< Psalmorum 149 >

1 Alleluja. [Cantate Domino canticum novum; laus ejus in ecclesia sanctorum.
ख़ुदावन्द की हम्द करो। ख़ुदावन्द के सामने नया हम्द गाओ, और पाक लोगों के मजमे' में उसकी मदहसराई करो!
2 Lætetur Israël in eo qui fecit eum, et filii Sion exsultent in rege suo.
इस्राईल अपने ख़ालिक में ख़ुश रहे, फ़र्ज़न्दान — ए — सिय्यून अपने बादशाह की वजह से ख़ुश हों!
3 Laudent nomen ejus in choro; in tympano et psalterio psallant ei.
वह नाचते हुए उसके नाम की सिताइश करें, वह दफ़ और सितार पर उसकी मदहसराई करें!
4 Quia beneplacitum est Domino in populo suo, et exaltabit mansuetos in salutem.
क्यूँकि ख़ुदावन्द अपने लोगों से खू़शनूद रहता है; वह हलीमों को नजात से ज़ीनत बख़्शेगा।
5 Exsultabunt sancti in gloria; lætabuntur in cubilibus suis.
पाक लोग जलाल पर फ़ख़्र करें, वह अपने बिस्तरों पर ख़ुशी से नग़मा सराई करें।
6 Exaltationes Dei in gutture eorum, et gladii ancipites in manibus eorum:
उनके मुँह में ख़ुदा की तम्जीद, और हाथ में दोधारी तलवार हो,
7 ad faciendam vindictam in nationibus, increpationes in populis;
ताकि क़ौमों से इन्तक़ाम लें, और उम्मतों को सज़ा दें:
8 ad alligandos reges eorum in compedibus, et nobiles eorum in manicis ferreis;
उनके बादशाहों को ज़ंजीरों से जकड़ें, और उनके सरदारों को लोहे की बेड़ियाँ पहनाएं।
9 ut faciant in eis judicium conscriptum: gloria hæc est omnibus sanctis ejus. Alleluja.]
ताकि उनको वह सज़ा दें जो लिखी हैं! उसके सब पाक लोगों को यह मक़ाम हासिल है। ख़ुदावन्द की हम्द करो!

< Psalmorum 149 >