< ମାର୍କ 10 >
1 ଜିସୁନ୍ ତେତ୍ତେ ସିଲଡ୍ ଜିର୍ରେ ଜିଉଦା ଡେସାରେଙନ୍ ଡ ଜର୍ଦନ ଅଲନ୍ ଆ ବାନ୍ନେଗଡ୍ ଜିର୍ରାୟ୍, ମନ୍ରାଞ୍ଜି ଆରି ଆମଙନ୍ ଇୟ୍ଲାୟ୍ ରୁକ୍କୁନେଜି, ତିଆସନ୍ ଆନିନ୍ ଡିତାନ୍ ଅନ୍ତମ୍ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ଞନଙନ୍ ତିୟେଞ୍ଜି ।
१नंतर येशूने ती जागा सोडली आणि यहूदीया प्रांतात व यार्देन ओलांडून पलीकडे गेला. लोक समुदाय एकत्र जमून त्याच्याकडे आले आणि आपल्या चालीप्रमाणे त्याने त्यांना शिकविले.
2 ତି ଆ ବନେଡ଼ା ଲାଙ୍ଲେଡ୍ ପାରୁସିଞ୍ଜି ଜିସୁନ୍ ଆମଙ୍ ଜିର୍ରେ ଆନିନ୍ଆଡଙ୍ ମାଲ୍ଲେ ଇୟ୍ଲାୟ୍ ବରେଜି, “ଅବୟ୍ ମନ୍ରାନ୍, ଆ ଡୁକ୍ରିନ୍ଆଡଙ୍ ଅନମ୍ଡୁଙନ୍ ଆସନ୍ ଅନଗଡ୍ଲେନ୍ ଡକୋ ପଙ୍?”
२काही परूशी येशूकडे आले. त्यांनी त्यास विचारले, “पतीने पत्नी सोडावी हे कायदेशीर आहे काय?” हे तर त्यांनी त्याची परीक्षा पाहण्यासाठी विचारले.
3 ଜିସୁନ୍ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ଜାଲଙେନ୍, “ମୋସାନ୍ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ଅଙ୍ଗା ବନାଁୟ୍ବର୍ ତିୟ୍ଲବେନ୍?”
३येशूने त्यांना उत्तर दिले, “मोशेने तुम्हास काय आज्ञा दिली आहे?”
4 ଆନିଞ୍ଜି ଗାମେଞ୍ଜି, “ଅମ୍ରେଙଲନ୍ ଇଡ୍ଲେ ଡୁକ୍ରିନ୍ଆଡଙ୍ ଅନମ୍ଡୁଙନ୍ ଆସନ୍ ମୋସାନ୍ ଇନ୍ଲେଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ଅନଡ଼େନ୍ ତିୟ୍ଲଲେନ୍ ।”
४ते म्हणाले, “मोशेने पुरुषाला सूटपत्र लिहिण्याची व असे करून आपल्या पत्नीला सोडण्याची परवानगी दिली आहे.”
5 ସିଲତ୍ତେ ଜିସୁନ୍ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ବରେଞ୍ଜି, “ଉଗର୍ବେନ୍ ଆ ରଡୋ ଗିୟ୍ଲେ ମୋସାନ୍ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ଆସନ୍ କେନ୍ ଆ ବନାଁୟ୍ବର୍ ଇଡେନ୍ ।
५येशू म्हणाला, “केवळ तुमच्या अंतःकरणाच्या कठीणपणामुळे मोशेने ही आज्ञा तुमच्यासाठी लिहून ठेवली.
6 ବନ୍ଡ ସାସ୍ତ୍ରନ୍ ଏଙ୍ଗାଲେ ବର୍ତନେ ଏତ୍ତେଲେ, ଗନଡେଲନ୍ ଆରୁଲନେନ୍ ସିଲଡ୍ ମା ଇସ୍ୱରନ୍ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ଓବ୍ବାମରନ୍ ଡ ଆଇମରନ୍ ଅମ୍ମେଲେ ଗବ୍ଡେଲେଞ୍ଜି ।
६परंतु उत्पत्तीच्या आरंभापासून देवाने त्यांना नर व नारी असे निर्माण केले.
7 କେନ୍ ଆସନ୍ ଓବ୍ବାମରନ୍ ଆପେୟନ୍ ଡ ଆୟୋଙନ୍ ଅମ୍ରେଙ୍ଡାଲେ, ଆ ଡୁକ୍ରିନ୍ ବାତ୍ତେ ମାୟ୍ଲନ୍ ଆବୟନ୍ ଡେତଜି,
७या कारणामुळे पुरूष आपल्या आई-वडीलांना सोडून आपल्या पत्नीशी जडून राहील.
8 ତିଆସନ୍ ଆନିଞ୍ଜି ଆରି ବାଗୁନେ ତଡ୍, ବନ୍ଡ ଆବୟନ୍ ଡେଏଞ୍ଜି ।
८आणि ती दोघे एकदेह होतील. म्हणून यापुढे ती दोन नाहीत तर एकदेह आहेत.
9 ତିଆସନ୍ ଇସ୍ୱରନ୍ ଅଙ୍ଗାଆତେ ଅବ୍ମାୟ୍ମାୟେନ୍, ମନ୍ରାନ୍ ତିଆତେ ତରଙ୍ଆନ୍ନା ଏମ୍ମେଡଙେ ତଡ୍ ।”
९यासाठी देवाने जे जोडले आहे, ते मनुष्याने तोडू करू नये.”
10 ତିକ୍କି ଆନିଞ୍ଜି ଅସିଙନ୍ ୟର୍ରନ୍, ଞଙ୍ନେମରଞ୍ଜି କେନ୍ ଆ ବର୍ନେଲୋଙ୍ ଜିସୁନ୍ଆଡଙ୍ ଇୟ୍ଲାୟ୍ ବରେଜି ।
१०नंतर येशू व शिष्य घरात असता, शिष्यांनी या गोष्टीविषयी पुन्हा त्यास विचारले.
11 ସିଲତ୍ତେ ଜିସୁନ୍ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ଗାମେନ୍, “ଅଙ୍ଗା ମନ୍ରା ଆ ଡୁକ୍ରିନ୍ଆଡଙ୍ ଅମ୍ଡୁଙ୍ଡାଲେ ଆନ୍ନାବୟ୍ ବିବାତନେ, ଆନିନ୍ ଆ ଡୁକ୍ରିନ୍ ଆ ବିରୁଦଲୋଙ୍ ଡାରିତନେ,
११तो त्यांना म्हणाला, “जो कोणी आपली पत्नी टाकतो व दुसरीबरोबर लग्न करतो तो आपल्या पत्नीविरुद्ध व्यभिचार करतो.
12 ଆରି, ଅନ୍ନିଙ୍ ଆଇବୟ୍ ଆ ଅୟ୍ତବନ୍ଆଡଙ୍ ଅମ୍ରେଙ୍ଡାଲେ ଆନ୍ନାମର୍ ବୟନ୍ ବିବାତନେ, ଏତ୍ତେଲ୍ଡେନ୍ ଆନିନ୍ ଡାରିତନେ ।”
१२आणि जर पत्नी आपल्या पतीला सोडते आणि दुसऱ्याबरोबर लग्न करते, तर तीही व्यभिचार करते.”
13 ଜିସୁନ୍ ପସିଜଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ସୁଙେଡାଲେ ଆସିର୍ବାଦଏତଜି ଗାମ୍ଲେ, ମନ୍ରାଞ୍ଜି ପସିଜଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ଜିସୁନ୍ ଆମଙ୍ ଓରୋଙ୍ଲାଜି, ବନ୍ଡ ଞଙ୍ନେମରଞ୍ଜି ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ବବ୍ତଙେଞ୍ଜି ।
१३मग त्याने बालकांस हात ठेवावा? करावा आणि आशीर्वाद द्यावा म्हणून लोकांनी त्यांना त्याच्याकडे आणले, परंतु शिष्यांनी आणणाऱ्यांना दटावले.
14 ଜିସୁନ୍ ତିଆତେ ଗିୟ୍ଲେ ବରାବେନ୍ କି ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ବରେଞ୍ଜି, “ପସିଜଞ୍ଜି ଅମଙ୍ଞେନ୍ ଅନିୟନ୍ ଆସନ୍ ତଙରନ୍ ସାଡ୍ବାଜି, ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ଏଡଙ୍ଡଙେଜି, ଇନିଆସନ୍ଗାମେଣ୍ଡେନ୍ ଇସ୍ୱରନ୍ ଆ ରାଜ୍ୟ, କେନ୍ ସନ୍ନାସିଜଞ୍ଜି ଅନ୍ତମ୍ ଆ ମନ୍ରାଜି ଆସନ୍ ।
१४येशूने हे पाहिले तेव्हा तो रागवला आणि त्यांना म्हणाला, “लहान बालकांना माझ्याकडे येऊ द्या. त्यांना मना करू नका कारण देवाचे राज्य यांच्यासारख्यांचेच आहे.
15 ଞେନ୍ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ଆଜାଡ଼ିଡମ୍ ବର୍ତବେନ୍, ଅଙ୍ଗା ମନ୍ରା ପସିଜନ୍ ଅନ୍ତମ୍ ଇସ୍ୱରନ୍ ଆ ରାଜ୍ୟ ଅଃଜ୍ଜାଏ, ଆନିନ୍ ଏଙ୍ଗାଲେ ଜନଙ୍ଡେନ୍ ତେତ୍ତେ ଅଃଗନେ ।”
१५मी तुम्हास खरे सांगतो, जो कोणी बालकासारखा देवाच्या राज्याचा स्वीकार करणार नाही त्याचा प्रवेश त्यामध्ये मुळीच होणार नाही.”
16 ସିଲଡ୍ଲ୍ଲନ୍ ଜିସୁନ୍ ପସିଜଞ୍ଜିଆଡଙ୍ କୋଣ୍ଡୋଏନ୍ ଆରି ଆବବ୍ଲୋଙଞ୍ଜି ଆସିନ୍ ଡକ୍କୋଡାଲେ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ଆସିର୍ବାଦଏଞ୍ଜି ।
१६तेव्हा त्याने बालकांना उचलून जवळ घेतले. आपले हात त्यांच्यावर ठेवले आणि त्यांना आशीर्वाद दिला.
17 ଜିସୁନ୍ ଆରି ଜିର୍ଜିରନ୍ ଆସ୍ରାଜେନ୍ ଆଡିଡ୍ ଅବୟ୍ ମନ୍ରାନ୍ ଇର୍ରେ ଜିସୁନ୍ ଆ ମୁକ୍କାଗଡ୍ ତୁଡ଼ୁମ୍ଡାଲେ ଆନିନ୍ଆଡଙ୍ ଇୟ୍ଲାୟ୍ ବରେ, “ଏ ମନଙ୍ ଞନଙ୍ତିୟ୍ମର୍, ଅଃନ୍ନଞିଡେନ୍ ଆନମେଙ୍ ଞନାଙନ୍ ଆସନ୍ ଞେନ୍ ଇନି ଏଙ୍ଗାନାୟ୍?” (aiōnios )
१७येशू प्रवासास निघाला असता एक मनुष्य त्याच्याकडे धावत आला आणि त्याच्यापुढे गुडघे टेकून म्हणाला, “उत्तम गुरूजी, सार्वकालिक जीवन मिळवण्यासाठी मी काय करावे?” (aiōnios )
18 ସିଲତ୍ତେ ଜିସୁନ୍ ଆନିନ୍ଆଡଙ୍ ବରେନ୍, “ଞେନ୍ଆଡଙ୍ ମନଙ୍ ଗାମ୍ଲେ ଇନିବା ବର୍ରିଁୟ୍? ଇସ୍ୱରନ୍ ତୁମ୍ ଅବୟ୍ନେ ମନଙ୍, ଆନିନ୍ ଅମ୍ରେଙ୍ଡାଲେ ଆନ୍ନିଙ୍ ଆରି ମନଙ୍ ତଡ୍ ।
१८येशू त्यास म्हणाला, “तू मला उत्तम का म्हणतोस? देवाशिवाय कोणी एक उत्तम नाही.
19 ବନାଁୟ୍ବରଞ୍ଜି ତ ଆମନ୍ ଜନା, ‘ମନ୍ରାନ୍ ଏରବ୍ବୁଡଙ୍, ଏଡାରିଡଙ୍ନେ, ଏରାଉଡଙ୍ନେ, କଣ୍ଡାୟ୍ସାକିନ୍ ଏତିୟ୍ଡଙେ, ଏବୁର୍ଡଡଙେ, ଆପେୟନ୍ ଆୟୋଙନ୍ଆଡଙ୍ ମାନ୍ନେବାଜି ।’”
१९तुला आज्ञा माहीत आहेतच; खून करू नको, व्यभिचार करू नको, चोरी करू नको, खोटी साक्ष देऊ नको, फसवू नको, आपल्या वडिलांचा व आपल्या आईचा सन्मान कर.”
20 ଆନିନ୍ ଜିସୁନ୍ଆଡଙ୍ ବରେନ୍, “ଏ ଞନଙ୍ତିୟ୍ମର୍, କେନ୍ ଅଡ଼୍କୋନ୍ ଞେନ୍ ବନେଣ୍ଡିଆଞେନ୍ ସିଲଡ୍ ଞଣ୍ଡ୍ରମ୍ଲନ୍ ଜିର୍ରାୟ୍ ।”
२०तो मनुष्य म्हणाला, “गुरूजी, मी तरुणपणापासून या आज्ञा पाळत आलो आहे.”
21 ଜିସୁନ୍ ଆନିନ୍ଆଡଙ୍ ଡନୁଙ୍ୟମନ୍ ବାତ୍ତେ ଏର୍ସେଡ୍ମଡ୍ନେନ୍ ଆଙାଙ୍ଡାଲେ ବରେନ୍, “ଆମନ୍ ଅବୟ୍ ବର୍ନେଲୋଙନ୍ ଅସୋୟ୍ ଡକୋ, ଆମନ୍ ଜିର୍ରେ ଅଡ଼୍କୋନ୍ ଅନର୍ଜେନମ୍ ତମ୍ଲୋଙ୍ ତମ୍ଲେ ଡୋଲେୟ୍ମରଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ଇୟ୍ ତିୟାଜି, ଆମନ୍ ରୁଆଙ୍ଲୋଙନ୍ ରନ୍ନାନ୍ ଞାଙ୍ତେ, ଆରି ଜିର୍ରେ ଞେନ୍ଆଡଙ୍ ଆୟ୍ ସଣ୍ଡୋଙିୟ୍ ।”
२१येशूने त्याच्याकडे पाहिले त्यास त्याच्यावर प्रीती केली तो त्यास म्हणाला, “तुझ्यामध्ये एका गोष्टीची उणीव आहे. जा, तुझ्याजवळ जे असेल नसेल ते सर्व विक आणि गोरगरीबांस देऊन टाक, म्हणजे स्वर्गात तुला संपत्ती प्राप्त होईल आणि मग चल, माझ्यामागे ये.”
22 ବନ୍ଡ କେନ୍ ଆ ବର୍ନେ ଅମ୍ଡଙ୍ଡାଲେ ଆ ମୁକ୍କାନ୍ ଅସରେନ୍ ଆରି ଅମ୍ମୁସୁକାଲନ୍ ଜିରେନ୍, ଇନିଆସନ୍ଗାମେଣ୍ଡେନ୍ ଆନିନ୍ ଅବୟ୍ ଗମାଙ୍ମର୍ ଡକୋଏନ୍ ।
२२हे शब्द ऐकून तो मनुष्य खूप निराश झाला व खिन्न होऊन निघून गेला कारण त्याच्याजवळ खूप संपत्ती होती.
23 ସିଲତ୍ତେ ଜିସୁନ୍ ଏର୍ରେ ଆଙାଙ୍ଡାଲେ ଆ ଞଙ୍ନେମରଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ବରେଞ୍ଜି, “ଗମାଙ୍ମରଞ୍ଜି ଇସ୍ୱରନ୍ ଆ ରାଜ୍ୟଲୋଙ୍ ଗଙ୍ଗନନ୍ ଡିଅଙ୍ଗା ଆ ଡଣ୍ଡ!”
२३येशूने सभोवताली पाहिले व तो आपल्या शिष्यांना म्हणाला, “देवाच्या राज्यात धनवानांचा प्रवेश होणे किती कठीण आहे.”
24 ଆ ବର୍ନେନ୍ ଅମ୍ଡଙ୍ଡାଲେ ଞଙ୍ନେମରଞ୍ଜି ସାନ୍ନି ଡେଏଞ୍ଜି । ବନ୍ଡ ଜିସୁନ୍ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ଆରି ବରେଞ୍ଜି, “ପସିୟ୍ଜି, ଇସ୍ୱରନ୍ ଆ ରାଜ୍ୟଲୋଙ୍ ଗଙ୍ଗନନ୍ ଡିଅଙ୍ଗା ଆ ଡଣ୍ଡ!
२४त्याचे शब्द ऐकून शिष्य थक्क झाले, परंतु येशू त्यांना पुन्हा म्हणाला, “माझ्या मुलांनो, देवाच्या राज्यात प्रवेश होणे किती कठीण आहे!
25 ଇସ୍ୱରନ୍ ଆ ରାଜ୍ୟଲୋଙ୍ ଗମାଙ୍ମରନ୍ ଆଗ୍ରନ୍ତେନ୍ ସିଲଡ୍ ଆର୍ପାୟ୍ ସୁର୍ଜାନ୍ ଆ ପତୁଡ୍ ଗଡ୍ ଓଟନ୍ ଆ ଜନିର୍ ଲଗଡ଼ ।”
२५श्रीमंतांचा देवाच्या राज्यात प्रवेश होणे यापेक्षा उंटाला सुईच्या नाकातून जाणे सोपे आहे.”
26 ସିଲତ୍ତେ ଞଙ୍ନେମରଞ୍ଜି ଆକ୍ରାନ୍ ସାନ୍ନିଡାଲେ ତର୍ଡମ୍ ଅଲ୍ବର୍ବରେଞ୍ଜି, “ଏତ୍ତେଲ୍ଡେନ୍ ଆନା ଅନୁରନ୍ ଞାଙେ?”
२६ते यापेक्षाही अधिक आचर्यचकित झाले आणि एकमेकाला म्हणाले, “तर मग कोणाचे तारण होणे शक्य आहे?”
27 ଜିସୁନ୍ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍ “ଏର୍ସେଡ୍ମଡ୍ନେନ୍ ଆଙାଙେଞ୍ଜି କି ବର୍ରନେ, କେନ୍ଆତେ ମନ୍ରାନ୍ ଆସନ୍ ଅଃଡ୍ଡେଏ, ବନ୍ଡ ଇସ୍ୱରନ୍ ଆସନ୍ ଇଜ୍ଜା, ଇନିଆସନ୍ଗାମେଣ୍ଡେନ୍ ଇସ୍ୱରନ୍ ଆସନ୍ ଅଡ଼୍କୋନ୍ ଡେଆୟ୍ତେ ।”
२७त्यांच्याकडे पाहून येशू म्हणाला, “मनुष्यांना हे अशक्य आहे पण देवाला नाही, कारण देवाला सर्व गोष्टी शक्य आहेत.”
28 ପିତ୍ରନ୍ ଜିସୁନ୍ଆଡଙ୍ ବରେନ୍, “ଗିଜା, ଇନ୍ଲେଞ୍ଜି ଅଡ଼୍କୋନ୍ ଅମ୍ରେଙ୍ଡାଲେ ଆମନ୍ଆଡଙ୍ ଏସଣ୍ଡୋଙ୍ତମ୍ ।”
२८पेत्र त्यास म्हणू लागला, “पाहा, आम्ही सर्व सोडले आहे आणि आपल्यामागे आलो आहोत.”
29 ଜିସୁନ୍ ବର୍ରନେ, “ଞେନ୍ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ଆଜାଡ଼ିଡମ୍ ବର୍ତବେନ୍, ଅଙ୍ଗା ମନ୍ରା ଞେନ୍ ଆସନ୍ ଡ ମନଙ୍ବର୍ଞେନ୍ ଅନପ୍ପୁଙନ୍ ଆସନ୍ ଅସିଂ, ବୋଞାଙ୍, ତନାନ୍, ଅୟୋଙ୍, ଆପେୟ୍, ପସିୟ୍ବୁଲାଃ କି ଲବସିମା ଅମ୍ରେଙ୍ତେ,
२९येशू म्हणाला, “मी तुम्हास खरे सांगतो, ज्याने ज्याने माझ्याकरिता व सुवार्तेकरता घरदार, बहिण, भाऊ, आईवडील, मुलेबाळे किंवा शेतीवाडी सोडली आहे,
30 ଆରି ନମି ଆ ଜୋଗାଇଂ ବସଅ ଗୁନା ଅସିଂ, ବୋଞାଙ୍, ତନାନ୍, ଅୟୋଙ୍, ପସିୟ୍ବୁଲାଃ ଆରି ଲବସିମା ଞାଙ୍ତେ, ଆରି ଡନଣ୍ଡାୟନ୍ ନିୟ୍ ଞାଙ୍ତେ, ସିଲଡ୍ଲ୍ଲନ୍ ତିକ୍କି ଆ ଜୋଗାଲୋଙ୍ ଆନିନ୍ ଅଃନ୍ନଞିଡେନ୍ ଆନମେଙ୍ ଞାଙ୍ତେ । (aiōn , aiōnios )
३०अशा प्रत्येकाला शेवटच्या काळी छळणुकीबरोबर शंभरपटीने घरे, भाऊ, बहिणी, आया, मुले, शेते आणि येणाऱ्या युगात सार्वकालिक जीवन मिळाल्याशिवाय राहणार नाही. (aiōn , aiōnios )
31 ବନ୍ଡ ଆମ୍ମୁଙ୍ ଆଡ୍ରକୋଏଞ୍ଜି ଆ ମନ୍ରାଞ୍ଜି ଗୋଗୋୟ୍ନେ ତିକ୍କିତଜି ଆରି ତିକ୍କି ଆଡ୍ରକୋଏଞ୍ଜି ଆ ମନ୍ରାଞ୍ଜି ଗୋଗୋୟ୍ନେ ଆମ୍ମୁଙ୍ତଜି ।”
३१तरी पहिले ते शेवटचे व शेवटचे ते पहिले, असे पुष्कळ जणांचे होईल.”
32 ଆନିଞ୍ଜି ଜିରୁସାଲମନ୍ ଆଜିର୍ରେଞ୍ଜି ଆଡିଡ୍ ତଙରନ୍ ଜିସୁନ୍ ଆମ୍ମୁଙ୍ଗଡ୍ଲନେ, ଞଙ୍ନେମରଞ୍ଜି ସାନ୍ନି ଡେଏଞ୍ଜି ଆରି ଆସ୍ରଣ୍ଡୋଙେଞ୍ଜି ଆ ମନ୍ରାଜି ବତଙେଞ୍ଜି । ତିଆସନ୍ ଆନିନ୍ ବାରଜଣ ଞଙ୍ନେମରଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ଆରି ଆନ୍ନାଡାଲେ, ଆନିନ୍ଆଡଙ୍ ଇନି ଇନି ଡେରୟ୍ତେ ତି ଅଡ଼୍କୋନ୍ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ଅବ୍ଜନାଏଞ୍ଜି ।
३२मग ते वर यरूशलेम शहराच्या वाटेने जात असता येशू त्यांच्यापुढे चालला होता. त्याचे शिष्य विस्मित झाले आणि त्याच्यामागून येणारे घाबरले होते. नंतर येशूने त्या बारा शिष्यांना पुन्हा एकाबाजूला घेतले आणि स्वतःच्या बाबतीत काय घडणार आहे हे त्यांना सांगू लागला.
33 ଜିସୁନ୍ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ବରେଞ୍ଜି, “ଅମ୍ଡଙ୍ବା, ଇନ୍ଲେଞ୍ଜି ଜିରୁସାଲମନ୍ ଜିର୍ତବୋ, ମନ୍ରା ଡାଙ୍ଗଡ଼ାଅନନ୍ ସୋଡ଼ା ରାଓଡ଼ାଞ୍ଜି ଡ ସାସ୍ତ୍ରିଞ୍ଜି ଆସିଲୋଙ୍ ସୋରୋପ୍ପାୟ୍ତନେ, ଆରି ଆନିଞ୍ଜି ଆନିନ୍ଆଡଙ୍ ରନବୁ ପନବ୍ରଡନ୍ ତନିୟନ୍ ଆସନ୍ ବାଁୟ୍ସିଡାଲନ୍ ଏର୍ଜିଉଦିମରଞ୍ଜି ଆସିଲୋଙ୍ ସୋରୋପ୍ପାୟ୍ତଜି,
३३“पाहा! आपण वर यरूशलेम शहरास जात आहोत आणि मनुष्याचा पुत्र धरून मुख्य याजक लोक आणि नियमशास्त्राचे शिक्षक यांच्या हाती दिला जाईल. ते त्यास मरणाची शिक्षा देतील आणि ते त्यास परराष्ट्रीय लोकांच्या हाती देतील.
34 ସିଲଡ୍ଲ୍ଲନ୍ ଆନିଞ୍ଜି ଆନିନ୍ଆଡଙ୍ ସୟ୍ସୟ୍ମୁତଜି, ଆ ଡଅଙ୍ଲୋଙନ୍ ବିଜଲ୍ତଜି, ଆନିନ୍ଆଡଙ୍ ସାମକାନ୍ ବାତ୍ତେ ତିଡ୍ତଜି କି ରବ୍ବୁତଜି ବନ୍ଡ ଆନିନ୍ ଏର୍ତାଲୋଙ୍ ୟର୍ମେଙ୍ଲେ ଡୋତନେ ।”
३४ते त्याची थट्टा करतील, त्याच्यावर थुंकतील, त्यास फटके मारतील, ठार करतील आणि तीन दिवसानी तो पुन्हा उठेल.”
35 ତିକ୍କି ଜେବଦିନ୍ ଆ ଡାଙ୍ଗଡ଼ାଅନ୍ଜି ଜାକୁବନ୍ ଡ ଜନନ୍ ଜିସୁନ୍ ଆ ମୁକ୍କାବା ଜିର୍ରେ ଇୟ୍ଲାୟ୍ ବରେଜି, “ଏ ଞନଙ୍ତିୟ୍ମର୍, ଇନ୍ଲେଞ୍ଜି ଆମନ୍ଆଡଙ୍ ଅଙ୍ଗାତେ ଏବେଡ୍ତମ୍, ତିଆତେ ଆମନ୍ ଇନ୍ଲେନ୍ ତିୟ୍ଲେନ୍, କେନ୍ଆତେ ଲଡୟ୍ଲେନ୍ ।”
३५याकोब व योहान हे जब्दीचे पुत्र त्याच्याकडे आले आणि त्यास म्हणाले, “गुरुजी, आम्ही आपणाजवळ जे मागू ते आपण आमच्यासाठी करावे अशी आमची इच्छा आहे.”
36 ଜିସୁନ୍ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ବରେଞ୍ଜି, “ଞେନ୍ ଆମ୍ୱେନ୍ ଆସନ୍ ଇନି ଲୁମାୟ୍ ଗାମ୍ଲେ ଆମ୍ୱେନ୍ ଲଡୟ୍ତବେନ୍?”
३६येशू त्यांना म्हणाला, “मी तुमच्यासाठी काय करावे अशी तुमची इच्छा आहे?”
37 ଆନିଞ୍ଜି ଜିସୁନ୍ଆଡଙ୍ ବରେଞ୍ଜି, “ଆମନ୍ ଗନୁଗୁ ପନେମେଙନ୍ ବାତ୍ତେ ରାଜ୍ୟନମ୍ ଆ କୁର୍ସିଲୋଙ୍ ତଙ୍କୁମେନ୍ ଆଡିଡ୍ ଅବୟ୍ନେ ଅର୍ଜଡ଼ୋମ୍ଗଡ୍ନମ୍ ଆରି ଅବୟ୍ନେ ଅର୍କାବଡ଼ିଗଡ୍ନମ୍ ଅବ୍ତଙ୍କୁମ୍ଲେନ୍ ।”
३७ते म्हणाले, “आपल्या वैभवात आमच्यापैकी एकाला तुमच्या उजवीकडे व दुसऱ्याला डावीकडे बसण्याचा अधिकार द्यावा.”
38 ବନ୍ଡ ଜିସୁନ୍ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ବରେଞ୍ଜି, “ଆମ୍ୱେନ୍ ଇନି ଏଗାମ୍ତେ, ତିଆତେ ଆମ୍ୱେନ୍ ଏଃଜ୍ଜନାଏ । ଞେନ୍ ଗରାଲୋଙ୍ତାଞନ୍ ଅରସୁଡାନ୍ ଆ ଗିଲ୍ଲଲୋଙ୍, ତେତ୍ତେ ଆମ୍ୱେନ୍ ଗାଲେ ଏରପ୍ତିତେ ପଙ୍? ଅଡ଼େ ଞେନ୍ ଅଙ୍ଗା ରନବୁ ତବ୍ବୁବ୍ଡାଲୋଙ୍ ତବ୍ବୁବ୍ଡାତନାୟ୍, ଆମ୍ୱେନ୍ ତେତ୍ତେ ତବ୍ବୁବ୍ଡାଲନ୍ ଏରପ୍ତିତେ ପଙ୍?”
३८येशू त्यांना म्हणाला, “तुम्ही काय मागत आहात हे तुम्हास कळत नाही. मी जो प्याला पिणार आहे, तो तुमच्याने पिणे शक्य आहे काय? किंवा मी जो बाप्तिस्मा घेणार आहे तो तुमच्याने घेणे शक्य आहे काय?”
39 ଆନିଞ୍ଜି ଆନିନ୍ଆଡଙ୍ ଜାଲଙେଞ୍ଜି, “ଏରପ୍ତିତାୟ୍ ।” ଜିସୁନ୍ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ବରେଞ୍ଜି, “ଞେନ୍ ଅଙ୍ଗା ଗିଲ୍ଲଲୋଙ୍ ଗାତାୟ୍, ତେତ୍ତେ ଆମ୍ୱେନ୍ ଏଗାତେ, ଆରି ଞେନ୍ ଅଙ୍ଗା ତବ୍ବୁବ୍ଡାଲୋଙ୍ ତବ୍ବୁବ୍ଡାତନାୟ୍, ତେତ୍ତେ ଆମ୍ୱେନ୍ ଏତବ୍ବୁବ୍ଡାତନେ,
३९ते त्यास म्हणाले, “आम्हास शक्य आहे.” मग येशू त्यांना म्हणाला, “मी जो प्याला पिणार आहे तो तुम्ही प्याल आणि जो बाप्तिस्मा घेईन तो तुम्ही घ्याल,
40 ବନ୍ଡ ଅର୍ଜଡ଼ୋମ୍ଗଡ୍ଞେନ୍ ଡ ଅର୍କାବଡ଼ିଗଡ୍ଞେନ୍ ଅନବ୍ତଙ୍କୁମନ୍ ଆସନ୍ ଅଦିକାରଞେନ୍ ତଡ୍, ଆର୍ପାୟ୍ ଆନାଜି ଆସନ୍ ଆପେୟ୍ ଇସ୍ୱରନ୍ ତି ଆ କୁର୍ସି ଅବ୍ଜାଡାଏନ୍ ଆନିଞ୍ଜି ତଙ୍କୁମ୍ତଜି ।”
४०परंतु माझ्या उजवीकडे किंवा डावीकडे बसू देणे माझ्या हाती नाही. ज्यांच्यासाठी त्या जागा तयार केल्या आहेत, त्यांच्यासाठीच त्या राखून ठेवल्या आहेत.”
41 ଆରି ଦସଜଣ ଞଙ୍ନେମରଞ୍ଜି କେନ୍ଆତେ ଅମ୍ଡଙ୍ଡାଲେ ଜାକୁବନ୍ ଡ ଜନନ୍ ଆ ଉପରେଙ୍ ବରାବେଞ୍ଜି ।
४१दहा शिष्यांनी या विनंतीविषयी ऐकले तेव्हा ते याकोब व योहानावर फार रागावले.
42 ସିଲତ୍ତେ ଜିସୁନ୍ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ଓଡ୍ଡେଲେ ବରେଞ୍ଜି, “ଏର୍ଡର୍ନେମରଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ଆନାଜି ସାସନତଜି ଆନିଞ୍ଜି ଆମଙଞ୍ଜି ଅବ୍ପୁର୍ପୁର୍ତଞ୍ଜି ଆରି ଆମ୍ମୁଙ୍ଗଡ୍ମରଞ୍ଜି ଆମଙଞ୍ଜି ଅବ୍ସୋଡ଼ାସୋଡ଼ାତଞ୍ଜି, କେନ୍ଆତେ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ଜନା ।
४२येशूने त्यांना जवळ बोलावले आणि म्हटले, “तुम्हास माहीत आहे की, परराष्ट्री जे सत्ताधारी आहेत ते त्यांच्यावर स्वामित्व गाजवतात आणि त्यांचे पुढारी त्यांच्यावर अधिकार गाजवतात.
43 ବନ୍ଡ ଅମଙ୍ଲୋଙ୍ବେନ୍ ଏତ୍ତେଗୋ ତଡ୍, ବନ୍ଡ ଅମଙ୍ଲୋଙ୍ବେନ୍ ଆନା ସବ୍ତଙ୍ନେନ୍ ଆସନ୍ ସାୟ୍ତେ, ଆନିନ୍ ସନାକ୍କେମର୍ବେନ୍ ଡେଏତୋ ।
४३परंतु तुमच्याबाबतीत तसे नाही. तुमच्यातील जो कोणी मोठा होऊ पाहतो त्याने तुमचा सेवक झाले पाहिजे.
44 ଆରି ଅମଙ୍ଲୋଙ୍ବେନ୍ ଆନା ଆମ୍ମୁଗଡ୍ମର୍ନେନ୍ ଆସନ୍ ସାୟ୍ତେ, ଆନିନ୍ ଅଡ଼୍କୋଞ୍ଜି ଆ କମ୍ୱାରିମର୍ ଡେଏତୋ ।
४४आणि जो कोणी पाहिला होऊ इच्छितो त्याने सर्वांचा सेवक झाले पाहिजे.
45 ଇନିଆସନ୍ଗାମେଣ୍ଡେନ୍ ମନ୍ରା ଡାଙ୍ଗଡ଼ାଅନନ୍ ନିୟ୍ ଅନବ୍ସାକ୍କେନେବାନ୍ ଅଃନ୍ନିୟ୍ଲାୟ୍, ଆର୍ପାୟ୍ ସନାକ୍କେବାନ୍ ଆରି ଅଡ଼୍କୋ ମନ୍ରାଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ତନାଣ୍ଡେବାନ୍ ଆ ପରାନ୍ନାନ୍ ତନିୟନ୍ ଆସନ୍ ଇୟ୍ଲାୟ୍ ।”
४५कारण मनुष्याचा पुत्रही सेवा करून घ्यावयास नाही तर तो सेवा करावयास आला आहे, पुष्कळांच्या खंडणीकरिता आपला जीव देण्यासाठी आला आहे.”
46 ତିକ୍କି ଆନିଞ୍ଜି ଜିରିଓ ଗଡ଼ାନ୍ ଅଡ଼ୋଏଞ୍ଜି, ସିଲଡ୍ଲ୍ଲନ୍ ଜିସୁନ୍, ଆ ଞଙ୍ନେମରଞ୍ଜି ଡ ଗୋଗୋୟ୍ନେଡମ୍ ମନ୍ରାଞ୍ଜି ସରିନ୍ ଜିରିଓନ୍ ସିଲଡ୍ ଆଜିର୍ରେଞ୍ଜି ଆଡିଡ୍ ଅନେଙ୍ ତଙରନ୍ ଅବୟ୍ ଆ କାଡ଼ୁମରନ୍ ବେବ୍ବେଡ୍ଲନେ, ତି ମନ୍ରାନ୍ ଆଞୁମ୍ ବାର୍ଟିମୟ, ଆନିନ୍ ଟିମାୟନ୍ ଆ ଡାଙ୍ଗଡ଼ାଅନ୍ ।
४६मग ते यरीहो शहरास आले. येशू आपले शिष्य व लोकसमुदायासह यरीहो सोडून जात असता तीमयाचा मुलगा बार्तीमय हा एक आंधळा भिकारी रस्त्याच्या कडेला बसला होता.
47 ନାଜରିତ ଜିସୁନ୍, କେନ୍ଗଡ୍ ଜିର୍ତେ ଗାମ୍ଲେ କାଡ଼ୁମରନ୍ ଆରମ୍ଡଙେନ୍, ଆନିନ୍ ବାବ୍ବାବ୍ଲେ ବର୍ରନେ, “ଏ ଦାଉଦନ୍ ଆ ଡାଙ୍ଗଡ଼ାଅନ୍ ଜିସୁ, ଞେନ୍ଆଡଙ୍ ସାୟୁମିଁୟ୍ ।”
४७जेव्हा त्याने ऐकले की, नासरेथकर येशू जात आहे तेव्हा तो मोठ्याने ओरडून म्हणू लागला, “येशू, दाविदाचे पुत्र माझ्यावर दया करा.”
48 ସିଲତ୍ତେ କଡ଼ିଙା ଗାମ୍ଲେ ମନ୍ରାଞ୍ଜି ଆନିନ୍ଆଡଙ୍ ବବ୍ତଙେଞ୍ଜି, ବନ୍ଡ ଆନିନ୍ ଆରି ବାବ୍ବାବ୍ଲେ ବର୍ରନେ, “ଏ ଦାଉଦନ୍ ଆ ଡାଙ୍ଗଡ଼ାଅନ୍ ଜିସୁ, ଞେନ୍ଆଡଙ୍ ସାୟୁମିଁୟ୍ ।”
४८तेव्हा त्याने गप्प बसावे म्हणून अनेकांनी त्यास दटावले. पण तो अधिक मोठ्याने ओरडून म्हणू लागला, “येशू दाविदाचे पुत्र मजवर दया करा.”
49 ସିଲତ୍ତେ ଜିସୁନ୍ ତନଙ୍ଡାଲେ ବର୍ରନେ, “ଆନିନ୍ଆଡଙ୍ ଓଡ୍ଡେବା ।” ଆନିଞ୍ଜି ତି କାଡ଼ୁମରନ୍ଆଡଙ୍ ଓଡ୍ଡେଲେ ବରେଞ୍ଜି, “ଅବ୍ବୋମଙ୍ନା, ଡୋନା, ଆନିନ୍ ଆମନ୍ଆଡଙ୍ ଓଡ୍ଡେତମ୍ ।”
४९मग येशू थांबला आणि म्हणाला, “त्याला बोलवा,” तेव्हा त्यांनी आंधळ्या मनुष्यास बोलावून म्हटले, “धीर धर, येशू तुला बोलवत आहे.”
50 ତିଆସନ୍ ଆନିନ୍ ଆ ମାଟନ୍ ସେଡେନ୍ କି ଡୋଲନ୍, ସିଲଡ୍ଲ୍ଲନ୍ ଜିସୁନ୍ ଆମଙ୍ ଇୟ୍ଲାୟ୍ ।
५०त्या आंधळ्याने आपला झगा टाकला, उडी मारली व तो येशूकडे आला.
51 ଜିସୁନ୍ ଆନିନ୍ଆଡଙ୍ ବରେନ୍, “ଞେନ୍ ଆମନ୍ ଆସନ୍ ଇନି ଲୁମାୟ୍ ଗାମ୍ଲେ ଆମନ୍ ଲଡୟ୍ତମ୍?” ତି କାଡ଼ୁମରନ୍ ଆନିନ୍ଆଡଙ୍ ଜାଲଙେନ୍, “ଏ ଞନଙ୍ତିୟ୍ମର୍, ଞେନ୍ ଗିୟ୍ଗିଜନ୍ ସାୟ୍ତାୟ୍ ।”
५१येशू त्यास म्हणाला, “मी तुझ्यासाठी काय करावे अशी तुझी इच्छा आहे?” आंधळा मनुष्य त्यास म्हणाला, “रब्बी, मला पुन्हा दृष्टी प्राप्त व्हावी.”
52 ଜିସୁନ୍ ଆନିନ୍ଆଡଙ୍ ବରେନ୍, “ଜିରା, ଡର୍ନେନମ୍ ଆମନ୍ଆଡଙ୍ ମବ୍ନଙ୍ଲମ୍ ।” ସିଲତ୍ତେମା ଆନିନ୍ ଅବ୍ତାଡ଼ନ୍ ଗିୟ୍ଲୋଙ୍ ଗିୟ୍ଲେ ତଙରନ୍ ଜିସୁନ୍ଆଡଙ୍ ସଣ୍ଡୋଙ୍ଲେ ପାଙେନ୍ ।
५२मग येशू त्यास म्हणाला, “जा! तुझ्या विश्वासाने तुला बरे केले आहे.” लगेचच तो पाहू लागला आणि रस्त्याने तो येशूच्या मागे चालू लागला.