ooliba soror eius minor: et habui eas, et pepererunt filios, et filias. Porro earum nomina Samaria Oolla, et Ierusalem Ooliba.
बड़ी बहन का नाम ओहोलाह, और छोटी का नाम ओहोलीबाह था. वे मेरी थी और उन्होंने बेटे-बेटियों को जन्म दिया. ओहोलाह शमरिया है, और ओहोलीबाह येरूशलेम है.
5 Fornicata est igitur super me Oolla, et insanivit in amatores suos, in Assyrios propinquantes,
“जब ओहोलाह मेरी ही थी, तभी वह वेश्यावृत्ति करने लगी; वह अपने प्रेमियों के लिये लालायित रहती थी—जो नीले कपड़े पहने अश्शूरी योद्धा थे,
6 vestitos hyacintho, principes, et magistratus, iuvenes cupidinis, universos equites, ascensores equorum.
राज्यपाल और सेनापति थे, ये सबके सब सुंदर और जवान थे, और उसके प्रेमियों में घुड़सवार भी थे.
7 Et dedit fornicationes suas super eos electos, filios Assyriorum universos: et in omnibus, in quos insanivit, in immunditiis eorum polluta est.
उसने अपने आपको वेश्या के रूप में सबसे अच्छे अश्शूरियों को दे दिया और उन हर एक के मूर्तियों से अपने आपको अशुद्ध किया जिनके लिये वह लालायित रहती थी.
8 Insuper et fornicationes suas, quas habuerat in Ægypto, non reliquit: nam et illi dormierunt cum ea in adolescentia eius, et illi confregerunt ubera pubertatis eius, et effuderunt fornicationem suam super eam.
जो वेश्यावृत्ति उसने मिस्र देश में शुरू की थी, उसे उसने नहीं छोड़ा, जब उसकी जवानी के समय पुरुष उसके साथ सोते थे, उसकी कुंवारी छाती को दुलारते थे और अपनी काम-वासना उस पर लुटाते थे.
9 Propterea tradidi eam in manus amatorum suorum, in manus filiorum Assur, super quorum insanivit libidine.
“इसलिये मैंने उसे उसके प्रेमी अश्शूरियों के हाथ में सौंप दिया, जिनके लिये वह लालायित रहती थी.
10 Ipsi discooperuerunt ignominiam eius, filios, et filias eius tulerunt, et ipsam occiderunt gladio: et factæ sunt famosæ mulieres, et iudicia perpetraverunt in ea.
उन्होंने उसे नंगी कर दिया, उसके बेटे और बेटियों को ले लिया और उसे तलवार से मार डाला. वह स्त्रियों के बीच एक कहावत बन गई और उसे दंड दिया गया.
11 Quod cum vidisset soror eius Ooliba, plusquam illa insanivit libidine: et fornicationem suam super fornicationem sororis suæ
“उसकी बहन ओहोलीबाह यह सब देखी, फिर भी वह काम-वासना और वेश्यावृत्ति में अपनी बहन से कहीं अधिक भ्रष्‍ट थी.
12 ad filios Assyriorum præbuit impudenter, ducibus, et magistratibus ad se venientibus indutis veste varia, equitibus qui vectabantur equis, et adolescentibus forma cunctis egregia.
वह भी अश्शूरियों के पीछे काम-वासना से आसक्त थी—जिसमें राज्यपाल और सेनापति, पोशाक पहने योद्धा, घुड़सवार और सब सुंदर पुरुष आते थे.
13 Et vidi quod polluta esset via una ambarum.
मैंने देखा कि उसने भी अपने आपको अशुद्ध कर लिया था; दोनों बहनों का चालचलन एक जैसा था.
14 Et auxit fornicationes suas: cumque vidisset viros depictos in pariete, imagines Chaldæorum expressas coloribus,
“पर ओहोलीबाह अपनी वेश्यावृत्ति में आगे थी. उसने एक दीवार पर आदमियों के चित्र को देखा, जिसमें बाबेलियों को लाल रंग में चित्रित किया गया था;
15 et accinctos balteis renes, et tiaras tinctas in capitibus eorum, formam ducum omnium, similitudinem filiorum Babylonis, terræque Chaldæorum, in qua orti sunt,
चित्र में आदमियों के कमर में पट्टा बंधा था और उनके सिरों पर लहराती पगड़ी थी; वे सबके सब बाबेल के निवासी, बाबेली रथ के अधिकारी जैसे लगते थे.
16 insanivit super eos concupiscentia oculorum suorum, et misit nuncios ad eos in Chaldæam.
वह उन्हें देखते ही, उनके प्रति काम-वासना से आसक्त हो गई और कसदिया में उनके दूत भेजी.
17 Cumque venissent ad eam filii Babylonis ad cubile mammarum, polluerunt eam stupris suis, et polluta est ab eis, et saturata est anima eius ab illis.
तब बाबेली प्यार में हमबिस्तर होने के लिये उसके पास आये, और अपने काम-वासना में उसे अशुद्ध किया. उनके द्वारा अशुद्ध होने के बाद, वह घृणा में उनसे अलग हो गई.
18 Denudavit quoque fornicationes suas, et discooperuit ignominiam suam: et recessit anima mea ab ea, sicut recesserat anima mea a sorore eius.
जब उसने खुलेआम वेश्यावृत्ति किया और अपने नंगी देह को दिखाया, तो मैं घृणा में उससे दूर हो गया, जैसा कि मैं उसकी बहन से दूर हो गया था.
19 Multiplicavit enim fornicationes suas, recordans dies adolescentiæ suæ, quibus fornicata est in Terra Ægypti.
फिर भी वह अपने दुराचार वृत्ति में और भी बढ़ती गई, अपने जवानी के दिनों को याद करते हुए जब वह मिस्र देश में एक वेश्या थी.
20 Et insanivit libidine super concubitum eorum, quorum carnes sunt ut carnes asinorum: et sicut fluxus equorum fluxus eorum.
वहां वह अपने यारों के पीछे काम-वासना के लिये लगी रहती थी, जिनके जननांग गधों के जननांग जैसे और उनका वीर्य-उत्सर्जन घोड़ों के समान होता था.
21 Et visitasti scelus adolescentiæ tuæ, quando subacta sunt in Ægypto ubera tua, et confractæ sunt mammæ pubertatis tuæ.
इस प्रकार तुम अपनी जवानी की कामुकता की लालसा करती थी, जब मिस्र में तुम्हारे छाती को दुलारा जाता था और तुम्हारे स्तन से लाड़ किया जाता था.
22 Propterea Ooliba, hæc dicit Dominus Deus: Ecce ego suscitabo omnes amatores tuos contra te, de quibus satiata est anima tua: et congregabo eos adversum te in circuitu,
“इसलिये हे ओहोलीबाह, परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: मैं तुम्हारे प्रेमियों को तुम्हारे विरुद्ध भड़काऊंगा, जिनसे तुम घृणा करते हुए दूर हो गई थी, और मैं उन्हें चारों ओर से तुम्हारे विरुद्ध लाऊंगा.
23 Filios Babylonis, et universos Chaldæos, nobiles, tyrannosque et principes, omnes filios Assyriorum, iuvenes forma egregia, duces, et magistratus universos, principes principum, et nominatos ascensores equorum:
बाबेलियों और सब कसदी, पेकोद, शोआ और कोआ के पुरुष, और उनके साथ सब अश्शूरी, सुंदर जवान, उनमें सबके सब राज्यपाल और सेनापति, रथ अधिकारी और उच्च पदस्थ व्यक्ति, सबके सब घोड़े पर सवार हैं.
24 et venient super te instructi curru, et rota, multitudo populorum: lorica, et clypeo, et galea armabuntur contra te undique: et dabo coram eis iudicium, et iudicabunt te iudiciis suis.
वे तुम्हारे विरुद्ध हथियार, रथ और चार पहिया गाड़ी लेकर लोगों की भीड़ के साथ आएंगे; वे चारों तरफ से छोटी और बड़ी ढाल के साथ सिर में टोप लगाकर तुम्हारे विरुद्ध मोर्चा बांधेंगे. मैं तुम्हें दंड के लिये उनके हाथ में सौंप दूंगा, और वे अपने स्तर के अनुसार उन्हें दंड देंगे.
25 Et ponam zelum meum in te, quem exercent tecum in furore: nasum tuum, et aures tuas præcident: et quæ remanserint, gladio concident: ipsi filios tuos, et filias tuas capient, et novissimum tuum devorabitur igni.
मैं तुम पर अपना जलन भरा क्रोध दिखाऊंगा, और तुम्हारे प्रति उनका व्यवहार बहुत क्रोधपूर्ण होगा. वे तुम्हारी नाक और कान काट डालेंगे, और तुममें से जो बच जाएंगे, वे तलवार से मारे जाएंगे. वे तुम्हारे बेटे और बेटियों को ले लेंगे, और तुममें से जो बच जाएंगे, वे आग से जलकर नष्ट हो जाएंगे.
26 Et denudabunt te vestimentis tuis, et tollent vasa gloriæ tuæ.
वे तुमसे तुम्हारे कपड़े भी उतार लेंगे और तुम्हारे सुंदर गहने छीन लेंगे.
27 Et requiescere faciam scelus tuum de te, et fornicationem tuam de Terra Ægypti: nec levabis oculos tuos ad eos, et Ægypti non recordaberis amplius.
इस प्रकार मैं उस काम-वासना और वेश्यावृत्ति को बंद कर दूंगा, जिसे तुमने मिस्र देश में शुरू किया था. तुम इन चीज़ों की कामना नहीं करोगी या मिस्र देश को फिर याद नहीं करोगी.”
28 Quia hæc dicit Dominus Deus: Ecce ego tradam te in manus eorum, quos odisti, in manus, de quibus satiata est anima tua.
क्योंकि परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: “मैं तुम्हें उन लोगों के हाथ में सौंपने ही वाला हूं, जिनसे तुम घृणा करती हो, उनके हाथ, जिनसे घृणा के कारण तुम दूर हो गई थी.
29 Et agent tecum in odio, et tollent omnes labores tuos, et dimittent te nudam, et ignominia plenam, et revelabitur ignominia fornicationum tuarum, scelus tuum, et fornicationes tuæ.
वे तुम्हारे साथ घृणित व्यवहार करेंगे और तुम्हारी कमाई हुई सारी चीज़ें ले लेंगे. वे तुम्हें एकदम नंगी छोड़ देंगे, और तुम्हारी वेश्यावृत्ति की निर्लज्जता प्रगट हो जाएगी. तुम्हारी अश्लीलता और दुराचार वृत्ति के कारण
30 Fecerunt hæc tibi quia fornicata es post Gentes, inter quas polluta es in idolis earum.
यह सब तुम पर हुआ है, क्योंकि तुम जाति-जाति के लोगों के पीछे काम-वासना के लिये भागी और उनकी मूर्तियों से तुमने अपने आपको अशुद्ध किया.
31 In via sororis tuæ ambulasti, et dabo calicem eius in manu tua.
तुम अपनी बहन के रास्ते पर चली हो; इसलिये मैं उसका कटोरा तुम्हारे हाथ में दूंगा.”
32 Hæc dicit Dominus Deus: Calicem sororis tuæ bibes profundum, et latum: eris in derisum, et in subsannationem, quæ est capacissima.
परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: “तुम अपनी बहन के कटोरे को पीओगी, जो बड़ा और गहरा है; इसके कारण तुम तिरस्कार और हंसी का पात्र होंगी, क्योंकि इसमें बहुत कुछ समाता है.
33 Ebrietate, et dolore repleberis: calice mœroris, et tristitiæ, calice sororis tuæ Samariæ.
तुम मतवालापन और दुःख से भर जाओगी, यह विनाश और निर्जनता का कटोरा है, यह तुम्हारी बहन शमरिया का कटोरा है.
34 Et bibes illum, et epotabis usque ad fæces, et fragmenta eius devorabis, et ubera tua lacerabis: quia ego locutus sum, ait Dominus Deus.
तुम इसे पीकर खाली कर दोगी और इसके टुकड़ों को चबाओगी और अपने छातियों को घायल करोगी. यह मैंने कहा है, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है.
35 Propterea hæc dicit Dominus Deus: Quia oblita es mei, et proiecisti me post corpus tuum, tu quoque porta scelus tuum, et fornicationes tuas.
“इसलिये परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: जब तुमने मुझे भूला दिया है और मुझसे अपना मुंह फेर लिया है, तो ज़रूरी है कि तुम अपने अश्लीलता और वेश्यावृत्ति का फल भोगो.”
36 Et ait Dominus ad me, dicens: Fili hominis numquid iudicas Oollam, et Oolibam, et annuncias eis scelera earum?
याहवेह ने मुझसे कहा: “हे मनुष्य के पुत्र, क्या तुम ओहोलाह और ओहोलीबाह का न्याय करोगे? तो फिर उनके घृणित काम उन्हें बताओ,
37 Quia adulteratæ sunt, et sanguis in manibus earum, et cum idolis suis fornicatæ sunt: insuper et filios suos, quos genuerunt mihi, obtulerunt eis ad devorandum.
क्योंकि उन्होंने व्यभिचार किया है और उनके हाथ खून से रंगे हैं. उन्होंने मूर्तियों के साथ व्यभिचार किया है; और तो और उन्होंने उन अपने बच्चों को उनके भोजन के रूप में बलिदान किया है, जो मेरे द्वारा ही पैदा हुए थे.
38 Sed et hoc fecerunt mihi: Polluerunt sanctuarium meum in die illa, et sabbata mea profanaverunt.
उन्होंने मेरे साथ यह भी किया है: उसी समय उन्होंने मेरे पवित्र स्थान को अशुद्ध किया है और मेरे विश्राम दिनों को अपवित्र किया है.
39 Cumque immolarent filios suos idolis suis, et ingrederentur sanctuarium meum in die illa ut polluerent illud: etiam hæc fecerunt in medio domus meæ.
जिस दिन उन्होंने अपने बच्चों को अपनी मूर्तियों के लिये बलिदान किया, उसी दिन उन्होंने मेरे पवित्र स्थान में प्रवेश किया और उसे अपवित्र किया. उन्होंने मेरे भवन के भीतर यही किया है.
40 Miserunt ad viros venientes de longe, ad quos nuncium miserant: itaque ecce venerunt: quibus te lavisti, et circumlinisti stibio oculos tuos, et ornata es mundo muliebri.
“और तो और उन्होंने दूत भेजकर बहुत दूर से लोगों को बुलवाया, और जब वे आ गये, तो तुम उनके लिये नहाई-धोई, अपने आंखों का श्रृंगार किया और अपने गहनों को पहना.
41 Sedisti in lecto pulcherrimo, et mensa ornata est ante te: thymiama meum, et unguentum meum posuisti super eam.
तब तुम एक सुंदर सोफा में बैठ गईं, जिसके सामने एक टेबल रखा था, जिस पर तुमने धूप और जैतून का तेल रखा था, जो कि मेरा था.
42 Et vox multitudinis exultantis erat in ea: et in viris, qui de multitudine hominum adducebantur, et veniebant de deserto, posuerunt armillas in manibus eorum, et coronas speciosas in capitibus eorum.
“उसके चारों तरफ लापरवाह भीड़ का कोलाहल सुनाई दे रहा था; पियक्कड़ों को निर्जन प्रदेश से उपद्रवी लोगों के साथ लाया गया था, जो उस स्त्री और उसकी बहन के हाथों में कंगन और उनके सिर में सुंदर मुकुट पहना दिये थे.
43 Et dixi ei, quæ attrita est in adulteriis: Nunc fornicabitur in fornicatione sua etiam hæc.
तब मैंने उस स्त्री के बारे में कहा, जो व्यभिचार करते-करते बेहाल हो चुकी थी, ‘अब वे उसका उपयोग एक वेश्या के रूप में करें, क्योंकि वह वेश्या ही तो है.’
44 Et ingressi sunt ad eam quasi ad mulierem meretricem: sic ingrediebantur ad Oollam, et Oolibam mulieres nefarias.
और वे उसके साथ सोए. जैसे पुरुष एक वेश्या के साथ सोते हैं, वैसे ही वे उन कामुक स्त्रियों, ओहोलाह एवं ओहोलीबाह के साथ सोए.
45 Viri ergo iusti sunt: hi iudicabunt eas iudicio adulterarum, et iudicio effundentium sanguinem: quia adulteræ sunt, et sanguis in manibus earum.
परंतु धर्मी न्यायाधीश उनको उन स्त्रियों का दंड देंगे, जो व्यभिचार करती और खून बहाती हैं, क्योंकि वे व्यभिचारिणी हैं और उनके हाथ खून से रंगे हैं.
46 Hæc enim dicit Dominus Deus: Adduc ad eas multitudinem, et trade eas in tumultum, et in rapinam:
“परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: उनके विरुद्ध एक बड़ी भीड़ ले आओ और उन्हें आतंकित होने और लूटे जाने के किए सौंप दो.
47 Et lapidentur lapidibus populorum, et confodiantur gladiis eorum: filios, et filias earum interficient, et domos earum igne succendent.
उस भीड़ के लोग उन पर पत्थरवाह करेंगे और उन्हें अपने तलवार से काट डालेंगे; वे उनके बेटे-बेटियों को मार डालेंगे और उनके घरों को जला देंगे.
48 Et auferam scelus de terra, et discent omnes mulieres ne faciant secundum scelus earum.
“इस प्रकार मैं इस देश से काम-वासना का अंत कर दूंगा, ताकि सब स्त्रियों के लिये यह एक चेतावनी हो और वे तुम्हारे समान काम न करें.
49 Et dabunt scelus vestrum super vos, et peccata idolorum vestrorum portabitis: et scietis quia ego Dominus Deus.
तुम्हें अपने कामुकता का दंड भोगना पड़ेगा और तुम्हें अपने मूर्तियों के पाप का फल भी भोगना पड़ेगा. तब तुम जानोगे कि मैं परम प्रधान याहवेह हूं.”

< Hiezechielis Prophetæ 23 >