< ଅନାପ୍ପାୟ୍‌ 9 >

1 ବନ୍‌ଡ ସାଓଲନ୍‌ ନମିନ୍ତାନ୍‌ ପ୍ରବୁନ୍‌ ଆ ଞଙ୍‌ନେମର୍‌ଜିଆଡଙ୍‌ ରନବ୍ବୁବରନ୍‌ ବର୍ରନ୍‌ ବବ୍‌ତଙେଞ୍ଜି । ଆନିନ୍‌ ମୁଡ଼ ରାଓଡ଼ାନ୍‌ ଆମଙ୍‌ ଇୟେନ୍‌,
शाऊल जो अब तक प्रभु के चेलों को धमकाने और मार डालने की धुन में था, महायाजक के पास गया।
2 ଆରି ପ୍ରବୁନ୍‌ ଆମଙ୍‌ ଆଡର୍ତନେଞ୍ଜି ଆ ମନ୍‌ରାଜିଆଡଙ୍‌ ଦମ୍ମେସକନ୍‌ ଆ ସରେବାସିଂରେଙ୍‌ ଓବ୍ବାମର୍‌ ଡେଏତୋ କି ଆଇମର୍‌ ଡେଏତୋ ରବାଙେଞ୍ଜି ଡେନ୍‌, ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଜିଲେ ଜିରୁସାଲମନ୍‌ ଅନୋରୋଙନ୍‌ ଆସନ୍‌ ସୋଡ଼ା ରାଓଡ଼ାନ୍‌ ଆମଙ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଅନଡ଼େଅଲନ୍‌ ବେଡେନ୍‌ ।
और उससे दमिश्क के आराधनालयों के नाम पर इस अभिप्राय की चिट्ठियाँ माँगी, कि क्या पुरुष, क्या स्त्री, जिन्हें वह इस पंथ पर पाए उन्हें बाँधकर यरूशलेम में ले आए।
3 ବନ୍‌ଡ ଆନିନ୍‌ ଜିରା ଜିରା ଦମ୍ମେସକନ୍‌ ଆ ତୁୟାୟ୍‌ ଆରଡ଼ୋଏନ୍‌ ଆଡିଡ୍‌ ଏରବ୍ବୋମଙ୍‌ଡାଗୋ ରୁଆଙନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ସନାଆରନ୍‌ ଆମଙ୍‌ରେଙନ୍‌ ଇୟ୍‌ଲାୟ୍‌ ତରାଡେ ।
परन्तु चलते-चलते जब वह दमिश्क के निकट पहुँचा, तो एकाएक आकाश से उसके चारों ओर ज्योति चमकी,
4 ସିଲତ୍ତେ ଆନିନ୍‌ ଲବଲୋଙନ୍‌ ଆଗ୍ରୋଙେନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଆନିନ୍‌ ଅବୟ୍‌ ସର୍ରଙନ୍‌ ଅମ୍‌ଡଙେନ୍‌, “ଏ ସାଓଲ, ଏ ସାଓଲ, ଆମନ୍‌ ଇନିଆସନ୍‌ ଞେନ୍‌ ଡଣ୍ଡାୟ୍‌ତିଁୟ୍‌?”
और वह भूमि पर गिर पड़ा, और यह शब्द सुना, “हे शाऊल, हे शाऊल, तू मुझे क्यों सताता है?”
5 ସାଓଲନ୍‌ ଗାମେନ୍‌ । “ଏ ପ୍ରବୁ ଆମନ୍‌ ଆନା?” ଆନିନ୍‌ ଗାମେନ୍‌, “ଆନାଆଡଙ୍‌ ଆମନ୍‌ ଡଣ୍ଡାୟ୍‌ତେ, ତି ଆ ଜିସୁ ଞେନ୍‌ ।
उसने पूछा, “हे प्रभु, तू कौन है?” उसने कहा, “मैं यीशु हूँ; जिसे तू सताता है।
6 ଆର୍ପାୟ୍‌ ଡୋନା, ଗଡ଼ାନ୍‌ ଇୟ୍‌ଗନା, ଆରି ଞେନ୍‌ ଏଙ୍ଗାଲେ ବର୍ତମ୍‌ ଏତ୍ତେଲେ ଲୁମା ।”
परन्तु अब उठकर नगर में जा, और जो तुझे करना है, वह तुझ से कहा जाएगा।”
7 ଅଙ୍ଗା ମନ୍‌ରାଜି ସାଓଲନ୍‌ ସରିନ୍‌ ଇୟେଞ୍ଜି, ଆନିଞ୍ଜି ତି ଆ ସର୍ରଙ୍‌ ଅମ୍‌ଡଙେଞ୍ଜି ସିନା ଆନ୍ନିଙ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଅଃଗିୟ୍‌ଲଜି, ତିଆସନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜି ସାନ୍ନି ଡେଏଞ୍ଜି ।
जो मनुष्य उसके साथ थे, वे चुपचाप रह गए; क्योंकि शब्द तो सुनते थे, परन्तु किसी को देखते न थे।
8 ଆରି, ସାଓଲନ୍‌ ଲବଲୋଙନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଡୋଲନ୍‌ ଆରାଙାଙ୍‌ଲନ୍‌, ଆନିନ୍‌ ଇନ୍ନିଙ୍‌ ଗିୟ୍‌ଲେ ଅଃର୍ରପ୍ତିଲୋ । ତିଆସନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜି ସାଓଲନ୍‌ ଆସି ଞମ୍‌ଲେ ଦମ୍ମେସକନ୍‌ ଓରୋଙେଞ୍ଜି ।
तब शाऊल भूमि पर से उठा, परन्तु जब आँखें खोलीं तो उसे कुछ दिखाई न दिया और वे उसका हाथ पकड़ के दमिश्क में ले गए।
9 ଆରି ଆନିନ୍‌ ୟାଗି ଡିନ୍ନା ଜାୟ୍‌ ଗିୟ୍‌ଲେ ଅଃର୍ରପ୍ତିଲୋ, ଆରି ଇନ୍ନିଙ୍‌ ଅଃଜ୍ଜୋମ୍‌ଲୋ କି ଅଃଗାଲୋ ।
और वह तीन दिन तक न देख सका, और न खाया और न पीया।
10 ଦମ୍ମେସକନ୍‌ ଅନନିଅ ଗାମ୍‌ଲେ ଅବୟ୍‌ ଞଙ୍‌ନେମରନ୍‌ ଡକୋଏନ୍‌; ତନାଲ୍‌ମଡ୍‌ଲୋଙନ୍‌ ପ୍ରବୁନ୍‌ ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ବରେନ୍‌, “ଅନନିଅ ।” ଆନିନ୍‌ ଜାଲଙେନ୍‌ “ବର୍ନା ପ୍ରବୁ ଞେନ୍‌ ଅମ୍‌ଡଙ୍‌ତାୟ୍‌ ।”
१०दमिश्क में हनन्याह नामक एक चेला था, उससे प्रभु ने दर्शन में कहा, “हे हनन्याह!” उसने कहा, “हाँ प्रभु।”
11 ପ୍ରବୁନ୍‌ ଅନନିଅନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ବରେନ୍‌, “ଡୋନା, ଅବ୍‌ଜାଡାନା, ବିଙୟ୍‌ ଗାମ୍‌ଲେ ଅବୟ୍‌ ତଙରନ୍‌ ଆଞୁମ୍‌ ଡକୋ, ତି ଆ ତଙର୍‌ଗଡ୍‌ ଜିର୍ରେ ଜିଉଦାନ୍‌ ଆସିଂ ଇୟା । ତେତ୍ତେ ତାର୍ସ ଗଡ଼ାନ୍‌ ଆ ମନ୍‌ରା ଡକୋ, ଆଞୁମନ୍‌ ସାଓଲ, ଆନିନ୍‌ ଇୟ୍‌ସାଜା; ଆନିନ୍‌ ତେତ୍ତେ ପାର୍ତନାତନେ ।
११तब प्रभु ने उससे कहा, “उठकर उस गली में जा, जो ‘सीधी’ कहलाती है, और यहूदा के घर में शाऊल नामक एक तरसुस वासी को पूछ ले; क्योंकि वह प्रार्थना कर रहा है,
12 ଆରି, ଅନନିଅ ଗାମ୍‌ଲେ ଅବୟ୍‌ ମନ୍‌ରାନ୍‌ ଇୟ୍‌ଲେ ଆବବ୍‌ଲୋଙନ୍‌ ଆସିନ୍‌ ଡକ୍କୋଏନ୍‌ ଡେନ୍‌ ଆନିନ୍‌ ଆରି ଗିୟ୍‌ଲେ ରପ୍ତିତେ ଗାମ୍‌ଲେ ଆନିନ୍‌ ତନାଲ୍‌ମଡନ୍‌ ଗିଜେନ୍‌ ।”
१२और उसने हनन्याह नामक एक पुरुष को भीतर आते, और अपने ऊपर हाथ रखते देखा है; ताकि फिर से दृष्टि पाए।”
13 ଅନନିଅନ୍‌ ଜାଲଙେନ୍‌, “ପ୍ରବୁ, ଜିରୁସାଲମ୍‌ ଗଡ଼ାଲୋଙନ୍‌ ମନ୍‌ରାନମ୍‌ଜିଆଡଙ୍‌ କେନ୍‌ ଆ ମନ୍‌ରା ଡିଅଙ୍ଗା ଡଣ୍ଡାୟେଞ୍ଜି, ତିଆତେ ଞେନ୍‌ ଜବ୍ର ମନ୍‌ରାଜି ଆମଙ୍‌ ସିଲଡ୍‌ କେନ୍‌ ଆ ମନ୍‌ରା ଆ ବର୍ନେ ଅମ୍‌ଡଙ୍‌ଲାୟ୍‌ ।
१३हनन्याह ने उत्तर दिया, “हे प्रभु, मैंने इस मनुष्य के विषय में बहुतों से सुना है कि इसने यरूशलेम में तेरे पवित्र लोगों के साथ बड़ी-बड़ी बुराइयाँ की हैं;
14 ଆରି, କେନ୍‌ ତେନ୍ନେ ଡିଅଙ୍ଗା ମନ୍‌ରା ଅଞୁମ୍‌ଲୋଙ୍‌ନମ୍‌ ପାର୍ତନାତଞ୍ଜି, ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଜିଲେ ପନାଙନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଆନିନ୍‌ ସୋଡ଼ା ରାଓଡ଼ାଞ୍ଜି ଆମଙ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଅନଡ଼େଅଲନ୍‌ ଞାଙେନ୍‌ ।”
१४और यहाँ भी इसको प्रधान याजकों की ओर से अधिकार मिला है, कि जो लोग तेरा नाम लेते हैं, उन सब को बाँध ले।”
15 ବନ୍‌ଡ ପ୍ରବୁନ୍‌ ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ବରେନ୍‌, “ଜିରା, ଏର୍‌ଜିଉଦିମରଞ୍ଜି ଆମଙ୍‌, ରାଜାନ୍‌ ଆମଙ୍‌ ଡ ଇସ୍ରାଏଲ୍‌ମରଞ୍ଜି ଆମଙ୍‌ ଅଞୁମ୍‌ଞେନ୍‌ ଅନମ୍‌ତୁଙନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଞେନ୍‌ ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ସେଡାଲାୟ୍‌ ।
१५परन्तु प्रभु ने उससे कहा, “तू चला जा; क्योंकि यह, तो अन्यजातियों और राजाओं, और इस्राएलियों के सामने मेरा नाम प्रगट करने के लिये मेरा चुना हुआ पात्र है।
16 ଇନିଆସନ୍‌ଗାମେଣ୍ଡେନ୍‌ ଅଞୁମ୍‌ଞେନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଆନିନ୍‌ ଡିଅଙ୍ଗା ପରାନ୍‌ଡଣ୍ଡନ୍‌ ଡେତେ, ତିଆତେ ଞେନ୍‌ ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଅବ୍‌ଜନାତାୟ୍‌ ।”
१६और मैं उसे बताऊँगा, कि मेरे नाम के लिये उसे कैसा-कैसा दुःख उठाना पड़ेगा।”
17 ସିଲଡ୍‌ଲ୍ଲନ୍‌ ଅନନିଅନ୍‌ ଜିରେନ୍‌ କି ସାଓଲନ୍‌ ଆଡ୍ରକୋଲନ୍‌ ଆସିଂ ଇୟ୍‌ଲେ ଗନେ, ଆରି, ସାଓଲନ୍‌ ଆ ଡଅଙ୍‌ଲୋଙ୍‌ ଆସିନ୍‌ ଡକ୍କୋଲେ ବର୍ରନେ, “ବୋଞାଙ୍‌ ସାଓଲ, ଆମନ୍‌ ତଙରନ୍‌ ଜରିରେନ୍‌ ଆଡିଡ୍‌ ଅଙ୍ଗା ପ୍ରବୁ ଜିସୁ ଅମଙ୍‌ନମ୍‌ ଅବ୍‌ତୁୟ୍‌ଲନ୍‌; ଆମନ୍‌ ଗିୟ୍‌ଲେ ରପ୍ତିଆ ଆରି ମଡ଼ିର୍‌ ପୁରାଡ଼ାନ୍‌ ଞାଙା ଗାମ୍‌ଲେ ଆନିନ୍‌ ଞେନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଆପ୍ପାୟ୍‌ଲିଁୟ୍‌ ।”
१७तब हनन्याह उठकर उस घर में गया, और उस पर अपना हाथ रखकर कहा, “हे भाई शाऊल, प्रभु, अर्थात् यीशु, जो उस रास्ते में, जिससे तू आया तुझे दिखाई दिया था, उसी ने मुझे भेजा है, कि तू फिर दृष्टि पाए और पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो जाए।”
18 ସିଲତ୍ତେ ମା ଅବ୍‌ତାଡ଼ନ୍‌ ସାଓଲନ୍‌ ଆମଡ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଆବଲ୍ଲାବା ଅନ୍ତମ୍‌ଆତେ ଇନିତ୍ତି ଅସେଡେନ୍‌ ଆରି ଆମଡନ୍‌ ମନଙେନ୍‌; ସିଲଡ୍‌ଲ୍ଲନ୍‌ ଆନିନ୍‌ ଡୋଲନ୍‌ କି ତବ୍ବୁବ୍‌ଡାଲନ୍‌,
१८और तुरन्त उसकी आँखों से छिलके से गिरे, और वह देखने लगा और उठकर बपतिस्मा लिया;
19 ଆରି ଆନିନ୍‌ ଗାଗାଲନ୍‌ କି ବପ୍ପୁଏନ୍‌, ତେତ୍ତେ ଦମ୍ମେସକନ୍‌ ଆ ଡର୍ନେମର୍‌ଜି ସରିନ୍‌ ଅସୋୟ୍‌ ଡିନ୍ନା ଡକୋଲନ୍‌ ।
१९फिर भोजन करके बल पाया। वह कई दिन उन चेलों के साथ रहा जो दमिश्क में थे।
20 ଆରି, ଆନିନ୍‌ ରନୁକ୍କୁସିଂରେଙନ୍‌ ଜିର୍ରେ, ଜିସୁନ୍‌ ଇସ୍ୱରନ୍‌ ଆ ଡାଙ୍ଗଡ଼ାଅନ୍‌, ଗାମ୍‌ଲେ ବର୍ବର୍ରେ ପାଙେନ୍‌ ।
२०और वह तुरन्त आराधनालयों में यीशु का प्रचार करने लगा, कि वह परमेश्वर का पुत्र है।
21 ଆନାଜି ଆ ବର୍ନେନ୍‌ ଅମ୍‌ଡଙେଞ୍ଜି ଆନିଞ୍ଜି ସାନ୍ନିଡାଲେ ବର୍ରଞ୍ଜି, “ଅଙ୍ଗା ମନ୍‌ରାଜି ଜିସୁନ୍‌ ଆଞୁମ୍‌ଲୋଙ୍‌ ପାର୍ତନାଲଞ୍ଜି, ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଜିରୁସାଲମନ୍‌ ଓରୋଙ୍‌ଡାଲେ ଇୟ୍‌ଲେ ଅବ୍‌ରବ୍ବୁଏଜି, ଆରି ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଜିଲେ ସୋଡ଼ା ରାଓଡ଼ାଞ୍ଜି ଆମଙ୍‌ ଅନୋରୋଙନ୍‌ ଆସନ୍‌ କେନ୍‌ ତେନ୍ନେ ଇୟ୍‌ଲାୟ୍‌, କେନ୍‌ ଆନିନ୍‌ ତି ଆ ମନ୍‌ରା ତଡ୍‌ ପଙ୍‌?”
२१और सब सुननेवाले चकित होकर कहने लगे, “क्या यह वही व्यक्ति नहीं है जो यरूशलेम में उन्हें जो इस नाम को लेते थे नाश करता था, और यहाँ भी इसलिए आया था, कि उन्हें बाँधकर प्रधान याजकों के पास ले जाए?”
22 ବନ୍‌ଡ ସାଓଲନ୍‌ ଆରି ବୋର୍ସାଲେ ପାଙେନ୍‌, କି ଜିସୁନ୍‌ ମା କ୍ରିସ୍ଟ, ଗାମ୍‌ଲେ ଆନିନ୍‌ ଏତ୍ତେଲେ ସାକିନ୍‌ ତିୟେନ୍‌ ଡ ଦମ୍ମେସକନ୍‌ ଆଡ୍ରକୋଲଞ୍ଜି ଆ ଜିଉଦିମର୍‌ଜି ଆରି ଜାଲଙ୍‌ଲନ୍‌ ଅଃର୍ରପ୍ତିଲଜି ।
२२परन्तु शाऊल और भी सामर्थी होता गया, और इस बात का प्रमाण दे-देकर कि यीशु ही मसीह है, दमिश्क के रहनेवाले यहूदियों का मुँह बन्द करता रहा।
23 ଜବ୍ର ଡିନ୍ନା ଆଡ୍ରେଏନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ଲ୍ଲନ୍‌ ସାଓଲନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ରନବ୍ବୁନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଜିଉଦିମରଞ୍ଜି ରୁକ୍କୁଲନ୍‌ କଡାଡ଼ିଲଞ୍ଜି;
२३जब बहुत दिन बीत गए, तो यहूदियों ने मिलकर उसको मार डालने की युक्ति निकाली।
24 ବନ୍‌ଡ ଆନିଞ୍ଜି ଆକ୍ରଡାଡ଼ିଲଞ୍ଜି ଆ ବର୍ନେ ସାଓଲନ୍‌ ଜନାଏନ୍‌ । ଆରି, ଆନିଞ୍ଜି ସାଓଲନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ରନବ୍ବୁନ୍‌ ଆସନ୍‌ ତଗଲ୍‌ ତମ୍‌ବା ଗଡ଼ାନ୍‌ ଆ ଡୁଆରାଲୋଙ୍‌ ଡଲ୍ଲେ ଡକୋଲଞ୍ଜି ।
२४परन्तु उनकी युक्ति शाऊल को मालूम हो गई: वे तो उसको मार डालने के लिये रात दिन फाटकों पर घात में लगे रहते थे।
25 ବନ୍‌ଡ ସାଓଲନ୍‌ ଆ ଞଙ୍‌ନେମର୍‌ଜି ତଗଲନ୍‌ ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଅବୟ୍‌ ସିରାଲୋଙନ୍‌ ଅବ୍‌ତଙ୍କୁମ୍‌ଲେ କିନ୍ତାଲ୍‌ଗଡ୍‌ ଜାୟ୍‌ତାନ୍‌ ଅପ୍ପଡେଞ୍ଜି ।
२५परन्तु रात को उसके चेलों ने उसे लेकर टोकरे में बैठाया, और शहरपनाह पर से लटकाकर उतार दिया।
26 ତିକ୍କି ଆନିନ୍‌ ଜିରୁସାଲମନ୍‌ ଜିର୍ରେ ଞଙ୍‌ନେମରଞ୍ଜି ସରିନ୍‌ ମାୟ୍‌ନେନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଏରେନ୍‌ ଗୋଜେନ୍‌; ବନ୍‌ଡ ଆନିନ୍‌ ଅବୟ୍‌ନେ ଞଙ୍‌ନେମର୍‌ ଗାମ୍‌ଲେ ଆନିଞ୍ଜି ଅଃଡ୍ଡର୍ରଞ୍ଜି, ଅଡ଼୍‌କୋଞ୍ଜି ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ବତଙେଞ୍ଜି ।
२६यरूशलेम में पहुँचकर उसने चेलों के साथ मिल जाने का उपाय किया परन्तु सब उससे डरते थे, क्योंकि उनको विश्वास न होता था, कि वह भी चेला है।
27 ବନ୍‌ଡ ବର୍ନବାନ୍‌ ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଅନାପ୍ପାୟ୍‌ ଞଙ୍‌ନେମରଞ୍ଜି ଆମଙ୍‌ ଓରୋଙ୍‌ଲାୟ୍‌; ତଙର୍‌ଲୋଙନ୍‌ ଏଙ୍ଗାଲେ ଆନିନ୍‌ ପ୍ରବୁନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଗିଜେନ୍‌ ଆରି ପ୍ରବୁନ୍‌ ଏଙ୍ଗାଲେ ଆନିନ୍‌ ସରିନ୍‌ କଡାଡ଼ିଲନ୍‌, ଆନିନ୍‌ ଏଙ୍ଗାଲେ ଦମ୍ମେସକ ଗଡ଼ାଲୋଙନ୍‌ ଅବ୍‌ନୋମଙ୍‌ଲନ୍‌ ଜିସୁନ୍‌ ଆଞୁମ୍‌ଲୋଙ୍‌ ଅପ୍ପୁଙ୍‌ବରେନ୍‌, ତି ଆ ବର୍ନେଜି ଅଡ଼୍‌କୋନ୍‌ ବର୍ନବାନ୍‌ ଞଙ୍‌ନେମରଞ୍ଜି ଆମଙ୍‌ ବର୍ରନେ ।
२७परन्तु बरनबास ने उसे अपने साथ प्रेरितों के पास ले जाकर उनसे कहा, कि इसने किस रीति से मार्ग में प्रभु को देखा, और उसने इससे बातें की; फिर दमिश्क में इसने कैसे साहस से यीशु के नाम का प्रचार किया।
28 କେନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ଲ୍ଲନ୍‌ ସାଓଲନ୍‌ ଅନାପ୍ପାୟ୍‌ ଞଙ୍‌ନେମରଞ୍ଜି ବୟନ୍‌ ମାୟ୍‌ଲନ୍‌ ଡକୋଲନ୍‌ ଆରି ଜିରୁସାଲମନ୍‌ ଆୟର୍‌ୟର୍‌ମନେଙ୍‌ ଇୟ୍‌ଲେ ଅବ୍‌ନୋମଙ୍‌ଲନ୍‌ ପ୍ରବୁନ୍‌ ଆଞୁମ୍‌ଲୋଙ୍‌ ଅପ୍ପୁଙ୍‌ବରେନ୍‌ ।
२८वह उनके साथ यरूशलेम में आता-जाता रहा। और निधड़क होकर प्रभु के नाम से प्रचार करता था;
29 ଆନିନ୍‌ ଗ୍ରିକ୍‌ ଲଙ୍‌ଲଙନ୍‌ ବାତ୍ତେ ଆକ୍ରଡାଡ଼ିଲଞ୍ଜି ଆ ଜିଉଦିଜି ସରିନ୍‌ ଅଲ୍‌ଜାଲଙେଞ୍ଜି, ବନ୍‌ଡ ଆନିଞ୍ଜି ସାଓଲନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ରନବ୍ବୁନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଏରେଞ୍ଜି ଗୋଜେଞ୍ଜି ।
२९और यूनानी भाषा बोलनेवाले यहूदियों के साथ बातचीत और वाद-विवाद करता था; परन्तु वे उसे मार डालने का यत्न करने लगे।
30 ତି ଆ ବର୍ନେ ଡର୍ନେ ବୋଞାଙଞ୍ଜି ଆଜ୍ରନାଏଞ୍ଜି, ସାଓଲନ୍‌ଆଡଙ୍‌ କାଇସରିଆ ଗଡ଼ାନ୍‌ ଓରୋଙ୍‌ଲେ ତାର୍ସ ଗଡ଼ାନ୍‌ ଆପ୍ପାୟେଞ୍ଜି ।
३०यह जानकर भाइयों ने उसे कैसरिया में ले आए, और तरसुस को भेज दिया।
31 ଏନ୍ନେଗନ୍‌ ସମ୍ପରା ଜିଉଦାନ୍‌, ଗାଲିଲିନ୍‌ ଡ ସମିରୋଣ ଡେସାନ୍‌ ଆ ମଣ୍ଡଡ଼ିଜି ସୟୁଡମ୍‌ ଡକୋଏନ୍‌ । ମଡ଼ିର୍‌ ପୁରାଡ଼ାନ୍‌ ଆ ବୋର୍ସା ବାତ୍ତେ ଡର୍ନେମରଞ୍ଜି ଗୋଗୋୟ୍‌ଲେ ପାଙେଞ୍ଜି, ଆରି ଡର୍ନେମରଞ୍ଜି ପ୍ରବୁନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ବତଙନ୍‌ ବାତ୍ତେ ଞଣ୍ଡ୍ରମ୍‌ଲଞ୍ଜି ।
३१इस प्रकार सारे यहूदिया, और गलील, और सामरिया में कलीसिया को चैन मिला, और उसकी उन्नति होती गई; और वह प्रभु के भय और पवित्र आत्मा की शान्ति में चलती और बढ़ती गई।
32 ତିଆଡିଡ୍‌ ପିତ୍ରନ୍‌ ସମ୍ପରାନ୍‌ ବୁଲ୍ଲେ ବୁଲ୍ଲେଲେ ଲୁଦ ଗଡ଼ାଲୋଙନ୍‌ ଆଡ୍ରକୋଲଞ୍ଜି ଇସ୍ୱରନ୍‌ ଆ ମନ୍‌ରାଜି ଆମଙ୍‌ ନିୟ୍‌ ତୁଙେନ୍‌ ।
३२फिर ऐसा हुआ कि पतरस हर जगह फिरता हुआ, उन पवित्र लोगों के पास भी पहुँचा, जो लुद्दा में रहते थे।
33 ତେତ୍ତେ ଆନିନ୍‌ ଏନିଅ ଗାମ୍‌ଲେ ଅବୟ୍‌ ମନ୍‌ରାନ୍‌ ଇୟ୍‌ଲେ ରବାଙେ, ଆନିନ୍‌ ଆଟ ବର୍ସେଙ୍‌ ଡେଏନ୍‌ ଆଲୁଡ୍‌ଲୁଡ୍‌ ଡକୋଲନ୍‌, ଆନିନ୍‌ କାନ୍ନିଏନ୍‌ ।
३३वहाँ उसे ऐनियास नामक लकवे का मारा हुआ एक मनुष्य मिला, जो आठ वर्ष से खाट पर पड़ा था।
34 ପିତ୍ରନ୍‌ ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ବରେନ୍‌, “ଏନିଅ, ଜିସୁ କ୍ରିସ୍ଟନ୍‌ ଆମନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ମବ୍‌ନଙ୍‌ତମ୍‌; ଡୋନା, ବରେଲ୍‌ବେଲ୍‌ନମ୍‌ଜି ଜୁବାୟା ।” ସିଲତ୍ତେ ଏନିଅନ୍‌ ଅବ୍‌ତାଡ଼ନ୍‌ ଡୋଲନ୍‌ ।
३४पतरस ने उससे कहा, “हे ऐनियास! यीशु मसीह तुझे चंगा करता है। उठ, अपना बिछौना उठा।” तब वह तुरन्त उठ खड़ा हुआ।
35 ଆରି ଲୁଦ ଗଡ଼ାନ୍‌ ଡ ସାରୋଣବାଜି ଅଡ଼୍‌କୋଞ୍ଜି ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଗିୟ୍‌ଲେ ପ୍ରବୁନ୍‌ ଆମଙ୍‌ ୟର୍ରନାଜି ।
३५और लुद्दा और शारोन के सब रहनेवाले उसे देखकर प्रभु की ओर फिरे।
36 ଜାପୋ ଗଡ଼ାଲୋଙନ୍‌ ଟାବିତା ଗାମ୍‌ଲେ ଅବୟ୍‌ ଡର୍ନେବଜନ୍‌ ଡକୋଏନ୍‌, ବାଣ୍ଡାଲବୋ ଡେନ୍‌ କେନ୍‌ ଆଗ୍ରାମ୍‌ଗାମନ୍‌ ଦର୍କା । ଆନିନ୍‌ ମନଙ୍‌ ଲନୁମଞ୍ଜି ଲୁମେନ୍‌ ଆରି ଡୋଲେୟ୍‌ମରଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ସାଜଏଞ୍ଜି ।
३६याफा में तबीता अर्थात् दोरकास नामक एक विश्वासिनी रहती थी, वह बहुत से भले-भले काम और दान किया करती थी।
37 ତିଆଡିଡ୍‌ ଆନିନ୍‌ ଅସୁଡାଲେ ରବୁଏନ୍‌, ସିଲତ୍ତେ ଆନିଞ୍ଜି ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଉମ୍ମାଡାଲେ ଅବୟ୍‌ ତୋଣ୍ଡୋନ୍‌ ଆସିଂଲୋଙ୍‌ ଅବ୍‌ଲୁଡ୍‌ଲୁଡେଞ୍ଜି ।
३७उन्हीं दिनों में वह बीमार होकर मर गई; और उन्होंने उसे नहलाकर अटारी पर रख दिया।
38 ଆରି, ଲୁଦ ଗଡ଼ାନ୍‌, ଜାପୋ ଗଡ଼ାନ୍‌ ଆ ତୁୟାୟ୍‌ ଆଡ୍ରକୋଏନ୍‌ ଆସନ୍‌, ପିତ୍ରନ୍‌ ଲୁଦ ଗଡ଼ାଲୋଙନ୍‌ ଡକୋ ଗାମ୍‌ଲେ ଅମ୍‌ଡଙେଞ୍ଜି, ତିଆସନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜି ବାଗୁ ମନ୍‌ରା ଏନ୍ନେଲେ ବର୍ରେ ପିତ୍ରନ୍‌ ଆମଙ୍‌ ଆପ୍ପାୟେଞ୍ଜି, “ଆମନ୍‌ ଆରି ଅବ୍‌ଡିଂଡଂନେ ଅମଙ୍‌ଲେନ୍‌ ଲଜିରାୟ୍‌ ।”
३८और इसलिए कि लुद्दा याफा के निकट था, चेलों ने यह सुनकर कि पतरस वहाँ है दो मनुष्य भेजकर उससे विनती की, “हमारे पास आने में देर न कर।”
39 ଆରି ପିତ୍ରନ୍‌ ଡୋଲନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜି ସରିନ୍‌ ଜାପୋ ଗଡ଼ାନ୍‌ ଜିରେନ୍‌ । ଆନିନ୍‌ ଆଜିର୍ରାଞନ୍‌ ସିଲଡ୍‌, ଆନିଞ୍ଜି ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ତୋଣ୍ଡୋନ୍‌ ଆସିଂ ଓରୋଙେଞ୍ଜି, ତେତ୍ତେ ଅଡ଼୍‌କୋ ଜୁଆର୍‌ବଜଞ୍ଜି ୟେୟେଡାଲଞ୍ଜି; ଆରି ଦର୍କାନ୍‌ ଆମେଙ୍‌ ଇଙନ୍‌ ଅଙ୍ଗା ଅଙ୍ଗିଜି ଆରି ଅଙ୍ଗା ସିନ୍‌ରିଜି ତାଞେନ୍‌, ତି ଅଡ଼୍‌କୋନ୍‌ ଅବ୍‌ତୁଜେଞ୍ଜି ।
३९तब पतरस उठकर उनके साथ हो लिया, और जब पहुँच गया, तो वे उसे उस अटारी पर ले गए। और सब विधवाएँ रोती हुई, उसके पास आ खड़ी हुईं और जो कुर्ते और कपड़े दोरकास ने उनके साथ रहते हुए बनाए थे, दिखाने लगीं।
40 ବନ୍‌ଡ ପିତ୍ରନ୍‌ ଅଡ଼୍‌କୋଞ୍ଜି ଅମ୍‌ଡୁଙ୍‌ଡାଲେ ତୁଡ଼ୁମ୍‌ଲେ ପାର୍ତନାଲନ୍‌; ଆରି ମଡ଼ଗଡ୍‌ ବୁଲ୍ଲେଲେ ଆଙାଙ୍‌ଲେ ବର୍ରନେ, “ଟାବିତା, ଡୋନା ।” ସିଲତ୍ତେ ଆନିନ୍‌ ସାବ୍‌କୁଡ୍‌ମଡ୍‌ଲନ୍‌, ଆରି ପିତ୍ରନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଗିୟ୍‌ଲେ ଡୋଲନ୍‌ ତଙ୍କୁମେନ୍‌ ।
४०तब पतरस ने सब को बाहर कर दिया, और घुटने टेककर प्रार्थना की; और शव की ओर देखकर कहा, “हे तबीता, उठ।” तब उसने अपनी आँखें खोल दी; और पतरस को देखकर उठ बैठी।
41 ଆରି ପିତ୍ରନ୍‌ ଟାବିତାନ୍‌ ଆସି ଞମ୍‌ଲେ ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଅବ୍‌ଡୋଏନ୍‌ କି ଇସ୍ୱରନ୍‌ ଆ ମନ୍‌ରାଜି ଡ ଜୁଆର୍‌ବଜଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଓଡ୍ଡେଡାଲେ ଆନିନ୍‌ ଆମେଙନ୍‌ ଅବ୍‌ତୁଜେଞ୍ଜି ।
४१उसने हाथ देकर उसे उठाया और पवित्र लोगों और विधवाओं को बुलाकर उसे जीवित और जागृत दिखा दिया।
42 କେନ୍‌ ଆ ବର୍ନେ ଜାପୋ ଗଡ଼ାନ୍‌ ସମ୍ପରାନ୍‌ ଜନାଆଜେଞ୍ଜି ଆରି ଜବ୍ର ମନ୍‌ରାଜି ପ୍ରବୁନ୍‌ ଆମଙ୍‌ ଡର୍ରଞ୍ଜି ।
४२यह बात सारे याफा में फैल गई; और बहुतों ने प्रभु पर विश्वास किया।
43 ଆରି, ପିତ୍ରନ୍‌ ଜବ୍ର ଡିନ୍ନା ଜାପୋ ଗଡ଼ାଲୋଙନ୍‌ ସିମନ୍‌ ଗାମ୍‌ଲେ ଅବୟ୍‌ ଉସାଲ୍‌ କାବ୍ବାଡ଼ାମରନ୍‌ ଆସିଂ ଡକୋଲନ୍‌ ।
४३और पतरस याफा में शमौन नामक किसी चमड़े का धन्धा करनेवाले के यहाँ बहुत दिन तक रहा।

< ଅନାପ୍ପାୟ୍‌ 9 >