< Liber Numeri 25 >
1 Morabatur autem eo tempore Israel in Settim, et fornicatus est populus cum filiabus Moab,
१इस्राएली शित्तीम में रहते थे, और वे लोग मोआबी लड़कियों के संग कुकर्म करने लगे।
2 quæ vocaverunt eos ad sacrificia sua. At ille comederunt et adoraverunt deos earum.
२और जब उन स्त्रियों ने उन लोगों को अपने देवताओं के यज्ञों में नेवता दिया, तब वे लोग खाकर उनके देवताओं को दण्डवत् करने लगे।
3 Initiatusque est Israel Beelphegor: et iratus Dominus,
३इस प्रकार इस्राएली बालपोर देवता को पूजने लगे। तब यहोवा का कोप इस्राएल पर भड़क उठा;
4 ait ad Moysen: Tolle cunctos principes populi, et suspende eos contra solem in patibulis: ut avertatur furor meus ab Israel.
४और यहोवा ने मूसा से कहा, “प्रजा के सब प्रधानों को पकड़कर यहोवा के लिये धूप में लटका दे, जिससे मेरा भड़का हुआ कोप इस्राएल के ऊपर से दूर हो जाए।”
5 Dixitque Moyses ad iudices Israel: Occidat unusquisque proximos suos, qui initiati sunt Beelphegor.
५तब मूसा ने इस्राएली न्यायियों से कहा, “तुम्हारे जो-जो आदमी बालपोर के संग मिल गए हैं उन्हें घात करो।”
6 Et ecce unus de filiis Israel intravit coram fratribus suis ad scortum Madianitidem, vidente Moyse, et omni turba filiorum Israel, qui flebant ante fores tabernaculi.
६जब इस्राएलियों की सारी मण्डली मिलापवाले तम्बू के द्वार पर रो रही थी, तो एक इस्राएली पुरुष मूसा और सब लोगों की आँखों के सामने एक मिद्यानी स्त्री को अपने साथ अपने भाइयों के पास ले आया।
7 Quod cum vidisset Phinees filius Eleazari filii Aaron sacerdotis, surrexit de medio multitudinis, et arrepto pugione,
७इसे देखकर एलीआजर का पुत्र पीनहास, जो हारून याजक का पोता था, उसने मण्डली में से उठकर हाथ में एक बरछी ली,
8 ingressus est post virum Israelitem in lupanar, et perfodit ambos simul, virum scilicet et mulierem in locis genitalibus. Cessavitque plaga a filiis Israel:
८और उस इस्राएली पुरुष के डेरे में जाने के बाद वह भी भीतर गया, और उस पुरुष और उस स्त्री दोनों के पेट में बरछी बेध दी। इस पर इस्राएलियों में जो मरी फैल गई थी वह थम गई।
9 et occisi sunt viginti quattuor millia hominum.
९और मरी से चौबीस हजार मनुष्य मर गए।
10 Dixitque Dominus ad Moysen:
१०तब यहोवा ने मूसा से कहा,
11 Phinees filius Eleazari filii Aaron sacerdotis avertit iram meam a filiis Israel: quia zelo meo commotus est contra eos, ut non ipse delerem filios Israel in zelo meo.
११“हारून याजक का पोता एलीआजर का पुत्र पीनहास, जिसे इस्राएलियों के बीच मेरी जैसी जलन उठी, उसने मेरी जलजलाहट को उन पर से यहाँ तक दूर किया है, कि मैंने जलकर उनका अन्त नहीं कर डाला।
12 Idcirco loquere ad eum: Ecce do ei pacem fœderis mei,
१२इसलिए तू कह दे, कि मैं उससे शान्ति की वाचा बाँधता हूँ।
13 et erit tam ipsi quam semini eius pactum sacerdotii sempiternum, quia zelatus est pro Deo suo, et expiavit scelus filiorum Israel.
१३“और वह उसके लिये, और उसके बाद उसके वंश के लिये, सदा के याजकपद की वाचा होगी, क्योंकि उसे अपने परमेश्वर के लिये जलन उठी, और उसने इस्राएलियों के लिये प्रायश्चित किया।”
14 Erat autem nomen viri Israelitæ, qui occisus est cum Madianitide, Zambri filius Salu, dux de cognatione et tribu Simeonis.
१४जो इस्राएली पुरुष मिद्यानी स्त्री के संग मारा गया, उसका नाम जिम्री था, वह सालू का पुत्र और शिमोनियों में से अपने पितरों के घराने का प्रधान था।
15 Porro mulier Madianitis, quæ pariter interfecta est, vocabatur Cozbi filia Sur principis nobilissimi Madianitarum.
१५और जो मिद्यानी स्त्री मारी गई उसका नाम कोजबी था, वह सूर की बेटी थी, जो मिद्यानी पितरों के एक घराने के लोगों का प्रधान था।
16 Locutusque est Dominus ad Moysen, dicens:
१६फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
17 Hostes vos sentiant Madianitæ, et percutite eos:
१७“मिद्यानियों को सता, और उन्हें मार;
18 quia et ipsi hostiliter egerunt contra vos, et decepere insidiis per idolum Phogor, et Cozbi filiam ducis Madian sororem suam, quæ percussa est in die plagæ pro sacrilegio Phogor.
१८क्योंकि पोर के विषय और कोजबी के विषय वे तुम को छल करके सताते हैं।” कोजबी तो एक मिद्यानी प्रधान की बेटी और मिद्यानियों की जाति बहन थी, और मरी के दिन में पोर के मामले में मारी गई।