< 창세기 46 >
1 이스라엘이 모든 소유를 이끌고 발행하여 브엘세바에 이르러 그 아비 이삭의 하나님께 희생을 드리니
इस्राएल अपनी पूरी संपत्ति लेकर वहां से रवाना हुए. जब वे बेअरशेबा पहुंचे, उन्होंने अपने पिता यित्सहाक के परमेश्वर को बलि चढ़ाई.
2 밤에 하나님이 이상 중에 이스라엘에게 나타나시고 불러 가라사대 야곱아 야곱아 하시는지라 야곱이 가로되 내가 여기 있나이다 하매
उस रात परमेश्वर ने इस्राएल को दर्शन में कहा “हे, याकोब! याकोब!” उसने कहा, “कहिये, क्या आज्ञा है?”
3 하나님이 가라사대 나는 하나님이라 네 아비의 하나님이니 애굽으로 내려가기를 두려워 말라 내가 거기서 너로 큰 민족을 이루게 하리라
उन्होंने कहा, “मैं परमेश्वर, तुम्हारे पिता का परमेश्वर हूं; मिस्र जाने से मत डरो, तुम वहां जाओ और मैं वहां तुमसे एक बड़ी जाति बनाऊंगा.
4 내가 너와 함께 애굽으로 내려가겠고 정녕 너를 인도하여 다시 올라올 것이며 요셉이 그 손으로 네 눈을 감기리라 하셨더라
मिस्र तक मैं तुम्हारे साथ साथ चलूंगा और निश्चयतः मैं ही तुम्हें वहां से लौटा भी लाऊंगा. तुम्हारी मृत्यु के समय योसेफ़ तुम्हारे पास होगा.”
5 야곱이 브엘세바에서 발행할새 이스라엘의 아들들이 바로의 태우려고 보낸 수레에 자기들의 아비 야곱과 자기들의 처자들을 태웠고
तब इस्राएल के पुत्रों ने अपने पिता याकोब, अपने-अपने बालकों एवं अपनी-अपनी पत्नियों को उस गाड़ी में बैठा दिया, जिसे फ़रोह ने भेजी थी.
6 그 생축과 가나안 땅에서 얻은 재물을 이끌었으며 야곱과 그 자손들이 다 함께 애굽으로 갔더라
इन्होंने अपने साथ अपने पशु एवं पूरी संपत्ति ले ली थी, जो कनान देश में उन्होंने अर्जित थी. याकोब तथा उनके सभी लोग मिस्र देश पहुंच गये.
7 이와 같이 야곱이 그 아들들과 손자들과 딸들과 손녀들 곧 그 모든 자손을 데리고 애굽으로 갔더라
याकोब अपने पुत्र तथा उनके पौत्र, उनकी पुत्रियां तथा उनकी पौत्रियां—सभी को अपने साथ मिस्र लेकर आये.
8 애굽으로 내려간 이스라엘 가족의 이름이 이러하니 야곱과 그 아들들 곧 야곱의 맏아들 르우벤과
इस्राएल के पुत्रों के नाम (याकोब तथा उनके पुत्र) जो मिस्र देश में आए थे: रियूबेन, याकोब का बड़ा बेटा.
9 르우벤의 아들 하녹과 발루와 헤스론과 갈미요
रियूबेन के पुत्र: हनोख, पल्लू, हेज़रोन तथा कारमी.
10 시므온의 아들 곧 여무엘과 야민과 오핫과 야긴과 스할과 가나안 여인의 소생 사울이요
शिमओन के पुत्र: येमुएल, यामिन, ओहद, याकिन, ज़ोहार, तथा एक कनानी स्त्री से पैदा शाऊल.
11 레위의 아들 곧 게르손과 그핫과 므라리요
लेवी के पुत्र: गेरशोन, कोहाथ तथा मेरारी.
12 유다의 아들 곧 엘과 오난과 셀라와 베레스와 세라니 엘과 오난은 가나안 땅에서 죽었고 또 베레스의 아들 곧 헤스론과 하물이요
यहूदाह के पुत्र: एर, ओनान, शेलाह, पेरेज़ तथा ज़ेराह (किंतु एर तथा ओनान की मृत्यु कनान देश में ही हो चुकी थी). पेरेज़ के पुत्र: हेज़रोन एवं हामुल.
13 잇사갈의 아들 곧 돌라와 부와와 욥과 시므론이요
इस्साखार के पुत्र: तोला, पुव्वाह, याशूब तथा शिम्रोन.
14 스불론의 아들 곧 세렛과 엘론과 얄르엘이니
ज़ेबुलून के पुत्र: सेरेद, एलोन तथा याहलील.
15 이들은 레아가 밧단아람에서 야곱에게 낳은 자손들이라 그 딸 디나를 합하여 남자와 여자가 삼십삼 명이며
ये सभी लियाह के पुत्र थे जो याकोब से पद्दन-अराम में पैदा हुए थे; इनके अतिरिक्त उनकी एक पुत्री दीनाह भी थी. उनके पुत्र-पुत्रियों की संख्या तैंतीस थी.
16 갓의 아들 곧 시뵨과 학기와 수니와 에스본과 에리와 아로디와 아렐리요
गाद के पुत्र: ज़िफिओन, हग्गी, शूनी, एज़बोन, एरी, अरोदी तथा अरेली.
17 아셀의 아들 곧 임나와 이스와와 이스위와 브리아와 그들의 누이 세라며 또 브리아의 아들 곧 헤벨과 말기엘이니
आशेर के पुत्र: इमनाह, इशवाह, इशवी, बेरियाह तथा उनकी बहन सेराह. बेरियाह के पुत्र: हेबेर तथा मालखिएल.
18 이들은 라반이 그 딸 레아에게 준 실바가 야곱에게 낳은 자손들이라 합 십육 명이요
ये सभी ज़िलपाह से जन्मे पुत्र हैं. ज़िलपाह लाबान द्वारा अपनी पुत्री लियाह को दी गईं दासी थी. उससे याकोब के सोलह जन पैदा हुए थे.
19 야곱의 아내 라헬의 아들 곧 요셉과 베냐민이요
याकोब की पत्नी राहेल: योसेफ़ तथा बिन्यामिन जन्मे.
20 애굽 땅에서 온 제사장 보디베라의 딸 아스낫이 요셉에게 낳은 므낫세와 에브라임이요
मिस्र देश में योसेफ़ के दो पुत्र मनश्शेह तथा एफ्राईम जन्मे. ये सभी योसेफ़ की पत्नी असेनाथ से जन्मे थे जो ओन के पुरोहित पोतिफेरा की पुत्री थी.
21 베냐민의 아들 곧 벨라와 베겔과 아스벨과 게라와 나아만과 에히와 로스와 뭅빔과 훕빔과 아릇이니
बिन्यामिन के पुत्र: बेला, बेकेर, अशबेल, गेरा, नामान, एही, रोश, मुप्पिम, हुप्पिम तथा अर्द.
22 이들은 라헬이 야곱에게 낳은 자손이라 합 십사 명이요
ये राहेल द्वारा याकोब के पुत्र हैं, जो चौदह व्यक्ति थे.
24 납달리의 아들 곧 야스엘과 구니와 예셀과 실렘이라
नफताली के पुत्र: यहसेल, गूनी, येसेर तथा शिल्लेम.
25 이들은 라반이 그 딸 라헬에게 준 빌하가 야곱에게 낳은 자손이니 합이 칠 명이라
ये सभी अपनी पुत्री राहेल को लाबान द्वारा दी गईं दासी बिलहाह से जन्मे याकोब के पुत्र थे. ये सभी कुल सात व्यक्ति थे.
26 야곱과 함께 애굽에 이른 자는 야곱의 자부 외에 육십륙 명이니 이는 다 야곱의 몸에서 나온 자며
याकोब के परिवार के लोग जो मिस्र देश में आ गए थे—जो उनके वंश में जन्मे थे. इनमें याकोब की बहुएं गिनी गयी नहीं थीं. ये सभी छियासठ व्यक्ति थे
27 애굽에서 요셉에게 낳은 아들이 두 명이니 야곱의 집 사람으로 애굽에 이른 자의 도합이 칠십 명이었더라
योसेफ़ के पुत्र, जो मिस्र देश में जन्मे हुए थे वह दो थे. याकोब के पूरे परिवार के लोग जो मिस्र देश में आये थे, वे कुल सत्तर थे.
28 야곱이 유다를 요셉에게 미리 보내어 자기를 고센으로 인도하게 하고 다 고센 땅에 이르니
याकोब ने यहूदाह को पहले योसेफ़ के पास गोशेन के लिए मार्गदर्शन पाने के लिए भेजा. जब यहूदाह गोशेन प्रदेश में पहुंच गया,
29 요셉이 수레를 갖추고 고센으로 올라가서 아비 이스라엘을 맞으며 그에게 보이고 그 목을 어긋맞겨 안고 얼마동안 울매
तब योसेफ़ ने अपना रथ तैयार करवाया कि वह अपने पिता इस्राएल से भेंट करने गोशेन पहुंच जाएं. जैसे ही उनके पिता उनके पास आये, वह उनके गले लगकर बहुत देर तक रोते रहे.
30 이스라엘이 요셉에게 이르되 네가 지금까지 살아 있고 내가 네 얼굴을 보았으니 지금 죽어도 가하도다
फिर इस्राएल ने योसेफ़ से कहा, “अब मैं शांतिपूर्वक अपने प्राण त्याग सकता हूं, क्योंकि मैंने तुम्हें देख लिया है, कि तुम जीवित हो.”
31 요셉이 그 형들과 아비의 권속에게 이르되 내가 올라가서 바로에게 고하여 이르기를 가나안 땅에 있던 내 형들과 내 아비의 권속이 내게로 왔는데
योसेफ़ ने अपने भाइयों तथा अपने पिता के सभी लोगों से कहा, “मैं जाकर फ़रोह को बताता हूं, ‘कनान देश से मेरे भाई तथा मेरे पिता का परिवार यहां पहुंच चुका है.
32 그들은 목자라 목축으로 업을 삼으므로 그 양과 소와 모든 소유를 이끌고 왔나이다 하리니
वे सभी चरवाहे हैं; और पशु पालते हैं. वे अपने साथ पशु, भेड़-बकरी तथा अपनी पूरी संपत्ति लेकर आए हैं.’
33 바로가 당신들을 불러서 너희의 업이 무엇이냐 묻거든
योसेफ़ ने अपने पिता एवं भाइयों से कहा कि अगर फ़रोह आप लोगों से पूछे, ‘आप लोग क्या करते हैं?’
34 당신들은 고하기를 주의 종들은 어렸을 때부터 지금까지 목축하는 자이온데 우리와 우리 선조가 다 그러하니이다 하소서 애굽 사람은 다 목축을 가증히 여기나니 당신들이 고센 땅에 거하게 되리이다
तो कहना कि हम चरवाहे हैं, और ‘हमारे पूर्वज यही काम करते थे.’ इससे आपके लिए गोशेन में रहना आसान हो जाएगा. क्योंकि मिस्र के लोग चरवाहों से नफ़रत करते हैं.”