< テモテへの手紙第二 3 >
1 第二項 教會の危険の要求 汝之を知れ、末の日頃に至りて困難の時あるべし。
यह समझ लो कि अंतिम दिन कष्ट देनेवाला समय होगा.
2 人々己を愛し、利を貪り、奢り驕り罵りて、親に從はず、恩を知らず、聖ならず、
मनुष्य स्वार्थी, लालची, डींगमार, अहंकारी, परमेश्वर की निंदा करनेवाला, माता-पिता की आज्ञा टालनेवाला, दयारहित, अपवित्र,
3 情なく、和がず、讒謗し、節制なく、温和ならず、善を好まず、
निर्मम, क्षमा रहित, दूसरों की बुराई करनेवाला, असंयमी, कठोर, भले का बैरी,
विश्वासघाती, ढीठ, घमंडी तथा परमेश्वर भक्त नहीं परंतु सुख-विलास के चाहनेवाले होंगे.
5 敬虔の姿を有しつつ、却て其實を棄つる事あらん、汝彼等をも避けよ。
उनमें परमेश्वर भक्ति का स्वरूप तो दिखाई देगा किंतु इसका सामर्थ्य नहीं. ऐसे लोगों से दूर रहना.
6 其中には人の家に潜入り、女等を虜にして誘ふ者あり、是等の女は罪を負ひ、種々の慾に引かれて、
इन्हीं में से कुछ वे हैं, जो घरों में घुसकर निर्बुद्धि स्त्रियों को अपने वश में कर लेते हैं, जो पापों में दबी तथा विभिन्न वासनाओं में फंसी हुई हैं.
वे सीखने का प्रयास तो करती हैं किंतु सच्चाई के सारे ज्ञान तक पहुंच ही नहीं पातीं.
8 恰もヤンネスとマンプレスとがモイゼに逆らひし如く、此人々も亦眞理に逆らひ、精神腐敗して信仰の廃れたる者なり。
जिस प्रकार यान्नेस तथा याम्ब्रेस ने मोशेह का विरोध किया था, उसी प्रकार ये भ्रष्ट बुद्धि के व्यक्ति सच का विरोध करते हैं. बनावटी है इनका विश्वास.
9 然れど彼等は尚此上に進む事なかるべし、蓋其愚なる事の衆人に明なるは、彼二人に於て在りしが如し。
यह सब अधिक समय तक नहीं चलेगा क्योंकि उन दोनों के समान उनकी मूर्खता सबके सामने प्रकाश में आ जाएगी.
10 汝は我教、行状、志、信仰、忍耐、慈愛、堪忍、
तुमने मेरी शिक्षा, स्वभाव, उद्देश्य, विश्वास, सताए जाने के समय, प्रेम तथा धीरज और सहनशीलता का भली-भांति अनुसरण किया है
11 受けし迫害にも、苦にも善く之に從へり。我アンチオキア、イコニヨム、及びリストロに於て、斯る事に遇ひ、其の迫害を忍びたりしが、主は総て是等の中より我を救出し給ひしなり。
तथा तुम्हें मालूम है कि अंतियोख़, इकोनियॉन तथा लुस्त्रा नगरों में मुझ पर कैसे-कैसे अत्याचार हुए, फिर भी उन सभी में से प्रभु ने मुझे निकाला है.
12 総てキリスト、イエズスに於る敬虔を以て世を渡らんと決せる人は迫害を受くべく、
यह सच है कि वे सभी, जो मसीह येशु में सच्चाई का जीवन जीने का निश्चय करते हैं, सताए ही जाएंगे,
13 又惡人及び人を欺く者は愈惡に進みて、自ら迷ひ人をも迷はすに至らん。
परंतु दुष्ट तथा बहकानेवाले छल करते और स्वयं छले जाते हुए लगातार विनाश के गड्ढे में गिरते जाएंगे.
14 然れども汝は學びし事、確信せる事に止れ、其は如何なる人々より之を學びしかを知り、
किंतु तुम स्वयं उन शिक्षाओं में, जो तुमने प्राप्त की तथा जिनकें विषय में तुम आश्वस्त हो चुके हो, स्थिर रहो, यह याद रखते हुए कि किन्होंने तुम्हें ये शिक्षाएं दी हैं,
15 又幼少より聖書を知ればなり。即ち聖書はキリスト、イエズスに於る信仰を以て、汝を救霊の為に敏からしむることを得。
यह भी कि बचपन से तुम पवित्र अभिलेखों से परिचित हो, जो तुम्हें वह बुद्धिमता देने में समर्थ हैं, जिससे मसीह येशु में विश्वास के द्वारा उद्धार प्राप्त होता है.
16 聖書は皆神感によるものにして、教授するに、勧告するに、譴責するに、正義に於て教育するに有益なり。
संपूर्ण पवित्र शास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है. यह शिक्षा देने, गलत धारणाओं का विरोध करने, दोष-सुधार तथा धार्मिकता की शिक्षा के लिए सही है,
17 是神の人の全うせられて、凡ての善業に備へられん為なり。
कि परमेश्वर का जन पूरी तरह से हर एक अच्छे कार्य के लिए सुसज्जित पाया जाए.