< 창세기 24 >

1 아브라함이 나이 많아 늙었고 여호와께서 그의 범사에 복을 주셨더라
अब्राहम अब वृद्ध हो गया था और उसकी आयु बहुत थी और यहोवा ने सब बातों में उसको आशीष दी थी।
2 아브라함이 자기 집 모든 소유를 맡은 늙은 종에게 이르되 `청컨대 네 손을 내 환도뼈 밑에 넣으라
अब्राहम ने अपने उस दास से, जो उसके घर में पुरनिया और उसकी सारी सम्पत्ति पर अधिकारी था, कहा, “अपना हाथ मेरी जाँघ के नीचे रख;
3 내가 너로 하늘의 하나님, 땅의 하나님이신 여호와를 가리켜 맹세하게 하노니 너는 나의 거하는 이 지방 가나안 족속의 딸 중에서 내 아들을 위하여 아내를 택하지 말고
और मुझसे आकाश और पृथ्वी के परमेश्वर यहोवा की इस विषय में शपथ खा, कि तू मेरे पुत्र के लिये कनानियों की लड़कियों में से, जिनके बीच मैं रहता हूँ, किसी को न लाएगा।
4 내 고향 내 족속에게로 가서 내 아들 이삭을 위하여 아내를 택하라'
परन्तु तू मेरे देश में मेरे ही कुटुम्बियों के पास जाकर मेरे पुत्र इसहाक के लिये एक पत्नी ले आएगा।”
5 종이 가로되 `여자가 나를 좇아 이 땅으로 오고자 아니하거든 내가 주인의 아들을 주인의 나오신 땅으로 인도하여 돌아가리이까?'
दास ने उससे कहा, “कदाचित् वह स्त्री इस देश में मेरे साथ आना न चाहे; तो क्या मुझे तेरे पुत्र को उस देश में जहाँ से तू आया है ले जाना पड़ेगा?”
6 아브라함이 그에게 이르되 `삼가 내 아들을 그리로 데리고 돌아가지 말라
अब्राहम ने उससे कहा, “चौकस रह, मेरे पुत्र को वहाँ कभी न ले जाना।”
7 하늘의 하나님 여호와께서 나를 내 아버지의 집과 내 본토에서 떠나게 하시고 내게 말씀하시며 내게 맹세하여 이르시기를 이 땅을 네 씨에게 주리라 하셨으니 그가 그 사자를 네 앞서 보내실지라 네가 거기서 내 아들을 위하여 아내를 택할지니라
स्वर्ग का परमेश्वर यहोवा, जिसने मुझे मेरे पिता के घर से और मेरी जन्म-भूमि से ले आकर मुझसे शपथ खाकर कहा कि “मैं यह देश तेरे वंश को दूँगा; वही अपना दूत तेरे आगे-आगे भेजेगा, कि तू मेरे पुत्र के लिये वहाँ से एक स्त्री ले आए।
8 만일 여자가 너를 좇아 오고자 아니하면 나의 이 맹세가 너와 상관이 없나니 오직 내 아들을 데리고 그리로 가지 말지니라'
और यदि वह स्त्री तेरे साथ आना न चाहे तब तो तू मेरी इस शपथ से छूट जाएगा; पर मेरे पुत्र को वहाँ न ले जाना।”
9 종이 이에 주인 아브라함의 환도뼈 아래 손을 넣고 이 일에 대하여 그에게 맹세하였더라
तब उस दास ने अपने स्वामी अब्राहम की जाँघ के नीचे अपना हाथ रखकर उससे इस विषय की शपथ खाई।
10 이에 종이 그 주인의 약대 중 열 필을 취하고 떠났는데 곧 그 주인의 모든 좋은 것을 가지고 떠나 메소보다미아로 가서 나홀의 성에 이르러
१०तब वह दास अपने स्वामी के ऊँटों में से दस ऊँट छाँटकर उसके सब उत्तम-उत्तम पदार्थों में से कुछ कुछ लेकर चला; और अरम्नहरैम में नाहोर के नगर के पास पहुँचा।
11 그 약대를 성 밖 우물 곁에 꿇렸으니 저녁 때라 여인들이 물을 길러 나올 때이었더라
११और उसने ऊँटों को नगर के बाहर एक कुएँ के पास बैठाया। वह संध्या का समय था, जिस समय स्त्रियाँ जल भरने के लिये निकलती हैं।
12 그가 가로되 `우리 주인 아브라함의 하나님 여호와여! 원컨대 오늘날 나로 순적히 만나게 하사 나의 주인 아브라함에게 은혜를 베푸시옵소서!
१२वह कहने लगा, “हे मेरे स्वामी अब्राहम के परमेश्वर यहोवा, आज मेरे कार्य को सिद्ध कर, और मेरे स्वामी अब्राहम पर करुणा कर।
13 성 중 사람의 딸들이 물 길러 나오겠사오니 내가 우물 곁에 섰다가
१३देख, मैं जल के इस सोते के पास खड़ा हूँ; और नगरवासियों की बेटियाँ जल भरने के लिये निकली आती हैं
14 한 소녀에게 이르기를 청컨대 너는 물 항아리를 기울여 나로 마시게 하라 하리니 그의 대답이 마시라 내가 당신의 약대에게도 마시우리라 하면 그는 주께서 주의 종 이삭을 위하여 정하신 자라 이로 인하여 주께서 나의 주인에게 은혜 베푸심을 내가 알겠나이다'
१४इसलिए ऐसा होने दे कि जिस कन्या से मैं कहूँ, ‘अपना घड़ा मेरी ओर झुका, कि मैं पीऊँ,’ और वह कहे, ‘ले, पी ले, बाद में मैं तेरे ऊँटों को भी पिलाऊँगी,’ यह वही हो जिसे तूने अपने दास इसहाक के लिये ठहराया हो; इसी रीति मैं जान लूँगा कि तूने मेरे स्वामी पर करुणा की है।”
15 말을 마치지 못하여서 리브가가 물 항아리를 어깨에 메고 나오니 그는 아브라함의 동생 나홀의 아내 밀가의 아들 브두엘의 소생이라
१५और ऐसा हुआ कि जब वह कह ही रहा था कि रिबका, जो अब्राहम के भाई नाहोर के जन्माये मिल्का के पुत्र, बतूएल की बेटी थी, वह कंधे पर घड़ा लिये हुए आई।
16 그 소녀는 보기에 심히 아리땁고 지금까지 남자가 가까이 하지 아니한 처녀더라 그가 우물에 내려가서 물을 그 물 항아리에 채워 가지고 올라오는지라
१६वह अति सुन्दर, और कुमारी थी, और किसी पुरुष का मुँह न देखा था। वह कुएँ में सोते के पास उतर गई, और अपना घड़ा भरकर फिर ऊपर आई।
17 종이 마주 달려가서 가로되 `청컨대 네 물 항아리의 물을 내게 조금 마시우라'
१७तब वह दास उससे भेंट करने को दौड़ा, और कहा, “अपने घड़े में से थोड़ा पानी मुझे पिला दे।”
18 그가 가로되 `주여, 마시소서' 하며 급히 그 물 항아리를 손에 내려 마시게 하고
१८उसने कहा, “हे मेरे प्रभु, ले, पी ले,” और उसने फुर्ती से घड़ा उतारकर हाथ में लिये-लिये उसको पानी पिला दिया।
19 마시우기를 다하고 가로되 `당신의 약대도 위하여 물을 길어 그것들로 배불리 마시게 하리이다' 하고
१९जब वह उसको पिला चुकी, तब कहा, “मैं तेरे ऊँटों के लिये भी तब तक पानी भर-भर लाऊँगी, जब तक वे पी न चुकें।”
20 급히 물 항아리의 물을 구유에 붓고 다시 길으려고 우물로 달려가서 모든 약대를 위하여 긷는지라
२०तब वह फुर्ती से अपने घड़े का जल हौद में उण्डेलकर फिर कुएँ पर भरने को दौड़ गई; और उसके सब ऊँटों के लिये पानी भर दिया।
21 그 사람이 그를 묵묵히 주목하며 여호와께서 과연 평탄한 길을 주신 여부를 알고자 하더니
२१और वह पुरुष उसकी ओर चुपचाप अचम्भे के साथ ताकता हुआ यह सोचता था कि यहोवा ने मेरी यात्रा को सफल किया है कि नहीं।
22 약대가 마시기를 다하매 그가 반 세겔중 금고리 한개와, 열 세겔중 금 손목고리 한 쌍을 그에게 주며
२२जब ऊँट पी चुके, तब उस पुरुष ने आधा तोला सोने का एक नत्थ निकालकर उसको दिया, और दस तोले सोने के कंगन उसके हाथों में पहना दिए;
23 가로되 `네가 뉘 딸이냐? 청컨대 내게 고하라 네 부친의 집에 우리 유숙할 곳이 있느냐?'
२३और पूछा, “तू किसकी बेटी है? यह मुझ को बता। क्या तेरे पिता के घर में हमारे टिकने के लिये स्थान है?”
24 그 여자가 그에게 이르되 `나는 밀가가 나홀에게 낳은 아들 브두엘의 딸이니이다'
२४उसने उत्तर दिया, “मैं तो नाहोर के जन्माए मिल्का के पुत्र बतूएल की बेटी हूँ।”
25 또 가로되 `우리에게 짚과 보리가 족하며 유숙할 곳도 있나이다'
२५फिर उसने उससे कहा, “हमारे यहाँ पुआल और चारा बहुत है, और टिकने के लिये स्थान भी है।”
26 이에 그 사람이 머리를 숙여 여호와께 경배하고
२६तब उस पुरुष ने सिर झुकाकर यहोवा को दण्डवत् करके कहा,
27 가로되 `나의 주인 아브라함의 하나님 여호와를 찬송하나이다! 나의 주인에게 주의 인자와 성실을 끊이지 아니하셨사오며 여호와께서 길에서 나를 인도하사 내 주인의 동생집에 이르게 하셨나이다' 하니라
२७“धन्य है मेरे स्वामी अब्राहम का परमेश्वर यहोवा, जिसने अपनी करुणा और सच्चाई को मेरे स्वामी पर से हटा नहीं लिया: यहोवा ने मुझ को ठीक मार्ग पर चलाकर मेरे स्वामी के भाई-बन्धुओं के घर पर पहुँचा दिया है।”
28 소녀가 달려가서 이 일을 어미 집에 고하였더니
२८तब उस कन्या ने दौड़कर अपनी माता को इस घटना का सारा हाल बता दिया।
29 리브가에게 오라비가 있어 이름은 라반이라 그가 우물로 달려가 그 사람에게 이르니
२९तब लाबान जो रिबका का भाई था, बाहर कुएँ के निकट उस पुरुष के पास दौड़ा गया।
30 그가 그 누이의 고리와 그 손의 손목고리를 보고 또 그 누이 리브가가 그 사람이 자기에게 이같이 말하더라 함을 듣고 그 사람에게로 나아감이라 때에 그가 우물가 약대 곁에 섰더라
३०और ऐसा हुआ कि जब उसने वह नत्थ और अपनी बहन रिबका के हाथों में वे कंगन भी देखे, और उसकी यह बात भी सुनी कि उस पुरुष ने मुझसे ऐसी बातें कहीं; तब वह उस पुरुष के पास गया; और क्या देखा, कि वह सोते के निकट ऊँटों के पास खड़ा है।
31 라반이 가로되 `여호와께 복을 받은 자여! 들어오소서 어찌 밖에 섰나이까? 내가 방과 약대의 처소를 예비하였나이다'
३१उसने कहा, “हे यहोवा की ओर से धन्य पुरुष भीतर आ तू क्यों बाहर खड़ा है? मैंने घर को, और ऊँटों के लिये भी स्थान तैयार किया है।”
32 그 사람이 집으로 들어가매 라반이 약대의 짐을 부리고 짚과 보리를 약대에게 주고 그 사람의 발과 그 종자의 발 씻을 물을 주고
३२इस पर वह पुरुष घर में गया; और लाबान ने ऊँटों की काठियाँ खोलकर पुआल और चारा दिया; और उसके और उसके साथियों के पाँव धोने को जल दिया।
33 그 앞에 식물을 베푸니 그 사람이 가로되 `내가 내 일을 진술하기 전에는 먹지 아니하겠나이다' 라반이 가로되 `말하소서'
३३तब अब्राहम के दास के आगे जलपान के लिये कुछ रखा गया; पर उसने कहा “मैं जब तक अपना प्रयोजन न कह दूँ, तब तक कुछ न खाऊँगा।” लाबान ने कहा, “कह दे।”
34 그가 가로되 `나는 아브라함의 종이니이다
३४तब उसने कहा, “मैं तो अब्राहम का दास हूँ।
35 여호와께서 나의 주인에게 크게 복을 주어 창성케 하시되 우양과, 은,금과, 노비와, 약대와, 나귀를 그에게 주셨고
३५यहोवा ने मेरे स्वामी को बड़ी आशीष दी है; इसलिए वह महान पुरुष हो गया है; और उसने उसको भेड़-बकरी, गाय-बैल, सोना-रूपा, दास-दासियाँ, ऊँट और गदहे दिए हैं।
36 나의 주인의 부인 사라가 노년에 나의 주인에게 아들을 낳으매 주인이 그 모든 소유를 그 아들에게 주었나이다
३६और मेरे स्वामी की पत्नी सारा के बुढ़ापे में उससे एक पुत्र उत्पन्न हुआ है; और उस पुत्र को अब्राहम ने अपना सब कुछ दे दिया है।
37 나의 주인이 나로 맹세하게 하여 가로되 너는 내 아들을 위하여 나 사는 땅 가나안 족속의 딸 중에서 아내를 택하지 말고
३७मेरे स्वामी ने मुझे यह शपथ खिलाई है, कि ‘मैं उसके पुत्र के लिये कनानियों की लड़कियों में से जिनके देश में वह रहता है, कोई स्त्री न ले आऊँगा।
38 내 아비 집 내 족속에게로 가서 내 아들을 위하여 아내를 택하라 하시기로
३८मैं उसके पिता के घर, और कुल के लोगों के पास जाकर उसके पुत्र के लिये एक स्त्री ले आऊँगा।’
39 내가 내 주인에게 말씀하되 혹 여자가 나를 좇지 아니하면 어찌 하리이까? 한즉
३९तब मैंने अपने स्वामी से कहा, ‘कदाचित् वह स्त्री मेरे पीछे न आए।’
40 주인이 내게 이르되 나의 섬기는 여호와께서 그 사자를 너와 함께 보내어 네게 평탄한 길을 주시리니 너는 내 족속 중 내 아비 집에서 내 아들을 위하여 아내를 택할 것이니라
४०तब उसने मुझसे कहा, ‘यहोवा, जिसके सामने मैं चलता आया हूँ, वह तेरे संग अपने दूत को भेजकर तेरी यात्रा को सफल करेगा; और तू मेरे कुल, और मेरे पिता के घराने में से मेरे पुत्र के लिये एक स्त्री ले आ सकेगा।
41 네가 내 족속에게 이를 때에는 네가 내 맹세와 상관이 없으리라 설혹 그들이 네게 주지 아니할지라도 네가 내 맹세와 상관이 없으리라 하시기로
४१तू तब ही मेरी इस शपथ से छूटेगा, जब तू मेरे कुल के लोगों के पास पहुँचेगा; और यदि वे तुझे कोई स्त्री न दें, तो तू मेरी शपथ से छूटेगा।’
42 내가 오늘 우물에 이르러 말씀하기를 나의 주인 아브라함의 하나님 여호와여, 만일 나의 행하는 길에 형통함을 주실진대
४२इसलिए मैं आज उस कुएँ के निकट आकर कहने लगा, ‘हे मेरे स्वामी अब्राहम के परमेश्वर यहोवा, यदि तू मेरी इस यात्रा को सफल करता हो;
43 내가 이 우물 곁에 섰다가 청년 여자가 물을 길러 오거든 내가 그에게 청하기를 너는 물 항아리의 물을 내게 조금 마시우라 하여
४३तो देख मैं जल के इस कुएँ के निकट खड़ा हूँ; और ऐसा हो, कि जो कुमारी जल भरने के लिये आए, और मैं उससे कहूँ, “अपने घड़े में से मुझे थोड़ा पानी पिला,”
44 그의 대답이 당신은 마시라 내가 또 당신의 약대를 위하여도 길으리라 하면 그 여자는 여호와께서 나의 주인의 아들을 위하여 정하여 주신 자가 되리이다 하며
४४और वह मुझसे कहे, “पी ले, और मैं तेरे ऊँटों के पीने के लिये भी पानी भर दूँगी,” वह वही स्त्री हो जिसको तूने मेरे स्वामी के पुत्र के लिये ठहराया है।’
45 내가 묵도하기를 마치지 못하여 리브가가 물 항아리를 어깨에 메고 나와서 우물로 내려와 긷기로 내가 그에게 이르기를 청컨대 내게 마시우라 한즉
४५मैं मन ही मन यह कह ही रहा था, कि देख रिबका कंधे पर घड़ा लिये हुए निकल आई; फिर वह सोते के पास उतरकर भरने लगी। मैंने उससे कहा, ‘मुझे पानी पिला दे।’
46 그가 급히 물 항아리를 어깨에서 내리며 가로되 마시라 내가 당신의 약대에게도 마시우리라 하기로 내가 마시매 그가 또 약대에게도 마시운지라
४६और उसने जल्दी से अपने घड़े को कंधे पर से उतार के कहा, ‘ले, पी ले, पीछे मैं तेरे ऊँटों को भी पिलाऊँगी,’ इस प्रकार मैंने पी लिया, और उसने ऊँटों को भी पिला दिया।
47 내가 그에게 묻기를 네가 뉘 딸이뇨? 한즉 가로되 밀가가 나홀에게 낳은 브두엘의 딸이라 하기로 내가 고리를 그 코에 꿰고 손목고리를 그 손에 끼우고
४७तब मैंने उससे पूछा, ‘तू किसकी बेटी है?’ और उसने कहा, ‘मैं तो नाहोर के जन्माए मिल्का के पुत्र बतूएल की बेटी हूँ,’ तब मैंने उसकी नाक में वह नत्थ, और उसके हाथों में वे कंगन पहना दिए।
48 나의 주인 아브라함의 하나님 여호와께서 나를 바른 길로 인도하사 나의 주인의 동생의 딸을 그 아들을 위하여 택하게 하셨으므로 내가 머리를 숙여 그에게 경배하고 찬송하였나이다!
४८फिर मैंने सिर झुकाकर यहोवा को दण्डवत् किया, और अपने स्वामी अब्राहम के परमेश्वर यहोवा को धन्य कहा, क्योंकि उसने मुझे ठीक मार्ग से पहुँचाया कि मैं अपने स्वामी के पुत्र के लिये उसके कुटुम्बी की पुत्री को ले जाऊँ।
49 이제 당신들이 인자와 진실로 나의 주인을 대접하려거든 내게 고하시고 그렇지 않을지라도 내게 고하여 나로 좌우간 행하게 하소서'
४९इसलिए अब, यदि तुम मेरे स्वामी के साथ कृपा और सच्चाई का व्यवहार करना चाहते हो, तो मुझसे कहो; और यदि नहीं चाहते हो; तो भी मुझसे कह दो; ताकि मैं दाहिनी ओर, या बाईं ओर फिर जाऊँ।”
50 라반과 브두엘이 대답하여 가로되 `이 일이 여호와께로 말미암았으니 우리는 가부를 말할 수 없노라
५०तब लाबान और बतूएल ने उत्तर दिया, “यह बात यहोवा की ओर से हुई है; इसलिए हम लोग तुझ से न तो भला कह सकते हैं न बुरा।
51 리브가가 그대 앞에 있으니 데리고 가서 여호와의 명대로 그로 그대의 주인의 아들의 아내가 되게 하라'
५१देख, रिबका तेरे सामने है, उसको ले जा, और वह यहोवा के वचन के अनुसार, तेरे स्वामी के पुत्र की पत्नी हो जाए।”
52 아브라함의 종이 그들의 말을 듣고 땅에 엎드리어 여호와께 절하고
५२उनकी यह बात सुनकर, अब्राहम के दास ने भूमि पर गिरकर यहोवा को दण्डवत् किया।
53 은, 금 패물과 의복을 꺼내어 리브가에게 주고 그 오라비와 어미에게도 보물을 주니라
५३फिर उस दास ने सोने और रूपे के गहने, और वस्त्र निकालकर रिबका को दिए; और उसके भाई और माता को भी उसने अनमोल-अनमोल वस्तुएँ दीं।
54 이에 그들 곧 종과 종자들이 먹고 마시고 유숙하고 아침에 일어나서 그가 가로되 `나를 보내어 내 주인에게로 돌아가게 하소서'
५४तब उसने अपने संगी जनों समेत भोजन किया, और रात वहीं बिताई। उसने तड़के उठकर कहा, “मुझ को अपने स्वामी के पास जाने के लिये विदा करो।”
55 리브가의 오라비와 그 어미가 가로되 `소녀로 며칠을 적어도 열흘을 우리와 함께 있게 하라 그 후에 그가 갈 것이니라'
५५रिबका के भाई और माता ने कहा, “कन्या को हमारे पास कुछ दिन, अर्थात् कम से कम दस दिन रहने दे; फिर उसके पश्चात् वह चली जाएगी।”
56 그 사람이 그들에게 이르되 `나를 만류치 마소서 여호와께서 내게 형통한 길을 주셨으니 나를 보내어 내 주인에게로 돌아가게 하소서'
५६उसने उनसे कहा, “यहोवा ने जो मेरी यात्रा को सफल किया है; इसलिए तुम मुझे मत रोको अब मुझे विदा कर दो, कि मैं अपने स्वामी के पास जाऊँ।”
57 그들이 가로되 `우리가 소녀를 불러 그에게 물으리라` 하고
५७उन्होंने कहा, “हम कन्या को बुलाकर पूछते हैं, और देखेंगे, कि वह क्या कहती है।”
58 리브가를 불러 그에게 이르되 `네가 이 사람과 함께 가려느냐?` 그가 대답하되 `가겠나이다'
५८और उन्होंने रिबका को बुलाकर उससे पूछा, “क्या तू इस मनुष्य के संग जाएगी?” उसने कहा, “हाँ मैं जाऊँगी।”
59 그들이 그 누이 리브가와 그의 유모와 아브라함의 종과 종자들을 보내며
५९तब उन्होंने अपनी बहन रिबका, और उसकी दाई और अब्राहम के दास, और उसके साथी सभी को विदा किया।
60 리브가에게 축복하여 가로되 `우리 누이여, 너는 천만인의 어미가 될지어다! 네 씨로 그 원수의 성문을 얻게 할지어다'
६०और उन्होंने रिबका को आशीर्वाद देकर कहा, “हे हमारी बहन, तू हजारों लाखों की आदिमाता हो, और तेरा वंश अपने बैरियों के नगरों का अधिकारी हो।”
61 리브가가 일어나 비자와 함께 약대를 타고 그 사람을 따라가니 종이 리브가를 데리고 가니라
६१तब रिबका अपनी सहेलियों समेत चली; और ऊँट पर चढ़कर उस पुरुष के पीछे हो ली। इस प्रकार वह दास रिबका को साथ लेकर चल दिया।
62 때에 이삭이 브엘 라해로이에서 왔으니 그가 남방에 거하였었음이라
६२इसहाक जो दक्षिण देश में रहता था, लहैरोई नामक कुएँ से होकर चला आता था।
63 이삭이 저물 때에 들에 나가 묵상하다가 눈을 들어 보매 약대들이 오더라
६३साँझ के समय वह मैदान में ध्यान करने के लिये निकला था; और उसने आँखें उठाकर क्या देखा, कि ऊँट चले आ रहे हैं।
64 리브가가 눈을 들어 이삭을 바라보고 약대에서 내려
६४रिबका ने भी आँखें उठाकर इसहाक को देखा, और देखते ही ऊँट पर से उतर पड़ी।
65 종에게 말하되 `들에서 배회하다가 우리에게로 마주 오는 자가 누구뇨?' 종이 가로되 `이는 내 주인이니이다' 리브가가 면박을 취하여 스스로 가리우더라
६५तब उसने दास से पूछा, “जो पुरुष मैदान पर हम से मिलने को चला आता है, वह कौन है?” दास ने कहा, “वह तो मेरा स्वामी है।” तब रिबका ने घूँघट लेकर अपने मुँह को ढाँप लिया।
66 종이 그 행한 일을 다 이삭에게 고하매
६६दास ने इसहाक से अपने साथ हुई घटना का वर्णन किया।
67 이삭이 리브가를 인도하여 모친 사라의 장막으로 들이고 그를 취하여 아내를 삼고 사랑하였으니 이삭이 모친 상사 후에 위로를 얻었더라
६७तब इसहाक रिबका को अपनी माता सारा के तम्बू में ले आया, और उसको ब्याह कर उससे प्रेम किया। इस प्रकार इसहाक को माता की मृत्यु के पश्चात् शान्ति प्राप्त हुई।

< 창세기 24 >