< Psalmorum 99 >

1 Psalmus ipsi David. [Dominus regnavit: irascantur populi; qui sedet super cherubim: moveatur terra.
यहोवा राजा हुआ है; देश-देश के लोग काँप उठें! वह करूबों पर विराजमान है; पृथ्वी डोल उठे!
2 Dominus in Sion magnus, et excelsus super omnes populos.
यहोवा सिय्योन में महान है; और वह देश-देश के लोगों के ऊपर प्रधान है।
3 Confiteantur nomini tuo magno, quoniam terribile et sanctum est,
वे तेरे महान और भययोग्य नाम का धन्यवाद करें! वह तो पवित्र है।
4 et honor regis judicium diligit. Tu parasti directiones; judicium et justitiam in Jacob tu fecisti.
राजा की सामर्थ्य न्याय से मेल रखती है, तू ही ने सच्चाई को स्थापित किया; न्याय और धर्म को याकूब में तू ही ने चालू किया है।
5 Exaltate Dominum Deum nostrum, et adorate scabellum pedum ejus, quoniam sanctum est.
हमारे परमेश्वर यहोवा को सराहो; और उसके चरणों की चौकी के सामने दण्डवत् करो! वह पवित्र है!
6 Moyses et Aaron in sacerdotibus ejus, et Samuel inter eos qui invocant nomen ejus: invocabant Dominum, et ipse exaudiebat eos;
उसके याजकों में मूसा और हारून, और उसके प्रार्थना करनेवालों में से शमूएल यहोवा को पुकारते थे, और वह उनकी सुन लेता था।
7 in columna nubis loquebatur ad eos. Custodiebant testimonia ejus, et præceptum quod dedit illis.
वह बादल के खम्भे में होकर उनसे बातें करता था; और वे उसकी चितौनियों और उसकी दी हुई विधियों पर चलते थे।
8 Domine Deus noster, tu exaudiebas eos; Deus, tu propitius fuisti eis, et ulciscens in omnes adinventiones eorum.
हे हमारे परमेश्वर यहोवा, तू उनकी सुन लेता था; तू उनके कामों का पलटा तो लेता था तो भी उनके लिये क्षमा करनेवाला परमेश्वर था।
9 Exaltate Dominum Deum nostrum, et adorate in monte sancto ejus, quoniam sanctus Dominus Deus noster.]
हमारे परमेश्वर यहोवा को सराहो, और उसके पवित्र पर्वत पर दण्डवत् करो; क्योंकि हमारा परमेश्वर यहोवा पवित्र है!

< Psalmorum 99 >