< 使徒の働き 28 >
1 第十項 パウロマルタに漂流しロマに至る 我等既に迯れて後、此島のマルタと呼ばるることを知りしが、夷等一方ならぬ親切を示し、
१जब हम बच निकले, तो पता चला कि यह टापू माल्टा कहलाता है।
2 雨降りて寒ければとて、火を焚きて我等一同を保養せしめたり。
२और वहाँ के निवासियों ने हम पर अनोखी कृपा की; क्योंकि मेंह के कारण जो बरस रहा था और जाड़े के कारण, उन्होंने आग सुलगाकर हम सब को ठहराया।
3 パウロ若干の柴を集めて火に加べしに、火熱の為に蝮出でて其手に噬付きしかば、
३जब पौलुस ने लकड़ियों का गट्ठा बटोरकर आग पर रखा, तो एक साँप आँच पाकर निकला और उसके हाथ से लिपट गया।
4 夷等虫のパウロの手に噬付けるを見て、此人定めて殺人者なるべし、海よりは迯れたるも、天之に活くる事を許さず、と語合ひけるに、
४जब उन निवासियों ने साँप को उसके हाथ में लटके हुए देखा, तो आपस में कहा, “सचमुच यह मनुष्य हत्यारा है, कि यद्यपि समुद्र से बच गया, तो भी न्याय ने जीवित रहने न दिया।”
5 パウロ虫を火の中に振落して、聊も害を受けざりき。
५तब उसने साँप को आग में झटक दिया, और उसे कुछ हानि न पहुँची।
6 人々は、彼必ず脹出して忽ちに倒死するならんと思へるに、待つ事久しくして聊も害の及ばざるを見るや、翻りて、是神なりと謂ひ居たり。
६परन्तु वे प्रतीक्षा कर रहे थे कि वह सूज जाएगा, या एकाएक गिरकर मर जाएगा, परन्तु जब वे बहुत देर तक देखते रहे और देखा कि उसका कुछ भी नहीं बिगड़ा, तो और ही विचार कर कहा, “यह तो कोई देवता है।”
7 然て此處にプブリオと呼ばるる島司の所有地ありしが、彼我等を接待して、三日の間懇切に饗應せり。
७उस जगह के आस-पास पुबलियुस नामक उस टापू के प्रधान की भूमि थी: उसने हमें अपने घर ले जाकर तीन दिन मित्रभाव से पहुनाई की।
8 然るにプブリオの父、熱病と赤痢とを患ひて臥し居ければ、パウロ其許に至り、祈り且按手して之を醫したり。
८पुबलियुस के पिता तेज बुखार और पेचिश से रोगी पड़ा था। अतः पौलुस ने उसके पास घर में जाकर प्रार्थना की, और उस पर हाथ रखकर उसे चंगा किया।
9 斯りし程に島に於て病める人々悉く來りて醫されつつありしが、
९जब ऐसा हुआ, तो उस टापू के बाकी बीमार आए, और चंगे किए गए।
10 又大いに我等を尊びて、船に乗るに臨み、必要なる品々を我等に贈れり。
१०उन्होंने हमारा बहुत आदर किया, और जब हम चलने लगे, तो जो कुछ हमारे लिये आवश्यक था, जहाज पर रख दिया।
11 三月の後我等は、此島に冬籠したりし、ジョストリの印あるアレキサンドリアの船にて出帆し、
११तीन महीने के बाद हम सिकन्दरिया के एक जहाज पर चल निकले, जो उस टापू में जाड़े काट रहा था, और जिसका चिन्ह दियुसकूरी था।
१२सुरकूसा में लंगर डाल करके हम तीन दिन टिके रहे।
13 此處より岸に沿ひてレジオに至りしに、一日を経て南風吹きしかば、二日目にプテリオに至り、
१३वहाँ से हम घूमकर रेगियुम में आए; और एक दिन के बाद दक्षिणी हवा चली, तब दूसरे दिन पुतियुली में आए।
14 此處にて兄弟等に出會ひ、願によりて彼等の中に留る事七日にして、遂にロマに至れり。
१४वहाँ हमको कुछ भाई मिले, और उनके कहने से हम उनके यहाँ सात दिन तक रहे; और इस रीति से हम रोम को चले।
15 ロマの兄弟等之を聞きて、アッピイフォロム及び三宿と云へる處まで我等を出迎へしが、パウロ彼等を見て神に感謝し、且力を得たり。
१५वहाँ से वे भाई हमारा समाचार सुनकर अप्पियुस के चौक और तीन-सराय तक हमारी भेंट करने को निकल आए, जिन्हें देखकर पौलुस ने परमेश्वर का धन्यवाद किया, और ढाढ़स बाँधा।
16 斯て我等ロマに至りしに、[百夫長囚徒を近衛隊長に付したれど、]パウロは己が宿に一人の守衛兵と共に留る事を許されたり。
१६जब हम रोम में पहुँचे, तो पौलुस को एक सिपाही के साथ जो उसकी रखवाली करता था, अकेले रहने की आज्ञा हुई।
17 三日の後パウロユデア人の重立ちたる者を呼集めしが、彼等來りしかば、パウロ之に謂ひけるは、兄弟たる人々よ、我曾て我國民又は先祖の慣習に反する事を為さざりしを、エルザレムより、囚人としてロマ人の手に付されしが、
१७तीन दिन के बाद उसने यहूदियों के प्रमुख लोगों को बुलाया, और जब वे इकट्ठे हुए तो उनसे कहा, “हे भाइयों, मैंने अपने लोगों के या पूर्वजों की प्रथाओं के विरोध में कुछ भी नहीं किया, फिर भी बन्दी बनाकर यरूशलेम से रोमियों के हाथ सौंपा गया।
18 彼等訊問の上、死罪に當る事なきにより、我を免さんとしたりしに、
१८उन्होंने मुझे जाँचकर छोड़ देना चाहा, क्योंकि मुझ में मृत्यु के योग्य कोई दोष न था।
19 ユデア人の之を拒みたる為に、我已むを得ずしてセザルに上告せり。然れども我國民に就きて訴ふる所あるに非ざれば、
१९परन्तु जब यहूदी इसके विरोध में बोलने लगे, तो मुझे कैसर की दुहाई देनी पड़ी; यह नहीं कि मुझे अपने लोगों पर कोई दोष लगाना था।
20 我は汝等に遇ひて語らん事を請へり、蓋イスラエルの希望の為にこそ、我は此鎖に縛られたるなれ、と。
२०इसलिए मैंने तुम को बुलाया है, कि तुम से मिलूँ और बातचीत करूँ; क्योंकि इस्राएल की आशा के लिये मैं इस जंजीर से जकड़ा हुआ हूँ।”
21 彼等パウロに謂ひけるは、我等は汝に就きてユデアより書簡を受けたるにも非ず、又兄弟の中に來りて汝が惡しき事を吹聴し、或は語りたる者あるに非ず、
२१उन्होंने उससे कहा, “न हमने तेरे विषय में यहूदियों से चिट्ठियाँ पाईं, और न भाइयों में से किसी ने आकर तेरे विषय में कुछ बताया, और न बुरा कहा।
22 然れど、希はくは汝の思へる所を聞かん、其は此宗派が到る處に於て逆らはるる事を知ればなり、と。
२२परन्तु तेरा विचार क्या है? वही हम तुझ से सुनना चाहते हैं, क्योंकि हम जानते हैं, कि हर जगह इस मत के विरोध में लोग बातें करते हैं।”
23 斯て彼等日を期して、パウロの宿に群がり來りしかば、彼朝より晩に至るまで説教して、神の國を證明し、又モイゼの律法及び預言者の書に基きて、イエズスの事を勧め居たりき。
२३तब उन्होंने उसके लिये एक दिन ठहराया, और बहुत से लोग उसके यहाँ इकट्ठे हुए, और वह परमेश्वर के राज्य की गवाही देता हुआ, और मूसा की व्यवस्था और भविष्यद्वक्ताओं की पुस्तकों से यीशु के विषय में समझा-समझाकर भोर से साँझ तक वर्णन करता रहा।
24 斯て謂はるる事を信ずる人もあり、信ぜざる人もありて、
२४तब कुछ ने उन बातों को मान लिया, और कुछ ने विश्वास न किया।
25 相一致せずして退くに至りしかば、パウロ唯一言を述べけるは、眞なる哉聖霊が預言者イザヤを以て我等が先祖に語り給ひたる事、
२५जब वे आपस में एकमत न हुए, तो पौलुस के इस एक बात के कहने पर चले गए, “पवित्र आत्मा ने यशायाह भविष्यद्वक्ता के द्वारा तुम्हारे पूर्वजों से ठीक ही कहा,
26 曰く「汝此民に至りて之を告げよ、汝等耳にて聞かんも悟らず、目にて見んも認めざるべし、
२६‘जाकर इन लोगों से कह, कि सुनते तो रहोगे, परन्तु न समझोगे, और देखते तो रहोगे, परन्तु न बूझोगे;
27 蓋此民の心鈍くなり、耳を覆ひ目を閉ぢたり、是は目にて見、耳にて聞き、心にて悟り、而して立歸りて我に醫されん事を懼るればなり」と。
२७क्योंकि इन लोगों का मन मोटा, और उनके कान भारी हो गए हैं, और उन्होंने अपनी आँखें बन्द की हैं, ऐसा न हो कि वे कभी आँखों से देखें, और कानों से सुनें, और मन से समझें और फिरें, और मैं उन्हें चंगा करूँ।’
28 然れば汝等心得よ、神の此救は異邦人に遣られて、彼等は之を聴くべきなり、と。
२८“अतः तुम जानो, कि परमेश्वर के इस उद्धार की कथा अन्यजातियों के पास भेजी गई है, और वे सुनेंगे।”
29 パウロ斯く云ひしかば、ユデア人等退きて大いに相争へり。
२९जब उसने यह कहा तो यहूदी आपस में बहुत विवाद करने लगे और वहाँ से चले गए।
30 パウロ其宿に留る事満二箇年なりしが、己が許に入來る人を悉く歓迎して、
३०और पौलुस पूरे दो वर्ष अपने किराये के घर में रहा,
31 憚らず妨げらるる事なく神の國の事を宣べ、主イエズス、キリストの事を教へ居たりき。
३१और जो उसके पास आते थे, उन सबसे मिलता रहा और बिना रोक-टोक बहुत निडर होकर परमेश्वर के राज्य का प्रचार करता और प्रभु यीशु मसीह की बातें सिखाता रहा।