< 詩篇 82 >
1 アテフのうた かみは神のつどひの中にたちたまふ 神はもろもろの神のなかに審判をなしたまふ
१आसाप का भजन परमेश्वर दिव्य सभा में खड़ा है: वह ईश्वरों के बीच में न्याय करता है।
2 なんぢらは正からざる審判をなし あしきものの身をかたよりみて幾何時をへんとするや (セラ)
२“तुम लोग कब तक टेढ़ा न्याय करते और दुष्टों का पक्ष लेते रहोगे? (सेला)
3 よわきものと孤児とのためにさばき苦しむものと乏しきものとのために公平をほどこせ
३कंगाल और अनाथों का न्याय चुकाओ, दीन-दरिद्र का विचार धर्म से करो।
4 弱きものと貧しきものとをすくひ彼等をあしきものの手よりたすけいだせ
४कंगाल और निर्धन को बचा लो; दुष्टों के हाथ से उन्हें छुड़ाओ।”
5 かれらは知ることなく悟ることなくして暗中をゆきめぐりぬ 地のもろもろの基はうごきたり
५वे न तो कुछ समझते और न कुछ जानते हैं, परन्तु अंधेरे में चलते फिरते रहते हैं; पृथ्वी की पूरी नींव हिल जाती है।
6 我いへらく なんぢらは神なりなんぢらはみな至上者の子なりと
६मैंने कहा था “तुम ईश्वर हो, और सब के सब परमप्रधान के पुत्र हो;
7 然どなんぢらは人のごとくにもろもろの侯のなかの一人のごとく仆れん
७तो भी तुम मनुष्यों के समान मरोगे, और किसी प्रधान के समान गिर जाओगे।”
8 神よおきて全地をさばきたまへ 汝もろもろの國を嗣たまふべければなり
८हे परमेश्वर उठ, पृथ्वी का न्याय कर; क्योंकि तू ही सब जातियों को अपने भाग में लेगा!