< Isaiæ 47 >
1 [Descende, sede in pulvere, virgo filia Babylon: sede in terra; non est solium filiæ Chaldæorum, quia ultra non vocaberis mollis et tenera.
ऐ कुँवारी दूख़्तर — ए — बाबुल उतर आ और ख़ाक पर बैठ ऐ कसदियों की दुख़्तर, तू बे — तख़्त ज़मीन पर बैठ; क्यूँकि अब तू नर्म अन्दाम और नाज़नीन न कहलाएगी।
2 Tolle molam, et mole farinam; denuda turpitudinem tuam; discooperi humerum, revela crura, transi flumina.
चक्की ले और आटा पीस, अपना निक़ाब उतार और दामन समेट ले, टाँगे नंगी करके नदियों को पार कर।
3 Revelabitur ignominia tua, et videbitur opprobrium tuum; ultionem capiam, et non resistet mihi homo.
तेरा बदन बे — पर्दा किया जाएगा, बल्कि तेरा सत्र भी देखा जाएगा। मैं बदला लूँगा और किसी पर शफ़क़त न करूँगा।
4 Redemptor noster, Dominus exercituum nomen illius, Sanctus Israël.
हमारा फ़िदिया देनेवाले का नाम रब्ब — उल — अफ़वाज या'नी इस्राईल का क़ुददूस है।
5 Sede tacens, et intra in tenebras, filia Chaldæorum, quia non vocaberis ultra domina regnorum.
ऐ कसदियों की बेटी, चुप होकर बैठ और अन्धेरे में दाख़िल हो; क्यूँकि अब तू मम्लुकतों की ख़ातून न कहलाएगी।
6 Iratus sum super populum meum: contaminavi hæreditatem meam, et dedi eos in manu tua: non posuisti eis misericordias; super senem aggravasti jugum tuum valde.
मैं अपने लोगों पर ग़ज़बनाक हुआ, मैंने अपनी मीरास को नापाक किया और उनको तेरे हाथ में सौंप दिया; तूने उन पर रहम न किया, तूने बूढ़ों पर भी अपना भारी जूआ रख्खा।
7 Et dixisti: In sempiternum ero domina. Non posuisti hæc super cor tuum, neque recordata es novissimi tui.
और तूने कहा भी, कि मैं हमेशा तक ख़ातून बनी रहूँगी, इसलिए तूने अपने दिल में इन बातों का ख़याल न किया और इनके अन्जाम को न सोचा।
8 Et nunc audi hæc delicata, et habitans confidenter, quæ dicis in corde tuo: Ego sum, et non est præter me amplius; non sedebo vidua, et ignorabo sterilitatem.
इसलिए अब ये बात सुन, ऐ तू जो 'इश्रत में ग़र्क है, जो बेपर्वा रहती है, जो अपने दिल में कहती है, कि मैं हूँ, और मेरे 'अलावाह कोई नहीं; मैं बेवा की तरह न बैठूँगी, और न बेऔलाद होने की हालत से वाक़िफ़ हूँगी;
9 Venient tibi duo hæc subito in die una, sterilitas et viduitas: universa venerunt super te, propter multitudinem maleficiorum tuorum, et propter duritiam incantatorum tuorum vehementem.
इसलिए अचानक एक ही दिन में ये दो मुसीबतें तुझ पर आ पड़ेंगी, या'नी तू बेऔलाद और बेवा हो जाएगी। तेरे जादू की इफ़रात और तेरे सहर की कसरत के बावजूद ये मुसीबतें पूरे तौर से तुझ पर आ पड़ेंगी।
10 Et fiduciam habuisti in malitia tua, et dixisti: Non est qui videat me. Sapientia tua et scientia tua, hæc decepit te. Et dixisti in corde tuo: Ego sum, et præter me non est altera.
क्यूँकि तूने अपनी शरारत पर भरोसा किया, तूने कहा, मुझे कोई नहीं देखता; “तेरी हिकमत और तेरी अक़्ल ने तुझे बहकाया, और तूने अपने दिल में कहा, मैं ही हूँ। मेरे 'अलावाह और कोई नहीं।”
11 Veniet super te malum, et nescies ortum ejus; et irruet super te calamitas quam non poteris expiare; veniet super te repente miseria quam nescies.
इसलिए तुझ पर मुसीबत आ पड़ेगी जिसका मंतर तू नहीं जानती, और ऐसी बला तुझ पर नाज़िल होगी जिसको तू दूर न कर सकेगी; यकायक तबाही तुझ पर आएगी जिसकी तुझ को कुछ ख़बर नहीं।
12 Sta cum incantatoribus tuis et cum multitudine maleficiorum tuorum, in quibus laborasti ab adolescentia tua, si forte quod prosit tibi, aut si possis fieri fortior.
अब अपना जादू और अपना सारा सेहर, जिसकी तूने बचपन ही से मश्क कर रख्खी है इस्ते'माल कर; शायद तू उनसे नफ़ा' पाए, शायद तू ग़ालिब आए।
13 Defecisti in multitudine consiliorum tuorum. Stent, et salvent te augures cæli, qui contemplabantur sidera, et supputabant menses, ut ex eis annuntiarent ventura tibi.
तू अपनी मश्वरतों की कसरत से थक गई, अब अफ़लाक — पैमा और मुनज्जिम और वह जो माह — ब — माह आइन्दा हालात दरियाफ़त करते हैं, उठें और जो कुछ तुझ पर आनेवाला है उससे तुझ को बचाएँ।
14 Ecce facti sunt quasi stipula, ignis combussit eos; non liberabunt animam suam de manu flammæ; non sunt prunæ quibus calefiant, nec focus ut sedeant ad eum.
देख, वह भूसे की तरह होंगे; आग उनको जलाएगी। वह अपने आपको शो'ले की शिद्दत से बचा न सकेंगे, ये आग न तापने के अंगारे होगी, न उसके पास बैठ सकेंगे।
15 Sic facta sunt tibi in quibuscumque laboraveras: negotiatores tui ab adolescentia tua, unusquisque in via sua erraverunt; non est qui salvet te.]
जिनके लिए तूने मेहनत की, तेरे लिए ऐसे ही होंगे; जिनके साथ तूने अपनी जवानी ही से तिजारत की, उनमें से हर एक अपनी राह लेगा; तुझ को बचानेवाला कोई न रहेगा।